हरियाणा के नूंह में शुक्रवार को विशेष जांच समिति (एसआईसी) की टीम ने श्रम विभाग कार्यालय में रेड की। टीम के पहुंचते ही कार्यालय में हड़कंप मच गया। टीम ने संबंधित अधिकारियों को समस्त रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के निर्देश दिए है। ये कार्रवाई सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अब्दुल मजीद की अध्यक्षता में हुई। मंत्री अनिल विज के निर्देश पर हुई जांच
नूंह और गुरुग्राम में औद्योगिक कंपनियों में फर्जी घटनाओं को दिखाकर गलत दावे आवेदन प्रस्तुत करके बीमा कंपनियों से मुआवजा लेने की लगातार मिल रही शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए श्रम मंत्री अनिल विज ने जांच के लिए एक विशेष जांच समिति (एसआईसी) का गठन किया था। जिसमें बताया गया था कि 2021 से 2024 तक नूंह और गुरुग्राम में औद्योगिक कंपनियों में फर्जी घटनाओं को दिखाकर कर्मचारी प्रतिकर (कंपनसेशन) अधिनियम, 1923 के तहत गलत दावे आवेदन प्रस्तुत करके बीमा कंपनियों से मुआवजा लिया गया था। इन आवेदनों की जांच के लिए बीते 10 जनवरी को सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अब्दुल मजीद की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति गठित की गई, जो जांच करने के लिए नूंह पहुंची। विशेष जांच समिति के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल मजीद ने बताया कि नूंह और गुरुग्राम में 2021 से 2024 तक फर्जी तरीके से बीमा कंपनियों से मुआवजा लेने की याचिका पर उन्हें इसकी जांच करने का जिम्मा सौंपा गया है। जांच के दायरे में जितनी भी फाइलें है उनकी जांच शुरू कर दी गई है। उसी के लिए आज नूंह के श्रम विभाग के कार्यालय में जांच की गई है। संबंधित अधिकारियों रिकॉर्ड पूरा करने के साथ ही फाइलों की पेज मार्किंग करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा नूंह में अन्य राज्यों की फाइल काफी ज्यादा है। करीब 500 फाइलों की जांच करेगी टीम जानकारी के अनुसार 2021 से 2024 तक करीब 500 ऐसी फाइल है, जिनमें फर्जी तरीके से बीमा कंपनियों से मुआवजा लिया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश, गुजरात,राजस्थान, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के लोगो को मुआवजा दिया गया है। किसी अन्य राज्यों में अगर किसी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना हुई थी तो उसका मेडिकल नूंह में कराकर फर्जी तरीके मुआवजा लिया गया है। जिन्हें नोटिस दिया गया है। इनमें डॉक्टर और पुलिस कर्मचारी भी शामिल है, जिसकी जांच अब टीम को करनी है। अगर इस पूरे मामले की जांच हुई तो नूंह में करोड़ों का घोटाला सामने आ सकता है। डॉ. अब्दुल मजीद ने साफ कर दिया है कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच के दायरे में आने वाले काफी लोगों को नोटिस भेज दिया गया है। जिसमे नूंह, पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका के कर्मचारी भी शामिल है। जो बचे हुए है उनको भी नोटिस दिया जाएगा। हरियाणा के नूंह में शुक्रवार को विशेष जांच समिति (एसआईसी) की टीम ने श्रम विभाग कार्यालय में रेड की। टीम के पहुंचते ही कार्यालय में हड़कंप मच गया। टीम ने संबंधित अधिकारियों को समस्त रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के निर्देश दिए है। ये कार्रवाई सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अब्दुल मजीद की अध्यक्षता में हुई। मंत्री अनिल विज के निर्देश पर हुई जांच
नूंह और गुरुग्राम में औद्योगिक कंपनियों में फर्जी घटनाओं को दिखाकर गलत दावे आवेदन प्रस्तुत करके बीमा कंपनियों से मुआवजा लेने की लगातार मिल रही शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए श्रम मंत्री अनिल विज ने जांच के लिए एक विशेष जांच समिति (एसआईसी) का गठन किया था। जिसमें बताया गया था कि 2021 से 2024 तक नूंह और गुरुग्राम में औद्योगिक कंपनियों में फर्जी घटनाओं को दिखाकर कर्मचारी प्रतिकर (कंपनसेशन) अधिनियम, 1923 के तहत गलत दावे आवेदन प्रस्तुत करके बीमा कंपनियों से मुआवजा लिया गया था। इन आवेदनों की जांच के लिए बीते 10 जनवरी को सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अब्दुल मजीद की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति गठित की गई, जो जांच करने के लिए नूंह पहुंची। विशेष जांच समिति के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल मजीद ने बताया कि नूंह और गुरुग्राम में 2021 से 2024 तक फर्जी तरीके से बीमा कंपनियों से मुआवजा लेने की याचिका पर उन्हें इसकी जांच करने का जिम्मा सौंपा गया है। जांच के दायरे में जितनी भी फाइलें है उनकी जांच शुरू कर दी गई है। उसी के लिए आज नूंह के श्रम विभाग के कार्यालय में जांच की गई है। संबंधित अधिकारियों रिकॉर्ड पूरा करने के साथ ही फाइलों की पेज मार्किंग करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा नूंह में अन्य राज्यों की फाइल काफी ज्यादा है। करीब 500 फाइलों की जांच करेगी टीम जानकारी के अनुसार 2021 से 2024 तक करीब 500 ऐसी फाइल है, जिनमें फर्जी तरीके से बीमा कंपनियों से मुआवजा लिया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश, गुजरात,राजस्थान, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के लोगो को मुआवजा दिया गया है। किसी अन्य राज्यों में अगर किसी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना हुई थी तो उसका मेडिकल नूंह में कराकर फर्जी तरीके मुआवजा लिया गया है। जिन्हें नोटिस दिया गया है। इनमें डॉक्टर और पुलिस कर्मचारी भी शामिल है, जिसकी जांच अब टीम को करनी है। अगर इस पूरे मामले की जांच हुई तो नूंह में करोड़ों का घोटाला सामने आ सकता है। डॉ. अब्दुल मजीद ने साफ कर दिया है कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच के दायरे में आने वाले काफी लोगों को नोटिस भेज दिया गया है। जिसमे नूंह, पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका के कर्मचारी भी शामिल है। जो बचे हुए है उनको भी नोटिस दिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर