हरियाणा के नूंह जिले की पिनगवां ग्राम पंचायत की 21 दुकानों पर 8 जनवरी को पुन्हाना के एसडीएम संजय कुमार, पिनगवां के बीडीपीओ सुरजीत और पिनगवां ग्राम पंचायत की सरपंच के पति ने पीला पंजा चलाकर सील कर दिया था। इस कार्रवाई से दुकानदारों की स्थिति खराब हो गई थी। लेकिन दुकानदारों ने हाईकोर्ट की शरण ली और महज 7 दिन बाद हाईकोर्ट के आदेश पर बीडीपीओ कार्यालय के कर्मचारियों ने सरपंच द्वारा लगाई गई सील तोड़कर ताले खोल दिए। जिससे दुकानदारों ने राहत की सांस ली है। कोर्ट का आभार जताया
इतना ही नहीं सात दिन बाद खुली दुकानों से गरीब दुकानदारों के चेहरे पर रौनक लौट आई और सभी दुकानदारों ने हाईकोर्ट का आभार जताया है। दुकानदार बोले- हमें लाखों का नुकसान हुआ गोपाल जयसवाल, डैनी जयसवाल, रोशन गौतम, नौरंग खान, पवन कसाना और पिनगवां पंचायत की दुकानों में पिछले 15 सालों से रह रहे सभी दुकानदारों ने बताया कि 8 जनवरी को पिनगवां के सरपंच ने बिना कोई नोटिस दिए पीला पंजा चलाकर हमारी दुकानों को तुड़वा दिया। जिससे हमें लाखों रुपए का नुकसान हुआ। जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली और हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए दुकानें खोलने के आदेश दिए। दुकानदारों ने कहा सरपंच ने किया अन्याय
दुकानदारों ने कहा कि सरपंच द्वारा उनके साथ अन्याय किया गया था। सरपंच ने प्रशासन के साथ मिलकर दुकानों को तोड़कर लाखों रुपए का नुकसान किया गया था। लेकिन हाई कोर्ट ने गरीब लोगों की सुनते हुए उन्हें न्याय दिलाया है। अब उन्हें दुकान सौंपने का काम किया है। जिससे वह हाई कोर्ट का आभार जताते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सभी दुकानदार समय पर पंचायत के खाते में हर साल का किराया भर रहे हैं, लेकिन फिर भी उनके साथ तानाशाही करते हुए सरपंच द्वारा उनकी दुकानों को तोड़कर सील लगाई गई थी। क्या है पूरा मामला
बता दें कि पिनगवां में पंचायत की मेन सड़क पर लगभग 80 दुकानें हैं, जो करोड़ों रुपए में लीज पर दी जाती हैं। मेन सड़क पर पंचायत की बनी ये दुकानें पंचायत के लिए कोहिनूर का हीरा साबित होती है और पंचायत की आमदनी बढ़ाती हैं। दो साल पहले सरपंच ने पिनगवां की इन दुकानों पर बोली लगाई थी, लेकिन दुकानदारों का आरोप है कि सरपंच ने अपने चाहने वाले दुकानदारों को हजारों में, जबकि दूसरे लोगों को लाखों रुपए में बोली लगाकर यह दुकान छोड़ी गई थी। जिसमें बोली के समय भी पूरी पारदर्शिता नहीं बरती गई थी। दुकानदारों का कहना है कि इसी वजह से 21 दुकानदारों ने बोली लगाने के बावजूद भी दुकान नहीं मिलने पर अपनी दुकान खाली नहीं की और वह पंचायत के खाते में अपना किराया जमा करते आ रहे हैं। दुकानदारों ने कहा कि सरपंच उनसे राजनीतिक भेदभाव कर रहा है और बगैर किसी नोटिस और आदेश के उनकी दुकान तोड़कर उन पर सील लगाई गई थी। बीडीपीओ सुरजीत ने कहा एसडीएम के आदेश पर हुई थी कार्रवाई
पिनगवां खंड के बीडीपीओ सुरजीत से जब इस बारे में बात हुई तो उन्होंने कहा कि 8 जनवरी को एसडीएम पुन्हाना के आदेश पर इन दुकानों पर पीला पंजा चलाकर सील लगाई थी। अब माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर इनको खोलकर दुकानों को दुकानदारों को सौंप दिया गया है। हरियाणा के नूंह जिले की पिनगवां ग्राम पंचायत की 21 दुकानों पर 8 जनवरी को पुन्हाना के एसडीएम संजय कुमार, पिनगवां के बीडीपीओ सुरजीत और पिनगवां ग्राम पंचायत की सरपंच के पति ने पीला पंजा चलाकर सील कर दिया था। इस कार्रवाई से दुकानदारों की स्थिति खराब हो गई थी। लेकिन दुकानदारों ने हाईकोर्ट की शरण ली और महज 7 दिन बाद हाईकोर्ट के आदेश पर बीडीपीओ कार्यालय के कर्मचारियों ने सरपंच द्वारा लगाई गई सील तोड़कर ताले खोल दिए। जिससे दुकानदारों ने राहत की सांस ली है। कोर्ट का आभार जताया
इतना ही नहीं सात दिन बाद खुली दुकानों से गरीब दुकानदारों के चेहरे पर रौनक लौट आई और सभी दुकानदारों ने हाईकोर्ट का आभार जताया है। दुकानदार बोले- हमें लाखों का नुकसान हुआ गोपाल जयसवाल, डैनी जयसवाल, रोशन गौतम, नौरंग खान, पवन कसाना और पिनगवां पंचायत की दुकानों में पिछले 15 सालों से रह रहे सभी दुकानदारों ने बताया कि 8 जनवरी को पिनगवां के सरपंच ने बिना कोई नोटिस दिए पीला पंजा चलाकर हमारी दुकानों को तुड़वा दिया। जिससे हमें लाखों रुपए का नुकसान हुआ। जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली और हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए दुकानें खोलने के आदेश दिए। दुकानदारों ने कहा सरपंच ने किया अन्याय
दुकानदारों ने कहा कि सरपंच द्वारा उनके साथ अन्याय किया गया था। सरपंच ने प्रशासन के साथ मिलकर दुकानों को तोड़कर लाखों रुपए का नुकसान किया गया था। लेकिन हाई कोर्ट ने गरीब लोगों की सुनते हुए उन्हें न्याय दिलाया है। अब उन्हें दुकान सौंपने का काम किया है। जिससे वह हाई कोर्ट का आभार जताते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सभी दुकानदार समय पर पंचायत के खाते में हर साल का किराया भर रहे हैं, लेकिन फिर भी उनके साथ तानाशाही करते हुए सरपंच द्वारा उनकी दुकानों को तोड़कर सील लगाई गई थी। क्या है पूरा मामला
बता दें कि पिनगवां में पंचायत की मेन सड़क पर लगभग 80 दुकानें हैं, जो करोड़ों रुपए में लीज पर दी जाती हैं। मेन सड़क पर पंचायत की बनी ये दुकानें पंचायत के लिए कोहिनूर का हीरा साबित होती है और पंचायत की आमदनी बढ़ाती हैं। दो साल पहले सरपंच ने पिनगवां की इन दुकानों पर बोली लगाई थी, लेकिन दुकानदारों का आरोप है कि सरपंच ने अपने चाहने वाले दुकानदारों को हजारों में, जबकि दूसरे लोगों को लाखों रुपए में बोली लगाकर यह दुकान छोड़ी गई थी। जिसमें बोली के समय भी पूरी पारदर्शिता नहीं बरती गई थी। दुकानदारों का कहना है कि इसी वजह से 21 दुकानदारों ने बोली लगाने के बावजूद भी दुकान नहीं मिलने पर अपनी दुकान खाली नहीं की और वह पंचायत के खाते में अपना किराया जमा करते आ रहे हैं। दुकानदारों ने कहा कि सरपंच उनसे राजनीतिक भेदभाव कर रहा है और बगैर किसी नोटिस और आदेश के उनकी दुकान तोड़कर उन पर सील लगाई गई थी। बीडीपीओ सुरजीत ने कहा एसडीएम के आदेश पर हुई थी कार्रवाई
पिनगवां खंड के बीडीपीओ सुरजीत से जब इस बारे में बात हुई तो उन्होंने कहा कि 8 जनवरी को एसडीएम पुन्हाना के आदेश पर इन दुकानों पर पीला पंजा चलाकर सील लगाई थी। अब माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर इनको खोलकर दुकानों को दुकानदारों को सौंप दिया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर