औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के प्लासड़ा के किनवान उद्योग में रविवार को केमिकल टैंक में गिरने से दो मजदूरों की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, केमिकल के टैंक में उतरते समय श्रमिक गिरकर सीधे टैंक में भरे केमिकल के बीच जा गिरा। उसे बचाने के लिए जल्दबाजी में दूसरा श्रमिक भी टैंक में कूद गया। एक श्रमिक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे की ESI चिकित्सालय में पहुंचने से पहले मौत हो गई। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक कामगार केमिकल के टैंक में पानी के नमूने लेने के लिए जैसे टैंक में उतरा और गिर गया। उसे बचाने के लिए एक दूसरा कामगार नीचे उतरा और वह भी टैंक में समा गया। एक की मौके पर ही मौत हो गई। उसे साथी श्रमिक नालागढ़ चिकित्सालय लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुस्साए श्रमिकों ने कंपनी प्रबंधकों के ऊपर मामले को रफा दफा करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कर्मियों के पास कोई सुरक्षा उपकरण नहीं थे। पुलिस अधीक्षक बद्दी इलमा अफरोज ने बताया कि यह दुखद मामला उस समय हुआ जब एक टैंक के पास प्रदीप (38) निवासी झांजिल गांव साल काम कर रहा था तभी वह टैंक में गिर गया, उसे बचाने के लिए राजू (38) निवासी जाखलिया गांव जिला बदायूं (उत्तर प्रदेश) उसे बचाने के लिए कूदा, लेकिन उसकी भी ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गई है। पुलिस ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के प्लासड़ा के किनवान उद्योग में रविवार को केमिकल टैंक में गिरने से दो मजदूरों की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, केमिकल के टैंक में उतरते समय श्रमिक गिरकर सीधे टैंक में भरे केमिकल के बीच जा गिरा। उसे बचाने के लिए जल्दबाजी में दूसरा श्रमिक भी टैंक में कूद गया। एक श्रमिक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे की ESI चिकित्सालय में पहुंचने से पहले मौत हो गई। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक कामगार केमिकल के टैंक में पानी के नमूने लेने के लिए जैसे टैंक में उतरा और गिर गया। उसे बचाने के लिए एक दूसरा कामगार नीचे उतरा और वह भी टैंक में समा गया। एक की मौके पर ही मौत हो गई। उसे साथी श्रमिक नालागढ़ चिकित्सालय लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुस्साए श्रमिकों ने कंपनी प्रबंधकों के ऊपर मामले को रफा दफा करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कर्मियों के पास कोई सुरक्षा उपकरण नहीं थे। पुलिस अधीक्षक बद्दी इलमा अफरोज ने बताया कि यह दुखद मामला उस समय हुआ जब एक टैंक के पास प्रदीप (38) निवासी झांजिल गांव साल काम कर रहा था तभी वह टैंक में गिर गया, उसे बचाने के लिए राजू (38) निवासी जाखलिया गांव जिला बदायूं (उत्तर प्रदेश) उसे बचाने के लिए कूदा, लेकिन उसकी भी ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गई है। पुलिस ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में कैबिनेट मीटिंग आज:होम-स्टे पर लगेंगी कड़ी शर्तें; बाहरी राज्यों के लोग नहीं चला पाएंगे, वन मित्र भर्ती पर हो सकता है फैसला हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग आज प्रदेश सचिवालय में होगी। इसमें विभिन्न विभागों में भर्तियों के अलावा मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं को लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। खासकर होम स्टे पॉलिसी को मंजूरी मिल सकती है। कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश पर राज्य सरकार नई होम स्टे पॉलिसी बनाने जा रही है। इसके बाद राज्य में अवैध रूप से होम स्टे नहीं चलाए जा सकेंगे। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों पंजीकरण अनिवार्य कर दिया जाएगा। नई पॉलिसी में होम स्टे पर पंजीकरण शुल्क भी बढ़ाया जा सकता है। राज्य सरकार ने इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी गठित कर रखी है। इस कमेटी की सिफारिश पर कैबिनेट में आज कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। इससे पहले राज्य में 2008 में होम स्टे के लिए नियम बनाए गए थे। अब नए सिरे से पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार कर दिया गया है। अब इसी पॉलिसी के तहत यहां पर होम स्टे चलेंगे। हिमाचल में 4000 से ज्यादा होम स्टे हिमाचल में लगभग 4000 होम स्टे है। इन पर अब तक टैक्स नहीं लगता, जबकि पांच हजार से ज्यादा होटल सरकार को कई तरह का शुक्ल चुकाते हैं। ऐसे में अब होम स्टे पर भी सरकार कुछ टैक्स लगा सकती है। गैर हिमाचली नहीं चला पाएंगे होम स्टे सूत्रों की माने तो गैर हिमाचली प्रदेश में होम स्टे नहीं चला पाएंगे। दरअसल, बाहरी राज्यों के कुछ लोगों ने हिमाचल मुजारियत एवं भू सुधार अधिनियम की धारा 118 के तहत मकान के लिए जमीन ले रखी है। इस भूमि पर बने मकान में कुछ बाहरी लोग होम स्टे चला रहे है, जबकि धारा 118 के तहत ली गई जमीन का कमर्शियल इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ऐसे लोगों पर सरकार शिकंजा कस सकती है। वन मित्र भर्ती पर फैसला ले सकती है सरकार कैबिनेट में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में वन मित्रों के 2061 पदों पर भर्ती को लेकर भी फैसला हो सकता है। हिमाचल हाईकोर्ट ने साक्षात्कार के 10 अंक पर रोक के आदेश दे रखे है। इसके बाद से वन मित्रों पर भर्ती लटकी हुई है। वन मित्र भर्ती परीक्षा देने वाले कुछ बेरोजगारों ने सरकार को सुझाव दिया है कि 100 के बजाय 90 अंकों में से ही मेरिट डिसाइड की जाए। लिहाजा आज की कैबिनेट में इसे लेकर सरकार कुछ निर्णय कर सकती है।
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किन्नौर की बेटी ने पास की वैज्ञानिक परीक्षा:Ph.D के दौरान मिला एक्सीलेंस अवॉर्ड, हिमाचल के राज्यपाल ने किया था सम्मानित किन्नौर जिला के रारंग की मूल निवासी डॉ. मनीषा नेगी ने मृदा विज्ञान में प्रतिष्ठित कृषि अनुसंधान सेवा (एआरएस) वैज्ञानिक परीक्षा उत्तीर्ण की है। कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (एएसआरबी) द्वारा आयोजित यह परीक्षा इस क्षेत्र में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक है। जिसका उद्देश्य पूरे भारत में अनुसंधान संस्थानों के लिए शीर्ष वैज्ञानिकों का चयन करना है। डॉ. नेगी की शैक्षणिक यात्रा उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने डॉ. वाईएस. परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौनी, सोलन से मृदा विज्ञान में स्नातकोत्तर और पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए उन्हें “अकादमिक उत्कृष्टता पुरस्कार” से सम्मानित किया गया, जिसे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने प्रदान किया। इससे पहले, उन्होंने भारत के प्रमुख कृषि विश्वविद्यालयों में से एक, बैंगलोर के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय में बीएससी. की पढ़ाई की। अपने शैक्षणिक जीवन के दौरान, डॉ. नेगी कई प्रतिष्ठित छात्रवृत्तियों और फेलोशिप की प्राप्तकर्ता रही हैं। उन्हें बीएससी के लिए आईसीएआर अंडरग्रेजुएट छात्रवृत्ति, एमएससी के लिए आईसीएआर जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) और पीएचडी के लिए यूजीसी नेशनल फेलोशिप फॉर शेड्यूल्ड ट्राइब्स (एनएफएसटी) से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें डॉक्टरेट की पढ़ाई के दौरान यूनिवर्सिटी मेरिट स्कॉरशिप भी मिली। डॉ. मनीषा नेगी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों के सहयोग और मार्गदर्शन को देती हैं। उनकी उपलब्धि छात्रों और युवा शोधकर्ताओं, खासकर ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।