पिछले करीब डेढ़ साल से दुबई की जेल में बंद पंजाब के 17 युवाओं के परिवारों ने विदेश मंत्रालय और राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क कर इन युवाओं को वापस लाने की गुहार लगाई है। निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी पहुंचे करीब 14 युवाओं के परिजनों ने कहा कि वे पिछले डेढ़ साल से पल-पल मर रहे हैं। अपने बच्चों के केस के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पाने के कारण जेल में बंद युवा तारीख पर तारीख मिलने के कारण मानसिक पीड़ा झेल रहे हैं। सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया कि वे इन युवाओं का मुद्दा विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाएंगे और उन्हें हर संभव मदद प्रदान करेंगे। कहां के कितने युवा फंसे गौरतलब है कि इन युवाओं में जालंधर जिले से 6, कपूरथला, नवांशहर और होशियारपुर से 3-3, जबकि गुरदासपुर, अमृतसर और चंडीगढ़ से 1-1 युवा शामिल हैं। दुबई में फंसे गौरव कुमार के भाई रविकांत ने बताया कि रोजी-रोटी कमाने गए गौरव को नहीं पता था कि वह वहां विवाद में फंस जाएगा। रविकांत ने बताया कि उसका भाई अन्य युवकों के साथ एक कमरे में रहता था, जहां से स्थानीय पुलिस ने उन्हें रात में सोते हुए पकड़ लिया। उन्होंने कहा कि उनके पास दुबई के वकील के रूप में मामले को आगे बढ़ाने की क्षमता नहीं है। छोड़ने के लिए मांगे एक लाख रुपए इन युवकों के बीच फंसे हरप्रीत सिंह की बहन ने बताया कि उन्हें डेढ़ महीने पहले दुबई के एक आया कि वे उसके भाई को छोड़ देंगे और बदले में उन्हें 1 लाख रुपए दें। जब हरप्रीत की बहन ने कहा कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं तो फोन करने वाले ने कहा कि 50 हजार रुपये की मांग करने लगा, तब भी हम तुम्हारे लड़के को छोड़ देंगे। फर्जी कॉल से किया जा रहा परेशान दीपक के पिता राम लुभाया ने कहा कि एक तरफ वह अपने बेटे के फंसने से परेशानी में हैं और दूसरी तरफ उन्हें ऐसी फर्जी कॉल आ रही हैं, जिसमें कॉल करने वाले दावा कर रहे हैं कि आप पैसे दो हम लड़के को छोड़ देंगे।उन्होंने कहा कि परेशान परिवारों के कई लोग भी अपना लाभ तलाश रहे हैं। फगवाड़ा से आए हरमेश लाल ने बताया कि उनका बेटा हरदीप कुमार टूरिस्ट वीजा पर दुबई गया था। वहां वह अपने दोस्त से मिलने गया, जहां उसी रात पुलिस की छापेमारी में हरदीप कुमार भी पकड़ा गया। पिछले करीब डेढ़ साल से दुबई की जेल में बंद पंजाब के 17 युवाओं के परिवारों ने विदेश मंत्रालय और राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क कर इन युवाओं को वापस लाने की गुहार लगाई है। निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी पहुंचे करीब 14 युवाओं के परिजनों ने कहा कि वे पिछले डेढ़ साल से पल-पल मर रहे हैं। अपने बच्चों के केस के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पाने के कारण जेल में बंद युवा तारीख पर तारीख मिलने के कारण मानसिक पीड़ा झेल रहे हैं। सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया कि वे इन युवाओं का मुद्दा विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाएंगे और उन्हें हर संभव मदद प्रदान करेंगे। कहां के कितने युवा फंसे गौरतलब है कि इन युवाओं में जालंधर जिले से 6, कपूरथला, नवांशहर और होशियारपुर से 3-3, जबकि गुरदासपुर, अमृतसर और चंडीगढ़ से 1-1 युवा शामिल हैं। दुबई में फंसे गौरव कुमार के भाई रविकांत ने बताया कि रोजी-रोटी कमाने गए गौरव को नहीं पता था कि वह वहां विवाद में फंस जाएगा। रविकांत ने बताया कि उसका भाई अन्य युवकों के साथ एक कमरे में रहता था, जहां से स्थानीय पुलिस ने उन्हें रात में सोते हुए पकड़ लिया। उन्होंने कहा कि उनके पास दुबई के वकील के रूप में मामले को आगे बढ़ाने की क्षमता नहीं है। छोड़ने के लिए मांगे एक लाख रुपए इन युवकों के बीच फंसे हरप्रीत सिंह की बहन ने बताया कि उन्हें डेढ़ महीने पहले दुबई के एक आया कि वे उसके भाई को छोड़ देंगे और बदले में उन्हें 1 लाख रुपए दें। जब हरप्रीत की बहन ने कहा कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं तो फोन करने वाले ने कहा कि 50 हजार रुपये की मांग करने लगा, तब भी हम तुम्हारे लड़के को छोड़ देंगे। फर्जी कॉल से किया जा रहा परेशान दीपक के पिता राम लुभाया ने कहा कि एक तरफ वह अपने बेटे के फंसने से परेशानी में हैं और दूसरी तरफ उन्हें ऐसी फर्जी कॉल आ रही हैं, जिसमें कॉल करने वाले दावा कर रहे हैं कि आप पैसे दो हम लड़के को छोड़ देंगे।उन्होंने कहा कि परेशान परिवारों के कई लोग भी अपना लाभ तलाश रहे हैं। फगवाड़ा से आए हरमेश लाल ने बताया कि उनका बेटा हरदीप कुमार टूरिस्ट वीजा पर दुबई गया था। वहां वह अपने दोस्त से मिलने गया, जहां उसी रात पुलिस की छापेमारी में हरदीप कुमार भी पकड़ा गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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खडूर साहिब नहीं आ पाएगा अमृतपाल:शर्तों के साथ पैरोल मंजूर, पंजाब आने की इजाजत नहीं, शपथ लेने के लिए दिल्ली में रुकेगा पंजाब के खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव जीतने वाले अमृतपाल जल्द ही सांसद पद की शपथ लेंगे। इसके लिए अमृतपाल को शुक्रवार (5 जुलाई) से 4 दिन या उससे कम की पैरोल मिली है। लेकिन इन 4 दिनों में वह न तो रईया स्थित अपने घर आ सकेंगे, न ही अपने लोकसभा क्षेत्र में और न ही पंजाब में। उन्हें यह पैरोल कुछ शर्तों के साथ दी गई है। दरअसल, कल यानी शुक्रवार से शुरू हो रही अमृतपाल सिंह की जमानत कुछ शर्तों के आधार पर दी गई है। जिसकी जानकारी असम के डिब्रूगढ़ जेल के अधीक्षक को भेज दी गई है और उनके जरिए यह जानकारी अमृतपाल को दे दी गई है। इन शर्तों के मुताबिक वह सिर्फ दिल्ली के लिए ही हैं। वह दिल्ली के अलावा कहीं और नहीं जा सकते। उनका रात का ठहराव भी दिल्ली में ही होगा। इतना ही नहीं, वह हर समय सुरक्षा घेरे में रहेंगे। इस दौरान परिवार से मुलाकात को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। पंजाब पुलिस की सुरक्षा में रहेंगे अमृतपाल इस दौरान अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस की सुरक्षा में रहेंगे। अमृतसर ग्रामीण पुलिस को इसकी जानकारी दे दी गई है। अमृतपाल को दिल्ली लाने के लिए पंजाब पुलिस की एक टुकड़ी रवाना हो गई है। इस दौरान डिब्रूगढ़ जेल से भी कुछ सुरक्षाकर्मी उनके साथ रहेंगे। वह दिल्ली कैसे पहुंचेगा, इसे गुप्त रखा गया है अमृतपाल सिंह को दिल्ली कैसे लाया जाएगा, इसे गुप्त रखा गया है। एडीसी गुरसिमरनजीत कौर ने बताया कि उन्हें सिर्फ दिल्ली और शपथ ग्रहण के लिए पैरोल दी गई है। उन्हें दिल्ली कैसे ले जाया जाएगा, यह पुलिस प्रशासन तय करेगा। वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने यह गुप्त रखा है कि अमृतपाल को हवाई, रेल या सड़क मार्ग से दिल्ली लाया जा रहा है। 5 जुलाई को स्पीकर के कमरे में लेंगे शपथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अनुमति के बाद 2017 के जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में जेल में बंद कश्मीरी नेता शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद परसों शपथ लेगा। अमृतपाल के भी परसों ही शपथ लेने की सूचना है। जानकारी के मुताबिक, ये दोनों स्पीकर के कमरे में यह शपथ लेंगे। राशिद को एजेंसियों और सरकार की तरफ से हरी झंडी दे दी गई है। वहीं, पंजाब के फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा बुधवार दिल्ली में स्पीकर ओम बिरला से मिले। जिसके बाद सरबजीत सिंह खालसा ने जानकारी दी कि अमृतपाल सिंह 5 जून को शपथ लेंगे। परिवार ने फिर पंजाब लाने की रखी मांग अमृतपाल सिंह को बेल मिलने की जानकारी मिलने के बाद परिवार का रिएक्शन भी सामने आया। माता-पिता बलविंदर कौर और तरसेम सिंह ने मांग रखी है कि अमृतपाल सिंह को पंजाब आने की इजाजत दी जाए, ताकि वे अपने हल्के खडूर साहिब में आकर लोगों का धन्यवाद कर सकें और उनकी मुश्किलों को सुन सकें। 60 दिन के भीतर लेनी होती है शपथ अमृतपाल के वकील राजदेव खालसा ने कहा कि एक निर्वाचित सदस्य के पास शपथ लेने के लिए 60 दिन का समय होता है। जहां तक हमें जानकारी है, लोकसभा अध्यक्ष ने अभी तक आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की है। लोकसभा से अमृतपाल सिंह का संसद के तौर पर नाम और समय मिलने के आदेश के बाद उसे तय समय के लिए पैरोल दी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक हफ्ते के भीतर अमृतपाल की शपथ हो सकती है। राजदेव खालसा ने कहा कि अमृतपाल पर NSA की अवधि एक साल के लिए बढ़ाकर 23 अप्रैल, 2025 तक कर दी गई है। जनता ने अमृतपाल को इतनी बड़ी लीड से जिताया है। ऐसे में सरकार का ये फैसला जनता के खिलाफ है। खडूर साहिब सीट से चुनाव जीता था अमृतपाल अमृतसर से करीब 40 किलोमीटर दूर जल्लुपुर खेड़ा गांव के रहने वाला अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है। कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को हराकर वह खडूर साहिब सीट से सांसद बना। 23 फरवरी 2023 को अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में हजारों लोगों की भीड़ अमृतसर के अजनाला थाने में घुस गई थी। इसके बाद उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ। 18 मार्च को अमृतपाल घर से फरार हो गया। पुलिस जांच एजेंसियों के साथ मिलकर एक महीने तक उसकी तलाश करती रही। 23 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने मोगा से अमृतपाल को गिरफ्तार किया था। तब से अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। खालिस्तानी विचारधारा का समर्थन करने के कारण उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है। अमृतपाल को चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आने की इजाजत नहीं मिली, इसके बावजूद उसे 4 लाख से ज्यादा वोट मिले।
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