पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) ने ऑनलाइन पोर्टल में आ रही दिक्कतों को देखते हुए एसोसिएट स्कूलों को राहत दी है। अब स्कूल एसोसिएशन 25 अक्टूबर तक कंटीन्यूअस फीस भर सकेंगे। इसके बाद उन्हें 30 अक्टूबर तक लेट फीस के साथ आवेदन करना होगा। प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि इसके बाद किसी को मौका नहीं दिया जाएगा। क्योंकि उन्होंने अपना खुद का एकेडमिक कैलेंडर बना रखा है। सारी कार्रवाई उसी के अनुसार होनी है। बोर्ड को फोन और मेल पर भी मिली थी सूचना पिछले कुछ समय से PSEB को लगातार सूचना मिल रही थी कि स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन करने में दिक्कतें आ रही हैं। कई स्कूलों ने बोर्ड को फोन और मेल के जरिए इसकी जानकारी दी। इसके बाद मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया। फिर सर्वसम्मति से इस दिशा में कदम उठाए गए। बोर्ड ने इस संबंध में आदेश की कॉपी स्कूलों को भेज दी है। सभी को उक्त आदेश का पालन करने को कहा गया है। 2200 स्कूलों में पढ़ते हैं 5 लाख स्टूडेंट्स राज्य में 2200 के करीब एसोसिएट स्कूल है। इनमें पांच लाख से अधिक स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। यह वह स्कूल हैं जो शिक्षा के अधिकार कानून द्वारा तय मानकों को पूरा नहीं करते हैं। ऐसे में इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ध्यान में रखकर इन्हें एसोसिएट स्कूल का दर्जा दिया था। जिन्हें एक साल के बाद हर साल अपनी मान्यता को कंटीन्यू करवाना पड़ता है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) ने ऑनलाइन पोर्टल में आ रही दिक्कतों को देखते हुए एसोसिएट स्कूलों को राहत दी है। अब स्कूल एसोसिएशन 25 अक्टूबर तक कंटीन्यूअस फीस भर सकेंगे। इसके बाद उन्हें 30 अक्टूबर तक लेट फीस के साथ आवेदन करना होगा। प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि इसके बाद किसी को मौका नहीं दिया जाएगा। क्योंकि उन्होंने अपना खुद का एकेडमिक कैलेंडर बना रखा है। सारी कार्रवाई उसी के अनुसार होनी है। बोर्ड को फोन और मेल पर भी मिली थी सूचना पिछले कुछ समय से PSEB को लगातार सूचना मिल रही थी कि स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन करने में दिक्कतें आ रही हैं। कई स्कूलों ने बोर्ड को फोन और मेल के जरिए इसकी जानकारी दी। इसके बाद मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया। फिर सर्वसम्मति से इस दिशा में कदम उठाए गए। बोर्ड ने इस संबंध में आदेश की कॉपी स्कूलों को भेज दी है। सभी को उक्त आदेश का पालन करने को कहा गया है। 2200 स्कूलों में पढ़ते हैं 5 लाख स्टूडेंट्स राज्य में 2200 के करीब एसोसिएट स्कूल है। इनमें पांच लाख से अधिक स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। यह वह स्कूल हैं जो शिक्षा के अधिकार कानून द्वारा तय मानकों को पूरा नहीं करते हैं। ऐसे में इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ध्यान में रखकर इन्हें एसोसिएट स्कूल का दर्जा दिया था। जिन्हें एक साल के बाद हर साल अपनी मान्यता को कंटीन्यू करवाना पड़ता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब का तापमान 1.5 डिग्री बढ़ा:26 जून से राहत के आसार, 28 जून को बारिश की संभावना, 13 जिलों में येलो अलर्ट
पंजाब का तापमान 1.5 डिग्री बढ़ा:26 जून से राहत के आसार, 28 जून को बारिश की संभावना, 13 जिलों में येलो अलर्ट पंजाब का तापमान लगातार बढ़ रहा है। लगातार दूसरे दिन एक बार फिर तापमान में औसतन 1.5 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। जिसके चलते मौसम विभाग ने आज 13 जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। रविवार शाम को फरीदकोट में अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग की ओर से जारी येलो अलर्ट के अनुसार आज गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, फाजिल्का, मुक्तसर, फरीदकोट, मोगा, लुधियाना, बठिंडा, बरनाला, मानसा और संगरूर में हीटवेव चलेगी। वहीं इन शहरों का तापमान 42 डिग्री से 45 डिग्री के आसपास रह सकता है। यह चेतावनी 25 जून को भी रहेगी और इस दिन भी इन इलाकों में हीटवेव तेज होगी। 26 से राहत, प्री-मानूसन देगा दस्तक मौसम विभाग ने येलो अलर्ट मात्र दो दिन के लिए जारी किया है। जबकि 26 जून से राज्य में राहत मिलती दिख रही है। इस दिन अधिकतर इलाकों में हलके बादल छाएंगे और कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। जबकि 28 जून को बारिश की संभावनाएं अधिक हैं, जो प्री-मानूसन की दस्तक होगी। मानसून की रफ्तार तेज होने की संभावना जून के अंत की तरफ बढ़ने के साथ-साथ मानसून रफ्तार पकड़ रहा है। वेस्ट बंगाल की तरफ से मानसून की रफ्तार धीमी हुई है। लेकिन मध्यप्रदेश की तरफ से मानसून तेजी से आगे की और बढ़ रहा है। अनुमान है कि आने वाले दिनों में ये यूपी और राजस्थान में दाखिल हो जाएगा। अगर इसकी रफ्तार ठीक रही तो 30 जून के करीब मानसून पंजाब में दाखिल हो जाएगा। अनुमान है कि इस साल मानसून सही समय में पंजाब की सीमा में दाखिल हो जाएगा। जाने पंजाब के शहरों का तापमान व अनुमान अमृतसर- शहर का अधिकतम तापमान रविवार शाम 41.8 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4 डिग्री अधिक रहा। आज हलके बादल छाए रहने का अनुमान है। तापमान 29 डिग्री से 40 डिग्री के करीब रह सकता है। जालंधर- शहर का अधिकतम तापमान बीती शाम 40.1 डिग्री दर्ज किया गया। आज हलके बादल छाए रहने का अनुमान है। वहीं शहर का तापमान 29 से 39 डिग्री के बीच रह सकता है। लुधियाना- शहर का अधिकतम तापमान रविवार शाम 41.3 डिग्री दर्ज किया गया। जो सामान्य से 5 डिग्री अधिक रहा। वहीं आज दिन का तापमान 29 से 41 डिग्री के बीच रह सकता है। हलके बादल छाए रहेंगे। पटियाला- रविवार शहर का अधिकतम तापमान 40.3 डिग्री दर्ज किया गया। जो सामान्य से 3 डिग्री अधिक रहा। आज हलके बादल छाए रहने का अनुमान है। तापमान 29 से 39 डिग्री के बीच रह सकता है। मोहाली- शहर का बीती शाम अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री दर्ज किया गया। आज हलके बाद छाए रहेंगे। तापमान 31 से 41 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है।
जगराओं में युवक ने किया सुसाइड:विदेश से लौटकर रहा लिव इन रिलेशनशिप में, दुबई के नंबर से परिजनों को करता रहा कॉल
जगराओं में युवक ने किया सुसाइड:विदेश से लौटकर रहा लिव इन रिलेशनशिप में, दुबई के नंबर से परिजनों को करता रहा कॉल जगराओं में विदेश से वापस आकर लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे एक युवक ने जहर निगल लिया। इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया। मृतक युवक की पहचान 24 साला केतू-कुलजोत सिंह उर्फ जश्न निवासी फतेहगढ़ छन्ना के रूप में हुई है। घटना का पता चलते ही मृतक के पिता ने पुलिस को शिकायत दर्ज करवा दी। पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद आरोपी महिला के खिलाफ धारा 306 के तहत थाना सिटी रायकोट में केस दर्ज कर लिया। जानकारी देते हुए थाना सिटी रायकोट के एएसआई गुरमीत सिंह ने बताया कि पीड़ित मेजर सिंह निवासी फतेहगढ़ छन्ना ने पुलिस को दर्ज कार्रवाई शिकायत में बताया कि उसके 24 वर्षीय बेटे कुलजोत सिंह को गांव की रहने वाली एक महिला ने अपने प्यार के जाल में फंसा लिया। जिसके चलते दोनों के बीच अवैध सबंध बन गए। लेकिन बाद में शातिर महिला ने उसके बेटे को रेप केस में फंसाने की साजिश रचते हुए शिकायत दर्ज करवा दी। झूठा निकला रेप का केस आरोपी महिला ने पुलिस को दर्ज कार्रवाई शिकायत में उसके बेटे पर आरोप लगाया कि रामपुराफूल शहर में ले जाकर उसके साथ रेप किया है। लेकिन जब पुलिस ने मामले की जांच की तो आरोपी महिला की शिकायत गलत निकली। जिसके बाद उसका बेटा 24 मार्च 2024 को दुबाई चला गया। पीड़ित ने बताया कि कल अचानक उसे आरोपी महिला का फोन आया कि आप रायकोट के सिमरत अस्पताल में जल्द से जल्द आ जाए। जब उसने अस्पताल आने सबंधी पूछा तो आरोपी महिला ने फोन काट दिया। जिसके बाद वह अपने एक दोस्त गुरप्रीत सिंह निवासी पंडोरी को साथ लेकर सिमरत अस्पताल रायकोट पहुंचा। वहा पर उसका बेटा जश्न बेसुध होकर बैड पर लेटा हुआ था। उसके मुंह से झाग निकल रही देखकर उसके पैरों तले जमीन निकल गई। महिला ने फिर से बनाया रिश्ता पीड़ित ने बताया जब इस सबंधी उन्होंने अस्पताल के डाक्टर से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि युवक ने कोई जहरीली चीज निगल ली है। वह इस बात को लेकर हैरान था कि उसका बेटा तो दुबई में गया हुआ था। फिर वह भारत में कब आया और उसकी यह हालात कैसे हो गई। इस दौरान उसे पता चला कि आरोपी शातिर महिला ने फिर से उसके बेटे को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उसे भरोसा दिलाया कि वह भी प्राइवेट नौकरी करती है। वह दोनों एक साथ खुश रहेंगे। जिसके चलते उसके बेटे को आरोपी ने दुबई से 18 मई 2024 को भारत बुला लिया था। फिर दोनों किराये के घर में एक साथ रहने लगे। लेकिन बाद में आरोपी महिला उसके बेटे के साथ लड़ाई झगड़ा कर उसे तंग परेशान करने लगी। पीड़ित ने कहा कि उसे पूरा यकीन है कि उसके बेटे ने महिला के रोजाना के झगड़ों से दुखी होकर जहर निगला है। उसके कुछ समय बाद उसके बेटे इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने इस सबंधी कार्रवाई करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सोप दिया। पुलिस ने शिकायत के अधार पर आरोपी महिला पर धारा 306 के तहत कार्रवाई करते हुए थाना सिटी रायकोट में केस दर्ज कर दिया। दुबाई के नंबर से करता रहा परिजनों से बात पीड़ित पिता के मुताबिक उन्हें तो आज भी यकीन नहीं हो रहा कि उनका बेटा इस दुनिया में नहीं रहा। उन्होंने कहा कि उनका बेटा 20 दिनों से भारत में रह रहा है। लेकिन उन्हें इस सबंधी कुछ पता नहीं था, क्योंकि बेटा जब भी उनसे फोन पर बात करता था। वह अपने दुबई वाले मोबाइल नंबर से व्हाटसएप कॉल करता था। जिसे वह उसे दुबई में समझ रहे थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि बेटा 20 से भारत में आकर रह रहा था। उन्हे़ं तो अब अस्पताल आकर पता चला कि बेटा महिला के साथ रह रहा था। जोकि उसके मौत का कारण बनी है।
माघी मेला, मुगल की कब्र पर जूते मारते हैं श्रद्धालु:यहां लगती 100 करोड़ की घोड़ा मंडी, जिसका चैंपियन हरियाणा का बुर्ज खलीफा
माघी मेला, मुगल की कब्र पर जूते मारते हैं श्रद्धालु:यहां लगती 100 करोड़ की घोड़ा मंडी, जिसका चैंपियन हरियाणा का बुर्ज खलीफा पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब में आज माघी का शाही स्नान हो रहा है। यहां गुरुद्वारा श्री टूटी गंडी साहिब के सरोवर में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यह गुरुद्वारा श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की दया और सिखों के पुनर्मिलन का प्रतीक है। यहां उनसे जुड़े 8 प्रमुख गुरुद्वारे हैं। जिनमें शामिल गुरुद्वारा दातनसर साहिब में एक मुगल सैनिक की कब्र है। जिस पर सिख श्रद्धालू जूते–चप्पल मारते हैं। इस सैनिक ने गुरू गोबिंद सिंह जी पर हमला किया था। यह पूरा इतिहास खिदराने की लड़ाई से जुड़ा हुआ है। जिसकी विस्तृत जानकारी आगे पढ़ सकते हैं। करीब 5 किमी एरिया में होने वाले इस मेले में 100 करोड़ की घोड़ा मंडी भी लगती है। जिसमें 2 लाख से लेकर 2 करोड़ तक के अलग–अलग नस्ल के घोड़े आते हैं। पिछली बार घोड़ों की चैंपियनशिप में 71 इंच हाइट का हरियाणा का बुर्ज खलीफा चैंपियन रहा था। माघी मेला, घोड़ा मंडी और गुरू गोबिंद सिंह जी की खिदराने की जंग से जुड़ी कहानियां… गर्मी की वजह से मेले का महीना बदला गया
माघी मेला सिख इतिहास में बैसाखी और बंदी छोड़ दिवस (दीवाली) के बाद तीसरा बड़ा त्योहार है। यह मेला उन 40 सिखों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने पहले गुरू गोबिंद सिंह जी के लिए लड़ने से इनकार कर दिया। मगर, माई भागो की प्रेरणा से ऐसी लड़ाई लड़ी कि अपने प्राण तक बलिदान कर दिए। इन्हें सिख इतिहास में गुरु गोबिंद सिंह जी के “चाली मुकते” (चालीस मुक्त हुए सिख योद्धा) कहा जाता है। यह लड़ाई 3 मई 1705 यानी बिक्रमी कैलेंडर के मुताबिक 21 वैसाख 1762 को हुई थी। शुरू में यह मेला वैसाख में ही लगता था, लेकिन गर्मी और पानी की कमी के कारण इसे सर्दियों के माघ महीने में मनाने की परंपरा शुरू हुई। नानकशाही कैलेंडर में इसे जनवरी यानी माघ महीने में मनाना तय किया गया है। इस बार यह मेला 11 जनवरी से शुरू हो चुका है। 14 जनवरी को यहां अखंड पाठ के भोग डाले जाएंगे। 15 जनवरी को नगर कीर्तन निकालने के साथ निहगों की घुड़दौड़, घोड़ों के मुकाबले होंगे। जिसके बाद पारंपरिक तौर पर मेले की समाप्ति हो जाएगी। माघी मेले से जुड़ी फोटोज… मंडी में 400 से ज्यादा घोड़े, कीमत 100 करोड़
माघी मेले में सबसे आकर्षण घोड़ा मंडी रहती है। यहां 400 से ज्यादा घोड़े आते हैं, जिसमें नुकरा (सफेद घोड़ा), मारवाड़ी (राजस्थान) और मज्जुका नस्ल के घोड़े सबसे ज्यादा फेमस है। इन घोड़ों की कीमत 2 लाख से लेकर 2 करोड़ तक होती है। इस मंडी में ज्यादातर भारतीय नस्लें ही बेची और खरीदी जाती हैं। विदेशी घोड़ों को इन मंडियों में नहीं ले जाया जाता है। यहां हॉर्स शो भी होता है। पिछले साल हुए मुकाबले में मेल कैटेगरी में पहला स्थान हरियाणा के बुर्ज खलीफा को मिला था। जिसकी हाइट 71 इंच थी। बुर्ज खलीफा तब पौने 4 साल का था। फीमेल कैटेगरी में 5 साल की मारवाड़ी घोड़ी हिना जीती थी। जिसकी हाइट 66 इंच थी। जानिए कौन था मुगल नूरदीन, जिसने गुरू गोबिंद सिंह जी पर हमला किया
सिख इतिहास के मुताबिक मुगलों से हुई खिदराने की जंग के बाद गुरू गोबिंद सिंह जी मुक्तसर में रुके थे। यहां जिस जगह पर गुरूद्वारा दातनसर साहिब बना हुआ है, यहां एक बार गुरू गोबिंद सिंह जी दातुन कर रहे थे। तभी मुगल सैनिक नूरदीन चोरी–छुपे वहां आया और किसी नुकीली चीज से उन पर हमला करने की कोशिश की। हालांकि उन्होंने तुरंत एक बर्तन उठाया और मुगल नूरदीन को ही मार दिया। जिसके बाद यहां उसकी कब्र बनाई गई है। जिसे सिख अन्याय और गुरु साहिब के खिलाफ की गई साजिश का प्रतीक मानते हैं। गुरुद्वारे के दर्शन के बाद श्रद्धालु यहां कब्र पर जूते–चप्पल मारते हैं। जो इस बात का संदेश देता है कि अन्याय और विश्वासघात का अंत निश्चित है। खिदराने की जंग: 40 सिख लड़ाई से हटे, फिर ऐसे लड़े कि जान तक बलिदान कर दी 1. मुगल सैनिकों से लड़ रहे थे गुरू गोबिंद सिंह जी, 40 सिखों ने भूख–प्यास से साथ छोड़ा
सिख इतिहासकारों के मुताबिक बिक्रमी संवत 1761 में दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी किला आनंदपुर साहिब में मुगल सैनिकों से लड़ रहे थे। किले में राशन–पानी खत्म होता जा रहा था। यह देख 40 सिखों ने कहा कि वह भूखे–प्यासे लड़ाई नहीं लड़ सकते। इस पर गुरू गोबिंद सिंह जी ने उनसे कहा कि लिखकर दे दो कि मैं तुम्हारा गुरू नहीं और तुम मेरे शिष्य नहीं। उन्होंने लिखकर दिया और लड़ाई छोड़ अपने घर चले गए। 2. गुरू गोबिंद सिंह जी के 2 साहिबजादों ने शहीदी प्राप्त की
किला आनंदपुर की लड़ाई के बाद गुरू गोबिंद सिंह जी चमकौर साहिब की गढ़ी में जा पहुंचे। वहां मुगल सैनिकों के साथ उनका मुकाबला हुआ। इसमें गुरू गोबिंद सिंह जी के 2 साहिबजादे भाई अजीत सिंह और भाई जुझार सिंह ने शहीदी प्राप्त की। 3. परिजनों ने 40 सिखों के घर लौटने पर खूब कोसा
चमकौर की गढ़ी से गुरू गोबिंद सिंह जी ने खिदराने की ढाब (मुक्तसर) के ऊंचे रेतीले टिब्बों में अपना डेरा लगा लिया। इधर, 40 सिखों ने घर में लड़ाई छोड़कर आने की बात बताई ताे परिवार के लोगों ने उन्हें खूब कोसा। उन्होंने कहा कि मुसीबत के वक्त गुरू गोबिंद सिंह जी का साथ छोड़ना चाहिए था। परिवार की महिलाओं ने कहा कि आप सब घर बैठो, हम गुरू जी के साथ सेना बनकर लडेंगी। तब माई भागो ने भी 40 सिखों को लड़ने के लिए प्रेरित किया। 4. वापस लौटे 40 सिख, मुगल सेना को घुटनों पर ला दिया
घरवालों के ताने सुन और माई भागो के प्रेरित करने पर वे फिर से गुरू गोबिंद सिंह जी की खोज में निकल पड़े। वह खिदराने की ढाब पहुंच गए, जहां गुरू गोबिंद सिंह जी ठहरे हुए थे। उन्होंने भी एक जलाशय के पास अपने डेरे लगा लिए। तभी गुरू गोबिंद सिंह जी को ढूंढते हुए मुगल सेना भी वहां आ पहुंची। उन्होंने इन्हीं 40 सिखों पर हमला किया। तब ये 40 सिख ऐसे लड़े कि मुगल सेना को घुटने पर ला दिया। मुगल सेना को वहां से भागना पड़ा। इस लड़ाई में 39 सिख शहीद हो गए। एक भाई महा सिंह घायल पड़े थे। तब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी वहां पहुंचे और महा सिंह का सिर अपनी गोद में रखते हुए कहा कि आप सब लोगों ने आज सिख धर्म की लाज रख ली। 5. गुरू गोबिंद सिंह ने पत्र फाड़कर कहा, यह 40 मुक्तों की धरती
गुरू गोबिंद सिंह जी ने महा सिंह से कहा कि जो मांगना चाहते हो मांग लो। इस पर महा सिंह ने कहा कि हमें माफी दे दीजिए और आनंदपुर के किले में उन्होंने जो पत्र (बेदावा) दिया था, उसे फाड़ दीजिए। हमारी टूटी गांठ जोड़ दीजिए यानी हमें अपना शिष्य बना लीजिए। तब गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपनी कमर से वह पत्र निकाला और फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि यह स्थान खिदराना नहीं बल्कि मुक्ति का धाम है। बाद में महा सिंह ने भी शहीदी प्राप्त कर ली। 6. 40 सिखों का अपने हाथ से अंतिम संस्कार किया
इसके बाद गुरू गोबिंद सिंह जी ने युद्ध के मैदान से सभी 40 सिखों की पार्थिव देह को इकट्ठा किया। इसके बाद एक बड़ी चिता बनाई। फिर गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपने हाथ से सभी 40 सिखों का अंतिम संस्कार किया। इसी जगह पर अब गुरूद्वारा शहीद गंज बना हुआ है। जहां पर बेदावा (पत्र) फाड़ा, वहां गुरुद्वारा टुट्टी गंडी साहिब बना। मुक्तसर में श्री गुरू गोबिंद सिंह से जुड़े 8 गुरुद्वारे…