हरियाणा के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा का आज पेरिस ओलिंपिक में फाइनल मुकाबला है। देर रात 11:55 बजे मैच शुरू होगा। देश को इस बार भी उनसे गोल्ड मेडल की उम्मीद है। 6 अगस्त को नीरज चोपड़ा जेवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में पहुंचे थे। उन्हें ग्रुप-B में रखा गया था, जहां उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर दूर भाला फेंक कर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया। फाइनल में उनका मुकाबला ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स, जर्मनी के जूलियन वेबर और पाकिस्तान के अरशद नदीम से होगा। इस खिलाड़ियों ने भी क्वालिफायर में भाला फेंक कर 85 मीटर के आसपास की दूरी तय की थी। पिता बोले- हम मैच को लेकर बहुत उत्साहित हैं
नीरज के पिता सतीश चोपड़ा ने कहा कि हम लोग बहुत उत्साहित हैं। हम रात के 11:55 बजे का इंतजार कर रहे हैं। पूरा गांव इंतजार कर रहा है। जैसे ही 11:55 बजेंगे, वैसे ही नीरज देशवासियों की उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश में मैदान में उतरेगा। नीरज पूरी जी जान लगा देगा। मैच के लिए सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। गली में बड़ी LED स्क्रीन लगाई जाएगी। कुर्सियां मंगवा ली गई हैं। मां ने कहा- मेहनत पूरी कर रहा है बच्चा
वहीं, मां सरोज देवी ने कहा कि तैयारियां बहुत अच्छी हैं। मेहनत पूरी कर रहा है बच्चा। उम्मीद तो गोल्ड की है। बाकी किस्मत देखते हैं क्या दिलवाएगी। घर में माहौल बहुत अच्छा है। सब अच्छा चल रहा है। इस सीजन का बेस्ट थ्रो किया नीरज ने
नीरज चोपड़ा का इस सीजन का बेस्ट थ्रो 88.36 मीटर था, जो उन्होंने दोहा डायमंड लीग 2024 में बनाया था। यानी पेरिस ओलिंपिक्स 2024 के क्लासिफिकेशन राउंड में 89.34 मीटर की दूरी तय कर उन्होंने इस सीजन के बेस्ट थ्रो को बेहतर कर लिया है। क्लासिफिकेशन राउंड में दूसरे भारतीय एथलीट किशोर जेना की बात करें तो उनका बेस्ट थ्रो 80.73 मीटर का रहा, लेकिन यह उन्हें फाइनल में ले जाने के लिए नाकाफी साबित हुआ। बचपन में नीरज को मोटापे को लेकर चिढ़ाया जाता था
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा में पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ। उन्होंने चंडीगढ़ के दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। बचपन में नीरज को मोटापे को लेकर चिढ़ाया जाता था। जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें मतलौडा और बाद में पानीपत के एक जिम में भेजना शुरू किया। भाला फेंक खिलाड़ी जयवीर चौधरी ने पानीपत खेल प्राधिकरण में आने के दौरान उनकी प्रतिभा को पहचाना। इसके बाद जयवीर, नीरज के पहले कोच बने। उसके बाद नीरज का दाखिला पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुआ, जहां उन्हें नसीम अहमद ने ट्रेनिंग दी। उनसे उन्होंने लंबी दौड़ और भाला फेंकना सीखा। उन्होंने 55 मीटर की थ्रो रेंज हासिल की, लेकिन जब वे लखनऊ की 2012 की जूनियर चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गए, तो उन्होंने 68.40 मीटर का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद नीरज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। दक्षिण एशियाई खेलों में नीरज के प्रदर्शन से प्रभावित होकर भारतीय सेना ने उन्हें राजपूताना राइफल्स में जूनियर कमीशंड ऑफिसर के पद का ऑफर दिया। उन्हें नायब सूबेदार का पद दिया गया, जो एथलीटों के लिए आसानी से उपलब्ध होने वाला पद नहीं है। उन्हें 2016 में औपचारिक रूप से जेसीओ के रूप में शामिल किया गया और ट्रेनिंग के लिए छुट्टी दी गई। हरियाणा के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा का आज पेरिस ओलिंपिक में फाइनल मुकाबला है। देर रात 11:55 बजे मैच शुरू होगा। देश को इस बार भी उनसे गोल्ड मेडल की उम्मीद है। 6 अगस्त को नीरज चोपड़ा जेवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में पहुंचे थे। उन्हें ग्रुप-B में रखा गया था, जहां उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर दूर भाला फेंक कर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया। फाइनल में उनका मुकाबला ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स, जर्मनी के जूलियन वेबर और पाकिस्तान के अरशद नदीम से होगा। इस खिलाड़ियों ने भी क्वालिफायर में भाला फेंक कर 85 मीटर के आसपास की दूरी तय की थी। पिता बोले- हम मैच को लेकर बहुत उत्साहित हैं
नीरज के पिता सतीश चोपड़ा ने कहा कि हम लोग बहुत उत्साहित हैं। हम रात के 11:55 बजे का इंतजार कर रहे हैं। पूरा गांव इंतजार कर रहा है। जैसे ही 11:55 बजेंगे, वैसे ही नीरज देशवासियों की उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश में मैदान में उतरेगा। नीरज पूरी जी जान लगा देगा। मैच के लिए सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। गली में बड़ी LED स्क्रीन लगाई जाएगी। कुर्सियां मंगवा ली गई हैं। मां ने कहा- मेहनत पूरी कर रहा है बच्चा
वहीं, मां सरोज देवी ने कहा कि तैयारियां बहुत अच्छी हैं। मेहनत पूरी कर रहा है बच्चा। उम्मीद तो गोल्ड की है। बाकी किस्मत देखते हैं क्या दिलवाएगी। घर में माहौल बहुत अच्छा है। सब अच्छा चल रहा है। इस सीजन का बेस्ट थ्रो किया नीरज ने
नीरज चोपड़ा का इस सीजन का बेस्ट थ्रो 88.36 मीटर था, जो उन्होंने दोहा डायमंड लीग 2024 में बनाया था। यानी पेरिस ओलिंपिक्स 2024 के क्लासिफिकेशन राउंड में 89.34 मीटर की दूरी तय कर उन्होंने इस सीजन के बेस्ट थ्रो को बेहतर कर लिया है। क्लासिफिकेशन राउंड में दूसरे भारतीय एथलीट किशोर जेना की बात करें तो उनका बेस्ट थ्रो 80.73 मीटर का रहा, लेकिन यह उन्हें फाइनल में ले जाने के लिए नाकाफी साबित हुआ। बचपन में नीरज को मोटापे को लेकर चिढ़ाया जाता था
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा में पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ। उन्होंने चंडीगढ़ के दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। बचपन में नीरज को मोटापे को लेकर चिढ़ाया जाता था। जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें मतलौडा और बाद में पानीपत के एक जिम में भेजना शुरू किया। भाला फेंक खिलाड़ी जयवीर चौधरी ने पानीपत खेल प्राधिकरण में आने के दौरान उनकी प्रतिभा को पहचाना। इसके बाद जयवीर, नीरज के पहले कोच बने। उसके बाद नीरज का दाखिला पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुआ, जहां उन्हें नसीम अहमद ने ट्रेनिंग दी। उनसे उन्होंने लंबी दौड़ और भाला फेंकना सीखा। उन्होंने 55 मीटर की थ्रो रेंज हासिल की, लेकिन जब वे लखनऊ की 2012 की जूनियर चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गए, तो उन्होंने 68.40 मीटर का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद नीरज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। दक्षिण एशियाई खेलों में नीरज के प्रदर्शन से प्रभावित होकर भारतीय सेना ने उन्हें राजपूताना राइफल्स में जूनियर कमीशंड ऑफिसर के पद का ऑफर दिया। उन्हें नायब सूबेदार का पद दिया गया, जो एथलीटों के लिए आसानी से उपलब्ध होने वाला पद नहीं है। उन्हें 2016 में औपचारिक रूप से जेसीओ के रूप में शामिल किया गया और ट्रेनिंग के लिए छुट्टी दी गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर