पंजाब के जालंधर से सांसद चुने गए पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गुरुवार को संसद में बजट को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उनकी बहस सरकार से शुरू होकर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू तक पहुंच गई। जिसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस हुई और सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। चरणजीत सिंह चन्नी अपने भाषण के अंतिम चरण में थे, तभी उन्होंने लुधियाना से हारे केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू पर निशाना साधा। चन्नी ने सदन में सत्ता पक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि उनमें और ईस्ट इंडिया कंपनी में कोई अंतर नहीं है। उनमें सिर्फ रंग का अंतर है। इस पर बिट्टू ने सांसद चन्नी पर उंगली उठाई। जिसके बाद चन्नी ने सदन में कहा- बिट्टू के दादा पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह शहीद हुए थे, लेकिन वह उस दिन नहीं मरे, वह तो उस दिन मरे जिस दिन आपने कांग्रेस छोड़ी थी। इस दौरान सदन अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठी संध्या राय ने सीएम चन्नी को व्यक्तिगत टिप्पणी करने से रोका। लेकिन चन्नी ने जवाब दिया कि बिट्टू बीच में टोक रहे हैं और उन्हें परेशान कर रहे हैं। बिट्टू ने जवाब में चन्नी पर किया पलटवार इस पर रवनीत बिट्टू भी आक्रामक हो गए। उन्होंने चन्नी की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनके दादा ने कांग्रेस के लिए नहीं, देश के लिए कुर्बानी दी थी। इसके साथ ही उन्होंने चन्नी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह गरीबी की बात कर रहे हैं। पूरे पंजाब में देखा जाए तो उनसे ज्यादा अमीर और भ्रष्ट कोई आदमी नहीं है, तो वह अपना नाम बदल लें। उनका नाम मी-2 में है, सभी मामलों में उनका नाम है। हजारों करोड़ के मालिक यह चन्नी किसे गोरा कह रहे हैं। सोनिया गांधी पहले बताएं कि वह कहां से हैं। केंद्रीय बजट पर चन्नी ने साधा निशाना गुरुवार को अपने शुरुआती भाषण से ही चरणजीत सिंह चन्नी आक्रामक नजर आए। उन्होंने सत्ता पक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि सदन में बजट पर बहस हो रही है, लेकिन सदन में न तो मंत्री, न ही वित्त मंत्री और न ही प्रधानमंत्री मौजूद हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इस बजट में पंजाब के लिए कुछ नहीं दिया गया है। जालंधर का चमड़ा और खेल उद्योग डूब रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। रेलवे अंडर ब्रिज की कोई बात नहीं हुई। नशा इतना फैल चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा था कि आदमपुर एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा जाना चाहिए, लेकिन आज तक ऐसा नहीं किया गया। कर्ज पर केंद्र को घेरा चन्नी ने सदन में सवाल उठाया कि केंद्र ने बजट में 32 लाख करोड़ की आय और 48 करोड़ रुपए का खर्च बताया है। 16 लाख करोड़ का घाटा होगा, इसकी बर्बादी तय है। भाजपा के लोग उस बर्बादी को सुनिश्चित कर रहे हैं। सांसद चन्नी ने सवाल उठाया कि केंद्र इस साल 14 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेने की बात कर रहा है, ऐसे में अगर वह हर साल कर्ज लेगा तो देश कहां जाएगा। यह देश का फाइनेंशियल इमरजेंसी है। मूसेवाला, अमृतपाल और किसानों का मुद्दा चंद शब्दों में उठाया सांसद चन्नी ने सदन में मूसेवाला, अमृतपाल और किसानों का अहम मुद्दा चंद शब्दों में उठाया। चन्नी ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल है। देश में गायक मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई, उनका परिवार आज भी न्याय के लिए भटक रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में 20 लाख लोगों द्वारा सांसद चुने गए अमृतपाल सिंह पर एनएसए लगाकर उन्हें अंदर रखा गया है। वह यहां अपने क्षेत्र के लोगों की बात नहीं रख पा रहे हैं, यह इमरजेंसी है। उन्होंने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर किसान अपने हक की बात करते हैं तो उन्हें खालिस्तानी कहा जाता है। किसानों को दिल्ली आने से रोका जा रहा है। पेट्रोल की कीमतों पर उठाए सवाल सांसद चन्नी ने कहा कि पिछले 10 सालों में पेट्रोल की कीमत 23 रुपए और डीजल की कीमत 35 रुपए प्रति लीटर थी। जबकि मनमोहन सिंह के समय से कच्चे तेल की कीमत में 20 डॉलर प्रति बैरल की कमी आई है। पेट्रोल बढ़ रहा है या कंपनियों की आय बढ़ रही है? गरीबों को लूटा जा रहा है। चन्नी ने सवाल उठाया कि 50 लीटर पेट्रोल भरवाने पर सरकार को 2000 रुपए का घाटा होता है। हर व्यक्ति यात्रा के लिए सरकार को 4 रुपए प्रति किलोमीटर दे रहा है। लेकिन सरकार 16 लाख करोड़ रुपए के घाटे में बैठी है। पंजाब के जालंधर से सांसद चुने गए पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गुरुवार को संसद में बजट को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उनकी बहस सरकार से शुरू होकर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू तक पहुंच गई। जिसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस हुई और सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। चरणजीत सिंह चन्नी अपने भाषण के अंतिम चरण में थे, तभी उन्होंने लुधियाना से हारे केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू पर निशाना साधा। चन्नी ने सदन में सत्ता पक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि उनमें और ईस्ट इंडिया कंपनी में कोई अंतर नहीं है। उनमें सिर्फ रंग का अंतर है। इस पर बिट्टू ने सांसद चन्नी पर उंगली उठाई। जिसके बाद चन्नी ने सदन में कहा- बिट्टू के दादा पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह शहीद हुए थे, लेकिन वह उस दिन नहीं मरे, वह तो उस दिन मरे जिस दिन आपने कांग्रेस छोड़ी थी। इस दौरान सदन अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठी संध्या राय ने सीएम चन्नी को व्यक्तिगत टिप्पणी करने से रोका। लेकिन चन्नी ने जवाब दिया कि बिट्टू बीच में टोक रहे हैं और उन्हें परेशान कर रहे हैं। बिट्टू ने जवाब में चन्नी पर किया पलटवार इस पर रवनीत बिट्टू भी आक्रामक हो गए। उन्होंने चन्नी की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनके दादा ने कांग्रेस के लिए नहीं, देश के लिए कुर्बानी दी थी। इसके साथ ही उन्होंने चन्नी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह गरीबी की बात कर रहे हैं। पूरे पंजाब में देखा जाए तो उनसे ज्यादा अमीर और भ्रष्ट कोई आदमी नहीं है, तो वह अपना नाम बदल लें। उनका नाम मी-2 में है, सभी मामलों में उनका नाम है। हजारों करोड़ के मालिक यह चन्नी किसे गोरा कह रहे हैं। सोनिया गांधी पहले बताएं कि वह कहां से हैं। केंद्रीय बजट पर चन्नी ने साधा निशाना गुरुवार को अपने शुरुआती भाषण से ही चरणजीत सिंह चन्नी आक्रामक नजर आए। उन्होंने सत्ता पक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि सदन में बजट पर बहस हो रही है, लेकिन सदन में न तो मंत्री, न ही वित्त मंत्री और न ही प्रधानमंत्री मौजूद हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इस बजट में पंजाब के लिए कुछ नहीं दिया गया है। जालंधर का चमड़ा और खेल उद्योग डूब रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। रेलवे अंडर ब्रिज की कोई बात नहीं हुई। नशा इतना फैल चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा था कि आदमपुर एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा जाना चाहिए, लेकिन आज तक ऐसा नहीं किया गया। कर्ज पर केंद्र को घेरा चन्नी ने सदन में सवाल उठाया कि केंद्र ने बजट में 32 लाख करोड़ की आय और 48 करोड़ रुपए का खर्च बताया है। 16 लाख करोड़ का घाटा होगा, इसकी बर्बादी तय है। भाजपा के लोग उस बर्बादी को सुनिश्चित कर रहे हैं। सांसद चन्नी ने सवाल उठाया कि केंद्र इस साल 14 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेने की बात कर रहा है, ऐसे में अगर वह हर साल कर्ज लेगा तो देश कहां जाएगा। यह देश का फाइनेंशियल इमरजेंसी है। मूसेवाला, अमृतपाल और किसानों का मुद्दा चंद शब्दों में उठाया सांसद चन्नी ने सदन में मूसेवाला, अमृतपाल और किसानों का अहम मुद्दा चंद शब्दों में उठाया। चन्नी ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल है। देश में गायक मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई, उनका परिवार आज भी न्याय के लिए भटक रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में 20 लाख लोगों द्वारा सांसद चुने गए अमृतपाल सिंह पर एनएसए लगाकर उन्हें अंदर रखा गया है। वह यहां अपने क्षेत्र के लोगों की बात नहीं रख पा रहे हैं, यह इमरजेंसी है। उन्होंने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर किसान अपने हक की बात करते हैं तो उन्हें खालिस्तानी कहा जाता है। किसानों को दिल्ली आने से रोका जा रहा है। पेट्रोल की कीमतों पर उठाए सवाल सांसद चन्नी ने कहा कि पिछले 10 सालों में पेट्रोल की कीमत 23 रुपए और डीजल की कीमत 35 रुपए प्रति लीटर थी। जबकि मनमोहन सिंह के समय से कच्चे तेल की कीमत में 20 डॉलर प्रति बैरल की कमी आई है। पेट्रोल बढ़ रहा है या कंपनियों की आय बढ़ रही है? गरीबों को लूटा जा रहा है। चन्नी ने सवाल उठाया कि 50 लीटर पेट्रोल भरवाने पर सरकार को 2000 रुपए का घाटा होता है। हर व्यक्ति यात्रा के लिए सरकार को 4 रुपए प्रति किलोमीटर दे रहा है। लेकिन सरकार 16 लाख करोड़ रुपए के घाटे में बैठी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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इमरजेंसी फिल्क की रिलीज अटकी:कंगना रनोट का फैंस को संदेश; बोली- सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद व ऐक्ट्रैस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज अटक गई है। फिल्म की रिलीज तारीख 6 सितंबर थी, लेकिन सिख संगठनों व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विरोध के बाद सेंसर बोर्ड की तरफ से सर्टिफिकेट ही नहीं दिया गया। जिसके बाद कंगना ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर अपने समर्थकों व फैंस के लिए संदेश दिया है। कंगना ने सोशल मीडिया पर संदेश में लिखा- भारी मन से मैं घोषणा करता हूं कि मेरी निर्देशित इमरजेंसी को स्थगित कर दिया गया है, हम अभी भी सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, नई रिलीज की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी, आपकी समझ और धैर्य के लिए धन्यवाद। दरअसल, फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई बीते सप्ताह हुई। कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसजीपीसी ने सीन डिलीट करने की मांग रखी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल पहले ही कह चुके हैं कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था। कई स्टेट्स में याचिका दायर की गई हैं। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैं। उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है। कंगना सहित जी-स्टूडियो को भेजा जा चुका नोटिस इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है। कंगना के बयान से भाजपा ने पल्ला झाड़ा फिल्म इमरजेंसी के विवाद के बीच दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू के बीच कंगना रनोट ने किसानों को लेकर विवादित बयान दे दिया। कंगना का कहना था कि किसान आंदोलन के दौरान रेप हुए और कत्ल हुए। जिसके बाद कंगना एक बार फिर कंट्रोवर्सियों में फंस गई। अंत में भाजपा ने भी उनके इस बयान से पल्ला झाड़ लिया। भाजपा को अलग से बयान जारी करना पड़ा। जिसमें कहा गया- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। कंगना को पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं हैं। पार्टी ने उन्हें आगे ऐसे बयान ना देने की हिदायत भी दी थी। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।