भास्कर न्यूज| अमृतसर निगम में 30 लाख रुपए लोन धोखाधड़ी मामले में एचडीएफसी-एसबीआई-आईसी आई बैंक मैनेजर के लिखित में बयान नहीं दिए जाने के कारण फाइनल रिपोर्ट में देरी हो रही हैं। वहीं हेल्थ विभाग के सुपरिटेंडेंट के छुट्टी पर जाने के कारण बयान दर्ज करना रह गया है। बता दें कि 28 दिन पहले 2 मुलाजिमों पर अफसरों व मुलाजिमों से मिलीभगत कर जाली दस्तावेजों और हेल्थ अफसर के जाली साइन कर 15-15 लाख रुपए लोन निकलवाने का मामला सामने आया था। जिसके बाद निगम कमिश्नर ने ज्वाइंट कमिश्नर को जांच के आदेश दिए थे। लेकिन बैंक मैनेजरों के स्टेटमेंट नहीं देने से आगे की कार्रवाई लटक गई है। ज्वाइंट कमिश्नर ने एक मौका मैनेजरों को दिया है, जिसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार कर निगम कमिश्नर को भेज दी जाएगी। अब तक मामले में अमला क्लर्क हैप्पी को सस्पेंड किया जा सका है। यदि मैनेजर स्टेटमेंट नहीं देते तो इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को लिखा जाएगा। भास्कर न्यूज| अमृतसर निगम में 30 लाख रुपए लोन धोखाधड़ी मामले में एचडीएफसी-एसबीआई-आईसी आई बैंक मैनेजर के लिखित में बयान नहीं दिए जाने के कारण फाइनल रिपोर्ट में देरी हो रही हैं। वहीं हेल्थ विभाग के सुपरिटेंडेंट के छुट्टी पर जाने के कारण बयान दर्ज करना रह गया है। बता दें कि 28 दिन पहले 2 मुलाजिमों पर अफसरों व मुलाजिमों से मिलीभगत कर जाली दस्तावेजों और हेल्थ अफसर के जाली साइन कर 15-15 लाख रुपए लोन निकलवाने का मामला सामने आया था। जिसके बाद निगम कमिश्नर ने ज्वाइंट कमिश्नर को जांच के आदेश दिए थे। लेकिन बैंक मैनेजरों के स्टेटमेंट नहीं देने से आगे की कार्रवाई लटक गई है। ज्वाइंट कमिश्नर ने एक मौका मैनेजरों को दिया है, जिसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार कर निगम कमिश्नर को भेज दी जाएगी। अब तक मामले में अमला क्लर्क हैप्पी को सस्पेंड किया जा सका है। यदि मैनेजर स्टेटमेंट नहीं देते तो इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को लिखा जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बठिंडा में बाइक और अज्ञात वाहन में टक्कर:मरीज को खाना देने जा रहे युवक की मौत, शव को मॉर्च्युरी में रखवाया
बठिंडा में बाइक और अज्ञात वाहन में टक्कर:मरीज को खाना देने जा रहे युवक की मौत, शव को मॉर्च्युरी में रखवाया बठिंडा के डबवाली रोड पर देर रात एक मरीज को खाना देने जा रहे मोटरसाइकिल सवार को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस टक्कर के कारण मोटरसाइकिल सवार ट्राले के नीचे आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। ट्राला चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मोटरसाइकिल सवार गुरदास सिंह निवासी जस्सी बाग बाली के शव को ट्राली के टायरों के नीचे से निकाला तथा शव को बठिंडा के सरकारी अस्पताल में भिजवाया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ट्राली चालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है तथा ट्रालो को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।

पंजाब में SAD बागी गुट ने लॉबिंग की शुरू:नाराज सीनियर अकाली लीडर्स से गुपचुप मुलाकात जारी; सुखबीर बादल होंगे अकाल तख्त साहिब पर पेश
