नूंह जिले के पिनगवां थाने के अन्तर्गत गांव शाह चौखा में व्यक्ति को घर में बंधक बनाकर मारपीट करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर घर के सामने रोक कर व घर में बंधक बनाकर मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया है, जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। जानकारी के अनुसार मौसिम निवासी शाह चौखा ने पिनगवां थाने में शिकायती दी कि 18 जून को रात 12 बजे उनके पड़ोस में एक लड़के की शादी थी, जिसमें कासम ,हाफिज और वह खुद वहां पर बज रहे डीजे को देखने गए थे। तभी वहां पर अक्की पुत्र मुदस्सर व उसका भाई जुबेर और अन्य लोग मौजूद थे, जो हमें देखकर गालियां देने लगे। जब हफीज़ ने उनकी गलियों का विरोध किया तो अक्की, जुबेर और अन्य लोगों ने अपने हाथ में ली हुई लाठी से उनके साथ मारपीट शुरू कर दी और हफीज के सर में लाठी मार दी। जैसे ही हफीज को लाठी लगी तो वो जमीन पर गिरकर बेहोश हो गया। लाठी डंडों से बेरहमी से मारा पीटा मौसम ने बताया कि जब हफीज को उपचार कराने के लिए हम अस्पताल ले जाने लगे तो तभी गुलाम नबी सहित अन्य लोग अपने घर के सामने खड़े थे और उन्होंने हमें रास्ते में रोक कर हमारे साथ मारपीट शुरू कर दी। इतना ही नहीं इस दौरान कासम को जबर्दस्ती अपने घर में ले जाकर कमरे में बंद कर लाठी डंडों से बेरहमी से मारा पीटा। जिसकी सूचना उन्होंने 112 नंबर पुलिस को दी तो मौके पर पुलिस पहुंची ,जहां पर काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने आरोपियों का घर का मैन गेट खुलवाया और बंद कमरे से बंधक बनाकर रखा कासम को आरोपियों से छुड़वाया। 112 नंबर पुलिस ने कासम को गंभीर हालत में आरोपियों के बंधन से छुड़वाकर उपचार के लिए भिजवाया। इस दौरान आरोपियों ने कहा कि आज तो तुम्हें पुलिस ने बचा लिया है बाकी फिर किसी दिन तुम्हें जान से मारा जाएगा। घायल की हालत गंभीर, रेफर किया पीड़ित ने बताया कि इस मौके पर अब्दुल गनी, नसरुद्दीन व गांव के अन्य दर्जन भर लोग मौजूद थे। इस दौरान कासम और हफीज को गहरी चोट आई और उन्हें मांड़ी खेड़ा के सरकारी अस्पताल ले गया, जहां पर उनका प्राथमिक उपचार करने के बाद उनकी गंभीर चोटें देखते हुए उन्हें नूंह के मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया और मेडिकल कॉलेज से उन्हें रोहतक पीजीआई के लिए रेफर कर दिया। लाठी डंडों से हमला किया इस दौरान पीड़ित कासम और हफीज ने बताया कि आरोपी दबंग लड़ाकू किस्म के व्यक्ति हैं, जो पापड़ा गांव से आकर पिछले 6-7 सालों से शाह चोखा गांव में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि पापड़ा गांव में भी उक्त आरोपियों ने लड़ाई झगड़े में एक व्यक्ति को लाठी डंडों से मारकर गांव शाह चोखा में आकर बसे हैं ,जो दबंग किस्म के व्यक्ति हैं। पड़ोसी के घर शादी का माहौल इस दौरान गांव के अब्दुल गनी, नसरुद्दीन ,उमर मोहम्मद,अमीर, शाहिद सहित अन्य लोगों ने बताया कि जब एक पड़ोसी के घर शादी का माहौल था तो वहां पर डीजे चल रहा था, जहां पर खड़े हुए हफीज को बगैर किसी बात के लाठी मार कर इन लोगों ने घायल कर दिया था। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने पापड़ा गांव में भी पहले एक व्यक्ति की लड़ाई झगड़े में हत्या कर दी थी और गांव शाह चोखा में भी बार-बार इसी बात को दोहराते हैं कि हम पापड़ा गांव से भी आदमी मारकर आए हैं और यहां भी दबंगई दिखाते हैं। पुलिस ने मामला किया दर्ज इस मामले में पुलिस का कहना है कि अक्की, शकील, वकील, गुलाम नबी, जुबेर ,अकरम ,जाहिर, साजिद, धोली अर्शिदा और शहरूणा के खिलाफ बंधक बनाकर मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और इस मामले में आगामी कार्रवाई की जा रही है। नूंह जिले के पिनगवां थाने के अन्तर्गत गांव शाह चौखा में व्यक्ति को घर में बंधक बनाकर मारपीट करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर घर के सामने रोक कर व घर में बंधक बनाकर मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया है, जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। जानकारी के अनुसार मौसिम निवासी शाह चौखा ने पिनगवां थाने में शिकायती दी कि 18 जून को रात 12 बजे उनके पड़ोस में एक लड़के की शादी थी, जिसमें कासम ,हाफिज और वह खुद वहां पर बज रहे डीजे को देखने गए थे। तभी वहां पर अक्की पुत्र मुदस्सर व उसका भाई जुबेर और अन्य लोग मौजूद थे, जो हमें देखकर गालियां देने लगे। जब हफीज़ ने उनकी गलियों का विरोध किया तो अक्की, जुबेर और अन्य लोगों ने अपने हाथ में ली हुई लाठी से उनके साथ मारपीट शुरू कर दी और हफीज के सर में लाठी मार दी। जैसे ही हफीज को लाठी लगी तो वो जमीन पर गिरकर बेहोश हो गया। लाठी डंडों से बेरहमी से मारा पीटा मौसम ने बताया कि जब हफीज को उपचार कराने के लिए हम अस्पताल ले जाने लगे तो तभी गुलाम नबी सहित अन्य लोग अपने घर के सामने खड़े थे और उन्होंने हमें रास्ते में रोक कर हमारे साथ मारपीट शुरू कर दी। इतना ही नहीं इस दौरान कासम को जबर्दस्ती अपने घर में ले जाकर कमरे में बंद कर लाठी डंडों से बेरहमी से मारा पीटा। जिसकी सूचना उन्होंने 112 नंबर पुलिस को दी तो मौके पर पुलिस पहुंची ,जहां पर काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने आरोपियों का घर का मैन गेट खुलवाया और बंद कमरे से बंधक बनाकर रखा कासम को आरोपियों से छुड़वाया। 112 नंबर पुलिस ने कासम को गंभीर हालत में आरोपियों के बंधन से छुड़वाकर उपचार के लिए भिजवाया। इस दौरान आरोपियों ने कहा कि आज तो तुम्हें पुलिस ने बचा लिया है बाकी फिर किसी दिन तुम्हें जान से मारा जाएगा। घायल की हालत गंभीर, रेफर किया पीड़ित ने बताया कि इस मौके पर अब्दुल गनी, नसरुद्दीन व गांव के अन्य दर्जन भर लोग मौजूद थे। इस दौरान कासम और हफीज को गहरी चोट आई और उन्हें मांड़ी खेड़ा के सरकारी अस्पताल ले गया, जहां पर उनका प्राथमिक उपचार करने के बाद उनकी गंभीर चोटें देखते हुए उन्हें नूंह के मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया और मेडिकल कॉलेज से उन्हें रोहतक पीजीआई के लिए रेफर कर दिया। लाठी डंडों से हमला किया इस दौरान पीड़ित कासम और हफीज ने बताया कि आरोपी दबंग लड़ाकू किस्म के व्यक्ति हैं, जो पापड़ा गांव से आकर पिछले 6-7 सालों से शाह चोखा गांव में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि पापड़ा गांव में भी उक्त आरोपियों ने लड़ाई झगड़े में एक व्यक्ति को लाठी डंडों से मारकर गांव शाह चोखा में आकर बसे हैं ,जो दबंग किस्म के व्यक्ति हैं। पड़ोसी के घर शादी का माहौल इस दौरान गांव के अब्दुल गनी, नसरुद्दीन ,उमर मोहम्मद,अमीर, शाहिद सहित अन्य लोगों ने बताया कि जब एक पड़ोसी के घर शादी का माहौल था तो वहां पर डीजे चल रहा था, जहां पर खड़े हुए हफीज को बगैर किसी बात के लाठी मार कर इन लोगों ने घायल कर दिया था। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने पापड़ा गांव में भी पहले एक व्यक्ति की लड़ाई झगड़े में हत्या कर दी थी और गांव शाह चोखा में भी बार-बार इसी बात को दोहराते हैं कि हम पापड़ा गांव से भी आदमी मारकर आए हैं और यहां भी दबंगई दिखाते हैं। पुलिस ने मामला किया दर्ज इस मामले में पुलिस का कहना है कि अक्की, शकील, वकील, गुलाम नबी, जुबेर ,अकरम ,जाहिर, साजिद, धोली अर्शिदा और शहरूणा के खिलाफ बंधक बनाकर मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और इस मामले में आगामी कार्रवाई की जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फतेहाबाद में रोडवेज बस पलटी:15 से 20 लोग घायल; रोड को मिट्टी से भरी था
फतेहाबाद में रोडवेज बस पलटी:15 से 20 लोग घायल; रोड को मिट्टी से भरी था फतेहाबाद से चंडीगढ़ जा रही रोडवेज बस आज सुबह टोहाना के पास पलट गई। बस में सवार सवारियों, बस चालक के साथ परिचालक घायल हैं। बस पलटते ही ग्रामीणों ने लोगों को बाहर निकाला, जिसके बाद घायलों को नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद लोगों ने खराब रोड को लेकर प्रदर्शन किया। फतेहाबाद डिपो की रोडवेज बस आज सुबह फतेहाबाद से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई थी। बस रतिया से निकलकर जब टोहाना की तरफ जा रही थी तभी टोहाना के पास जमालपुर गांव की रोड पर रोडवेज बस अचानक साढ़े 8 बजे रोड के किनारे मिट्टी में धंसने से पलट गई। बस के पलटने से 15 से 20 लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे की दो तस्वीरें… सड़कों को मिट्टी से भर जा रहा
ग्रामीणों ने बताया कि मेन रोड पर पुल बन रहा है, जिस वजह से ये हादसे हो रहे हैं। विकल्प के तौर पर इस रोड को चौड़ा किया जाना चाहिए था, लेकिन नहीं किया गया। ठेकेदार ने इस सड़क के किनारों की मिट्टी सही तरीके से नहीं भरी, जिस कारण लगातार यहां वाहन मिट्टी धंसने से दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं और आज तो रोडवेज बस पलट गई। यदि कोई जान माल का नुकसान होता तो जिम्मेदारी कौन लेता। वैकल्पिक रोड पर भी जाम लगने से वाहनों की लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई।
हरियाणा के किसान नेता को धमकी:बोला- तुमने किसानों का ठेका ले रखा क्या, विरोध बंद करो वर्ना तुम्हारी लाश तक नहीं मिलेगी
हरियाणा के किसान नेता को धमकी:बोला- तुमने किसानों का ठेका ले रखा क्या, विरोध बंद करो वर्ना तुम्हारी लाश तक नहीं मिलेगी हरियाणा में किसान नेता को जान से मारने की धमकी मिली है। उन्हें फोन कर धमकाया गया कि नकली खाद-बीज और पेस्टिसाइड का विरोध करना बंद कर दो वर्ना तुम्हारी लाश तक नहीं मिलने देंगे। फोन पर धमकी मिलने के बाद सिरसा के रहने वाले भारतीय किसान एकता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह ने पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस ने धमकी देने के लिए इस्तेमाल नंबर के जरिए आरोपी के बारे में जांच शुरू कर दी है। किसान नेता लखविंदर सिंह का कहना है कि वह कई वर्षों से किसान और मजदूरों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वह ‘भारतीय किसान एकता संगठन’ एक मुहिम के तहत किसानों को नकली व एक्सपायरी कीड़े मार दवाइयां, खाद व बीज बेचने वाले लोगों पर कार्रवाई करवा रहे हैं। उन्हें शक है कि जिन फर्जी फर्मों के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई कराई, वह इसके पीछे हो सकते हैं। किसान नेता को फोन पर दी गई धमकी
किसान नेता ने बताया कि 23 अगस्त की रात 10 बजकर 23 मिनट पर उसे एक अज्ञात व्यक्ति ने कॉल किया और धमकी दी। कॉल पर अज्ञात व्यक्ति ने किसान नेता से कहा की- “किसानों के साथ हो रही ठगी का तुमने ठेका ले रखा है क्या, तुम जो कार्रवाई कर रहे हो उसे तुरंत बंद करो, नहीं तो फिर तुम अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहो।” एक नंबर ब्लॉक किया तो दूसरे से फिर किया कॉल
धमकी मिलने पर किसान नेता ने फोन काट दिया तो आरोपी ने फिर से फोन किया और किसान नेता को फिर से धमकाने और डराने का प्रयास किया। लगातार आ रही कॉल से जब किसान नेता ने उस नंबर को ब्लॉक कर दिया तो शातिर आरोपी ने फिर नंबर बदलकर किसान नेता को फोन किया और कहा कि- “हमारे पास ऐसे आदमी हैं जो तुम्हारी लाश तक नहीं मिलने देंगे।” किसान नेता ने कहा- ‘अनहोनी हुई तो अज्ञात शख्स होगा जिम्मेदार’
फोन पर धमकी मिलने से परेशान किसान नेता ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। किसान नेता ने पुलिस से मांग की है कि आरोपी शख्स पर तुरंत कार्रवाई कर उसे गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही किसान नेता ने कहा कि- “अगर भविष्य में मेरे साथ किसी भी तरह की अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेदारी उक्त अज्ञात शख्स की ही होगी।” ‘फर्जी फ़र्मो की हो सकती है शरारत’
मिली जानकारी के अनुसार किसान नेता को शक है कि उनको धमकी उन्हीं लोगों ने दी है जिन पर कृषि विभाग ने कार्रवाई की है। किसान नेता ने बताया कि भारतीय किसान एकता संगठन लगातार किसानों के हितों में काम कर रहा है लेकिन कुछ लोग संगठन के काम से नाखुश हैं क्योंकि संगठन ने कई फर्जी लोगों की दुकानों को बंद कराने में अहम भूमिका अदा की है। इस दौरान किसान नेता लखविंदर सिंह ने बताया कि इन्हीं नाखुश लोगों में से किसी ने उन्हें धमकी देकर किसानों के हित में काम करने से रोकने का असफल प्रयास किया है। कई फर्जी दुकानों को बंद करवा चुका है लखविंदर
किसान नेता ने कहा कि भारतीय किसान एकता संगठन के तहत चलाई जा रही मुहिम के जरिए उन्होंने कई फर्जी दुकानों पर कार्रवाई करवाई है। हाल ही में सिरसा, फतेहाबाद और हिसार की कई दुकानों पर लखविंदर सिंह के कारण कृषि विभाग ने छापेमारी की है। साथ ही विभाग ने दोषी फ़र्मो के लाइसेंस भी रद्द किए हैं। अकाली दल का समर्थक रहा है लखविंदर
किसानों के हित में काम करने वाला किसान नेता लखविंदर बीजेपी और कांग्रेस नहीं बल्कि अकाली दल के समर्थक रहे हैं। 2019 में इन्हें अकाली दल ने सिरसा जिला अध्यक्ष भी नियुक्त किया था। किसान आंदोलन के दौरान भी लखविंदर सिंह काफी एक्टिव थे जिस वजह से सिरसा जिले में वह काफी मशहूर भी हो गए थे।
खट्टर के दिल्ली जाने से नहीं हो रहा डैमेज कंट्रोल:CM सिटी के 5 बड़े नेता पार्टी छोड़ गए; केवल एक को ही मना पाए सैनी
खट्टर के दिल्ली जाने से नहीं हो रहा डैमेज कंट्रोल:CM सिटी के 5 बड़े नेता पार्टी छोड़ गए; केवल एक को ही मना पाए सैनी हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के सांसद बनने पर करनाल छोड़ने से भाजपा के हाथ से जिले की पकड़ भी ढीली होती जा रही है। यहां लगातार नेताओं के इस्तीफे आ रहे हैं और पार्टी में बगावती सुर भी मुखर हो रहे हैं। मौजूदा CM नायब सैनी करनाल में डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बात नहीं बन रही, क्योंकि पार्टी ने नायब सैनी को भी करनाल छोड़ लाडवा से उम्मीदवार बनाया है। जबकि सैनी खुद चाहते थे कि वह करनाल से ही विधानसभा चुनाव लड़ें। पार्टी की रिपोर्ट में बताया गया है कि नायब सैनी को बाहरी होने के कारण करनाल की जनता नापसंद कर रही थी, इसलिए उन्हें करनाल की बजाय लाडवा से कैंडिडेट घोषित किया गया है। जगमोहन आनंद को लोकल होने के चलते करनाल सीट पर खड़ा किया गया है, लेकिन पार्टी से अलग हुए नेता हरपाल कलामपुरा कह चुके हैं कि सैनी को पार्टी ने ही परेशान कर लाडवा भेजा है। करनाल में राजनीति के जानकार मानते हैं कि जब तक यहां से मनोहर लाल खट्टर विधायक रहे और 2 बार CM बने, तब तक पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक था। क्योंकि यहां के ज्यादातर नेता खट्टर के जरिए ही पार्टी में लाए गए, और उनसे ही इन नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट दिलवाने की आशा थी। खट्टर के दिल्ली की राजनीति में इन्वॉल्व होने से करनाल के नेता टिकट से भी वंचित रह गए। इसका असर यह हुआ कि जिले के 5 बड़े नेता अब तक पार्टी छोड़ चुके हैं। करनाल में भाजपा के हालात बिगड़ने के 3 प्रमुख कारण… 1. पूर्व सीएम खट्टर की दूरी
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद मनोहर लाल खट्टर की करनाल से दूरी बढ़ गई, जबकि खट्टर ही वह धागा थे, जिससे करनाल के नेता एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। उनके केंद्र में चले जाने से इन नेताओं को भाजपा का कोई अन्य बड़ा नेता संभाल नहीं पाया, जिससे पार्टी यहां कमजोर हो चली है और नेतृत्व भटकता नजर आ रहा है। 2. टिकट कटने से नाराजगी
खट्टर पंजाबी समाज से आते हैं। लोकसभा में जाने के बाद उपचुनाव में नायब सैनी को यहां से चुनाव लड़वाया गया। उस समय भी बाहरी होने का मुद्दा उठा था, लेकिन खट्टर इसे कंट्रोल कर गए। इसके चलते सैनी को उपचुनाव में जीत मिली। लोकल-बाहरी का मुद्दा इस बार न बने, इसलिए पार्टी ने सैनी को लाडवा विधानसभा भेज दिया और पंजाबी चेहरा जगमोहन आनंद को यहां से उम्मीदवार बना दिया। हालांकि, कार्यकर्ता यहां विरोध जगमोहन आनंद का भी कर रहे हैं, क्योंकि उनकी कहना है कि जगमोहन यहां एक्टिव नहीं रहे। इनके लिए पार्टी ने खट्टर के करीबी 4 नेताओं रेणु बाला गुप्ता, मुकेश अरोड़ा, अशोक सुखीजा और जय प्रकाश को दरकिनार कर दिया। 3. बागी नेताओं को नहीं मनाया गया
तीसरा मुख्य कारण यह भी माना जा रहा है कि टिकट कटने से नाराज नेताओं को मनाने के लिए न तो CM नायब सैनी पहुंचे और न ही पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर पहुंच पाए। इस कारण असंध से जिले राम शर्मा, करनाल से पूर्व मंत्री जय प्रकाश, इंद्री से कर्ण देव कंबोज, करनाल से हरपाल कलामपुरा और युवा नेता सुरेंद्र उड़ाना पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। पूर्व मेयर को मना लिया, लेकिन प्रचार से दूरी
करनाल की पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता भी टिकट न मिलने से नाराज हो गई थीं, लेकिन भाजपा ने उन्हें मना लिया है। मुख्यमंत्री सैनी खुद उन्हें मनाने के लिए पहुंचे थे। मनोहर लाल खट्टर ने भी उनके घर जाकर उनसे बात की। इसके बाद रेणु बाला ने भाजपा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया और शनिवार को हुई प्रधानमंत्री की पब्लिक मीटिंग में भी शामिल हुईं। हालांकि, भाजपा कैंडिडेट जगमोहन आनंद के चुनाव प्रचार से उन्होंने दूरी बनाई हुई है, जबकि रेणु बाला को मनाने और उनका समर्थन मांगने के लिए उनके घर जगमोहन आनंद भी गए थे। करनाल से बाहर भी BJP में घमासान
इंद्री में पूर्व राज्य मंत्री और पूर्व विधायक कर्ण देव कंबोज ने BJP को ‘गद्दारों की पार्टी’ बताते हुए छोड़ दिया। उन्हें मनाने के लिए CM नायब सैनी पहुंचे थे, लेकिन कंबोज इतने नाराज थे कि उन्होंने सैनी से हाथ तक नहीं मिलाया। इसके बाद कंबोज कांग्रेस में शामिल हो गए। इंद्री में ही प्रदेश मीडिया कोआर्डिनेटर सुरेंद्र उड़ाना ने भी BJP को अलविदा कह दिया और BSP-INLD के उम्मीदवार बनकर मैदान में उतर गए। उधर, जिलेराम शर्मा ने भी पार्टी छोड़ दी। उन्होंने 6 महीने पहले ही पूर्व CM मनोहर लाल के नेतृत्व में BJP जॉइन की थी। 2014 में करनाल की पांचों सीटें जीती भाजपा
2014 के विधानसभा चुनाव में मोदी की लहर के दम पर करनाल की पांचों सीटें करनाल, इंद्री, असंध, नीलोखेड़ी और घरौंडा भाजपा ने जीती थीं। इसके बाद 2019 के चुनाव में भी भाजपा ने घरौंडा, करनाल और इंद्री में जीत का सिलसिला जारी रखा, लेकिन असंध और नीलोखेड़ी को भाजपा ने गंवा दिया। दोनों चुनाव खट्टर के नेतृत्व में ही लड़े गए। इस बार पार्टी ने करनाल और असंध सीट पर चेहरे बदले हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष बना हुआ है। इसके बीच पार्टी के लिए पिछले 2 बार जैसे प्रदर्शन को दोहराना बड़ी चुनौती होगी।