भारतीय T20 क्रिकेट टीम के बॉलर अर्शदीप आज देर शाम चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं। जहां से वह मोहाली के कस्बा खरड़ स्थित अपने घर पर जा रहे हैं। इसके लिए उनके घर पर स्वागत की पूरी तैयारी पहले ही कर ली गई थी। चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंचते ही समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। पंजाब की कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान की तरफ से एयरपोर्ट पर अर्शदीप सिंह का स्वागत किया गया है। यहां से उनके घर खरड़ तक विजयी मार्च निकला गया है। घर को भी फूल मालाओं के साथ सजाया गया है। घर पर सोसायटी के लोग ढोल नगाडों के साथ उनके स्वागत कर रहे है। पीएम से मिलकर अच्छा लगा : अर्शदीप अर्शदीप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर बहुत अच्छा लगा। आप लोग यहां मेरे स्वागत में आए हैं। आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। आगे मैंने अपने परिवार के साथ कुछ समय व्यतीत करना है। और घर पर अपने मां के हाथ की रोटी खानी है। मेरी आंखाें से खुशी के आंसू निकले -अर्शदीप की मां अर्शदीप सिंह की मां बलजीत कौर ने कहा कि जब इंडियन टीम ने विश्व कप जीता था, तो मैं वहां मौके पर बैठी हुई थी और मेरी आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े थे। क्योंकि मेरा बेटा अर्शदीप भी उस टीम में खेल रहा था। वहीं उनके पिता दर्शन सिंह ने कहा की मुझे भारतीय टीम के वर्ल्ड कप जीतने पर दुगनी खुशी हो रही है। क्योंकि मैं एक क्रिकेटर, एक पिता और एक भारतीय हूं। इसका मुझे गर्व है। पुष्प वर्षा कर किया स्वागत अर्शदीप का मकान खरड़ की एक निजी सोसाइटी में है। सोसाइटी में पहुंचने पर लोगों ने अपने घरों की छतों से फूल बरसा कर उनका स्वागत किया। माता-पिता ने देखे सभी मैच अर्शदीप सिंह के पिता दर्शन सिंह और मां बलजीत कौर दोनों T20 वर्ल्ड कप के सभी मैच देखने के लिए विदेश में ही थे। फाइनल जीतने के बाद पूरे परिवार में बेटे के साथ ट्रॉफी के साथ मैदान पर तस्वीर भी खिंचवाई थी। इसके बाद वह अपने बेटे अर्शदीप के साथ विशेष विमान के जरिए ही भारत लौटे थे। जहां उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अर्शदीप के साथ मुलाकात भी की। इसके बाद माता-पिता घर आ गए और अर्शदीप मुंबई के लिए रवाना हो गया था। अब आज अर्शदीप भी अपने घर पहुंच रहे हैं। बुमराह की वजह से मिले विकेट अर्शदीप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान कहा कि विदेशी खिलाड़ियों पर बुमराह दबाव बनाते थे। उनके बाद जब मुझे गेंदबाजी करने का मौका मिलता था, तो वह आउट हो जाते थे। उन्होंने इस पूरे वर्ल्ड कप में 17 विकेट लिए हैं। फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो विकेट, उससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन विकेट, बांग्लादेश के खिलाफ दो विकेट, अफगानिस्तान के खिलाफ तीन विकेट, अमेरिका के खिलाफ चार विकेट, आयरलैंड के खिलाफ दो विकेट और पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने एक विकेट लिया। भारतीय T20 क्रिकेट टीम के बॉलर अर्शदीप आज देर शाम चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं। जहां से वह मोहाली के कस्बा खरड़ स्थित अपने घर पर जा रहे हैं। इसके लिए उनके घर पर स्वागत की पूरी तैयारी पहले ही कर ली गई थी। चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंचते ही समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। पंजाब की कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान की तरफ से एयरपोर्ट पर अर्शदीप सिंह का स्वागत किया गया है। यहां से उनके घर खरड़ तक विजयी मार्च निकला गया है। घर को भी फूल मालाओं के साथ सजाया गया है। घर पर सोसायटी के लोग ढोल नगाडों के साथ उनके स्वागत कर रहे है। पीएम से मिलकर अच्छा लगा : अर्शदीप अर्शदीप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर बहुत अच्छा लगा। आप लोग यहां मेरे स्वागत में आए हैं। आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। आगे मैंने अपने परिवार के साथ कुछ समय व्यतीत करना है। और घर पर अपने मां के हाथ की रोटी खानी है। मेरी आंखाें से खुशी के आंसू निकले -अर्शदीप की मां अर्शदीप सिंह की मां बलजीत कौर ने कहा कि जब इंडियन टीम ने विश्व कप जीता था, तो मैं वहां मौके पर बैठी हुई थी और मेरी आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े थे। क्योंकि मेरा बेटा अर्शदीप भी उस टीम में खेल रहा था। वहीं उनके पिता दर्शन सिंह ने कहा की मुझे भारतीय टीम के वर्ल्ड कप जीतने पर दुगनी खुशी हो रही है। क्योंकि मैं एक क्रिकेटर, एक पिता और एक भारतीय हूं। इसका मुझे गर्व है। पुष्प वर्षा कर किया स्वागत अर्शदीप का मकान खरड़ की एक निजी सोसाइटी में है। सोसाइटी में पहुंचने पर लोगों ने अपने घरों की छतों से फूल बरसा कर उनका स्वागत किया। माता-पिता ने देखे सभी मैच अर्शदीप सिंह के पिता दर्शन सिंह और मां बलजीत कौर दोनों T20 वर्ल्ड कप के सभी मैच देखने के लिए विदेश में ही थे। फाइनल जीतने के बाद पूरे परिवार में बेटे के साथ ट्रॉफी के साथ मैदान पर तस्वीर भी खिंचवाई थी। इसके बाद वह अपने बेटे अर्शदीप के साथ विशेष विमान के जरिए ही भारत लौटे थे। जहां उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अर्शदीप के साथ मुलाकात भी की। इसके बाद माता-पिता घर आ गए और अर्शदीप मुंबई के लिए रवाना हो गया था। अब आज अर्शदीप भी अपने घर पहुंच रहे हैं। बुमराह की वजह से मिले विकेट अर्शदीप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान कहा कि विदेशी खिलाड़ियों पर बुमराह दबाव बनाते थे। उनके बाद जब मुझे गेंदबाजी करने का मौका मिलता था, तो वह आउट हो जाते थे। उन्होंने इस पूरे वर्ल्ड कप में 17 विकेट लिए हैं। फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो विकेट, उससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन विकेट, बांग्लादेश के खिलाफ दो विकेट, अफगानिस्तान के खिलाफ तीन विकेट, अमेरिका के खिलाफ चार विकेट, आयरलैंड के खिलाफ दो विकेट और पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने एक विकेट लिया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में दो मंत्री आज संभालेंगे पदभार:डॉ. रवजोत सेक्टर-35 निकाय विभाग और हरदीप मुंडिया सिविल सचिवायल में संभालेंगे नई जिम्मेदारी पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किए गए दो मंत्री आज (बुधवार) अपना पदभार सभालेंगे। इनमें निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सेक्टर-35 स्थित निकाय भवन में सुबह 11 बजे और हरदीप सिंह मुंडिया पंजाब सिविल सचिवालय में शाम चार बजे पदभार ग्रहण करेंगे। इस मौके राज्य के कई मंत्री और आप नेता मौजूद रहेंगे। मंत्रिमंडल में शामिल किए है पांच मंत्री पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल में पांच नए मंत्री शामिल किए है। इनमें तरूणप्रीत सिंह, बरिंदर गोयल, हरदीप मुंडिया, डॉ. रवजोत सिंह और मोहिंदर भगत के नाम शामिल हैं। सीएम भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को सबसे मुलाकात की थी। साथ ही उन्हें संबंधित विभागों की कार्यशैली पर भी चर्चा की गई। लोकसभा चुनाव की परफॉर्मेंस को लेकर हुआ फेरबदल पंजाब में लोकसभा चुनाव में 13 में से AAP सिर्फ 3 सीटें जीतने में कामयाब रही। कैबिनेट में बदलाव को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। 5 नए विधायकों को शपथ दिलाने के बाद मंत्रियों की गिनती 16 हो गई है। पंजाब में शपथ लेने वाले 5 मंत्रियों में से 2 अनुसूचित जाती, 2 जट और एक बानिया कम्युनिटी से संबंधित हैं। वहीं, अनमोल गगन मान की छुट्टी के बाद इस पूरे मंत्रिमंडल में अब मात्र एक ही महिला मंत्री बची हैं।
शहीद के पेरेंट्स-पत्नी को इंश्योरेंस फंड के 50-50 लाख मिले:आर्मी बोली- पेंशन पत्नी को मिलेगी, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें नॉमिनी बनाया था
शहीद के पेरेंट्स-पत्नी को इंश्योरेंस फंड के 50-50 लाख मिले:आर्मी बोली- पेंशन पत्नी को मिलेगी, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें नॉमिनी बनाया था सियाचिन में सेना के टेंट में आग लगने से 19 जुलाई 2023 को शहीद हुए देवरिया के कैप्टन अंशुमान के परिवार को आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड से 1 करोड़ रुपए दिए गए। यह रकम अंशुमान के पेरेंट्स और उनकी पत्नी में आधी-आधी बांटी गई। शहीद के माता-पिता ने कहा था- बेटे को मिले मरणोपरांत कीर्ति चक्र को बहू ने छूने भी नहीं दिया। बेटे के जाने के बाद बहू सम्मान लेकर चली गई। हमारे पास कुछ नहीं बचा। आर्मी को शहीद के परिवार को मिलने वाली वित्तीय सहायता के नियमों में बदलाव करना चाहिए। इसे लेकर आर्मी के सूत्रों ने कहा है कि आर्मी की ओर से पेरेंट्स को 50 लाख और पत्नी को 50 लाख दिए जा चुके हैं। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक शहीद की पेंशन उनकी पत्नी स्मृति को ही मिलेगी, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें नॉमिनी बनाया था। इसके अलावा UP सरकार ने भी परिवार को 50 लाख रुपए दिए थे। इसमें से 15 लाख माता-पिता और 35 लाख रुपए पत्नी स्मृति को दिए गए थे। इसके बावजूद शहीद के पेरेंट्स ने कहा था कि वित्तीय सहायता के नियमों में बदलाव होना चाहिए। आर्मी ने कहा- शहीद के पिता रिटायर्ड JCO, उन्हें पेंशन मिलती है
आर्मी के एक अधिकारी ने कहा- कैप्टन अंशुमान मार्च 2020 में आर्मी मेडिकल कॉर्प्स में शामिल हुए थे। पत्नी स्मृति को आर्मी के ज्यादा बेनिफिट इसलिए मिल रहे हैं, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें अपना नॉमिनी बनाया था। साथ ही बताया कि अंशुमान के पिता आर्मी में रिटायर्ड JCO हैं। उन्हें पेंशन और आर्मी की अन्य सुविधाएं मिलती हैं। ऐसे मुद्दे आर्मी के सामने पहले भी आए हैं, खासकर तब जब शहीद के माता-पिता उन पर आश्रित होते हैं, लेकिन आर्मी यूनिट ऐसे मुद्दों को निपटा लेती है। अंशुमान का मामला अलग है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि उनके पिता भी सेना में रह चुके हैं। आर्मी में PF और पेंशन के नियम पत्नी ने कहा था- एक कॉल ने 50 साल के सपने तोड़ दिए
सम्मान समारोह के बाद स्मृति ने कहा- अंशुमान के शहीद होने का कॉल आया था। इस कॉल ने 50 साल के सपने तोड़ दिए थे। कैप्टन अंशुमान बहुत सक्षम थे। वे अक्सर कहा करते थे, मैं अपने सीने पर गोली खाकर मरना चाहता हूं। मैं आम आदमी की तरह नहीं मरना चाहता, जिसे कोई जान ही न पाए। इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन हमारी मुलाकात हुई थी। यह पहली नजर का प्यार था। एक महीना ही बीता था कि उनका चयन AFMC में हो गया। वे सुपर इंटेलिजेंट शख्स थे। हम सिर्फ एक महीना ही रूबरू मिले। फिर आठ साल तक दूरी रही, लेकिन रिश्ता बना रहा। फरवरी, 2023 में हमने शादी कर ली। दुर्भाग्य से शादी के दो महीने बाद ही उनकी सियाचिन में पोस्टिंग हो गई। 18 जुलाई, 2023 को हमारी लंबी बातचीत हुई थी कि अगले 50 साल में हमारी जिंदगी कैसी होगी। अपना घर होगा। हमारे बच्चे होंगे …और भी बहुत कुछ। 19 जुलाई की सुबह मैं एक फोन कॉल से उठी। उधर से आवाज आई…कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए। यह खबर भी पढ़ें… शादी के 5 महीने बाद कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद, ग्लेशियर में टेंट में आग लगने से गई थी जान सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के कई टेंट में आग लग गई। हादसे में रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए। अंशुमान सिंह की 5 महीने पहले 10 फरवरी को शादी हुई थी। कैप्टन अंशुमान 15 दिन पहले ही सियाचिन गए थे। अंशुमान मूल रूप से देवरिया के रहने वाले थे। पूरी खबर पढ़ें…
अमृतसर में 72 सर्किल खत्म करने पर 249 बचे फिर भी 69 पटवारियों की शॉर्टेज
अमृतसर में 72 सर्किल खत्म करने पर 249 बचे फिर भी 69 पटवारियों की शॉर्टेज भास्कर न्यूज | अमृतसर विजिलेंस ब्यूरो की सिफारिश पर सूबे में पहली बार 10 पटवारियों का इंटर डिस्ट्रिक्ट तबादला किया गया है। 2 पटवारी कपूरथला और होशियारपुर से अमृतसर में तैनात किए गए हैं। वहीं पटवार यूनियन में इस ट्रांसफर से रोष व्याप्त है। चूंकि अभी तक पटवारियों के ट्रांसफर तहसीलों में ही होते रहे हैं, इंटर डिस्ट्रिक नहीं किए गए। सूत्रों की मानें तो पटवार यूनियन स्टेट बॉडी की तरफ से विजिलेंस की सिफारिश पर पटवारियों के इंटर डिस्ट्रिक तबादला करने के मामले में 21 जून को मीटिंग बुलाई गई है। मीटिंग में पंजाब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को लेकर फैसला लिया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो फिर से एक बाद आम लोगों के कामकाज ठप्प हो जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक यदि कोई बड़ा मामला पटवारियों के खिलाफ नहीं निकला तो सरकार का विरोध करने को लेकर फैसला लिया जा सकता है। वहीं यूनियन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। जिसके लिए पुराने मुद्दों को भी शामिल किया जाएगा। सूबे के 4716 पटवार सर्किलों में 1000 खत्म कर दिए गए। 319 सर्किल अमृतसर से थे जिनके 72 सर्किल खत्म किए गए हैं। 249 सर्किल बचने के बाद भी 69 पटवारियों की शॉर्टेज बनी हुई है। वहीं सितंबर 2023 में 600 रिटायर्ड पटवारियों को ठेके पर रखा गया था, जिनमें 30 अमृतसर के शामिल थे और इनके सेवा काल की अवधि नहीं बढ़ाई गई तो 31 जून को ही खत्म हो जाएगी। यानि कि 99 सर्किलों में पोस्ट खाली हो जाएगी और पटवारियों के पास 3 से 4 सर्किलों के कामों का बोझ बढ़ जाएगा। बता दें कि पटवारियों ने युवाओं का रोजगार देने के लिए आवाज उठाते हुए बीते 1 सितंबर 2023 को खाली पड़े 319 सर्किलों में 156 पदों को भरे जाने को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल कामकाज ठप्प कर दिया था। जिसके बाद 2 महीनों तक पटवारियों ने कोई काम नहीं किया था। उस दौरान लोगों ने सरकार के सिस्टम को जमकर कोसा था।