नोएडा में टॉयलेट फ्लश दबाते ही हुआ धमाका! 20 साल का युवक बुरी तरह झुलसा, चौंकाने वाली है वजह

नोएडा में टॉयलेट फ्लश दबाते ही हुआ धमाका! 20 साल का युवक बुरी तरह झुलसा, चौंकाने वाली है वजह

<p style=”text-align: justify;”><strong>Noida</strong> <strong>News</strong><strong>:</strong> ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-36 में एक चौंकाने वाली घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया. एक घर के बाथरूम में अचानक हुए विस्फोट में 20 वर्षीय युवक आशु नागर बुरी तरह झुलस गया. यह हादसा तब हुआ जब आशु ने वेस्टर्न टॉयलेट का फ्लश दबाया, जिसके बाद तेज धमाके के साथ आग की लपटें निकलीं. शुरूआती जांच में सामने आया कि विस्फोट का कारण सीवर में जमी मीथेन गैस थी. इस घटना ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना सेक्टर-36 के मकान नंबर सी-364 में सुनील प्रधान के घर में हुई. सुनील के 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले बेटे आशु ने जैसे ही टॉयलेट का फ्लश दबाया, विस्फोट हुआ और टॉयलेट सीट के परखच्चे उड़ गए. आशु के चेहरे, हाथ, पैर और शरीर का लगभग 35% हिस्सा झुलस गया. उसे तुरंत कासना के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जिम्स) अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर लेकिन स्थिर बताई जा रही है. सुनील प्रधान ने बताया कि उनके बेटे ने कोई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट इस्तेमाल नहीं किया था, जिससे यह साफ है कि विस्फोट मीथेन गैस के कारण हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मीथेन गैस और सीवर जाम की भूमिका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेषज्ञों के अनुसार, सीवर लाइन में लंबे समय तक सफाई न होने और वेंटिलेशन की कमी के कारण मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी ज्वलनशील गैसें जमा हो सकती हैं. सेक्टर के निवासियों का आरोप है कि पी-3 गोलचक्कर के पास पिछले डेढ़ साल से सीवर लाइन टूटी हुई है, जिसकी शिकायत प्राधिकरण को कई बार की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. एक्टिव सिटिजन टीम के सदस्य हरेंद्र भाटी ने बताया कि पहले सीवर सिस्टम में वेंट पाइप लगाए जाते थे, जो गैस को बाहर निकालते थे, लेकिन अब ऐसी व्यवस्था नहीं है. इससे गैस पाइपलाइन में जमा होकर टॉयलेट सीट तक पहुंच जाती है, जिससे विस्फोट का खतरा बढ़ जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्राधिकरण पर लापरवाही के आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय लोगों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ गुस्सा है. उनका कहना है कि प्राधिकरण ने सीवर सिस्टम की नियमित सफाई और रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया. सेक्टर डेल्टा-2 के आरडब्ल्यूए सचिव आलोक नागर ने कहा कि जाम सीवर लाइनों में मीथेन गैस बनना आम है, और अगर वेंटिलेशन की व्यवस्था न हो तो ऐसी घटनाएं हो सकती हैं. निवासियों ने मांग की है कि प्राधिकरण तुरंत सीवर लाइनों की जांच करे और गैस निकासी के लिए पाइपलाइनों को दुरुस्त करे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्राधिकरण का इनकार </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक एपी वर्मा ने दावा किया कि सीवर लाइन की जांच में कोई खराबी नहीं मिली और सिस्टम सुचारू रूप से काम कर रहा है. प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा कि यह पहली ऐसी घटना है और इसकी गहन जांच की जाएगी. प्राधिकरण ने आईआईटी विशेषज्ञों से भी जांच कराने का फैसला लिया है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Noida</strong> <strong>News</strong><strong>:</strong> ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-36 में एक चौंकाने वाली घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया. एक घर के बाथरूम में अचानक हुए विस्फोट में 20 वर्षीय युवक आशु नागर बुरी तरह झुलस गया. यह हादसा तब हुआ जब आशु ने वेस्टर्न टॉयलेट का फ्लश दबाया, जिसके बाद तेज धमाके के साथ आग की लपटें निकलीं. शुरूआती जांच में सामने आया कि विस्फोट का कारण सीवर में जमी मीथेन गैस थी. इस घटना ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना सेक्टर-36 के मकान नंबर सी-364 में सुनील प्रधान के घर में हुई. सुनील के 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले बेटे आशु ने जैसे ही टॉयलेट का फ्लश दबाया, विस्फोट हुआ और टॉयलेट सीट के परखच्चे उड़ गए. आशु के चेहरे, हाथ, पैर और शरीर का लगभग 35% हिस्सा झुलस गया. उसे तुरंत कासना के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जिम्स) अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर लेकिन स्थिर बताई जा रही है. सुनील प्रधान ने बताया कि उनके बेटे ने कोई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट इस्तेमाल नहीं किया था, जिससे यह साफ है कि विस्फोट मीथेन गैस के कारण हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मीथेन गैस और सीवर जाम की भूमिका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेषज्ञों के अनुसार, सीवर लाइन में लंबे समय तक सफाई न होने और वेंटिलेशन की कमी के कारण मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी ज्वलनशील गैसें जमा हो सकती हैं. सेक्टर के निवासियों का आरोप है कि पी-3 गोलचक्कर के पास पिछले डेढ़ साल से सीवर लाइन टूटी हुई है, जिसकी शिकायत प्राधिकरण को कई बार की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. एक्टिव सिटिजन टीम के सदस्य हरेंद्र भाटी ने बताया कि पहले सीवर सिस्टम में वेंट पाइप लगाए जाते थे, जो गैस को बाहर निकालते थे, लेकिन अब ऐसी व्यवस्था नहीं है. इससे गैस पाइपलाइन में जमा होकर टॉयलेट सीट तक पहुंच जाती है, जिससे विस्फोट का खतरा बढ़ जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्राधिकरण पर लापरवाही के आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय लोगों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ गुस्सा है. उनका कहना है कि प्राधिकरण ने सीवर सिस्टम की नियमित सफाई और रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया. सेक्टर डेल्टा-2 के आरडब्ल्यूए सचिव आलोक नागर ने कहा कि जाम सीवर लाइनों में मीथेन गैस बनना आम है, और अगर वेंटिलेशन की व्यवस्था न हो तो ऐसी घटनाएं हो सकती हैं. निवासियों ने मांग की है कि प्राधिकरण तुरंत सीवर लाइनों की जांच करे और गैस निकासी के लिए पाइपलाइनों को दुरुस्त करे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्राधिकरण का इनकार </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक एपी वर्मा ने दावा किया कि सीवर लाइन की जांच में कोई खराबी नहीं मिली और सिस्टम सुचारू रूप से काम कर रहा है. प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा कि यह पहली ऐसी घटना है और इसकी गहन जांच की जाएगी. प्राधिकरण ने आईआईटी विशेषज्ञों से भी जांच कराने का फैसला लिया है.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शिमला में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की ‘पैदल नहीं तो पैडल सही’ अभियान की शुरुआत, कहा- ‘प्रदूषण…’