पंजाब में धान की लिफ्टिंग का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस बीच आज केंद्र सरकार पंजाब के राइस मिलर्स के साथ बैठक करने जा रही है। यह बैठक केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुलाई है। इसमें राइस मिलर्स अपना मुद्दा उठाएंगे। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री मेघवाल और वरिष्ठ भाजपा नेता तरुण चुंग भी मौजूद रहेंगे।
हालांकि इससे पहले इस मामले को लेकर राजनीति भी जोरों पर चल रही है। विपक्षी दल राज्य सरकार को घेर रहे हैं। जबकि सरकार के मंत्री इस पूरे मामले के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पंजाब सरकार ने मामले हल करने के लिए यह प्रयास किए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की
पंजाब में धान खरीद से जुड़ी दिक्कतों को लेकर सीएम भगवंत मान ने 22 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की थी। उन्होंने राइस मिलरों के मामलों को उनके समक्ष उठाया है। इस दौरान मुख्य रूप से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में दिक्कत का मामला उठाया था। स्टोरेज स्पेस की कमी है, हाइब्रिड क्वालिटी का मुद्दा और सेलर्स को होने वाले घाटे के बारे में विस्तार से गृह मंत्री को बताया था।
शैलर मालिकों के हक में लिए चार फैसले
21 अक्टूबर को पंजाब सीएम ने सारे जिलों के अधिकारियों और विभाग के मंत्री से मीटिंग की थी। इसमें तय हुआ था कि पहले सरप्लस पैडी की आरओ जब दी जाती थी तो 50 रुपए प्रति टन फीस ली जाती थी। उस आरओ फीस को 10 रुपए तय किया गया था।
वहीं, कोई आरओ लेता है और अगले दिन फसल उठा ले लेता तो उसे वह फीस भी उसे नहीं देनी होगी। बीआरएल शैलरों पर कई तरह केस लंबित हैं। अब इनके सिस्टर पार्टनर या गारंटर भी काम कर पाएंगे। हालांकि पहले यह नियम नहीं था। 200 शैलरों को इससे फायदा होगा। इसके अलावा मिलर्स जिले की किसी भी जगह से धान उठा सकते हैं। अब जिला स्तर के सर्किल बनाए गए हैं। पहले यह छोटे होते थे। पहले नई मिलों को पुरानी धान दी जाती थी।
दिल्ली में केंद्रीय सरकार से मीटिंग की थी सीएम भगवंत मान और पंजाब के अधिकारियों चावल की लिफ्टिंग के मामले में नौ दिन पहले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मीटिंग की थी। मीटिंग में जोशी ने आश्वासन दिया है कि पंजाब के गोदामों में पड़ा 120 लाख मीट्रिक टन चावल 31 मार्च तक उठा दिया जाएगा।
मीटिंग में तय हुआ है कि किसी शेलर को अगर किसी जगह अनाज अलॉट होता है, लेकिन बाद उसे स्टेशन से अनाज उठाने के आदेश होते है, , तो इस दौरान होने वाला सारा खर्च केंद्र सरकार की तरफ से उठाया जाएगा। पंजाब में धान की लिफ्टिंग का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस बीच आज केंद्र सरकार पंजाब के राइस मिलर्स के साथ बैठक करने जा रही है। यह बैठक केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुलाई है। इसमें राइस मिलर्स अपना मुद्दा उठाएंगे। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री मेघवाल और वरिष्ठ भाजपा नेता तरुण चुंग भी मौजूद रहेंगे।
हालांकि इससे पहले इस मामले को लेकर राजनीति भी जोरों पर चल रही है। विपक्षी दल राज्य सरकार को घेर रहे हैं। जबकि सरकार के मंत्री इस पूरे मामले के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पंजाब सरकार ने मामले हल करने के लिए यह प्रयास किए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की
पंजाब में धान खरीद से जुड़ी दिक्कतों को लेकर सीएम भगवंत मान ने 22 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की थी। उन्होंने राइस मिलरों के मामलों को उनके समक्ष उठाया है। इस दौरान मुख्य रूप से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में दिक्कत का मामला उठाया था। स्टोरेज स्पेस की कमी है, हाइब्रिड क्वालिटी का मुद्दा और सेलर्स को होने वाले घाटे के बारे में विस्तार से गृह मंत्री को बताया था।
शैलर मालिकों के हक में लिए चार फैसले
21 अक्टूबर को पंजाब सीएम ने सारे जिलों के अधिकारियों और विभाग के मंत्री से मीटिंग की थी। इसमें तय हुआ था कि पहले सरप्लस पैडी की आरओ जब दी जाती थी तो 50 रुपए प्रति टन फीस ली जाती थी। उस आरओ फीस को 10 रुपए तय किया गया था।
वहीं, कोई आरओ लेता है और अगले दिन फसल उठा ले लेता तो उसे वह फीस भी उसे नहीं देनी होगी। बीआरएल शैलरों पर कई तरह केस लंबित हैं। अब इनके सिस्टर पार्टनर या गारंटर भी काम कर पाएंगे। हालांकि पहले यह नियम नहीं था। 200 शैलरों को इससे फायदा होगा। इसके अलावा मिलर्स जिले की किसी भी जगह से धान उठा सकते हैं। अब जिला स्तर के सर्किल बनाए गए हैं। पहले यह छोटे होते थे। पहले नई मिलों को पुरानी धान दी जाती थी।
दिल्ली में केंद्रीय सरकार से मीटिंग की थी सीएम भगवंत मान और पंजाब के अधिकारियों चावल की लिफ्टिंग के मामले में नौ दिन पहले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मीटिंग की थी। मीटिंग में जोशी ने आश्वासन दिया है कि पंजाब के गोदामों में पड़ा 120 लाख मीट्रिक टन चावल 31 मार्च तक उठा दिया जाएगा।
मीटिंग में तय हुआ है कि किसी शेलर को अगर किसी जगह अनाज अलॉट होता है, लेकिन बाद उसे स्टेशन से अनाज उठाने के आदेश होते है, , तो इस दौरान होने वाला सारा खर्च केंद्र सरकार की तरफ से उठाया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर