हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका खंड के पिनंगवा की ग्राम पंचायत चांदडाका के सरपंच अली मोहम्मद को डीसी ने पद से हटा दिया है। उन पर पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे के आरोप हैं। चुनाव के नामांकन के समय से ही उन पर आरेाप लग रहे थे। बाद में प्रशासन की ओर से इनकी जांच की गई। जानकारी के अनुसार डीसी के पत्र क्रमांक नंबर 1891-94 द्वारा ग्राम पंचायत चांदडाका के सरपंच अली मोहम्मद पर ग्राम पंचायत के गैर मुमकिन पहाड़ खसरा नंबर 42 में अवैध रूप से कब्जा कर दुकान बनाने के आरोप को लेकर लंबे समय से जांच चल रही थी। पुन्हाना के एसडीएम द्वारा भी जांच में मौके की निशानी रिपोर्ट के आधार को मानते हुए सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत की जमीन पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अगुआई में भी अवैध कब्जों की पुष्टि मानी गई है। इसके अलावा मौके के अधिकारियों की रिपोर्ट और निशान दही की रिपोर्ट भी संलग्न है। जिसमें भी सरपंच को कब्जाधारी दर्शाया गया है । इसके अलावा फिरोजपुर झिरका की उपमंडल अधिकारी नागरिक द्वारा भी जांच के दौरान सरपंच द्वारा किसी भी प्रकार की कोई अवैध कब्जा को लेकर जवाबदेही नहीं दी गई। वहीं शिकायतकर्ता युसूफ पुत्र खुशी का निवासी चांदडाका द्वारा फोटो और दस्तावेज पेश किए गए हैं। सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत की उन्हें दुकानों में चुनावी कार्यालय बनाया हुआ था। जानकारी के मुताबिक 28 मार्च 2024 को भी खंड विकास पंचायत अधिकारी द्वारा भी उक्त पंचायत की जमीन पर कब्जा मुक्त करने के लिए सरपंच को पत्राचार किया गया था । वहीं गत 30 सितंबर को भी फिरोजपुर झिरका उपमंडल अधिकारी नागरिक कार्यालय में दोनों पक्षों की सुनवाई के दौरान भी सरपंच द्वारा कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए। जिसके चलते सभी दस्तावेजों को आधार मानते हुए पंचायत राज्य अधिनियम 1994 की धारा 175(एन) के तहत सरपंच पद के चुनाव नामांकन के समय पंचायती जमीन पर अवैध कब्जा करने के कारण अयोग्य करार देते हुए हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51(3)(b)(c)(e) के तहत डीसी ने फैसला लिया है। डीसी ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए ग्राम पंचायत चांदडाका खंड पिनगवा के सरपंच पद को रिक्त घोषित कर दिया है और खंड विकास पंचायत अधिकारी को बहुमत वाले पांच को जल्द ही रिकॉर्ड सपना की दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका खंड के पिनंगवा की ग्राम पंचायत चांदडाका के सरपंच अली मोहम्मद को डीसी ने पद से हटा दिया है। उन पर पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे के आरोप हैं। चुनाव के नामांकन के समय से ही उन पर आरेाप लग रहे थे। बाद में प्रशासन की ओर से इनकी जांच की गई। जानकारी के अनुसार डीसी के पत्र क्रमांक नंबर 1891-94 द्वारा ग्राम पंचायत चांदडाका के सरपंच अली मोहम्मद पर ग्राम पंचायत के गैर मुमकिन पहाड़ खसरा नंबर 42 में अवैध रूप से कब्जा कर दुकान बनाने के आरोप को लेकर लंबे समय से जांच चल रही थी। पुन्हाना के एसडीएम द्वारा भी जांच में मौके की निशानी रिपोर्ट के आधार को मानते हुए सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत की जमीन पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अगुआई में भी अवैध कब्जों की पुष्टि मानी गई है। इसके अलावा मौके के अधिकारियों की रिपोर्ट और निशान दही की रिपोर्ट भी संलग्न है। जिसमें भी सरपंच को कब्जाधारी दर्शाया गया है । इसके अलावा फिरोजपुर झिरका की उपमंडल अधिकारी नागरिक द्वारा भी जांच के दौरान सरपंच द्वारा किसी भी प्रकार की कोई अवैध कब्जा को लेकर जवाबदेही नहीं दी गई। वहीं शिकायतकर्ता युसूफ पुत्र खुशी का निवासी चांदडाका द्वारा फोटो और दस्तावेज पेश किए गए हैं। सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत की उन्हें दुकानों में चुनावी कार्यालय बनाया हुआ था। जानकारी के मुताबिक 28 मार्च 2024 को भी खंड विकास पंचायत अधिकारी द्वारा भी उक्त पंचायत की जमीन पर कब्जा मुक्त करने के लिए सरपंच को पत्राचार किया गया था । वहीं गत 30 सितंबर को भी फिरोजपुर झिरका उपमंडल अधिकारी नागरिक कार्यालय में दोनों पक्षों की सुनवाई के दौरान भी सरपंच द्वारा कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए। जिसके चलते सभी दस्तावेजों को आधार मानते हुए पंचायत राज्य अधिनियम 1994 की धारा 175(एन) के तहत सरपंच पद के चुनाव नामांकन के समय पंचायती जमीन पर अवैध कब्जा करने के कारण अयोग्य करार देते हुए हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51(3)(b)(c)(e) के तहत डीसी ने फैसला लिया है। डीसी ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए ग्राम पंचायत चांदडाका खंड पिनगवा के सरपंच पद को रिक्त घोषित कर दिया है और खंड विकास पंचायत अधिकारी को बहुमत वाले पांच को जल्द ही रिकॉर्ड सपना की दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भास्कर से बातचीत में तरलोचन सिंह ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस में कुछ नेता ऐसे भर्ती हो रखे है, जिन्होंने समर्थन में वोट मांगने की बजाय कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के लिए कहा। इसके लिए फोन भी किया गया। वहां उन्हें कहा गया कि BJP को वोट दे देना। ऐसे में वे कांग्रेस के वफादार कैसे हो सकते हैं। हालांकि तरलोचन सिंह ने उन कांग्रेसियों के नामों का खुलासा करने से मना कर दिया, लेकिन इतना जरूर कहा है कि मैं नामों का भी खुलासा कर दूंगा, जब समय आएगा। ऐसे नेताओं से हमारे बड़े नेताओं को भी सावधान रहना पड़ेगा। 2. छूरा घोपे जाने का बाद में पता चलता है
तरलोचन सिंह के चुनाव प्रचार के दौरान सभी नेता नजर आए थे, इस सवाल पर तरलोचन सिंह ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान नेता साथ जरूर थे, लेकिन छूरा तो धीरे से और पीछे से ही घोंपा जाता है। इन नेताओं या फिर कार्यकर्ताओं में से किसने छूरा घोंपा है, उसका भी पता चल चुका है, समय आने पर खुलासा भी कर देंगे। इस पूरे प्रकरण की शिकायत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को की जाएगी और उसकी कॉपी ऊपर से लेकर नीचे तक के नेताओं को दी जाएगी। 3. मुझे हराकर खुद इलेक्शन लड़ना चाहते हैं
तरलोचन सिंह ने कहा कि चुनाव में हार और जीत होना एक अलग मुद्दा है, लेकिन दगाबाज नेताओं या फिर कार्यकर्ताओं ने अपना फर्ज नहीं निभाया, उल्टा नेगेटिव बोले। हम सरकार के सामने इलेक्शन लड़ रहे थे और पूरी मेहनत की। कार्यकर्ताओं ने भी पूरी मेहनत की लेकिन कुछ लोगों ने दूसरों को फोन कॉल्स किए और नेगेटिव प्रचार किया। अगर मेहनत सभी करते तो उसमें कोई मुद्दा नहीं था। जो भी कुछ हुआ है उसके सबूत हमारे पास है। खुद की महत्वाकांक्षा के लिए उन नेताओं ने यह सोचा कि अगर त्रलोचन सिंह इलेक्शन हार जाता है तो अगला इलेक्शन हम लड़ेंगे।