नूंह जिले की सलंबा जेल में पिछले दो माह से बंद एक आरोपी की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। मृतक खुर्शीद पुनहाना खंड के मुबारिकपुर गांव का रहने वाला था। रात को अचानक तबीयत खराब होने के बाद जेल प्रशासन ने नूंह के नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में पहुंचाया। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बलात्कार केस में गया था जेल जानकारी के अनुसार खुर्शीद नाम का व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग की स्टाफ नर्स द्वारा लगाए गए छेड़छाड़ और बलात्कार के आरोप में पिछले 2 महीने 8 दिन से नूंह की सलंबा जेल में बंद था। मृतक के परिजनों ने बताया कि खुर्शीद 2 साल पहले स्वास्थ्य विभाग के ड्राइवर पद से सेवानिवृत हुआ था और अपने गांव में रह रहा था। पिछले लगभग तीन माह पहले एक स्टाफ नर्स द्वारा उसके खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी पूछताछ के लिए वो लगातार थाने में जाते रहे। एक दिन पहले परिजन गए थे मिलने मृतक खुर्शीद के परिजनों ने बताया कि एक माह बाद जब वो तीसरी बार पूछताछ के लिए गए तो उन्हें थाने में पता चला कि उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे में 376 का मामला भी जोड़ दिया गया है और उसे वहीं से बैठा कर जेल में भेज दिया गया था। मृतक के भाई ने बताया कि एक दिन पहले ही जेल में खुर्शीद की पत्नी और मै उनसे मिलकर आया था, उस समय उसकी तबीयत ठीक थी। लेकिन उन्हें रात को अचानक पता चला कि उनके भाई की तबीयत खराब है और जैसे वह नल्हड़ मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वहां पर उन्होंने अपने भाई को मृत अवस्था में पाया। बिना जांच के भेजा जेल- परिजन मृतक के भाई ने बताया कि पुलिस ने बगैर किसी जांच के खुर्शीद को जेल में डाल दिया। जिसके चलते वो मानसिक दबाव में था और वह काफी परेशान था। मृतक के भाई क कहना है कि उसके भाई को टॉर्चर कर मौत के घाट उतारा गया है और उन्होंने इसकी शिकायत नूंह के पुलिस थाने में भी दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय चाहिए, उनके भाई के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसको लेकर उनके भाई की मौत हो गई है और उनका परिवार अभी भी सदमें में है। मामले की जांच में जुटी पुलिस इस मामले में नूंह सदर थाना प्रभारी चंद्रभान ने कहा कि उन्हें सूचना मिली की जेल में एक कैदी की तबीयत खराब है। तो वह तुरंत पहुंचे जहां पर उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया और उपचार के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट की देखरेख में टीम गठित कर पोस्टमार्टम कराते शव परिजनों को सौंप दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। नूंह जिले की सलंबा जेल में पिछले दो माह से बंद एक आरोपी की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। मृतक खुर्शीद पुनहाना खंड के मुबारिकपुर गांव का रहने वाला था। रात को अचानक तबीयत खराब होने के बाद जेल प्रशासन ने नूंह के नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में पहुंचाया। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बलात्कार केस में गया था जेल जानकारी के अनुसार खुर्शीद नाम का व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग की स्टाफ नर्स द्वारा लगाए गए छेड़छाड़ और बलात्कार के आरोप में पिछले 2 महीने 8 दिन से नूंह की सलंबा जेल में बंद था। मृतक के परिजनों ने बताया कि खुर्शीद 2 साल पहले स्वास्थ्य विभाग के ड्राइवर पद से सेवानिवृत हुआ था और अपने गांव में रह रहा था। पिछले लगभग तीन माह पहले एक स्टाफ नर्स द्वारा उसके खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी पूछताछ के लिए वो लगातार थाने में जाते रहे। एक दिन पहले परिजन गए थे मिलने मृतक खुर्शीद के परिजनों ने बताया कि एक माह बाद जब वो तीसरी बार पूछताछ के लिए गए तो उन्हें थाने में पता चला कि उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे में 376 का मामला भी जोड़ दिया गया है और उसे वहीं से बैठा कर जेल में भेज दिया गया था। मृतक के भाई ने बताया कि एक दिन पहले ही जेल में खुर्शीद की पत्नी और मै उनसे मिलकर आया था, उस समय उसकी तबीयत ठीक थी। लेकिन उन्हें रात को अचानक पता चला कि उनके भाई की तबीयत खराब है और जैसे वह नल्हड़ मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वहां पर उन्होंने अपने भाई को मृत अवस्था में पाया। बिना जांच के भेजा जेल- परिजन मृतक के भाई ने बताया कि पुलिस ने बगैर किसी जांच के खुर्शीद को जेल में डाल दिया। जिसके चलते वो मानसिक दबाव में था और वह काफी परेशान था। मृतक के भाई क कहना है कि उसके भाई को टॉर्चर कर मौत के घाट उतारा गया है और उन्होंने इसकी शिकायत नूंह के पुलिस थाने में भी दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय चाहिए, उनके भाई के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसको लेकर उनके भाई की मौत हो गई है और उनका परिवार अभी भी सदमें में है। मामले की जांच में जुटी पुलिस इस मामले में नूंह सदर थाना प्रभारी चंद्रभान ने कहा कि उन्हें सूचना मिली की जेल में एक कैदी की तबीयत खराब है। तो वह तुरंत पहुंचे जहां पर उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया और उपचार के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट की देखरेख में टीम गठित कर पोस्टमार्टम कराते शव परिजनों को सौंप दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP कार्यालय में रखी जाएगी सुझाव पेटी:मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक के बाद CM ने की प्रेस वार्ता हरियाणा के मुख्यमंत्री ने मेनिफेस्टो कमेटी की पहली बैठक के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि 2024 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत यह महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिनमें सुझाव पेटी की स्थापना का निर्णय भी शामिल है। 22 जिलों में भी स्थापित की जाएगी सुझाव पेटी मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि बीजेपी कार्यालय में सुझाव पेटी रखी जाएगी, जहां जनता अपने सुझाव दे सकेगी। इसके अलावा, 22 जिलों में भी सुझाव पेटी स्थापित की जाएगी। इसके साथ ही एक मिस कॉल नंबर के माध्यम से लिंक भेजकर भी सुझाव दिए जा सकेंगे। उन्होंने घोषणा की कि आज संकल्प पत्र वैन को रवाना किया जाएगा, जो जनता के बीच जाकर उनके विचारों को संकलित करेगी। 29 अगस्त को आयोजित होगी दूसरी बैठक मुख्यमंत्री ने पिछले चुनावों के संकल्प पत्र को लेकर भी चर्चा की और बताया कि उनकी सरकार ने सभी संकल्पों को पूरा किया है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष केवल झूठी घोषणाएं करता है और उसे पूरा नहीं कर पाता। “हम जो संकल्प पत्र में वादा करते हैं, उसे पूरा करते हैं,” मुख्यमंत्री ने कहा। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि 29 अगस्त को कमेटी की दूसरी बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें संकल्प पत्र के सुझावों की स्क्रूटनी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा के तेज़ विकास के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।
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हादसे में दौरान सुषमा के सिर में चोट आई। उसे चार टांके लगे। नीरज के सिर में चोट आई। उसे भी चार टांके लगे। सुमन के सिर में अंदरूनी चोट आई। माफ़ी के पैर में चोट आई। स्वाति भी घायल हो गई। मकान करीब 40 साल पुराना
परिवार के सदस्य सुरजीत ने बताया कि यह मकान करीब 40 साल पुराना है। मकान मालिक संजय पेशे से किसान है। बीती रात हुए हादसे की वजह छत पर लगा लोहे का गाटर दीवार में अपनी जगह से बाहर निकल आना था। संजय की साली की बेटी माफ़ी (13) सर्दियों की छुट्टियों में कैथल से घर आई हुई है। वह 10वीं की छात्रा है। शादी में न हो हादसा, इसलिए पहले करवाई थी रिपेयरिंग
घर के बुजुर्ग महाबीर ने बताया कि बेटा नीरज, उसकी मां और उसकी तीन बहनें कमरे में सो रही थीं। अचानक छत गिर गई। पड़ोसियों ने आकर परिवार के सदस्यों को बाहर निकालने में मदद की। जैसे ही सभी को बाहर निकाला गया, तुरंत सभी को सिविल अस्पताल ले जाया गया। महाबीर ने बताया कि एक महीने पहले घर में उनकी बेटी की शादी थी। उस दौरान इस छत समेत घर के कई हिस्सों की मरम्मत करवाई गई थी। शादी के दौरान छत या घर का कोई हिस्सा गिरने की आशंका के चलते मरम्मत करवाई गई थी। लेकिन इस बात का अहसास नहीं हुआ कि छत की पूरी तरह से मरम्मत नहीं हुई थी। दोबारा उसी मकान में सोने को मजबूर
मकान मालिक संजय ने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। घर में 6 सदस्य हैं। वह अपनी खेतीबाड़ी से उनका भरण-पोषण कर रहा है। अब भले ही घर की छत गिर गई हो, लेकिन हालत ऐसी है कि वह फिर से उसी घर में सोने को मजबूर है। क्योंकि उसने हाल ही में अपनी बेटी की शादी की है, इसलिए हालत ऐसी नहीं है कि वह अपना घर दोबारा बना सके। संजय ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसकी और उसके परिवार की मदद की जाए।