हरियाणा के नारनौल में एक युवक का बाइक सवार 3 युवकों द्वारा किडनैप किए जाने का मामला सामने आया है। इस बारे में युवक के साले ने पुलिस में शिकायत दी है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दिए शिकायत में केशव नगर गली नंबर 1 के रहने वाले संदीप सैनी ने बताया कि उसका जीजा कुलदीप मूल रूप से राजस्थान के कोटपूतली के रहने वाले हैं। वे यहां पर कुलदीप आदर्श नगर में कंप्यूटर का कार्य का है। रात को करीब 9 बजे 3 लोग बाइक पर सवार होकर आए थे। उन्होंने उसके जीजा कुलदीप से बातचीत की। इसके बाद उनको जबरदस्ती बाइक पर बैठाकर ले गए। उनको रोकने की भी काफी कोशिश की, लेकिन वे नाकामयाब रहे। उसने बताया कि इसके बाद उन्होंने डायल 112 पर कॉल करके पुलिस को भी इस बारे में सूचना दी। उनके जीजा के घर कोटपूतली में भी फोन कर सूचित किया। इसके बाद उसके जीजा का भाई रोहित आया। उन्होंने कोटपूतली के हिमांशु सैनी, उमेद कुमार व दयाराम पर उनके जीजा को किडनैप किए जाने का शक जताया। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। हरियाणा के नारनौल में एक युवक का बाइक सवार 3 युवकों द्वारा किडनैप किए जाने का मामला सामने आया है। इस बारे में युवक के साले ने पुलिस में शिकायत दी है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दिए शिकायत में केशव नगर गली नंबर 1 के रहने वाले संदीप सैनी ने बताया कि उसका जीजा कुलदीप मूल रूप से राजस्थान के कोटपूतली के रहने वाले हैं। वे यहां पर कुलदीप आदर्श नगर में कंप्यूटर का कार्य का है। रात को करीब 9 बजे 3 लोग बाइक पर सवार होकर आए थे। उन्होंने उसके जीजा कुलदीप से बातचीत की। इसके बाद उनको जबरदस्ती बाइक पर बैठाकर ले गए। उनको रोकने की भी काफी कोशिश की, लेकिन वे नाकामयाब रहे। उसने बताया कि इसके बाद उन्होंने डायल 112 पर कॉल करके पुलिस को भी इस बारे में सूचना दी। उनके जीजा के घर कोटपूतली में भी फोन कर सूचित किया। इसके बाद उसके जीजा का भाई रोहित आया। उन्होंने कोटपूतली के हिमांशु सैनी, उमेद कुमार व दयाराम पर उनके जीजा को किडनैप किए जाने का शक जताया। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव में करनाल के करोड़पति उम्मीदवार:कल्याण की 10 सालों में साढ़े 8 गुणा सपंत्ति बढ़ी, गोगी के विधायक बनने के आधी घटी संपति
हरियाणा चुनाव में करनाल के करोड़पति उम्मीदवार:कल्याण की 10 सालों में साढ़े 8 गुणा सपंत्ति बढ़ी, गोगी के विधायक बनने के आधी घटी संपति हरियाणा में करनाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा में करोड़पति उम्मीदवारों की संपत्ति में बीते वर्षों में बड़ा उछाल देखने को मिला है। फिर चाहे वह घरौंडा से हरविंद्र कल्याण हो या इंद्री से रामकुमार कश्यप हो। वहीं असंध से कांग्रेस के प्रत्याशी और मौजूदा विधायक शमशेर सिंह गोगी ऐसे विधायक हैं, जिनकी विधायक बनने के बाद संपत्ति में घाटा हुआ है। यह खुलासा विधायक द्वारा दाखिल किए नामांकन पत्र में हुआ है। आइए जानते हैं इन नेताओं की संपत्ति से जुड़े खास आंकड़े। घरौंडा विधायक हरविंद्र कल्याण की 8 गुणा बढ़ी संपत्ति घरौंडा विधानसभा में 10 वर्ष से बीजेपी के विधायक हरविंद्र कल्याण की सालाना इनकम करीब साढ़े 8 गुणा बढ़ी है। 2014-15 में हरविंद्र कल्याण की वार्षिक आय 2 लाख 46 हजार 965 लाख रुपए थी। आज 2023-24 में विधायक की एनुअल इनकम 17 लाख से ज्यादा है। हरविंद्र कल्याण के पास 80 ग्राम गोल्ड है, जिसकी कीमत करीब 5.76 लाख है, जबकि गोल्ड ज्वेलरी के मामले में विधायक कल्याण की पत्नी रेशमा कल्याण उनसे ज्यादा अमीर है, इनकी पत्नी के पास 980 ग्राम गोल्ड ज्वैलरी है, जिसकी कीमत करीब 70.56 लाख की ज्वैलरी है। चल संपत्ति के मामले में भी कल्याण पत्नी से पीछे है। कल्याण के पास 88.45 लाख की मूवेबल एसेट है, जबकि पत्नी के पास 95.19 लाख की चल संपत्ति है। विधायक हरविंद्र कल्याण की अचल संपत्ति में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। मौजूदा समय में कल्याण के पास 5.15 करोड़ की अचल संपति है, जबकि 2019 में कल्याण के पास 47.16 लाख और पत्नी के पास 51.49 लाख की चल संपति थी। कल्याण के पास 75 लाख कीमत वाली पुश्तैनी जमीन है। 2019 में 18.80 लाख की कर्ज था, 2024 में 13.43 लाख की देनदारी है। पांच साल में आधी घट गई गोगी की संपत्ति असंध से कांग्रेस के प्रत्याशी शमशेर सिंह गोगी ऐसे विधायक हैं, जिनकी विधायक बनने के बाद संपत्ति में घाटा हुआ है। यह खुलासा विधायक द्वारा दाखिल किए नामांकन पत्र में हुआ है। शमशेर सिंह गोगी जबसे विधायक बने हैं, तब से लेकर अब 5 साल बीतने तक उनकी संपति आधी घट गई है। पहले गोगी और उनकी पत्नी करीब 12 करोड़ 70 लाख रुपए की संपति के मालिक थे। जबकि अब गोगी के पास केवल 6 करोड़ 20 लाख 86 हजार 739 हजार रुपए की संपत्ति है। इसमें चल और अचल संपत्ति को जोड़ा गया है। 2019 में उनको 15,000,000 की देनदारी थी, चल संपत्ति 24,000,000 थी, अचल संपत्ति 103,000,000 थी, संपत्ति 127,000,000 थी और कुल वार्षिक आय 1,130,000 रुपए थी। अब उनको 35,48000 देनदारी है, चल संपत्ति 28386739 है, अचल संपत्ति 33,700,000 है, संपत्ति 62086739 है और कुल आय 1841000 रुपए है। जगमोहन आनंद के पास है इतनी प्रॉपर्टी करनाल से भाजपा के प्रत्याशी जगमोहन आनंद की सालाना इनकम पांच वर्षो में 20 लाख से 26 लाख हो चुकी है। जबकि पत्नी रेखा आनंद की वार्षिक आय 10 लाख से घटकर 5 लाख हो गई है। जगमोहन के पास 3.20 लाख और पत्नी के पास 2.90 लाख का कैश है। सेविंग अकाउंट में भी करीब 66 हजार रुपए है। पत्नी के सेविंग अकाउंट में भी दो लाख रुपए है। इनके पास 2.82 लाख के शेयर बॉन्ड है। पत्नी के पास भी 1.25 लाख के शेयर बॉन्ड है। जगमोहन ने 37 लाख रुपए और रेखा ने 6.67 लाख की डाक खाने में निवेश किया हुआ है। ज्वैलरी के मामले में जगमोहन पत्नी से पीछे ही है। जगमोहन के पास 100 ग्राम ज्वैलरी है तो पत्नी रेखा के पास 500 ग्राम की ज्वेलरी है। दोनों की कीमत करीब 42 लाख रुपए है। कुल चल संपत्ति की बात करे तो जग मोहन के पास 3.54 करोड़ और पत्नी के पास 90.93 लाख की चल संपत्ति है। मोहन के पास चार करोड़ की अचल संपत्ति है। लोन की बात करे तो मोहन पर 3.23 करोड़ और पत्नी पर 93.37 लाख का कर्ज है। 7.50 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी इन्होंने खुद तैयार की है, जबकि 3.75 करोड़ की प्रॉपर्टी इन्हें विरासत में मिली है। बढ़ती चली गई विधायक रामकुमार कश्यप की इनकम इंद्री में विधायक बनने के बाद रामकुमार कश्यप की सालाना इनकम पांच साल के भीतर ही दोगुनी से ज्यादा हो गई थी। 2014-15 में 7.19 लाख थी और 2018-19 में यह 14.33 लाख हो गई। 2019-20 में 12.50 लाख से 2023-24 में 16.94 लाख हो गई। रामकुमार के पास 400 ग्राम और पत्नी जीतो देवी के पास 500 ग्राम सोने की ज्वेलरी है। रामकुमार के पास 79.42 लाख की प्रॉपर्टी है तो पत्नी के पास 1.48 करोड़ की प्रॉपर्टी है। 18.20 लाख रुपए का रामकुमार कश्यप पर कर्ज है। कश्यप के पास 59 लाख और पत्नी के पास 33 लाख की चल संपत्ति और पत्नी के पास 1 करोड़ 47 लाख की अचल संपत्ति है। इनको विरासत में 79.42 लाख की पुश्तैनी संपत्ति भी मिली है। जबकि इन्होंने अपने दम पर 1.61 करोड़ की प्रॉपर्टी बनाई है, जो इनकी पत्नी के नाम है।
बीरेंद्र सिंह के गढ़ में दुष्यंत चौटाला का पत्ता साफ:भाजपा को भी हार मिली, पूर्व मंत्री की विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी
बीरेंद्र सिंह के गढ़ में दुष्यंत चौटाला का पत्ता साफ:भाजपा को भी हार मिली, पूर्व मंत्री की विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट के तहत आते उचाना कलां में कांग्रेस की जीत से चौधरी बीरेंद्र सिंह का कद कांग्रेस में बढ़ा है। उचाना में कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी की अच्छे वोटों से लीड मिली। जिसके कारण वह हिसार से जीतने में कामयाब हो सके। उचाना कलां से जयप्रकाश को 82204 वोट मिले, जबकि रणजीत चौटाला को 44885 वोट ही मिल पाए। जयप्रकाश को यहां से 37,309 वोट की लीड मिली। वहीं उचाना के विधायक पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला को यहां से मात्र 4210 वोट मिले। उचाना की जनता ने एक तरफा होकर कांग्रेस के पक्ष में वोट डाले। बीरेंद्र सिंह और उनका परिवार इस चुनाव से पहले भाजपा में था, लेकिन चुनाव से ठीक पहले पाला बदल लिया। बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार लोकसभा सीट से 2019 में भाजपा के टिकट पर सांसद बने थे। बृजेंद्र सिंह कांग्रेस में जाने के बाद हिसार से लोकसभा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने जयप्रकाश को उम्मीदवार बनाया। इस बात से बीरेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनकी करीबी जयप्रकाश से खफा थे। कांग्रेस के पक्ष में मतदान करवाया
उचाना में चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस कैंडिडेट जयप्रकाश के लिए प्रचार नहीं किया। मगर अपने कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के ही पक्ष में मतदान करने की अपील की। जयप्रकाश से नाराजगी के बावजूद बीरेंद्र ने अपने समर्थकों से कांग्रेस के पक्ष में मतदान करवाया। इसका फायदा आगामी विधानसभा में बीरेंद्र सिंह को मिलेगा। इसका कारण यह है कि जजपा अब पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है और भाजपा के पास कोई स्थानीय चेहरा उचाना कलां में नहीं है। बीरेंद्र सिंह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को विधानसभा का टिकट देकर अपनी हरियाणा में भविष्य की राजनीति में अपने पांव जमाना चाह रहे हैं। 2009 से 2014 तक रहा इनेलो का वर्चस्व
वर्ष 2009 से 2014 तक लोकसभा चुनावों में यहां इनेलो का वर्चस्व रहा। 2009 में इनेलो के संपत सिंह को 47 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। इसके बाद 2014 में हिसार से इनेलो कैंडिडेट रहे दुष्यंत चौटाला को 87,243 वोट मिले थे। उस दौरान कांग्रेस, हजकां, बसपा समेत सभी उम्मीदवारों को मिले कुल वोटों की संख्या भी दुष्यंत के वोटों से कम थी। कुल मतदान के 57 प्रतिशत वोट दुष्यंत को मिले थे। मगर दुष्यंत द्वारा भाजपा सरकार को समर्थन के बाद से ही उनकी पकड़ हलके में कमजोर होती गई। वहीं बाकी कसर किसान आंदोलन और सत्ता विरोधी लहर ने पूरी कर दी। जानिए, इस चुनाव में उचाना में कैसे हुआ उलटफेर 1. नैना चौटाला को 77 बूथों पर मिले 10 से कम वोट
हिसार संसदीय क्षेत्र के उचाना विधानसभा क्षेत्र को पहले इनेलो, उसके बाद बीरेंद्र सिंह और अब तक दुष्यंत चौटाला का गढ़ माना जा रहा था, लेकिन अब दुष्यंत के इस गढ़ में जयप्रकाश उर्फ जेपी ने सेंधमारी कर डाली है। वर्तमान में विधायक दुष्यंत चौटाला की पार्टी से प्रत्याशी उनकी मां नैना चौटाला को 77 बूथों पर तो 10 वोट भी नहीं मिल पाए हैं। बूथ नंबर 83 और 181 पर तो जजपा का खाता भी नहीं खुला। 102 नंबर बूथ पर केवल एक वोट आया। विधानसभा के 66 गांवों में से 59 गांवों में जयप्रकाश और छह गांवों में रणजीत सिंह को बढ़त मिली। वहीं डूमरखां कलां में दोनों कैंडिडेट बराबरी पर रहे। हलके के गांव खांडा के बूथ नंबर 192 और 194 को छोड़ दें तो बाकी किसी भी बूथ पर जेपी के वोटों की संख्या 100 से नीचे नहीं आई। 2. खांडा समेत छह गांवों में ही रणजीत को मिली लीड, 59 में जेपी आगे
भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला को हलके के केवल छह गांवों खांडा, बिघाना, भगवानपुरा, उचाना मंडी, कसूहन और जीवनपुर में ही लीड मिली। बाकी 59 गांवों में जेपी को ज्यादा वोट मिले। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के गांव डूमरखां कलां में मुकाबला बराबरी पर रहा। जयप्रकाश की सबसे बड़ी जीत छात्तर गांव में 2700 से अधिक मतों से रही तो रणजीत चौटाला की सबसे अधिक जीत खांडा गांव में 1061 मतों की रही। 3. दुष्यंत चौटाला के लिए वोट रिकवरी बनेगी चुनौती
वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में दुष्यंत सिंह चौटाला ने 47 हजार वोटों की रिकॉर्ड जीत प्राप्त की थी। विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला को 92 हजार वोट मिले थे। अब आगामी विधानसभा चुनावों में वोटों की रिकवरी करना दुष्यंत चौटाला के लिए बड़ी चुनौती रहेगी। क्योंकि इस बार भी दुष्यंत चौटाला का सामना बीरेंद्र सिंह के परिवार से ही होगा। अगर बीरेंद्र परिवार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ता है तो फिर उनका खुद का वोट बैंक के अलावा कांग्रेस से जुड़े वोटों का साथ रहेगा। हालांकि जयप्रकाश उर्फ जेपी के समर्थन में बीरेंद्र सिंह खुलकर नहीं आए थे, इसके बावजूद जेपी को क्षेत्र के हर गांव से अच्छे मत मिले।
करनाल में भाकियू की बैठक में सरकार पर हमला:प्रदेश अध्यक्ष रतनमान बोले- गोहाना में होगी महापंचायत, CM कर रहे जनता को गुमराह
करनाल में भाकियू की बैठक में सरकार पर हमला:प्रदेश अध्यक्ष रतनमान बोले- गोहाना में होगी महापंचायत, CM कर रहे जनता को गुमराह हरियाणा के करनाल में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान की अध्यक्षता में किसानों की बैठक हुई। बैठक में 4 जनवरी को टोहाना में किसान महापंचायत और 9 जनवरी को मोगा में हरियाणा-पंजाब के किसानों की संयुक्त बैठक को लेकर निर्देश दिए गए। रतनमान ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती तबीयत पर चिंता जताते हुए सरकार की बातचीत न करने की नीति की आलोचना की। बैठक में किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और समाधान के लिए बातचीत की मांग की। सरकार किसानों से बात करे प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि वरिष्ठ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्थित विकट परिस्थितियों में है। वे पूरी किसान कौम के हितों के लिए आमरण अनशन पर है। बहुत चिंता का विषय है कि सरकार बात तक नहीं कर रही है और न ही बात करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि, आज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया और सरकार के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पास किया गया और मांग भी की गई कि सरकार किसानों से बात करें, क्योंकि बातचीत से ही रास्ता निकलेगा, समाधान निकलेगा। 4 जनवरी व 9 जनवरी की बैठक देगी जवाब रतनमान ने कहा कि देश में प्रजातंत्र है, देश में मोदीशाही नहीं है, वे देश के प्रधानमंत्री है। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा ने सारी मांगे और डल्लेवाल का विषय लेकर दो मुख्य कार्यक्रम तय किए है। जिसमें 4 जनवरी को टोहाना में एक किसान महापंचायत होगी। जिसमें पंजाब और हरियाणा के संयुक्त मोर्चा के किसान शामिल होंगे। इसी प्रकार 9 जनवरी को पंजाब के मोगा में हरियाणा-पंजाब के किसानों की संयुक्त बैठक होगी। हरियाणा और पंजाब को अलग थलग समझने वालों को खुद ही जवाब मिल जाएगा। मुख्यमंत्री जनता को कर रहे है गुमराह मान ने कहा कि किसान अपने हकों के लिए खड़ा है, अपने आंदोलन पर खड़ा है। मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम करते है कि हरियाणा में आंदोलन नहीं है। मान ने कहा कि बीती 23 दिसंबर को किसानों ने सरकार का पुतला फूंका था और ज्ञापन भी दिए थे। अगर हरियाणा में आंदोलन नहीं होता तो किसान पुतला क्यों फूंकते। जब जब शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों पर सरकार व प्रशासन ने अत्याचार किए है, तब तब संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है और प्रदर्शन किए हैं। हर बार हम किसानों के साथ खड़े रहे है। मान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के 4 जनवरी और 9 जनवरी के कार्यक्रमों को लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दौरा किया जा रहा है और किसानों को जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं।