पंजाब के इंडस्ट्रियल प्लांट घोटाले में इंजीनियर ने किया सरेंडर:4 महीने से चल रहा था फरार, अदालत ने तीन दिन के रिमांड पर भेजा

पंजाब के इंडस्ट्रियल प्लांट घोटाले में इंजीनियर ने किया सरेंडर:4 महीने से चल रहा था फरार, अदालत ने तीन दिन के रिमांड पर भेजा

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने इंडस्ट्रियल प्लॉट अलॉटमेंट घोटाले में पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड काॅरपोरेशन (PSEIC) के सब डिवीजनल इंजीनियर सवतेज को आज (मंगलवार) को गिरफ्तार किया है। हालांकि आरोपी सीधे पहले मोहाली अदालत पहुंच गया था, जहां पर उसने सरेंडर कर दिया। इस दौरान विजिलेंस ने आरोपी का तीन दिन का रिमांड हासिल किया है। वहीं, विजिलेंस को आरोपी से पूछताछ में कई खुलासे होने की उम्मीद है । आठ मार्च को आरोपी पर दर्ज हुआ था केस विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से इस घोटाले संबंधी मामला आठ मार्च को दर्ज किया गया था। यह मामला विजिलेंस ब्यूरो मोहाली की फ्लाइंग स्कवॉयड ने दर्ज किया है। आरोपी पर धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी और 13 (2) सहित 13 (1) ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपी चार महीने से फरार चल रहा था। विजिलेंस की टीमें काफी समय से उसकी तलाश में थी। लेकिन आरोपी हर बार विजिलेंस से बचने में कामयाब हो जाता था। ऐसे की था धोखाधड़ी का खेल विजिलेंस जांच में सामने आया है कि आरोपी अधिकारी ने फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर गुरतेज सिंह नाम के मैसरर्ज गुरतेज इंडस्ट्रीज नाम की फर्जी फर्म बनाई थी। उसके बाद उसने अपने बेटे मनरूप सिंह व रिश्तेदारों के खातों से पैसे पीएसआईईसी को ट्रांफसर करके उक्त फर्म के नाम पर प्लाॅट नंबर ए 394 इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट अमृतसर में प्लांट कर दिया था। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने इंडस्ट्रियल प्लॉट अलॉटमेंट घोटाले में पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड काॅरपोरेशन (PSEIC) के सब डिवीजनल इंजीनियर सवतेज को आज (मंगलवार) को गिरफ्तार किया है। हालांकि आरोपी सीधे पहले मोहाली अदालत पहुंच गया था, जहां पर उसने सरेंडर कर दिया। इस दौरान विजिलेंस ने आरोपी का तीन दिन का रिमांड हासिल किया है। वहीं, विजिलेंस को आरोपी से पूछताछ में कई खुलासे होने की उम्मीद है । आठ मार्च को आरोपी पर दर्ज हुआ था केस विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से इस घोटाले संबंधी मामला आठ मार्च को दर्ज किया गया था। यह मामला विजिलेंस ब्यूरो मोहाली की फ्लाइंग स्कवॉयड ने दर्ज किया है। आरोपी पर धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी और 13 (2) सहित 13 (1) ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपी चार महीने से फरार चल रहा था। विजिलेंस की टीमें काफी समय से उसकी तलाश में थी। लेकिन आरोपी हर बार विजिलेंस से बचने में कामयाब हो जाता था। ऐसे की था धोखाधड़ी का खेल विजिलेंस जांच में सामने आया है कि आरोपी अधिकारी ने फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर गुरतेज सिंह नाम के मैसरर्ज गुरतेज इंडस्ट्रीज नाम की फर्जी फर्म बनाई थी। उसके बाद उसने अपने बेटे मनरूप सिंह व रिश्तेदारों के खातों से पैसे पीएसआईईसी को ट्रांफसर करके उक्त फर्म के नाम पर प्लाॅट नंबर ए 394 इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट अमृतसर में प्लांट कर दिया था।   पंजाब | दैनिक भास्कर