पंजाब के खालिस्तान समर्थक सांसद की जीत को चुनौती:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई, जानकारी छुपाने का आरोप

पंजाब के खालिस्तान समर्थक सांसद की जीत को चुनौती:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई, जानकारी छुपाने का आरोप

पंजाब के खडूर साहिब के सांसद व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल समर्थक की सांसदी को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले की आज मंगलवार उच्च अदालत में सुनवाई होगी। खडूर साहिब से आजाद चुनाव लड़े विक्रमजीत सिंह की तरफ यह याचिका दायर की गई है। उन्होंने याचिका में अमृतपाल सिंह जानकारी छुपाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पांच चीजों को याचिका में दी है चुनौती विक्रमजीत ने मामले में निर्वाचन आयोग, पंजाब निर्वाचन आयोग के खर्च अधिकारी, पंजाब के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर व खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को पार्टी बनाया है। उन्होंने अपनी याचिका में बताया है उन्होंने अपना नॉमिनेशन पेपर अधूरा है। फंड, डोनेशन, खर्च की जानकारी छुपाई गई है। धार्मिक स्थानों का इस्तेमाल वोट मांगने के लिए किया गया है। बिना मंजूरी से चुनाव प्रचार सामग्री छपवाई गई। चुनाव आयोग की अनुमति लिए बिना सोशल मीडिया पर प्रमोशन की गई। जेल से लड़ा चुनाव, खुद नहीं किया प्रचार अमृतपाल सिंह ने लोकसभा चुनाव जेल के अंदर से ही लड़ा। वह अपने एरिया में चुनाव प्रचार करने तक भी नहीं आया, लेकिन इसके बाद भी उसने सबसे बड़ी जीत हासिल की है। उसके समर्थकों और परिवार के मेंबरों ने ही प्रचार की कमान संभाली। अमृतपाल ने कांग्रेस के उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा 1,97,120 वोटों से हराया। पंजाब के खडूर साहिब के सांसद व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल समर्थक की सांसदी को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले की आज मंगलवार उच्च अदालत में सुनवाई होगी। खडूर साहिब से आजाद चुनाव लड़े विक्रमजीत सिंह की तरफ यह याचिका दायर की गई है। उन्होंने याचिका में अमृतपाल सिंह जानकारी छुपाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पांच चीजों को याचिका में दी है चुनौती विक्रमजीत ने मामले में निर्वाचन आयोग, पंजाब निर्वाचन आयोग के खर्च अधिकारी, पंजाब के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर व खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को पार्टी बनाया है। उन्होंने अपनी याचिका में बताया है उन्होंने अपना नॉमिनेशन पेपर अधूरा है। फंड, डोनेशन, खर्च की जानकारी छुपाई गई है। धार्मिक स्थानों का इस्तेमाल वोट मांगने के लिए किया गया है। बिना मंजूरी से चुनाव प्रचार सामग्री छपवाई गई। चुनाव आयोग की अनुमति लिए बिना सोशल मीडिया पर प्रमोशन की गई। जेल से लड़ा चुनाव, खुद नहीं किया प्रचार अमृतपाल सिंह ने लोकसभा चुनाव जेल के अंदर से ही लड़ा। वह अपने एरिया में चुनाव प्रचार करने तक भी नहीं आया, लेकिन इसके बाद भी उसने सबसे बड़ी जीत हासिल की है। उसके समर्थकों और परिवार के मेंबरों ने ही प्रचार की कमान संभाली। अमृतपाल ने कांग्रेस के उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा 1,97,120 वोटों से हराया।   पंजाब | दैनिक भास्कर