पंजाब में 1 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार थम गया है। लेकिन करीब 83 दिनों तक चली लंबी कैंपेन में पूर्व क्रिकेटर व कांग्रेस के पूर्व प्रधान व दिग्गज नेता नवजोत सिंद्धू गायब रहे। वह न तो किसी चुनावी मंच पर दिखे और न ही उन्होंने किसी उम्मीदवार के लिए वोट मांगे। हालांकि चुनावी कैंपेन के आखिरी चरण में इंडियन प्रीमियम लीग (IPL) भी संपन्न हो गया था। ऐसे में उम्मीद थी कि किसी अन्य हलके में न सही पटियाला में जब दिग्गज नेता आएंगे तो उनके साथ मंच पर जरूर दिखेंगे। लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। वहीं, जानकारों की मानें तो उनकी पत्नी कैंसर की जंग से जूझ रही है। ऐसे में उनका फोकस इन दिनों उनकी सेहत पर लगा हुआ है। IPL की एंट्री के साथ राजनीति से हुए दूर जैसे ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी थी, उसके बाद 22 मार्च को IPL का आगाज हो गया था। इससे पहले ही उनकी स्टार स्पोर्ट्स में कमेंट्री के लिए सलेक्शन हो गई थी। ऐसे में राजनीति के मैदान से उनकी दूरी बढ़ती चली गई। इसके अलावा वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर क्रिकेट या IPL को लेकर पोस्ट जरूर शेयर करते रहे। उन्होंने चुनाव को लेकर एक भी पोस्ट नहीं डाली। पत्नी के इलाज की जानकारी जरूर समय-समय पर शेयर करते थे। लोकसभा चुनाव न लड़ने का किया था ऐलान नवजोत सिंह सिद्धू लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले 15 मार्च को चंडीगढ़ में अपने गुट के नेताओं के साथ गर्वनर से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान जब मीडिया ने लोकसभा चुनाव को लेकर उनसे सवाल किया था तो उन्होंने साफ कहा था कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह पंजाब में रहकर ही पंजाब की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि जब देश में मोदी लहर चल रही थी, उस समय उन्हें पार्टी कुरुक्षेत्र से ही चुनाव लड़ा रही थी। वह उस समय चुनाव लड़ लेते तो आज सरकार में केंद्रीय मंत्री होते । जनवरी से ही पार्टी से बना ली थी दूरी नवजोत सिंह सिद्धू ने इस साल जनवरी से ही पार्टी से दूरी बना ली थी। नौ जनवरी को जब पंजाब कांग्रेस के नए प्रभारी देवेंद्र यादव चंडीगढ़ आए तो वह उनकी मीटिंगों में शामिल नहीं हुए। हालांकि सिद्धू ने चंडीगढ़ के होटल में जाकर पार्टी प्रभारी से मुलाकात जरूर की थी। इसके बाद उन्होंने होशियारपुर और मोगा में रैलियां की।हालांकि उनकी मोगा रैली करवाने वाले वाले आयोजकों पर पार्टी ने कार्रवाई की, उन्हें पार्टी से निष्कासित किया। उनके खिलाफ भी पार्टी हाईकमान को पत्र लिखा गया, फिर भी वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ डटे, और उन पर हुई इस कार्रवाई का विरोध किया। वह कांग्रेस के पूर्व प्रधानों के साथ अलग मीटिंग व रणनीति बनाते रहे। वहीं, उनके IPL में जाने के बाद उनके एक साथी व कांग्रेस के पूर्व प्रधान मोहिंदर केपी ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर जालंधर से चुनाव लड़ा। जबकि शमशेर दूलो चुनाव में पार्टी के खिलाफ मुखर रहे। पंजाब में 1 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार थम गया है। लेकिन करीब 83 दिनों तक चली लंबी कैंपेन में पूर्व क्रिकेटर व कांग्रेस के पूर्व प्रधान व दिग्गज नेता नवजोत सिंद्धू गायब रहे। वह न तो किसी चुनावी मंच पर दिखे और न ही उन्होंने किसी उम्मीदवार के लिए वोट मांगे। हालांकि चुनावी कैंपेन के आखिरी चरण में इंडियन प्रीमियम लीग (IPL) भी संपन्न हो गया था। ऐसे में उम्मीद थी कि किसी अन्य हलके में न सही पटियाला में जब दिग्गज नेता आएंगे तो उनके साथ मंच पर जरूर दिखेंगे। लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। वहीं, जानकारों की मानें तो उनकी पत्नी कैंसर की जंग से जूझ रही है। ऐसे में उनका फोकस इन दिनों उनकी सेहत पर लगा हुआ है। IPL की एंट्री के साथ राजनीति से हुए दूर जैसे ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी थी, उसके बाद 22 मार्च को IPL का आगाज हो गया था। इससे पहले ही उनकी स्टार स्पोर्ट्स में कमेंट्री के लिए सलेक्शन हो गई थी। ऐसे में राजनीति के मैदान से उनकी दूरी बढ़ती चली गई। इसके अलावा वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर क्रिकेट या IPL को लेकर पोस्ट जरूर शेयर करते रहे। उन्होंने चुनाव को लेकर एक भी पोस्ट नहीं डाली। पत्नी के इलाज की जानकारी जरूर समय-समय पर शेयर करते थे। लोकसभा चुनाव न लड़ने का किया था ऐलान नवजोत सिंह सिद्धू लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले 15 मार्च को चंडीगढ़ में अपने गुट के नेताओं के साथ गर्वनर से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान जब मीडिया ने लोकसभा चुनाव को लेकर उनसे सवाल किया था तो उन्होंने साफ कहा था कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह पंजाब में रहकर ही पंजाब की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि जब देश में मोदी लहर चल रही थी, उस समय उन्हें पार्टी कुरुक्षेत्र से ही चुनाव लड़ा रही थी। वह उस समय चुनाव लड़ लेते तो आज सरकार में केंद्रीय मंत्री होते । जनवरी से ही पार्टी से बना ली थी दूरी नवजोत सिंह सिद्धू ने इस साल जनवरी से ही पार्टी से दूरी बना ली थी। नौ जनवरी को जब पंजाब कांग्रेस के नए प्रभारी देवेंद्र यादव चंडीगढ़ आए तो वह उनकी मीटिंगों में शामिल नहीं हुए। हालांकि सिद्धू ने चंडीगढ़ के होटल में जाकर पार्टी प्रभारी से मुलाकात जरूर की थी। इसके बाद उन्होंने होशियारपुर और मोगा में रैलियां की।हालांकि उनकी मोगा रैली करवाने वाले वाले आयोजकों पर पार्टी ने कार्रवाई की, उन्हें पार्टी से निष्कासित किया। उनके खिलाफ भी पार्टी हाईकमान को पत्र लिखा गया, फिर भी वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ डटे, और उन पर हुई इस कार्रवाई का विरोध किया। वह कांग्रेस के पूर्व प्रधानों के साथ अलग मीटिंग व रणनीति बनाते रहे। वहीं, उनके IPL में जाने के बाद उनके एक साथी व कांग्रेस के पूर्व प्रधान मोहिंदर केपी ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर जालंधर से चुनाव लड़ा। जबकि शमशेर दूलो चुनाव में पार्टी के खिलाफ मुखर रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब से फिनलैंड जाने वाले शिक्षकों से मिले CM मान:टीचर्स को दी बधाई, कहा- पंजाब का भविष्य आपके हाथ में, मंत्री बैंस भी रहे मौजूद
पंजाब से फिनलैंड जाने वाले शिक्षकों से मिले CM मान:टीचर्स को दी बधाई, कहा- पंजाब का भविष्य आपके हाथ में, मंत्री बैंस भी रहे मौजूद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों से मुलाकात की जो प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड जाएंगे। सीएम भगवंत सिंह मान और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज दिल्ली में दोपहर करीब 1 बजे अध्यापकों से मुलाकात की और उन्हें संबोधित किया। बता दें कि पंजाब सरकार आज प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेज रही है। अध्यापकों को सीएम मान रवाना करेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले पंजाब सरकार ने प्रिंसिपलों को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर भेजा था। विदेश जाने से अध्यापकों के अच्छे संस्थानों से संबंध बनेंगे और पंजाब में शिक्षा को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। सीएम बोले- दिल्ली के एजुकेशन मॉडल की सभी तारीफ करते हैं पंजाब के सीएम सरदार भगवंत सिंह मान ने टीचर्स को बधाई देते हुए कहा- आप पंजाब और देश के भविष्य लिख रहे हो। आप बच्चों के टैलेंट को निखारते हो। आज के समय में पढ़ाई सबसे अनमोल चीज है। हमारी पार्टी जब बनी थी तो हमारा एक ही उद्देश्य था कि दिल्ली के स्कूलों और अस्पताल को किसी तरह अच्छा बनाना है। मगर आप सुप्रीमों केजरीवाल और दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों को ठीक करने का फैसला लिया। दिल्ली में बहुत चैलेंज फेस करने पड़े, मगर लगातार काम करने के बाद आज दिल्ली के एजुकेशन मॉडल की सभी तारीफ करते हैं। सीएम मान ने आगे कहा- सरकारी स्कूलों में आप ने पीटीएम शुरू की सीएम मान ने आगे कहा- पहली बार सरकार स्कूलों में हमने पेरेंट्स टीचर मीटिंग शुरू की। जिससे मां बाप को पता हो कि उनका बच्चा क्या पढ़ रहा है और क्या कर रहा है। इससे स्कूल के बाद भी किस माहौल में बच्चा रह रहा है, इस बारे में भी परिवार को बच्चे के बारे में पता चलेगा। हम आने वाले दिनों में एक मेगा पीटीएम करेंगे। ऐसा पहली बार हुआ है कि पंजाब के 157 बच्चों ने आईआईटी का टेस्ट पास किया है।
पंजाब में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों को सम्मानित करेगी SGPC:ज्ञानी रघबीर बोले- निज्जर, पंजवार और गजिंदर की तस्वीरें म्यूजियम में रखी जाएं; फैसला कल
पंजाब में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों को सम्मानित करेगी SGPC:ज्ञानी रघबीर बोले- निज्जर, पंजवार और गजिंदर की तस्वीरें म्यूजियम में रखी जाएं; फैसला कल शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) जल्द ही भारतीय एजेंसियों द्वारा घोषित खालिस्तानी आतंकियों को सम्मानित करने की तैयारी कर रही है। सोमवार को श्री अकाल तख्त साहिब में बुलाई गई बैठक में इस पर विचार किया जाएगा, जिसमें सभी तख्तों के जत्थेदार बैठकर फैसला लेंगे। कल ही अकाल तख्त जत्थेदार ने एसजीपीसी से सिख आतंकियों की तस्वीरें लगाने को कहा है। दरअसल जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह चाहते हैं कि पिछले कुछ सालों में मारे गए आतंकी हरदीप निज्जर, परमजीत सिंह पंजवार और कुछ दिन पहले मारे गए गजिंदर सिंह की तस्वीरें स्वर्ण मंदिर के संग्रहालय में लगाई जाएं। ताकि सिखों को उनके बलिदान के बारे में पता चल सके। जत्थेदार स्वर्ण मंदिर के पास गुरुद्वारा शहीद गंज बाबा गुरबख्श सिंह में नेता गजिंदर सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए एसजीपीसी और दल खालसा द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। दल खालसा के संस्थापक गजिंदर सिंह की कुछ दिन पहले 3 जुलाई को पाकिस्तान में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। गजिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकवादियों के उस समूह का नेतृत्व किया था, जिन्होंने 1981 में इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण कर उसे लाहौर ले गए थे। आतंकी हरदीप निज्जर व पंजवड़ की 2023 में हुई थी हत्याएं भारत के वांछित अपराधियों में शामिल खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवड़ की 6 मई 2023 को लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मार कर हत्या कर दी थी। निज्जर की हत्या के बाद भारत-कनाड़ा के रिश्तों में आई खटास निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता होने की चर्चाओं के बाद भारत व कनाड़ा के रिश्तों में खटास आ गई थी। पिछले साल सितंबर में प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध में गंभीर तनाव पैदा हो गया। भारत ने आरोपों का खंडन किया और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर इस मुद्दे को भी उठाया।
बरनाला पहुंचे पंजाब विधानसभा के स्पीकर:कुलतार सिंह संधवा बोले- जत्थेदार हरप्रीत सिंह के खिलाफ टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण, सम्मान ना करने वाला अकाली नहीं
बरनाला पहुंचे पंजाब विधानसभा के स्पीकर:कुलतार सिंह संधवा बोले- जत्थेदार हरप्रीत सिंह के खिलाफ टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण, सम्मान ना करने वाला अकाली नहीं जत्थेदार हरप्रीत सिंह के खिलाफ विरसा सिंह वल्टोहा की टिप्पणी को विधानसभा अध्यक्ष ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। स्पीकर कुलतार सिंह संधवा आज बरनाला में एसएसबी कालेज में यूथ फेस्टिवल में पहुंचे थे। इस मौके उनके साथ विधायक कुलवंत सिंह पंडोरी, विधायक लाभ सिंह उगोके और कालेज डायरेक्टर शिव सिंगला भी हाजिर थे। मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि गुरु साहिब ने सिखों को मीरी और पीरी का आशीर्वाद दिया है। हमारे लिए सबसे सम्मानित तख्त साहिब और उस पर बैठने वाली हस्तियां हैं। जत्थेदार साहिबों पर व्यक्तिगत टिप्पणियां, उनकी भूमिका निभाने का प्रयास, उनकी बेटियों के बारे में बात करने की अनुमति नहीं है। इससे वें स्वयं आहत हैं। विरसा सिंह वल्टोहा का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि, किसी भी बेटी बहन को मंदा बोलना, अकाली दल को इस तरह की चीज कभी विरसे में नहीं मिली। स्पीकर संधवां ने कहा कि जो व्यक्ति तख्त साहिबों और जत्थेदार साहिबों का सम्मान नहीं कर सकता, वह अकाली नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भगवान इन लोगों को बुद्धि प्रदान करें। उन्होंने कहा कि इस घटना से न केवल मैं बल्कि गुरु साहिब को समर्पित संपूर्ण सिख समुदाय का दिल छू गया है। कनाडा और अमेरिका के साथ देश के बिगड़ते रिश्तों पर उन्होंने कहा कि किसी भी देश के साथ रिश्ते खराब नहीं होने चाहिए। इसे बातचीत से सुलझाना चाहिए। इसके अलावा धान खरीद, आम आदमी पार्टी की गुटबाजी और आम चुनाव को लेकर स्पीकर संधवां ने गोलमोल जवाब दिए।