नोएडा प्राधिकरण का अवैध इमारतों पर एक्शन शुरू, ये बिल्डिंग अवैध है लिखकर दी चेतावनी

नोएडा प्राधिकरण का अवैध इमारतों पर एक्शन शुरू, ये बिल्डिंग अवैध है लिखकर दी चेतावनी

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> नोएडा प्राधिकरण ने अवैध निर्माण पर सख्त रुख अपनाते हुए गढ़ी चौखंडी और बसई गांव में बड़ी कार्रवाई की है. प्राधिकरण द्वारा 22 अवैध इमारतों को चिन्हित करते हुए उन पर लाल स्याही से “ये बिल्डिंग अवैध है” लिख दिया गया है. चिन्हित की गई इमारतों में दुकानें, रिहायशी भवन और होटल शामिल हैं. इसके साथ ही अवैध रूप से लगे वेंडरों को भी हटा दिया गया है. प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गढ़ी चौखंडी गांव के खसरा नंबर 13, 16, 17, 34, 35, 36, 37 और 38 की भूमि को पहले ही प्राधिकरण द्वारा अर्जित और अधिसूचित किया जा चुका है. एफएनजी रोड और पुश्ता मार्ग के बीच स्थित इस भूमि पर लंबे समय से अवैध निर्माण किया जा रहा था. प्राधिकरण द्वारा कई बार निर्माण कार्य को रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा लगातार विरोध और अभद्रता की गई. इसके चलते अब इन इमारतों पर स्पष्ट रूप से अवैध निर्माण की चेतावनी अंकित कर दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्राधिकरण द्वारा इन सभी इमारतों पर नोटिस भी चस्पा किए गए हैं. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि संबंधित लोग स्वयं इन इमारतों को नहीं गिराते तो प्राधिकरण द्वारा इन्हें ध्वस्त किया जाएगा और खर्च की वसूली भी की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीईओ लोकेश एम. के निर्देश पर सर्किल-1 से 10 तक के सभी वरिष्ठ प्रबंधकों ने अपने क्षेत्रों में अवैध इमारतों की सूची बनानी शुरू कर दी है. इसके लिए एक संयुक्त सर्वे भी कराया गया है. सर्वे के दौरान उन भूखंडों की भी जांच की जा रही है, जहां पहले अवैध निर्माण था और कार्रवाई के बाद उन्हें तोड़ा गया था. यदि ऐसे भूखंडों पर पुनः निर्माण होता पाया गया, तो संबंधित व्यक्ति को भूमाफिया की श्रेणी में रखा जाएगा और इस संबंध में एक रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जनवरी 2024 से अब तक प्राधिकरण ने लगभग 1.93 लाख वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया है, जिसकी अनुमानित कीमत 1,068 करोड़ रुपये है. यह जमीन मास्टर प्लान 2031 के तहत नियोजित की गई है, जहां भविष्य की योजनाएं और परियोजनाएं विकसित की जानी हैं. अब तक 24 मामलों में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, जबकि 118 मामलों की जांच डीसीपी स्तर पर चल रही है. इन मामलों में भी जल्द कानूनी कार्रवाई की जाएगी.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> नोएडा प्राधिकरण ने अवैध निर्माण पर सख्त रुख अपनाते हुए गढ़ी चौखंडी और बसई गांव में बड़ी कार्रवाई की है. प्राधिकरण द्वारा 22 अवैध इमारतों को चिन्हित करते हुए उन पर लाल स्याही से “ये बिल्डिंग अवैध है” लिख दिया गया है. चिन्हित की गई इमारतों में दुकानें, रिहायशी भवन और होटल शामिल हैं. इसके साथ ही अवैध रूप से लगे वेंडरों को भी हटा दिया गया है. प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गढ़ी चौखंडी गांव के खसरा नंबर 13, 16, 17, 34, 35, 36, 37 और 38 की भूमि को पहले ही प्राधिकरण द्वारा अर्जित और अधिसूचित किया जा चुका है. एफएनजी रोड और पुश्ता मार्ग के बीच स्थित इस भूमि पर लंबे समय से अवैध निर्माण किया जा रहा था. प्राधिकरण द्वारा कई बार निर्माण कार्य को रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा लगातार विरोध और अभद्रता की गई. इसके चलते अब इन इमारतों पर स्पष्ट रूप से अवैध निर्माण की चेतावनी अंकित कर दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्राधिकरण द्वारा इन सभी इमारतों पर नोटिस भी चस्पा किए गए हैं. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि संबंधित लोग स्वयं इन इमारतों को नहीं गिराते तो प्राधिकरण द्वारा इन्हें ध्वस्त किया जाएगा और खर्च की वसूली भी की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीईओ लोकेश एम. के निर्देश पर सर्किल-1 से 10 तक के सभी वरिष्ठ प्रबंधकों ने अपने क्षेत्रों में अवैध इमारतों की सूची बनानी शुरू कर दी है. इसके लिए एक संयुक्त सर्वे भी कराया गया है. सर्वे के दौरान उन भूखंडों की भी जांच की जा रही है, जहां पहले अवैध निर्माण था और कार्रवाई के बाद उन्हें तोड़ा गया था. यदि ऐसे भूखंडों पर पुनः निर्माण होता पाया गया, तो संबंधित व्यक्ति को भूमाफिया की श्रेणी में रखा जाएगा और इस संबंध में एक रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जनवरी 2024 से अब तक प्राधिकरण ने लगभग 1.93 लाख वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया है, जिसकी अनुमानित कीमत 1,068 करोड़ रुपये है. यह जमीन मास्टर प्लान 2031 के तहत नियोजित की गई है, जहां भविष्य की योजनाएं और परियोजनाएं विकसित की जानी हैं. अब तक 24 मामलों में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, जबकि 118 मामलों की जांच डीसीपी स्तर पर चल रही है. इन मामलों में भी जल्द कानूनी कार्रवाई की जाएगी.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड लाडकी बहिन योजना के अकाउंट से करोड़ों का ट्रांजेक्शन, महिलाओं से ठगी, साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश