राज्यसभा में आज पंजाब के गंभीर आर्थिक संकट का मुद्दा उठा। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने बताया कि पंजाब पर वर्तमान में 3 लाख 74 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। राज्यसभा सांसद सीचेवाल ने कहा कि पंजाब की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। राज्य ने हमेशा देश के अनाज भंडार को भरा रखा है, लेकिन आज यह कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। यहां तक कि कर्ज के ब्याज की किश्तें चुकाना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि यह कर्ज उस समय से बढ़ना शुरू हुआ, जब राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। उस समय राज्य देश की एकता और अखंडता की लड़ाई लड़ रहा था। सुरक्षा बलों की तैनाती का खर्च पंजाब पर डाला गया था। पंजाब पर कई गंभीर समस्याएं – सीचेवाल उन्होंने कहा कि, पंजाब में वर्तमान में कई गंभीर समस्याएं हैं। भूमिगत जल स्तर बहुत नीचे चला गया है। लोकसभा में पेश एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 20 जिलों में नाइट्रेट की मात्रा बढ़ी है। यह फसलों के लिए हानिकारक है। साथ ही 12 जिलों में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ी है। इससे त्वचा रोग और कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। नदियों का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। संत सीचेवाल ने कहा कि पंजाब की अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र में आए इस संकट को देखते हुए केंद्र सरकार को पंजाब पर चढ़े कर्ज को भी वही उपचार देना चाहिए जैसा कि 16 लाख करोड़ के कॉरपोरेट कर्ज को दिया गया था। किसानों- मजदूरों की मदद की जाए राज्यसभा सदस्य बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि किसान और मजदूर जो देश की ढाल है और दिन-रात मेहनत करता है, उसकी आय उतनी नहीं है। संत सीचेवाल ने सदन में कहा कि देश की स्वतंत्रता के बाद हर क्षेत्र ने विकास की ऊंचाइयों को छुआ, लेकिन किसान और मजदूरों की स्थिति लगातार दयनीय होती गई। संत सीचेवाल ने सदन में जोरदार मांग की कि पंजाब समेत देश के सभी किसानों और मजदूरों की मदद की जाए। किसानों और मजदूरों पर चढ़े सभी प्रकार के कर्ज माफ किए जाए, क्योंकि किसान बचेंगे तो ही उस पर निर्भर मजदूर और देश बचेगा। राज्यसभा में आज पंजाब के गंभीर आर्थिक संकट का मुद्दा उठा। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने बताया कि पंजाब पर वर्तमान में 3 लाख 74 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। राज्यसभा सांसद सीचेवाल ने कहा कि पंजाब की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। राज्य ने हमेशा देश के अनाज भंडार को भरा रखा है, लेकिन आज यह कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। यहां तक कि कर्ज के ब्याज की किश्तें चुकाना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि यह कर्ज उस समय से बढ़ना शुरू हुआ, जब राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। उस समय राज्य देश की एकता और अखंडता की लड़ाई लड़ रहा था। सुरक्षा बलों की तैनाती का खर्च पंजाब पर डाला गया था। पंजाब पर कई गंभीर समस्याएं – सीचेवाल उन्होंने कहा कि, पंजाब में वर्तमान में कई गंभीर समस्याएं हैं। भूमिगत जल स्तर बहुत नीचे चला गया है। लोकसभा में पेश एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 20 जिलों में नाइट्रेट की मात्रा बढ़ी है। यह फसलों के लिए हानिकारक है। साथ ही 12 जिलों में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ी है। इससे त्वचा रोग और कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। नदियों का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। संत सीचेवाल ने कहा कि पंजाब की अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र में आए इस संकट को देखते हुए केंद्र सरकार को पंजाब पर चढ़े कर्ज को भी वही उपचार देना चाहिए जैसा कि 16 लाख करोड़ के कॉरपोरेट कर्ज को दिया गया था। किसानों- मजदूरों की मदद की जाए राज्यसभा सदस्य बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि किसान और मजदूर जो देश की ढाल है और दिन-रात मेहनत करता है, उसकी आय उतनी नहीं है। संत सीचेवाल ने सदन में कहा कि देश की स्वतंत्रता के बाद हर क्षेत्र ने विकास की ऊंचाइयों को छुआ, लेकिन किसान और मजदूरों की स्थिति लगातार दयनीय होती गई। संत सीचेवाल ने सदन में जोरदार मांग की कि पंजाब समेत देश के सभी किसानों और मजदूरों की मदद की जाए। किसानों और मजदूरों पर चढ़े सभी प्रकार के कर्ज माफ किए जाए, क्योंकि किसान बचेंगे तो ही उस पर निर्भर मजदूर और देश बचेगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
