मोहाली एसटीएफ ने फरीदकोट जिले की पुलिस लाइन में तैनात एक पुलिसकर्मी और उसकी महिला साथी को आधा किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी पुलिसकर्मी कुछ समय पहले ही बहाल हुआ था और फरीदकोट पुलिस लाइन में तैनात था। गिरफ्तार आरोपी का नाम गुरप्रीत सिंह और महिला का नाम नवकिरण कौर है। हालांकि पुलिस अधिकारी उपरोक्त मामले में घटना की पुष्टि कर रहे हैं। इस मामले में अभी एक और आरोपी की गिरफ्तारी होनी है। पुलिस कॉन्फ्रेंस के दौरान घटना का विस्तृत ब्यौरा दिया जाएगा। पंजाब को नशे के दलदल से निकालने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस विभाग को आधुनिक बनाने के साथ-साथ लंबे समय से एक ही थाने या जिले में तैनात पुलिस कर्मियों और अधिकारियों का बड़े पैमाने पर तबादला किया जा रहा है। 2000 पुलिस कर्मियों किया गया था तबादला इसी क्रम में फरीदकोट जिले से करीब 2000 पुलिस कर्मियों का तबादला किया गया। लेकिन जिस तरह से आज फरीदकोट पुलिस लाइन में तैनात एक पुलिस कर्मी को एसटीएफ मोहाली ने एक महिला के साथ पकड़ा है, उससे बड़ा सवाल उठ रहा है कि नशे की लत पर लगाम लगाने के लिए पंजाब सरकार को पंजाब पुलिस में सुधार के लिए और कड़े कदम उठाने की जरूरत है। मोहाली एसटीएफ ने फरीदकोट जिले की पुलिस लाइन में तैनात एक पुलिसकर्मी और उसकी महिला साथी को आधा किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी पुलिसकर्मी कुछ समय पहले ही बहाल हुआ था और फरीदकोट पुलिस लाइन में तैनात था। गिरफ्तार आरोपी का नाम गुरप्रीत सिंह और महिला का नाम नवकिरण कौर है। हालांकि पुलिस अधिकारी उपरोक्त मामले में घटना की पुष्टि कर रहे हैं। इस मामले में अभी एक और आरोपी की गिरफ्तारी होनी है। पुलिस कॉन्फ्रेंस के दौरान घटना का विस्तृत ब्यौरा दिया जाएगा। पंजाब को नशे के दलदल से निकालने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस विभाग को आधुनिक बनाने के साथ-साथ लंबे समय से एक ही थाने या जिले में तैनात पुलिस कर्मियों और अधिकारियों का बड़े पैमाने पर तबादला किया जा रहा है। 2000 पुलिस कर्मियों किया गया था तबादला इसी क्रम में फरीदकोट जिले से करीब 2000 पुलिस कर्मियों का तबादला किया गया। लेकिन जिस तरह से आज फरीदकोट पुलिस लाइन में तैनात एक पुलिस कर्मी को एसटीएफ मोहाली ने एक महिला के साथ पकड़ा है, उससे बड़ा सवाल उठ रहा है कि नशे की लत पर लगाम लगाने के लिए पंजाब सरकार को पंजाब पुलिस में सुधार के लिए और कड़े कदम उठाने की जरूरत है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
अबोहर में ऑटो चालक की मौत:अचानक सड़क पर आया पशु, 3 बच्चों का पिता था मृतक, 10 दिन में तीन हादसे
अबोहर में ऑटो चालक की मौत:अचानक सड़क पर आया पशु, 3 बच्चों का पिता था मृतक, 10 दिन में तीन हादसे अबोहर के गांव कल्लरखेडा के निकट सड़क पर अचानक पशु आने से गांव निवासी एक ऑटो चालक की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक तीन बच्चों का पिता था।
जानकारी के अनुसार, कल्लरखेड़ा निवासी 32 वर्षीय वेद प्रकाश पुत्र मुंशीराम गांव में ही सब्जी की दुकान चलाता है। कल दोपहर किसी का ऑटो लेकर खुद ही श्रीगंगानगर जा रहा था कि नेशनल हाईवे 15 पर अचानक पशु आने से टकरा गया। जिसके बाद ऑटो पलटने से वेद प्रकाश बुरी तरह से घायल हो गया। आसपास के लोग उसे तुरंत अबोहर के अस्पताल लाए जहां डाक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजन उसे श्रीगंगानगर के जन सेवा अस्पताल ले गए, जहां मौत हो गई। सरपंच ने की आवारा पशुओं से मुक्ति की मांग मृतक वेद प्रकाश की दो लड़कियों व एक लड़का है। इधर, कलरखेड़ा चौकी के एएसआई गुरमेल सिंह ने मृतक के भाई सोनू के बयानों पर 174 की कार्रवाई करते हुए शव को अबोहर के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। सूचना मिलते ही गांव के सरपंच जोगिंदर सिंह व अन्य पंचायत भी पहुंची और इस घटना पर दुख जताते हुए आवारा पशुओं के हल कराने की मांग की। गौरतलब है कि आवारा पशुओं के कारण पिछले दस दिनों में हुईं यह तीसरी मौत है। इससे पहले तेलुपरा निवासी प्रदीप कुमार और खुईयां सरवर निवासी किशोर की पशु में टकराने के कारण मौत हो चुकी है।
सांसद अमृतपाल को HC ने भेजा नोटिस:25 अक्टूबर तक दाखिल करना होगा जवाब; लोकसभा की सदस्यता को चुनौती
सांसद अमृतपाल को HC ने भेजा नोटिस:25 अक्टूबर तक दाखिल करना होगा जवाब; लोकसभा की सदस्यता को चुनौती पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सांसद अमृतपाल सिंह की संसदीय सदस्यता को दी गई चुनौती मामले में नोटिस जारी कर दिया है। अमृतपाल सिंह को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने के लिए विक्रमजीत सिंह द्वारा याचिका दायर की गई है। जिसकी सुनवाई आज हाईकोर्ट में हुई। हाईकोर्ट ने अमृतपाल सिंह को 25 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया। अमृतपाल सिंह के खिलाफ कोर्ट पहुंचे विक्रमजीत सिंह ने याचिका में आरोप लगाया है कि अमृतपाल सिंह ने नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाई हैं। अपने चुनाव खर्च की कोई जानकारी नहीं दी है। जिसमें उनके समर्थन में रोजाना कई सभाएं की गई और पैसा कहां खर्च किया गया, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने अमृतपाल सिंह पर धार्मिक पहचान का इस्तेमाल कर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था मामला अमृतपाल सिंह के निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंची थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि संविधान का अनुच्छेद 84 संसद की सदस्यता के लिए योग्यता से संबंधित है, और इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति संसद की सीट भरने के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक न हो। सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि इसके लिए प्रक्रियाएं निर्धारित हैं और जन प्रतिनिधित्व कानून में प्रावधान हैं। असम की जेल में बंद है अमृतपाल खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को अप्रैल 2023 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल को फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। अमृतपाल सिंह अजनाला थाने पर हमला करने समेत कई एफआईआर में भी आरोपी हैं। जेल में रहते हुए अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2024 का लोकसभा चुनाव जीता है। अमृतपाल सिंह ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को करीब 2 लाख वोटों के अंतर से हराया था। खडूर साहिब से जीत के बाद अमृतपाल को शपथ ग्रहण के लिए पैरोल मिली थी।
SAD के बागी ग्रुप की बैठक में बड़ा फैसला:सुखदेख ढींढसा बोले- वह पार्टी के सरपरस्त, नेताओं को निष्कासित करने का फैसला रद
SAD के बागी ग्रुप की बैठक में बड़ा फैसला:सुखदेख ढींढसा बोले- वह पार्टी के सरपरस्त, नेताओं को निष्कासित करने का फैसला रद शिरोमणि अकाली दल (SAD) से निकाले गए बागी नेताओं की आज चंडीगढ में मीटिंग हुई। यह मीटिंग SAD के सरपरस्त सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई में हुई। इस मौके ढींढसा ने कहा कि वह पार्टी के सरपरस्त होने के नाते 8 नेताओं को पार्टी से निकालने के इस फैसले को रद करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ संविधान के खिलाफ किया जा रहा है। इस मामले में सुखबीर सिंह बादल को पत्र लिखूंगा। उनसे इस मामले में जवाब मांगेंगे। पार्टी का प्रधान चुनने के लिए जनरल इजलास बुलाएंगे। जिसमें नया प्रधान चुना जाएगा। ढींढसा ने कहा कि वह आज तक लोगों के सामने नहीं आए थे, लेकिन मजबूरी में उन्हें यह फैसला लेना पड़ा है। झूंदा कमेटी ने की थी प्रधान बदलने की सिफारिश इस मौके गुरप्रताप वडाला और प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि, जब 2022 में लगातार शिरोमणि अकाली दल चुनाव हार रहा था तो उस समय झूंदा कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने सारे पंजाब में लोगों की राय ली थी। लोगों ने उस समय अकाली दल की लीडरशिप में बदलाव की सिफारिश की थी। सुखबीर बादल को पद त्यागना चाहिए। हम भी कमेटी की सिफारिश वाली बात कर रहे हैं। हम तो कमेटी के मुताबिक काम करने की बात कर रहे हैं। सुखबीर पर लगे आरोप गंभीर, प्रधान पद लायक नहीं दोनों नेताओं ने कहा कि हम लोग दो महीने से अकाली दल सुधार लहर चला रहे हैं। लेकिन जब प्रदीप कलेर ने गत दिवस सुखबीर बादल पर सवाल उठाया तो लोगों का ध्यान भटकाने के लिए उन्हें पार्टी से निकालने की कोशिश की। वहीं, उन्होंने कहा कि जिस तरह के आरोप सुखबीर बादल पर लगे हैं, ऐसे में वह प्रधान पद के लायक नहीं है। सुखबीर ने अकाल तख्त साहिब के आदेशों को भी नहीं माना है। अब तो सारी बात सामने आ गई हैं। पार्टी के लिए जेलों में गए हैं नेताओं ने कहा कि उन्होंने अकाली दल के लिए कुर्बानियां दी हैं। जेलों में रहे है। लेकिन सुखबीर बादल ने ऐसा कुछ नहीं किया है। आज अकाली दल दो ग्रुप में बंट गया है। एक ग्रुप में वह लोग जो जेलों में जाकर आए हैं, जबकि दूसरे कारों से उतरकर आते हैं। सरपरस्त को फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं इस मामले में शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि सरपरस्त के पास कोई फैसला नहीं लेने का अधिकार नहीं है। निकाले गए लोगों से हमारा लिंक नहीं है। चार लोगों के कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह पार्टी से निकाले जा चुके है। वह अपना प्रधान चुन सकते हैं। हमने नियमों के मुताबिक सारी कार्रवाई की है।
इन आठ नेताओं को पार्टी से निकाला गया SAD की तरफ से गुरप्रताप सिंह वडाला, बीबी जागीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, परमिंदर सिंह ढींढसा, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, सुरिंदर सिंह ठेकेदार और चरणजीत सिंह बराड़ को पार्टी से निकाला गया था। आरोप है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। हालांकि निकाले गए नेताओं का कहना है कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया।