कुल्लू जिला के निरमंड के बायल एडिट के पास एक व्यक्ति ढांक से करीब 50 फुट नीचे गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार शाम को पुलिस को सूचना मिली की बायल एडिट के पास एक व्यक्ति बेसुध पड़ा है। इसके बाद पुलिस की टीम मौके पर रवाना हुई। घटनास्थल पर पहुंच कर पाया कि बायल एडिट सड़क से पीछे पानी की कुहल के पास एक व्यक्ति गिरकर पड़ा हुआ है। पीछे की ढाक की तरफ करीब 50 फुट ऊपर ढांक से वह गिरा था। व्यक्ति के सिर से खून निकल रहा था और वह जमीन पर पड़ा था। जब तक वहां लोग पहुंचे तब, तक युवक की मौत हो चुकी थी। जांच करने पर उसके पाकेट से आधार कार्ड व पैन कार्ड मिला। उसके आधार पर उसकी पहचान सन्तोष कुमार पुत्र संत लाल गाव-पोस्ट ऑफिस देलठ, तहसील ननखड़ी के रूप में हुई। इसके बाद घटना की सूचना उसके परिजनों को दी गई। मौके पर पहुंच कर परिजनों ने शव की शिनाख्त की, जिसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी चंद्र शेखर ने कहा की ढांक से गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर शव का पोस्टमॉर्टम करवा दिया और शव परिजनों को सौंप दिया है। कुल्लू जिला के निरमंड के बायल एडिट के पास एक व्यक्ति ढांक से करीब 50 फुट नीचे गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार शाम को पुलिस को सूचना मिली की बायल एडिट के पास एक व्यक्ति बेसुध पड़ा है। इसके बाद पुलिस की टीम मौके पर रवाना हुई। घटनास्थल पर पहुंच कर पाया कि बायल एडिट सड़क से पीछे पानी की कुहल के पास एक व्यक्ति गिरकर पड़ा हुआ है। पीछे की ढाक की तरफ करीब 50 फुट ऊपर ढांक से वह गिरा था। व्यक्ति के सिर से खून निकल रहा था और वह जमीन पर पड़ा था। जब तक वहां लोग पहुंचे तब, तक युवक की मौत हो चुकी थी। जांच करने पर उसके पाकेट से आधार कार्ड व पैन कार्ड मिला। उसके आधार पर उसकी पहचान सन्तोष कुमार पुत्र संत लाल गाव-पोस्ट ऑफिस देलठ, तहसील ननखड़ी के रूप में हुई। इसके बाद घटना की सूचना उसके परिजनों को दी गई। मौके पर पहुंच कर परिजनों ने शव की शिनाख्त की, जिसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी चंद्र शेखर ने कहा की ढांक से गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर शव का पोस्टमॉर्टम करवा दिया और शव परिजनों को सौंप दिया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल: संजौली मस्जिद केस में सुनवाई:मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी की याचिका की मैंटेनेबिलिटी पर होगा फैसला; MC आयुक्त के मस्जिद तोड़ने पर मांग रखा स्टे हिमाचल की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद को गिराने के नगर निगम (MC) आयुक्त के आदेशों पर स्टे वाली याचिका की मैंटेनेबिलिटी पर आज जिला कोर्ट में सुनवाई होगी। लोकल रेजिडेंट को इस केस में पार्टी बनाने पर भी जिला अदालत अपना आदेश सुनाएगी। बीते 11 नवंबर को लोकल रेजिडेंट ने इस केस में पार्टी बनने को अर्जी दी थी। बता दें कि ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के प्रमुख नजाकत अली ने नगर निगम आयुक्त के बीते 5 अक्टूबर के आदेशों को जिला कोर्ट में चुनौती दी। इसमें कहा गया गया MC आयुक्त कोर्ट के आदेश डिफैक्टेड है। याचिका में दलील दी गई कि आयुक्त ने यह फैसला संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा दिए गए हलफनामे के आधार पर सुनाया है। उन्होंने दावा किया कि संजौली मस्जिद कमेटी रजिस्टर नहीं है। ऐसे में उसके अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ की ओर से दिया गया हलफनामा सही नहीं है। नजाकत अली का दावा है कि उन्होंने मस्जिद बनाने के लिए पैसा दिया था। इसलिए वह भी पीड़ित पक्ष है। उन्हें सुना जाना चाहिए और मस्जिद की तीन मंजिल गिराने के फैसले पर स्टे दिया जाए। 5 अक्टूबर को आया था नगर निगम आयुक्त कोर्ट का फैसला संजौली मस्जिद मामले में MC आयुक्त कोर्ट ने बीते 5 अक्टूबर को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने मस्जिद की 3 अवैध मंजिल हटाने के आदेश दिए थे। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को हटाने का काम भी शुरू कर दिया है। मस्जिद की एटिक यानी छत को हटाने का काम पूरा हो गया है। अब टॉप की मंजिल की दीवारों को तोड़ा जाना है। इस बीच मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी ने कोर्ट में मामले को चुनौती दी है। संजौली मस्जिद कमेटी अपने खर्चे पर ऊपर की 3 मंजिल तुड़वाने का काम कर रही है। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में मामले को निपटाने के आदेश दिए शिमला MC आयुक्त की कोर्ट में यह केस 2010 से चल रहा है। इसे देखते हुए लोकल रेजिडेंट ने 21 अक्टूबर को एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की और जल्दी फैसला सुनाने के लिए MC आयुक्त को निर्देश देने का आग्रह किया। इस पर हिमाचल हाईकोर्ट ने MC आयुक्त को 8 सप्ताह के भीतर केस निपटाने के आदेश दिए। इन आदेशों के अनुसार, MC आयुक्त को 20 दिसंबर तक संजौली मस्जिद का केस निपटाना है। संजौली मस्जिद से पूरे प्रदेश में हुआ था विवाद संजौली मस्जिद के कारण पूरे प्रदेश में बवाल मचा था। शिमला के बाद सोलन, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिला में भी जगह-जगह मस्जिद मामले में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए और अवैध रूप से बनी मस्जिदों को गिराने की मांग उठाई। इससे पूरे प्रदेश में माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस बीच बीते 12 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम आयुक्त से मिलकर अवैध रूप से बनी ऊपर की मंजिल को हटाने की पेशकश की। इसके बाद हिंदू संगठन शांत हुए। निगम आयुक्त के मस्जिद की तीन मंजिल तोड़ने के आदेशों के बाद यह मामला पूरी तरह शांत हो गया।
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हिमाचल में HPTDC के 9 होटल में लगेंगे ताले:हाईकोर्ट ने जारी किए थे आदेश, अभी भी हो रही एडवांस बुकिंग, असमंजस में स्टाफ हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के घाटे में चल रहे 9 होटल को 25 नवंबर से बंद करने के हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश दे रखे है। जिसके चलते इन होटल का स्टाफ रविवार शाम को असमंजस की स्थिति में नजर आया। धर्मशाला के होटल कुणाल और कश्मीर हाउस में रविवार को सन्नाटा पसरा हुआ था। वीकेंड पर कभी यहां टूरिस्ट का जमावड़ा लग रहता था। एचपीटीडीसी के धर्मशाला डिवीजन के अंतर्गत आने वाले होटल कुणाल और होटल कश्मीर हाउस के मैनेजर को मैनेजमेंट की तरफ से इन होटलों को खुला या बंद करने के संबंध में कोई ऑर्डर नहीं मिले हैं। एडवांस बुकिंग को लेकर असमंजस में कर्मचारी इन होटल्स का स्टाफ भी परेशान नज़र आया। जिसका कारण कि एचपीटीडीसी के आधिकारिक ऑनलाइन वेब पोर्टल पर बंद किए जाने वाले एचपीटीडीसी के होटल्स की बुकिंग ओपन है। होटल कुणाल में रविवार को तो कोई कमरा बुक नहीं हुआ है। लेकिन 29 नवंबर से लेकर एक दिसंबर तक रूम बुक हैं। जबकि कश्मीर हाउस में 26 नवंबर से रूम बुक हैं। ऐसे में होटल में तैनात स्टाफ अभी असमंजस की स्थिति में है कि इन एडवांस में हुई बुकिंग का क्या करें। हेड ऑफिस से नहीं मिला कोई इनपुट वहीं एचपीटीडीसी के धर्मशाला डिवीजन के एरिया जनरल मैनेजर कैलाश ठाकुर ने बताया कि अभी तक हेड ऑफिस से इन यूनिट को बंद या खुला रखने के संबंध में कोई ऑर्डर नहीं मिले हैं। प्रदेश हाई कोर्ट के निर्णय का मैसेज भी वॉट्सऐप से ही मिला है। जब तक हेड आफिस से कोई ऑर्डर नहीं मिलते, तब तक यूनिट के संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सकता। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना को सुनिश्चित करने को कहा है। कोर्ट ने यह आदेश निगम से रिटायर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले पर सुनवाई के पश्चात दिए है। 25 नवंबर से होटल होंगे बंद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसा इसलिए करना जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम द्वारा इन सफेद हाथियों के रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न हो। वहीं वकील ओपी गोयल ने बताया कि हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार 25 नवंबर दोपहर 12 बजे के बाद कोई नई बुकिंग या पर्यटक को कमरा किराए पर नहीं दिया जा सकता है। प्रदेश हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के 9 होटलों को 25 नवंबर से इन होटलों को बंद करने का आदेश दिया है। होटल कुणाल और होटल कश्मीर हाउस शामिल हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के कुल 18 घाटे में चल रहे होटलों में से 9 को अगले साल 31 मार्च तक अपना संचालन जारी रखने की अनुमति दे दी। पहले के आदेश में संशोधन के लिए एचपीटीडीसी के आवेदन पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि इन नौ एचपीटीडीसी होटलों से संबंधित 19 नवंबर के आदेश को जारी रखने की। समीक्षा उनके प्रदर्शन के आधार पर अगले साल 31 मार्च के बाद की जाएगी। न्यायमूर्ति गोयल ने पहले एचपीटीडीसी को पिछले कुछ वर्षों में 40% से कम अधिभोग वाले 18 होटलों को 25 नवंबर से बंद करने का निर्देश दिया था। जिसमें होटल कुणाल और होटल कश्मीर हाउस शामिल हैं।