पंजाब में SAD बागी गुट ने लॉबिंग की शुरू:नाराज सीनियर अकाली लीडर्स से गुपचुप मुलाकात जारी; सुखबीर बादल होंगे अकाल तख्त साहिब पर पेश शिरोमणि अकाली दल में फूट के बाद श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी हुकमों ने अध्यक्ष सुखबीर बादल की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। सुखबीर बादल ने ऐलान कर दिया है कि वे श्री अकाल तख्त साहिब पर जरूर पेश होंगे। वहीं दूसरी तरफ, विरोधी गुट अपने आप को मजबूत करने के लिए नाराज, सस्पेंड, एसजीपीसी व पूर्व जत्थेदारों से लॉबिंग में जुट गया है। सुखबीर बादल ने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि वे श्री अकाल तख्त साहिब पर विनम्रता के साथ पेश होंगे। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा- एक धर्मनिष्ठ और विनम्र सिख के रूप में, मैं श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज और मिरी पीरी के सर्वोच्च मंदिर, श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति समर्पित हूं। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के अनुसार, दास अपार श्रद्धा और विनम्रता के साथ सर्वोच्च तीर्थ पर मत्था टेकेंगे। बादल ने खुद दी प्रतिक्रिया बागी गुट की तरफ से शुरू की गई कोशिशों के बाद ये पहला मौका है जब अध्यक्ष सुखबीर बादल ने खुद कोई प्रतिक्रिया दी है। बागी गुट के विरोध और श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा सौंपने के बाद भी सुखबीर बादल ने अपनी तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया था। बागी गुट नाराज अकाली नेताओं से कर रहा मुलाकात प्रेम सिंह चंदूमाजरा की अध्यक्षता में अकाली दल बचाओ लहर के तहत सभी बागी लीडर लगातार नाराज नेताओं से मिल रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, अकाली दल के बागी गुट ने उन नेताओं से भी मुलाकात की है, जिन्हें बीते दिनों किसी ना किसी कारणवश सुखबीर बादल ने सस्पेंड किया था। इनमें उनके अपने जीजा आदेश प्रताप सिंह कैरों, रविकरण सिंह काहलों और मलूका परिवार भी शामिल है। लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, बागी गुट पहले ही कह चुका है कि वे हर नाराज अकाली लीडर से संपर्क करेंगे। इसके अलावा अकाली दल लगातार एसजीपीसी सदस्यों और पूर्व जत्थेदारों से मुलाकात कर रहा है। एक इंटरव्यू में पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह ने कहा कि उनसे भी संपर्क साधा गया था। लेकिन उन्होंने इससे मना कर दिया। उनका कहना था कि वे धर्म की सेवा में लगे हैं, राजसी सेवा वह नहीं करेंगे। जालंधर चुनावों के दौरान शुरू हुई थी बगावत अकाली दल के बीच बगावत जालंधर चुनावों के दौरान ही शुरू हो गई थी। सीनियर अकाली नेता चंदूमाजरा, ढींढसा परिवार, बीबी जगीर कौर व कई सीनियर अकाली नेताओं ने सुखबीर बादल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और अकाली दल को बादल परिवार से मुक्त करवाने की मांग उठने लगी। अकाली दल के नेताओं ने 2022 में सामने आई झूंदा रिपोर्ट को अमल में लाने की मांग की। जिसमें प्रधान को उतारने के लिए सीधे तौर पर नहीं लिखा गया था, लेकिन कहा गया था कि दो टर्म के बाद प्रधान रिपीट नहीं होना चाहिए। बागी श्री अकाल तख्त साहिब का रुख बागी गुट ने इस बगावत को अकाली दल बचाओ लहर नाम दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बागी गुट ने अपना विरोध तो जता दिया था, लेकिन दूसरी तरफ उन्होंने 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब का रुख कर सभी का ध्यान पुराने मुद्दे राम रहीम की माफी, बेअदबी की घटनाओं आदि की तरफ केंद्रित कर दिया। बागी गुट ने सीधे तौर पर सुखबीर बादल के खिलाफ शिकायत नहीं दी, उन्होंने इसे माफीनामा नाम दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि वे पार्टी की तरफ से हुई गलतियों का विरोध नहीं कर पाए, इसके लिए वे माफी मांगते