पंजाब में शिरोमणि अकाली दल विवाद में अब पार्टी ने अपने ही सरपरस्त सुखदेव सिंह ढींडसा को निष्कासित कर दिया है। बीते दिन पार्टी सरपरस्त ने प्रेस कांफ्रेंस कर बागी गुट को निकालने के फैसले को रद्द कर दिया था। जवाब में अकाली दल नेता महेंश इंद्र ने चंडीगढ़ अकाली दल कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाए। पार्टी नेता महेश इंद्र ने सुखदेव सिंह के सरपरस्त होते हुए प्रेस कांफ्रेंस करने के मुद्दे को उठाया और कहा कि पार्टी में सरपरस्त उसे बनाया जाता है, जिसकी यूटिलिटी खत्म हो जाती है। ऐसे व्यक्ति को साथ जोड़े रखने के लिए सरपरस्त बनाया जाता है। ऐसे व्यक्ति के पास कोई ताकत नहीं होती है। ऐसा व्यक्ति अपना सम्मान करवाना चाहे तो करवा सकता हैं। सुखदेव ढींडसा ने टोहड़ा को निकाला था पार्टी से महेश इंद्र ने एक पुरानी बात याद कर सुखदेव सिंह ढींडसा के पार्टी में अनुशासनिक कमेटी के अध्यक्ष होते हुए उनके द्वारा की गई कार्रवाई को याद करवाया। महेश इंद्र ने कहा कि जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा ने पूर्व पार्टी प्रधान प्रकाश सिंह बादल को उनकी जगह एक्टिंग प्रधान बनाने की पेशकश की थी। टोहड़ा की तरफ से प्रकाश सिंह बादल से इस्तीफे तक की बात भी नहीं कही गई थी, लेकिन सुखदेव ढींडसा ने अनुशासनिक कमेटी का अध्यक्ष होने के नाते कार्रवाई करते हुए पार्टी से निकाल दिया था। बेटे को टिकट ना देने पर क्यों भड़क थे ढींडसा महेश इंद्र ने सुखदेव सिंह ढींडसा पर उनके बेटे को टिकट ना देने पर नाराज होने पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि अगर सुखबीर बादल नेगेटिव प्रवृत्ति के थे तो उनसे टिकट क्यों लेनी थी। अगर उनके परिवारवाद पर सवाल उठता है तो ढींडसा ने अपने बेटे परमिंदर सिंह ढींडसा के लिए टिकट क्यों मांगा और टिकट ना मिलने पर नाराजगी क्यों जाहिर की। परमिंदर ढींडसा के डेरे मुखी के जाने पर भी सवाल सुखदेव सिंह ढींडसा पर अटैक करते हुए कहा कि सुधार लहर वाले अब प्रदीप कलेर की बात को उठा रहे हैं। लेकिन खुद सुखदेव सिंह ढींडसा मान चुके हैं कि परमिंदर को वोट डलवाने के लिए वे डेरे पर जा चुके हैं। इतना ही नहीं, बीबी जगीर कौर ने खुद प्रेस कांफ्रेंस की थी कि परमिंदर को डेरे की सपोर्ट के कारण जीत मिली। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल विवाद में अब पार्टी ने अपने ही सरपरस्त सुखदेव सिंह ढींडसा को निष्कासित कर दिया है। बीते दिन पार्टी सरपरस्त ने प्रेस कांफ्रेंस कर बागी गुट को निकालने के फैसले को रद्द कर दिया था। जवाब में अकाली दल नेता महेंश इंद्र ने चंडीगढ़ अकाली दल कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाए। पार्टी नेता महेश इंद्र ने सुखदेव सिंह के सरपरस्त होते हुए प्रेस कांफ्रेंस करने के मुद्दे को उठाया और कहा कि पार्टी में सरपरस्त उसे बनाया जाता है, जिसकी यूटिलिटी खत्म हो जाती है। ऐसे व्यक्ति को साथ जोड़े रखने के लिए सरपरस्त बनाया जाता है। ऐसे व्यक्ति के पास कोई ताकत नहीं होती है। ऐसा व्यक्ति अपना सम्मान करवाना चाहे तो करवा सकता हैं। सुखदेव ढींडसा ने टोहड़ा को निकाला था पार्टी से महेश इंद्र ने एक पुरानी बात याद कर सुखदेव सिंह ढींडसा के पार्टी में अनुशासनिक कमेटी के अध्यक्ष होते हुए उनके द्वारा की गई कार्रवाई को याद करवाया। महेश इंद्र ने कहा कि जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा ने पूर्व पार्टी प्रधान प्रकाश सिंह बादल को उनकी जगह एक्टिंग प्रधान बनाने की पेशकश की थी। टोहड़ा की तरफ से प्रकाश सिंह बादल से इस्तीफे तक की बात भी नहीं कही गई थी, लेकिन सुखदेव ढींडसा ने अनुशासनिक कमेटी का अध्यक्ष होने के नाते कार्रवाई करते हुए पार्टी से निकाल दिया था। बेटे को टिकट ना देने पर क्यों भड़क थे ढींडसा महेश इंद्र ने सुखदेव सिंह ढींडसा पर उनके बेटे को टिकट ना देने पर नाराज होने पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि अगर सुखबीर बादल नेगेटिव प्रवृत्ति के थे तो उनसे टिकट क्यों लेनी थी। अगर उनके परिवारवाद पर सवाल उठता है तो ढींडसा ने अपने बेटे परमिंदर सिंह ढींडसा के लिए टिकट क्यों मांगा और टिकट ना मिलने पर नाराजगी क्यों जाहिर की। परमिंदर ढींडसा के डेरे मुखी के जाने पर भी सवाल सुखदेव सिंह ढींडसा पर अटैक करते हुए कहा कि सुधार लहर वाले अब प्रदीप कलेर की बात को उठा रहे हैं। लेकिन खुद सुखदेव सिंह ढींडसा मान चुके हैं कि परमिंदर को वोट डलवाने के लिए वे डेरे पर जा चुके हैं। इतना ही नहीं, बीबी जगीर कौर ने खुद प्रेस कांफ्रेंस की थी कि परमिंदर को डेरे की सपोर्ट के कारण जीत मिली। पंजाब | दैनिक भास्कर
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