रील और सोशल मीडिया के जमाने में पंजाब पुलिस भी हाईटेक हो रही है। लोग अब उन्हीं चीजों को याद रखते हैं जो वायरल हो जाए। इसी मंसूबे से पंजाब पुलिस का एक कांस्टेबल लोगों को पंजाबी गीत के माध्यम से सेफ्टी के रूल्स समझा रहा है। कांस्टेबल ने खुद ही यह बोल लिखे हैं और खुद ही उन्हें गाकर सुना रहा है। गाने का एक-एक बोल बिलकुल सच प्रतीत हो रहा है। अमृतसर में तैनात कांस्टेबल अजय शेरगिल ने 2016 में पंजाब पुलिस की नौकरी जॉइन की थी। वह अमृतसर के अजनाला के रहने वाले हैं। दो साल पहले ही उसकी शादी हुई है और दो महीने पहले ही वो एक बेटे के पिता बने हैं। सिर्फ अपने लिए लिखते और गाते हैं अजय अजय पंजाब पुलिस के सोशल मीडिया सेल में काम करते हैं और अक्सर ही लोगों को अपनी काबलियत के कायल कर देते हैं। सोशल मीडिया में अजय अपने लिखे शब्दों को धुन देकर कुछ ऐसे सुनाते हैं कि दूसरा इंसान सोचने पर मजबूर हो जाता है। अजय सिर्फ अपने शौक के लिए गाते और लिखते हैं लेकिन अपने शब्दों से वह दूसरों को प्रेरित करना नहीं भूलते। आज भी अजय ने ट्रैफिक नियमों पर लोगों की सोच ओर पुलिस वालों के लिए लोगों के रवैए पर गाना लिखा और फिर उसे गाया, जिसे सुनकर हर कोई उसकी तारीफ लिए बिना नहीं रह पा रहा। वहीं गाना ऐसा है कि एक-एक बोल सुने बिना उसे बंद नहीं किया जा रहा। उन्होंने लिखा कि, कागज जे पूछो कैहंडे घरे रह गए- कम सी जरूरी ताहियों तीन जाने बह गए। ट्रैफिक पर लिखे गाने को उन्होंने चौक पर खड़े होकर लोगों सुनाया और लोग भी तारीफ कर रहे थे। रील और सोशल मीडिया के जमाने में पंजाब पुलिस भी हाईटेक हो रही है। लोग अब उन्हीं चीजों को याद रखते हैं जो वायरल हो जाए। इसी मंसूबे से पंजाब पुलिस का एक कांस्टेबल लोगों को पंजाबी गीत के माध्यम से सेफ्टी के रूल्स समझा रहा है। कांस्टेबल ने खुद ही यह बोल लिखे हैं और खुद ही उन्हें गाकर सुना रहा है। गाने का एक-एक बोल बिलकुल सच प्रतीत हो रहा है। अमृतसर में तैनात कांस्टेबल अजय शेरगिल ने 2016 में पंजाब पुलिस की नौकरी जॉइन की थी। वह अमृतसर के अजनाला के रहने वाले हैं। दो साल पहले ही उसकी शादी हुई है और दो महीने पहले ही वो एक बेटे के पिता बने हैं। सिर्फ अपने लिए लिखते और गाते हैं अजय अजय पंजाब पुलिस के सोशल मीडिया सेल में काम करते हैं और अक्सर ही लोगों को अपनी काबलियत के कायल कर देते हैं। सोशल मीडिया में अजय अपने लिखे शब्दों को धुन देकर कुछ ऐसे सुनाते हैं कि दूसरा इंसान सोचने पर मजबूर हो जाता है। अजय सिर्फ अपने शौक के लिए गाते और लिखते हैं लेकिन अपने शब्दों से वह दूसरों को प्रेरित करना नहीं भूलते। आज भी अजय ने ट्रैफिक नियमों पर लोगों की सोच ओर पुलिस वालों के लिए लोगों के रवैए पर गाना लिखा और फिर उसे गाया, जिसे सुनकर हर कोई उसकी तारीफ लिए बिना नहीं रह पा रहा। वहीं गाना ऐसा है कि एक-एक बोल सुने बिना उसे बंद नहीं किया जा रहा। उन्होंने लिखा कि, कागज जे पूछो कैहंडे घरे रह गए- कम सी जरूरी ताहियों तीन जाने बह गए। ट्रैफिक पर लिखे गाने को उन्होंने चौक पर खड़े होकर लोगों सुनाया और लोग भी तारीफ कर रहे थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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