नूंह पटवारी कार्यालय से आजादी से पहले का रिकॉर्ड चोरी:उर्दू में तैयार वर्ष 1939-1975 तक की जमाबंदी,रजिस्टर दूसरे दस्तावेज गायब

नूंह पटवारी कार्यालय से आजादी से पहले का रिकॉर्ड चोरी:उर्दू में तैयार वर्ष 1939-1975 तक की जमाबंदी,रजिस्टर दूसरे दस्तावेज गायब

हरियाणा के नूंह शहर थाना क्षेत्र अंतर्गत पुरानी तहसील कार्यालय को निशाना बनाकर चोरों ने बेशकीमती राजस्व रिकॉर्ड पर हाथ साफ लिया। चोर अपने साथ आजादी से पहले का उर्दू में दर्ज राजस्व रिकॉर्ड ले गए। उक्त चोर कुछ दस्तावेजों को रास्ते में ही डालकर चले गए । घटना के बाद राजस्व व पुलिस अधिकारियों ने मौका मुआयना कर जरूरी सबूत जुटाए। पुलिस ने पटवारी की शिकायत के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीर पर इबादत करने वाले फकीर ने पटवारी को दी चोरी की जानकारी मालब हल्का पटवारी का कार्यालय नूंह की पुरानी तहसील परिसर में स्थित है। शनिवार को छुट्टी होने के कारण कोई कर्मचारी दफ्तर नहीं पहुंचा। लेकिन सुबह करीब 10 बजे तहसील कार्यालय के साथ बने पीर पर इबादत करने वाले फकीर ने पटवारी को फोन कर दफ्तर के बाहर कुछ दस्तावेज बिखरे होने की सूचना दी। मौके पर पहुंचे पटवारी जुबेर खान ने जब दस्तावेज देखे तो वह अचंभित रह गया। उन्होंने दफ्तर का ताला खोला तो अंदर अलमारियां खुली और जरूरी राजस्व रिकाॅर्ड इधर-उधर बिखरा पड़ा था। पटवारी ने उच्चाधिकारियों व पुलिस स्टेशन में पूरी घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंचे सिटी पुलिस थाना के प्रभारी एसएचओ नरेश कुमार के नेतृत्व वाली टीम ने जरूरी सुबूत एकत्रित किए। उर्दू में तैयार आजादी से पहले का रिकॉर्ड ले गए चोर बताया जाता है कि चोर एक खिड़की को तोड़कर कार्यालय के अंदर पहुंचे थे। पटवारी के अनुसार चोर जिन अलमारियों से रिकाॅर्ड ले गए हैं, वह आजादी से पहले का था। उनके अनुसार अभी तक की जांच में पता चला है कि वर्ष 1939 से 1975 तक जमाबंदी रजिस्टर समेत कई दूसरे दस्तावेज गायब हैं। ये सारे दस्तावेज उर्दू में तैयार किए हुए थे। पुराने मामलों की जांच पड़ताल के दौरान इनकी भूमिका अहम होती है। उन्होंने बताया कि कुछ जिल्द कार्यालय के बाहर भी मिली हैं। हालांकि उन्होंने इसके पीछे किसी साजिश से इंकार किया। पुलिस के अनुसार प्राथमिक जांच में ये काम किसी नशेड़ी का लगता है। लेकिन सभी एंगल से मामले की जांच की जा रही है। हरियाणा के नूंह शहर थाना क्षेत्र अंतर्गत पुरानी तहसील कार्यालय को निशाना बनाकर चोरों ने बेशकीमती राजस्व रिकॉर्ड पर हाथ साफ लिया। चोर अपने साथ आजादी से पहले का उर्दू में दर्ज राजस्व रिकॉर्ड ले गए। उक्त चोर कुछ दस्तावेजों को रास्ते में ही डालकर चले गए । घटना के बाद राजस्व व पुलिस अधिकारियों ने मौका मुआयना कर जरूरी सबूत जुटाए। पुलिस ने पटवारी की शिकायत के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीर पर इबादत करने वाले फकीर ने पटवारी को दी चोरी की जानकारी मालब हल्का पटवारी का कार्यालय नूंह की पुरानी तहसील परिसर में स्थित है। शनिवार को छुट्टी होने के कारण कोई कर्मचारी दफ्तर नहीं पहुंचा। लेकिन सुबह करीब 10 बजे तहसील कार्यालय के साथ बने पीर पर इबादत करने वाले फकीर ने पटवारी को फोन कर दफ्तर के बाहर कुछ दस्तावेज बिखरे होने की सूचना दी। मौके पर पहुंचे पटवारी जुबेर खान ने जब दस्तावेज देखे तो वह अचंभित रह गया। उन्होंने दफ्तर का ताला खोला तो अंदर अलमारियां खुली और जरूरी राजस्व रिकाॅर्ड इधर-उधर बिखरा पड़ा था। पटवारी ने उच्चाधिकारियों व पुलिस स्टेशन में पूरी घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंचे सिटी पुलिस थाना के प्रभारी एसएचओ नरेश कुमार के नेतृत्व वाली टीम ने जरूरी सुबूत एकत्रित किए। उर्दू में तैयार आजादी से पहले का रिकॉर्ड ले गए चोर बताया जाता है कि चोर एक खिड़की को तोड़कर कार्यालय के अंदर पहुंचे थे। पटवारी के अनुसार चोर जिन अलमारियों से रिकाॅर्ड ले गए हैं, वह आजादी से पहले का था। उनके अनुसार अभी तक की जांच में पता चला है कि वर्ष 1939 से 1975 तक जमाबंदी रजिस्टर समेत कई दूसरे दस्तावेज गायब हैं। ये सारे दस्तावेज उर्दू में तैयार किए हुए थे। पुराने मामलों की जांच पड़ताल के दौरान इनकी भूमिका अहम होती है। उन्होंने बताया कि कुछ जिल्द कार्यालय के बाहर भी मिली हैं। हालांकि उन्होंने इसके पीछे किसी साजिश से इंकार किया। पुलिस के अनुसार प्राथमिक जांच में ये काम किसी नशेड़ी का लगता है। लेकिन सभी एंगल से मामले की जांच की जा रही है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर