पंजाब के सीएम भगवंत मान आज सुनाम स्थित शहीद तरलोचन सिंह के घर पहुंचे। इस मौके उन्होंने जहां शहीद के परिवार से मुलाकात की। वहीं, उन्हें एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता का चेक भी सौंपा। सीएम ने कहा कि शहीद के परिवार के साथ सरकार हमेशा खड़ी है। उनके परिवार मेंबरों को परेशानी नहीं उठानी पडे़गी। तीन सैनिक हुए थे शहीद कुछ समय पहले राज्य के तीन सैनिक शहीद हो गए थे। इनमें तरलोचन सिंह, सुरिंदर सिंह व हरसिमरन सिंह शामिल थे। लेकिन मार्च से लेकर 6 जून तक राज्य में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी हुई थी। इस वजह से सीएम भगवतं सिंह मान शहीदों के परिवारों से नहीं मिल पाए थे और न ही सरकार की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक सहायता दे पाए थे। जैसे ही आचार संहिता हटी, उसके बाद सीएम ने शहीदों के परिवारों से मिलने की प्रक्रिया शुरू की है। सीएम कल सुरिंदर सिंह के घर पहुंचे थे इससे पहले सीएम मंगलवार को शहीद सुरिंदर सिंह के घर पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने उनके पारिवारिक मेंबरों से मुलाकात की थी। साथ ही उन्हें एक करोड़ रुपए का चेक सौंपा था। सीएम के साथ उस इलाके के कई गणमान्य लोग है। उन्होंने शहीद के परिवार को कहा कि उनके बेटे ने देश के लिए अपनी जान दी है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। पंजाब के सीएम भगवंत मान आज सुनाम स्थित शहीद तरलोचन सिंह के घर पहुंचे। इस मौके उन्होंने जहां शहीद के परिवार से मुलाकात की। वहीं, उन्हें एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता का चेक भी सौंपा। सीएम ने कहा कि शहीद के परिवार के साथ सरकार हमेशा खड़ी है। उनके परिवार मेंबरों को परेशानी नहीं उठानी पडे़गी। तीन सैनिक हुए थे शहीद कुछ समय पहले राज्य के तीन सैनिक शहीद हो गए थे। इनमें तरलोचन सिंह, सुरिंदर सिंह व हरसिमरन सिंह शामिल थे। लेकिन मार्च से लेकर 6 जून तक राज्य में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी हुई थी। इस वजह से सीएम भगवतं सिंह मान शहीदों के परिवारों से नहीं मिल पाए थे और न ही सरकार की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक सहायता दे पाए थे। जैसे ही आचार संहिता हटी, उसके बाद सीएम ने शहीदों के परिवारों से मिलने की प्रक्रिया शुरू की है। सीएम कल सुरिंदर सिंह के घर पहुंचे थे इससे पहले सीएम मंगलवार को शहीद सुरिंदर सिंह के घर पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने उनके पारिवारिक मेंबरों से मुलाकात की थी। साथ ही उन्हें एक करोड़ रुपए का चेक सौंपा था। सीएम के साथ उस इलाके के कई गणमान्य लोग है। उन्होंने शहीद के परिवार को कहा कि उनके बेटे ने देश के लिए अपनी जान दी है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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CAG रिपोर्ट में पंजाब में वित्तीय संकट:AAP सांसद साहनी ने रखी मांग- केंद्र बनाए SOS कमेटी; अंधेरे में जाने से रोकना जरूरी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में पंजाब वित्तीय सकंट से गुजर रहा है। रिपोर्ट को विधानसभा में बीते दिनों पेश किया गया। राज्य का ग्रास स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट का पब्लिक डेप्ट 44 प्रतिशत हो गया है, जो 20 फीसदी होना चाहिए। CAG रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने केंद्र से SOS कमेटी गठित करने की मांग रखी है। विक्रमजीत सिंह साहनी ने बताया कि रेवेन्यू डेफिसिट ऑफ जीडीपी जो 2 फीसदी होना चाहिए था। वो भी डबल 4 फीसदी हो गया है। पंजाब पर पहले 2.82 हजार करोड़ का कर्जा था और दो सालों में 90 हजार करोड़ का और कर्जा राज्य पर आ गया है। 22 फीसदी रेवेन्यू पंजाब का स्टेट गवर्नमेंट को इंट्रस्ट के तौर पर देना पड़ रहा है। इतनी नाजुक स्थिति में पंजाब का रेवेन्यू 11 फीसदी बढ़ा है, लेकिन खर्चा भी 13 फीसदी बढ़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र और लोगों को समझना होगा कि ये जो फिस्कल डेफिसिट है। ये सिर्फ पंजाब का नहीं है, ये पूरे देश का है। पंजाब भारत का भिन्न अंग है, पंजाब भारत का दिल है और देश की फूड बास्केट है। केंद्र से फंड रिलीज करने की मांग सांसद साहनी ने कहा कि उन्होंने पार्लियामेंट में विनती की थी, पंजाब का 8500 करोड़ का फंड केंद्र के पास पेंडिंग है। उसे रिलीज किया जाए। जिसमें से 5600 करोड़ रूरल डेवलपमेंट फंड, 1000 करोड़ नेशनल हेल्थ मिशन, 1837 करोड़ रुपए स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट, जिससे सड़कों का निर्माण हो सकता है, जारी किया जाना चाहिए। पंजाब को हर साल कैश क्रेडिट लिमिट का 650 करोड़ भी देना पड़ रहा है। इसका समाधान तभी होगा, जब बैठकर बातचीत से इसका हल निकाला जा सके। कैबिनेट कमेटी गठित करने की मांग विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि केंद्र ने बीते सप्ताह राजपुरा पटियाला इंडस्ट्रियल जोन पंजाब को दिया है। इसके लिए 1102 एकड़ जमीन खाली पड़ी है और अगर उसके फंड भी रिलीज हो जाएं तो अच्छा होगा। वित्तीय संकट से पंजाब को उभारने के लिए केंद्र को कैबिनेट SOS कमेटी बनानी चाहिए, ताकि आने वाले समय में पंजाब को अंधेरे की तरफ जाने से बचाया जा सके।
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अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट भाजपा सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज अटक सकती है। दरअसल, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इस फिल्म को अभी तक सर्टिफिकेट ही जारी नहीं किया गया। जबकि फिल्म को रिलीज करने के लिए मात्र 6 दिन ही शेष बचे हैं। फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। एडवोकेट ईमान सिंह खारा का कहना है कि कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसजीपीसी ने सीन डिलीट करने की मांग रखी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था और कुछ सदस्यों ने अपनी रिट याचिका दायर करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था। कंगना की फिल्म का प्रमोशन रोक दिया गया है, ये तो 6 सितंबर को ही पता चलेगा। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैंद्ध उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है। कंगना का दावा, सेंसर वालों को आ रहीं धमकियां फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोके जाने पर कंगना रनोट ने अपना एक वीडियो भी बीते दिन जारी किया था। जिस पर कंगना ने दावा किया है कि सेंसर वालों को धमकियां आ रही हैं, जिसके चलते फिल्म की रिलीज को रोका गया है। वीडियो में कंगना ने कहा- कई तरह की अफवाहें उड़ रही हैं कि हमारी फिल्म इमरजेंसी को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है। इट इज नॉट ट्रू (ये सच नहीं है)। इनफैक्ट, हमारी फिल्म क्लीयर हो गई थी, लेकिन उसकी सर्टिफिकेशन रोक ली गई है। क्योंकि, बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं, जान से मार देने की। सेंसर वालों को बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं। तो हम पर ये प्रेशर है कि मिसेज गांधी की असेसिनेशन ना दिखाई जाए। भिंडरांवाला को ना दिखाएं। पंजाब रॉयट्स ना दिखाएं। आई डोंट नो (मुझे नहीं पता) फिर क्या दिखाएं। क्या हुआ कि फिल्म अचानक से ब्लैक-आउट हो जाती है। दिस इज अनब्लीवेबल टाइम फोर मी ( ये मेरे लिए अविश्वसनीय समय है)। आई एम वैरी सॉरी फॉर द स्टेट ऑफ थिंग्स इन दिस कंट्री (मुझे इस देश की स्थिति पर बहुत खेद है)। पंजाब सहित तेलंगाना भी बैन लगाने की तैयारी में पंजाब में विवाद के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बीते दिन ही संकेत दिया था कि फिल्म को पंजाब में रिलीज के लिए रोका जा सकता है। पंजाब के अलावा तेलंगाना भी इस फिल्म की रिलीज पर बैन लगाने की तैयारी में है। दोनों राज्यों में सिख संगठन की मांग के बाद ही इस पर बैन लगाने पर विचार किया जा रहा है। कंगना सहित जी-स्टूडियो को भेजा जा चुका नोटिस इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है। सांसद सर्बजीत खालसा ने उठाया था मामला ये मामला सबसे पहले पंजाब के फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा की तरफ से अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उठाया गया था। सर्बजीत खालसा ने ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रखी थी। उनकी तरफ से ऐतराज उठाए जाने के बाद ही ये मामला श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के ध्यान में आया था। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।