हैं। चार आरोप, जो माफीनामा में सुखबीर के खिलाफ लिखे गए 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। बागी गुट झूंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की कर रहा मांग बागी गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। सुखबीर बादल का शक्ति प्रदर्शन पूरे घटनाक्रम में सुखबीर बादल ने एक भी शब्द अपनी सफाई व विरोधी गुट के लिए नहीं कहा। लेकिन अकाल तख्त साहिब से सम्मन पर उन्होंने पहली बार कुछ कहा है। वहीं, दूसरी तरफ सुखबीर बादल लगातार बिना कुछ कहे अपना शक्ति प्रदर्शन करते रहे। बागी गुट एक तरफ विरोध तेज कर रहा था, वहीं सुखबीर बादल लगातार बैठकें बुलाकर समर्थन अपने पक्ष में कर रहे थे।

पंजाब में आज भी हाईवे जाम:सीएम ने गृहमंत्री और प्रहलाद जोशी से की बात; बोले- सड़कों पर बैठना समस्या का समाधान नहीं
पंजाब में आज भी हाईवे जाम:सीएम ने गृहमंत्री और प्रहलाद जोशी से की बात; बोले- सड़कों पर बैठना समस्या का समाधान नहीं पंजाब में सड़कों पर सफर करने वाले लोगों को आज भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मंडियों में धान की खरीद न होने और डीएपी की कमी के मुद्दे पर राज्य के किसान संगठनों ने 4 हाईवे अनिश्चितकाल के लिए जाम कर दिए हैं। इन हाईवे में फगवाड़ा में एनएच पर शुगर मिल के सामने, मोगा-फिरोजपुर हाईवे, संगरूर-बरनाला हाईवे और गुरदासपुर-श्री हरगोबिंदपुर मार्ग शामिल हैं। आज (रविवार) किसानों का संघर्ष दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं, सीएम भगवंत मान ने इस मामले में फिर से गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से संपर्क किया है। साथ ही इस दिशा में पहल के आधार पर कार्रवाई की मांग की है। सीएम ने किसानों से कहा है कि सड़कों पर बैठना समस्या का समाधान नहीं है। रोजाना होने वाले विरोध प्रदर्शनों से आम लोग परेशान हैं। जरूरत से ज्यादा कुछ भी बुरा होता है। हम समस्या को समझते हैं। वहीं, किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो विरोध प्रदर्शनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। 30 जून के बाद राज्य में धान का उठाव होगा सीएम ने कहा कि धान के उठाव को लेकर सरकार आज गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से बात कर रही है। चावल के उठाव का मुद्दा उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की मंडियों में जो धान आ रहा है, उसका उठाव हो रहा है। किसानों को भुगतान किया जा रहा है। हालांकि, बाद में पता चलेगा कि किस किस्म का धान सूख रहा है। हमने जो समझौता किया है, उसमें हम यह कहने को तैयार हैं कि अगर केंद्र सरकार 30 जून तक धान का उठाव नहीं करती है, तो हम उठाव करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। डीएपी को लेकर केंद्र से सकारात्मक जवाब सीएम मान ने शनिवार शाम केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की। उनके साथ पंजाब के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। मुलाकात के बाद सीएम ने बताया कि पंजाब में 1.5 लाख मीट्रिक टन डीएपी का गैप है। देश के अनाज भंडार में पंजाब का योगदान 50 फीसदी गेहूं का है। गेहूं के लिए डीएपी का जितना स्टॉक चाहिए, उतना हमें दिया जाए। हमारी जरूरत 4 लाख 80 मीट्रिक टन है। 3.30 लाख मीट्रिक टन डीएपी आ चुकी है। 1.5 लाख टन का गैप है। यहां गेहूं की बिजाई का समय 10 से 15 नवंबर तक है। ऐसे में पंजाब को प्राथमिकता के आधार पर डीएपी दिया जाना चाहिए। अन्य राज्यों को डीएपी बाद में दिया जा सकता है। इस पर सकारात्मक जवाब मिला है।