कानपुर के बाद अब गौतमबुद्धनगर में फर्जी एनकाउंटर का खुलासा हुआ है। बीटेक स्टूडेंट को मुठभेड़ में गोली मारने वाले पूर्व SHO समेत 12 पुलिसवालों पर मंगलवार को नोएडा के जेवर थाने में FIR हुई है। छात्र के पिता ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए कोर्ट में शिकायत की थी। उन्होंने आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ तीन साल कानूनी लड़ाई लड़ी। पिता का आरोप था कि पुलिस वाले एक हत्या के मामले में मुझे और बेटे को घर से ले गए। करंट लगाया। जुर्म कबूल करने की धमकी दी। पिता ने घर से हिरासत में लिए जाने का CCTV कोर्ट में पेश किया। जिसमें पुलिस वाले बाप-बेटे को कहीं ले जाते दिख रहे हैं। पीड़ित के पिता ने वह CCTV भास्कर से भी साझा किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सोमवार को FIR के आदेश दिए थे, मंगलवार को पुलिसवालों पर केस दर्ज हुआ है। इनमें SHO के अलावा 6 दरोगा और 5 कॉन्स्टेबल हैं। CCTV फुटेज देखिए अब विस्तार से पढ़िए… मथुरा का रहने वाला परिवार, दिल्ली में रहता था बेटा
मथुरा के कदंब विहार निवासी तरुण गौतम ने बताया- 4 सितंबर, 2022 की शाम बिना नंबर प्लेट वाली दो गाड़ियां मेरे घर पहुंची। कार में पुलिसकर्मी थे। ये सभी लोग मेरे बेटे सोमेश के बारे में पूछते हुए घर के अंदर घुस आए। मैंने उन्हें बताया कि बेटा राजस्थान के कोटा से बीटेक कर रहा है। वो दिल्ली में तीन महीने के लिए कोचिंग करने गया है। पुलिसकर्मियों ने मेरे साथ मारपीट की। घर में घुसकर तोड़फोड़ की और अलमारी से 22 हजार रुपए लूट लिए। फिर मुझे जबरन कार में बिठाकर दिल्ली ले गए। देर रात मैं बेटे सोमेश के दिल्ली के शकरपुर स्थित कमरे पर पहुंचा। पुलिस वालों ने मेरे बेटे को बहुत पीटा और कार में डाल लिया। उस वक्त पुलिस वालों ने बताया था कि बेटे सोमेश का नाम जेवर कोतवाली क्षेत्र के नीमका गांव में हुए हत्या के एक मामले में सामने आया है। पुलिस वाले मुझे और मेरे बेटे को जेवर थाने लेकर आ गए। यहां मुझे और मेरे बेटे को बहुत पीटा। मेरे बेटे को करंट भी लगाया। धमकी दी कि जैसे मैं बोलता हूं, वैसे ही करो। वरना तुम बाप-बेटे को जान से मार देंगे। आंख में पट्टी बांधी, पैर में मारी गोली
तरुण गौतम ने बताया- 6 सितंबर, 2022 की रात सोमेश के दोनों हाथ पीछे बांध दिए। उसकी आंख में पट्टी बांधकर पुलिस वाले उसे अज्ञात स्थान पर लेकर गए। जहां मुठभेड़ दिखाते हुए उसके पैर में गोली मार दी। उसकी गिरफ्तारी दिखा दी। मेरे बेटे के पास से बाइक और पिस्टल की बरामदगी दिखाई। पुलिसवालों ने बाद में मुझे धमकी दी कि अगर किसी को कुछ बताया, तो जान से मार देंगे। बेटे को छोड़ने के लिए मांगे 1 लाख रुपए
तरुण गौतम ने बताया- पुलिस वालों ने उस पर कई फर्जी मुकदमे दर्ज कर गैंगस्टर एक्ट लगा दिया। बेटे के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने मुझे छोड़ने के एवज में एक लाख रुपए की मांग की। मेरे परिजनों ने रुपए का इंतजाम कर मुझे छुड़ाया। आरोप लगाया कि मैं लगातार कार्रवाई को लेकर थाने के चक्कर काटता रहा। मगर किसी ने मेरी नहीं सुनी। इसके बाद मैं कोर्ट की शरण में पहुंचा। पिता ने ऐसे बेटे सोमेश को बेगुनाह साबित किया कमरे से उठाते हुए सीसीटीवी में कैद हुई पुलिस
