मोहाली जिला न्यायालय ने पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के आतंकी जगतार हवारा के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। मंडोली जेल (दिल्ली) के अधिकारियों ने उसे खरड़ में उसके खिलाफ दर्ज एक पुराने विस्फोटक सामग्री मामले में सुनवाई के दौरान अदालत में पेश नहीं किया। इसके बाद अदालत ने यह आदेश जारी किया है। अब अधिकारियों को 8 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का आदेश दिया गया है। न गिरफ्तार किया, न रिकवरी हुई जानकारी के मुताबिक, हवारा समेत कुछ लोगों के खिलाफ खरड़ थाने में 2005 में एक्सप्लोसिव सब्सटांस एक्ट 1908 और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। हालांकि, उस समय न तो हवारा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और न ही उसके पास से कोई रिकवरी हुई थी। उस पर इसी तरह साल 1998 में जगतार हवारा पर IPC की धारा 153A (जाति धर्म और भाषा के नाम पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), 124 A (देशद्रोह), 225 (किसी अपराधी की गिरफ्तारी में बाधा डालना), 120 B (आपराधिक साजिश रचने) और 511 (आजीवन कारावास के दंड जैसा अपराध) करने का केस दर्ज था। एक साल पहले उसे इस केस में बरी कर दिया गया था। दोनों मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई थी। चंडीगढ़ में विस्फोटक और देशद्रोह के 2 केसों में वह पहले ही बरी हो चुका है। जगतार हवारा इस वक्त पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। पंजाब की जेल में चाहता है समय बिताना दिल्ली की जेल में बंद हवारा पंजाब की जेल में रहना चाहता है। उसने इस संबंधी एक याचिका कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी। याचिका में दलील दी गई थी कि वह तिहाड़ जेल में बंद एक सजायाफ्ता कैदी है और उसके खिलाफ दिल्ली में कोई मामला दर्ज नहीं है। वर्तमान में वह पंजाब में दर्ज एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। वह पंजाब राज्य के फतेहगढ़ साहिब जिले का मूल निवासी है। उसे पंजाब की जेल में ही रखा जाना चाहिए। उसे 21 सितंबर 1995 को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उस पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का मुकदमा चला और उसे दोषी ठहराया गया। वह अपनी गिरफ्तारी की तारीख से लेकर आज तक जेल में है। वह 29 साल से ज़्यादा समय से जेल में है। मोहाली जिला न्यायालय ने पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के आतंकी जगतार हवारा के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। मंडोली जेल (दिल्ली) के अधिकारियों ने उसे खरड़ में उसके खिलाफ दर्ज एक पुराने विस्फोटक सामग्री मामले में सुनवाई के दौरान अदालत में पेश नहीं किया। इसके बाद अदालत ने यह आदेश जारी किया है। अब अधिकारियों को 8 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का आदेश दिया गया है। न गिरफ्तार किया, न रिकवरी हुई जानकारी के मुताबिक, हवारा समेत कुछ लोगों के खिलाफ खरड़ थाने में 2005 में एक्सप्लोसिव सब्सटांस एक्ट 1908 और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। हालांकि, उस समय न तो हवारा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और न ही उसके पास से कोई रिकवरी हुई थी। उस पर इसी तरह साल 1998 में जगतार हवारा पर IPC की धारा 153A (जाति धर्म और भाषा के नाम पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), 124 A (देशद्रोह), 225 (किसी अपराधी की गिरफ्तारी में बाधा डालना), 120 B (आपराधिक साजिश रचने) और 511 (आजीवन कारावास के दंड जैसा अपराध) करने का केस दर्ज था। एक साल पहले उसे इस केस में बरी कर दिया गया था। दोनों मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई थी। चंडीगढ़ में विस्फोटक और देशद्रोह के 2 केसों में वह पहले ही बरी हो चुका है। जगतार हवारा इस वक्त पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। पंजाब की जेल में चाहता है समय बिताना दिल्ली की जेल में बंद हवारा पंजाब की जेल में रहना चाहता है। उसने इस संबंधी एक याचिका कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी। याचिका में दलील दी गई थी कि वह तिहाड़ जेल में बंद एक सजायाफ्ता कैदी है और उसके खिलाफ दिल्ली में कोई मामला दर्ज नहीं है। वर्तमान में वह पंजाब में दर्ज एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। वह पंजाब राज्य के फतेहगढ़ साहिब जिले का मूल निवासी है। उसे पंजाब की जेल में ही रखा जाना चाहिए। उसे 21 सितंबर 1995 को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उस पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का मुकदमा चला और उसे दोषी ठहराया गया। वह अपनी गिरफ्तारी की तारीख से लेकर आज तक जेल में है। वह 29 साल से ज़्यादा समय से जेल में है। पंजाब | दैनिक भास्कर