तरुण गौतम ने बताया- पुलिस ने जब मुझे छोड़ा तो मैं बेटे को बचाने में जुट गया। मैं जानता था कि वह बेगुनाह है। मैं दिल्ली गया, जहां मेरा बेटा किराए के कमरे में रहता था। वहां लगे आसपास के सीसीटीवी फुटेज मैंने जुटाए। फिर मैंने कोर्ट में दिल्ली से पुलिस के पकड़कर लेने जाने की सीसीटीवी फुटेज जमा कराई। जो अहम सबूत साबत हुआ। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा था कि विपक्षी लोकसेवक हैं। इसके कारण पहले पुलिस कमिश्नर से आदेश लेना जरूरी है। कमिश्नर से अनुमति लेने के बाद मंगलवार को इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया। हिस्ट्रीशीटर नागेश की गोली मारकर हत्या हुई थी
एक सितंबर, 2022 को नीमका गांव में हिस्ट्रीशीटर नागेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नागेश को सुंदर भाटी की गैंग का सदस्य बताया गया। इस मामले में पुलिस ने चमन, दिलीप, प्रवीण, जितेंद्र विजय विकास, सोमेश गौतम पर गैंगस्टर लगाया था। वकील बोले- CBCID की जांच की मांग करेंगे
तरूण गौतम के वकील सीपी गौतम ने बताया- इस मामले को लेकर CBCID जाएंगे। क्योंकि, हमें डर है कि यहां पर जांच को बाधित किया जा सकता है। फर्जी एनकाउंटर से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए… जज ने पूछा- क्या मालखाने से उड़कर गया तमंचा: कानपुर का एनकाउंटर अदालत में झूठा निकला कानपुर पुलिस चार साल पहले मुठभेड़ में दो युवकों को जेल भेजने के मामले में फंस गई है। अपर जिला जज की कोर्ट ने मुठभेड़ को संदिग्ध करार देते हुए आरोपियों को रिहा कर दिया। अदालत ने पुलिस टीम के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही पुलिस कमिश्नर को भी आदेश दिया है कि पूरे मामले की जांच रिपोर्ट पेश करें। खास बात यह है कि जो तमंचा आरोपियों के पास दिखाया गया वो 2014 में एक दूसरे मामले में बरामद किया गया था। कोर्ट के सीन के साथ मालखाने में जमा था। अदालत ने सवाल उठाया कि मालखाने में जमा तमंचे से से फायरिंग कैसे की जा सकती थी? पढ़ें पूरी खबर… जिसे एनकाउंटर में मरा बताया, वो बना रहा रील: फर्जी एनकाउंटर का 16 साल पुराना केस फिर जिंदा साल 2009 में नीमच में हुए बंशी उर्फ शिवा गुर्जर फर्जी एनकाउंटर का केस 16 साल बाद एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल, मामले की जांच कर रही सीबीआई ने इंदौर से डीएसपी ग्लैडविन एडवर्ड और प्रधान आरक्षक नीरज प्रधान को गिरफ्तार किया है। इन दोनों के साथ मामले में 20 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया था। पिछले 10 साल से केस की जांच कर रही सीबीआई आज तक ये नहीं पता लगा सकी कि पुलिस ने जिस शख्स को बंशी गुर्जर बताकर एनकाउंटर किया था, वो कौन था? वहीं असली बंशी गुर्जर ऐश-ओ-आराम की जिंदगी जी रहा है। क्या था पूरा मामला और कैसे इस फर्जी एनकाउंटर का खुलासा हुआ? पढ़िए पूरी रिपोर्ट ………………………. ये खबर भी पढ़ें- मुस्कान की प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव, अब आगे क्या:बच्चा किसका, किसके साथ रहेगा; प्रेग्नेंसी के बाद क्या हैं अधिकार मेरठ में पति सौरभ के टुकड़े करके ड्रम में सीमेंट से जमाने की आरोपी मुस्कान की प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव है। कानून के जानकारों का कहना है कि अगर मुस्कान प्रेग्नेंट है, तो उसे प्रेग्नेंट महिला कैदियों को मिलने वाले सारे लाभ मिलेंगे। लेकिन जहां तक जमानत की बात है, उसके लिए आसान नहीं होगी। महिला कैदियों को जमानत देने के नियम क्या हैं? बच्चे का क्या होगा? क्या सौरभ के माता-पिता के पास रहेगा? भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़िए- पढ़ें पूरी खबर कानपुर के बाद अब गौतमबुद्धनगर में फर्जी एनकाउंटर का खुलासा हुआ है। बीटेक स्टूडेंट को मुठभेड़ में गोली मारने वाले पूर्व SHO समेत 12 पुलिसवालों पर मंगलवार को नोएडा के जेवर थाने में FIR हुई है। छात्र के पिता ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए कोर्ट में शिकायत की थी। उन्होंने आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ तीन साल कानूनी लड़ाई लड़ी। पिता का आरोप था कि पुलिस वाले एक हत्या के मामले में मुझे और बेटे को घर से ले गए। करंट लगाया। जुर्म कबूल करने की धमकी दी। पिता ने घर से हिरासत में लिए जाने का CCTV कोर्ट में पेश किया। जिसमें पुलिस वाले बाप-बेटे को कहीं ले जाते दिख रहे हैं। पीड़ित के पिता ने वह CCTV भास्कर से भी साझा किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सोमवार को FIR के आदेश दिए थे, मंगलवार को पुलिसवालों पर केस दर्ज हुआ है। इनमें SHO के अलावा 6 दरोगा और 5 कॉन्स्टेबल हैं। CCTV फुटेज देखिए अब विस्तार से पढ़िए… मथुरा का रहने वाला परिवार, दिल्ली में रहता था बेटा
मथुरा के कदंब विहार निवासी तरुण गौतम ने बताया- 4 सितंबर, 2022 की शाम बिना नंबर प्लेट वाली दो गाड़ियां मेरे घर पहुंची। कार में पुलिसकर्मी थे। ये सभी लोग मेरे बेटे सोमेश के बारे में पूछते हुए घर के अंदर घुस आए। मैंने उन्हें बताया कि बेटा राजस्थान के कोटा से बीटेक कर रहा है। वो दिल्ली में तीन महीने के लिए कोचिंग करने गया है। पुलिसकर्मियों ने मेरे साथ मारपीट की। घर में घुसकर तोड़फोड़ की और अलमारी से 22 हजार रुपए लूट लिए। फिर मुझे जबरन कार में बिठाकर दिल्ली ले गए। देर रात मैं बेटे सोमेश के दिल्ली के शकरपुर स्थित कमरे पर पहुंचा। पुलिस वालों ने मेरे बेटे को बहुत पीटा और कार में डाल लिया। उस वक्त पुलिस वालों ने बताया था कि बेटे सोमेश का नाम जेवर कोतवाली क्षेत्र के नीमका गांव में हुए हत्या के एक मामले में सामने आया है। पुलिस वाले मुझे और मेरे बेटे को जेवर थाने लेकर आ गए। यहां मुझे और मेरे बेटे को बहुत पीटा। मेरे बेटे को करंट भी लगाया। धमकी दी कि जैसे मैं बोलता हूं, वैसे ही करो। वरना तुम बाप-बेटे को जान से मार देंगे। आंख में पट्टी बांधी, पैर में मारी गोली
तरुण गौतम ने बताया- 6 सितंबर, 2022 की रात सोमेश के दोनों हाथ पीछे बांध दिए। उसकी आंख में पट्टी बांधकर पुलिस वाले उसे अज्ञात स्थान पर लेकर गए। जहां मुठभेड़ दिखाते हुए उसके पैर में गोली मार दी। उसकी गिरफ्तारी दिखा दी। मेरे बेटे के पास से बाइक और पिस्टल की बरामदगी दिखाई। पुलिसवालों ने बाद में मुझे धमकी दी कि अगर किसी को कुछ बताया, तो जान से मार देंगे। बेटे को छोड़ने के लिए मांगे 1 लाख रुपए
तरुण गौतम ने बताया- पुलिस वालों ने उस पर कई फर्जी मुकदमे दर्ज कर गैंगस्टर एक्ट लगा दिया। बेटे के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने मुझे छोड़ने के एवज में एक लाख रुपए की मांग की। मेरे परिजनों ने रुपए का इंतजाम कर मुझे छुड़ाया। आरोप लगाया कि मैं लगातार कार्रवाई को लेकर थाने के चक्कर काटता रहा। मगर किसी ने मेरी नहीं सुनी। इसके बाद मैं कोर्ट की शरण में पहुंचा। पिता ने ऐसे बेटे सोमेश को बेगुनाह साबित किया कमरे से उठाते हुए सीसीटीवी में कैद हुई पुलिस
तरुण गौतम ने बताया- पुलिस ने जब मुझे छोड़ा तो मैं बेटे को बचाने में जुट गया। मैं जानता था कि वह बेगुनाह है। मैं दिल्ली गया, जहां मेरा बेटा किराए के कमरे में रहता था। वहां लगे आसपास के सीसीटीवी फुटेज मैंने जुटाए। फिर मैंने कोर्ट में दिल्ली से पुलिस के पकड़कर लेने जाने की सीसीटीवी फुटेज जमा कराई। जो अहम सबूत साबत हुआ। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा था कि विपक्षी लोकसेवक हैं। इसके कारण पहले पुलिस कमिश्नर से आदेश लेना जरूरी है। कमिश्नर से अनुमति लेने के बाद मंगलवार को इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया। हिस्ट्रीशीटर नागेश की गोली मारकर हत्या हुई थी
एक सितंबर, 2022 को नीमका गांव में हिस्ट्रीशीटर नागेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नागेश को सुंदर भाटी की गैंग का सदस्य बताया गया। इस मामले में पुलिस ने चमन, दिलीप, प्रवीण, जितेंद्र विजय विकास, सोमेश गौतम पर गैंगस्टर लगाया था। वकील बोले- CBCID की जांच की मांग करेंगे
तरूण गौतम के वकील सीपी गौतम ने बताया- इस मामले को लेकर CBCID जाएंगे। क्योंकि, हमें डर है कि यहां पर जांच को बाधित किया जा सकता है। फर्जी एनकाउंटर से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए… जज ने पूछा- क्या मालखाने से उड़कर गया तमंचा: कानपुर का एनकाउंटर अदालत में झूठा निकला कानपुर पुलिस चार साल पहले मुठभेड़ में दो युवकों को जेल भेजने के मामले में फंस गई है। अपर जिला जज की कोर्ट ने मुठभेड़ को संदिग्ध करार देते हुए आरोपियों को रिहा कर दिया। अदालत ने पुलिस टीम के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही पुलिस कमिश्नर को भी आदेश दिया है कि पूरे मामले की जांच रिपोर्ट पेश करें। खास बात यह है कि जो तमंचा आरोपियों के पास दिखाया गया वो 2014 में एक दूसरे मामले में बरामद किया गया था। कोर्ट के सीन के साथ मालखाने में जमा था। अदालत ने सवाल उठाया कि मालखाने में जमा तमंचे से से फायरिंग कैसे की जा सकती थी? पढ़ें पूरी खबर… जिसे एनकाउंटर में मरा बताया, वो बना रहा रील: फर्जी एनकाउंटर का 16 साल पुराना केस फिर जिंदा साल 2009 में नीमच में हुए बंशी उर्फ शिवा गुर्जर फर्जी एनकाउंटर का केस 16 साल बाद एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल, मामले की जांच कर रही सीबीआई ने इंदौर से डीएसपी ग्लैडविन एडवर्ड और प्रधान आरक्षक नीरज प्रधान को गिरफ्तार किया है। इन दोनों के साथ मामले में 20 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया था। पिछले 10 साल से केस की जांच कर रही सीबीआई आज तक ये नहीं पता लगा सकी कि पुलिस ने जिस शख्स को बंशी गुर्जर बताकर एनकाउंटर किया था, वो कौन था? वहीं असली बंशी गुर्जर ऐश-ओ-आराम की जिंदगी जी रहा है। क्या था पूरा मामला और कैसे इस फर्जी एनकाउंटर का खुलासा हुआ? पढ़िए पूरी रिपोर्ट ………………………. ये खबर भी पढ़ें- मुस्कान की प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव, अब आगे क्या:बच्चा किसका, किसके साथ रहेगा; प्रेग्नेंसी के बाद क्या हैं अधिकार मेरठ में पति सौरभ के टुकड़े करके ड्रम में सीमेंट से जमाने की आरोपी मुस्कान की प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव है। कानून के जानकारों का कहना है कि अगर मुस्कान प्रेग्नेंट है, तो उसे प्रेग्नेंट महिला कैदियों को मिलने वाले सारे लाभ मिलेंगे। लेकिन जहां तक जमानत की बात है, उसके लिए आसान नहीं होगी। महिला कैदियों को जमानत देने के नियम क्या हैं? बच्चे का क्या होगा? क्या सौरभ के माता-पिता के पास रहेगा? भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़िए- पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
नोएडा में बीटेक स्टूडेंट का एनकाउंटर फर्जी…12 पुलिसवालों पर FIR:वो VIDEO देखिए, जिसे पिता ने अदालत में पेश किया, बेटे को बचाया
