भास्कर न्यूज | अमृतसर मेहता के खब्बे राजपूतां में चल रहे फुटबाल टूर्नामेंट के दौरान फायरिंग में गुरसेवक (15) की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी महिला को काबू करके 3 दिन का रिमांड लिया है। आरोपी महिला ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। आरोपी महिला ने बताया कि छुट्टी पर आए फौजी गुरप्रीत सिंह की हत्या करवाने के लिए 2 शूटरों को भेजा था। गोली चलाने के दौरान गुरप्रीत सिंह जख्मी हुआ, जबकि बच्चे के पीठ पर गोली लगने से उसकी मौत हो गई। बच्चे को मारने का उसका कोई प्लान नहीं था। पकड़ी गई आरोपी महिला ने बताया कि वह पहले गुरप्रीत सिंह के साथ रिलेशन में थी। गुरप्रीत के पास कोई वीडियो थी, जिसे उसने वायरल किया था। इसी के कारण उसने उसकी हत्या करवानी थी, लेकिन वह बच गया। महिला किसी व्यक्ति के संपर्क में आई और उसने उस वक्त से 2 शूटरों की मांग की। जिसके बाद यह वारदात करवाई थी। हालांकि इस मामले में पुलिस शूटरों को अभी काबू नहीं कर पाई है। एसएचओ शमशेर सिंह ने बताया कि पुलिस टीम जांच में लगी है। बता दें कि शनिवार को स्टेडियम में फुटबाल टूर्नामेंट के दौरान बाइक सवार 2 शूटरों ने 4 गोलियां चलाई थी। जिस दौरान खेल देखने आए गुरसेवक की गोली लगने से उसकी मौके पर मौत हो गई थी। इसके अलावा फौजी गुरप्रीत सिंह की एक टांग में गोली लगी और वह जख्मी हो गया। गुरप्रीत का इलाज अभी अस्पताल में चल रहा है। घटना के बाद मृतक गुरसेवक सिंह के परिजनों और इलाके के लोगों ने आक्रोश जताते हुए थाना मेहता के सामने बटाला-बाबा बकाला साहिब मुख्य मार्ग पर धरना लगा दिया था। गुरसेवक सिंह 3 बहनों का इकलौता भाई था। परिजनों के मुताबिक गुरसेवक घर से फुटबॉल टूर्नामेंट देखने गया था। एसपी डी हरिंदर सिंह ने बताया कि मामले में पुलिस के पास आरोपियों की लीड हैं। छापेमारी कर रहे हैं जल्द ही शूटरों को काबू कर लिया जाएगा। गुरसेवक का फाइल फोटो। भास्कर न्यूज | अमृतसर मेहता के खब्बे राजपूतां में चल रहे फुटबाल टूर्नामेंट के दौरान फायरिंग में गुरसेवक (15) की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी महिला को काबू करके 3 दिन का रिमांड लिया है। आरोपी महिला ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। आरोपी महिला ने बताया कि छुट्टी पर आए फौजी गुरप्रीत सिंह की हत्या करवाने के लिए 2 शूटरों को भेजा था। गोली चलाने के दौरान गुरप्रीत सिंह जख्मी हुआ, जबकि बच्चे के पीठ पर गोली लगने से उसकी मौत हो गई। बच्चे को मारने का उसका कोई प्लान नहीं था। पकड़ी गई आरोपी महिला ने बताया कि वह पहले गुरप्रीत सिंह के साथ रिलेशन में थी। गुरप्रीत के पास कोई वीडियो थी, जिसे उसने वायरल किया था। इसी के कारण उसने उसकी हत्या करवानी थी, लेकिन वह बच गया। महिला किसी व्यक्ति के संपर्क में आई और उसने उस वक्त से 2 शूटरों की मांग की। जिसके बाद यह वारदात करवाई थी। हालांकि इस मामले में पुलिस शूटरों को अभी काबू नहीं कर पाई है। एसएचओ शमशेर सिंह ने बताया कि पुलिस टीम जांच में लगी है। बता दें कि शनिवार को स्टेडियम में फुटबाल टूर्नामेंट के दौरान बाइक सवार 2 शूटरों ने 4 गोलियां चलाई थी। जिस दौरान खेल देखने आए गुरसेवक की गोली लगने से उसकी मौके पर मौत हो गई थी। इसके अलावा फौजी गुरप्रीत सिंह की एक टांग में गोली लगी और वह जख्मी हो गया। गुरप्रीत का इलाज अभी अस्पताल में चल रहा है। घटना के बाद मृतक गुरसेवक सिंह के परिजनों और इलाके के लोगों ने आक्रोश जताते हुए थाना मेहता के सामने बटाला-बाबा बकाला साहिब मुख्य मार्ग पर धरना लगा दिया था। गुरसेवक सिंह 3 बहनों का इकलौता भाई था। परिजनों के मुताबिक गुरसेवक घर से फुटबॉल टूर्नामेंट देखने गया था। एसपी डी हरिंदर सिंह ने बताया कि मामले में पुलिस के पास आरोपियों की लीड हैं। छापेमारी कर रहे हैं जल्द ही शूटरों को काबू कर लिया जाएगा। गुरसेवक का फाइल फोटो। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फरीदकोट में सड़क पर उतरे किसान संगठन:रोष मार्च निकाला, डीसी ऑफिस के बाहर फूंकी केंद्रीय बजट की कॉपियां पंजाब के फरीदकोट में संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर किसान संगठनों ने केंद्रीय बजट के खिलाफ शहर में रोष मार्च निकाला। साथ ही मिनी सचिवालय में डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के बाहर बजट की कॉपियां फूंक कर रोष प्रदर्शन किया। किसान संगठनों का आरोप है कि इस बार के केंद्रीय बजट में भी किसानों समेत अन्य वर्गों के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है, बल्कि किसानों को कर्ज के जंजाल में फंसाने के लिए कर्ज लिमिट को बढ़ाया है, जिससे किसानों की खुदकुशी का आंकड़ा ही बढ़ने के आसार है। केंद्र सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही
संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर इकट्ठा हुए किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय बजट के खिलाफ शहर में रोष मार्च निकाला और डीसी दफ्तर के आगे नारेबाजी कर केंद्रीय बजट की कॉपियां फूंकी। इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि पिछले 5 वर्षों से किसान संगठनों द्वारा स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करने, एमएसपी का गारंटी कानून बनाने, किसानों का सारा कर्ज माफ करने समेत अन्य मांगों को लेकर लगातार संघर्ष किया जा रहा है लेकिन केंद्र सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही। इस बार के बजट में भी किसानों के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है जिसके चलते संयुक्त किसान मोर्चे ने इस केंद्रीय बजट की कापियां फूंकने का फैसला किया है। इस मौके पर किसान नेता शमशेर सिंह किंगरा, सुखदीप सिंह और भूपेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में किसान व मजदूर वर्ग के अलावा छोटे दुकानदारों, व्यापारियों व कर्मचारियों के लिए भी बजट में कोई राहत नहीं दी है। किसानों का कर्ज माफ करने से साफ इनकार कर दिया है और बल्कि कर्ज की लिमिट बढ़ा दी है, जिससे किसान और कर्ज के जाल में फंस कर खुदकुशी करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों को ही खुश करने में लगी हुई है और इस बार का बजट भी कॉर्पोरेट घरानों के पक्ष में ही तैयार किया गया है।

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चंडीगढ़ मेयर चुनाव: क्रॉस वोटिंग करने वालों की पहचान होगी:कांग्रेस स्ट्रेटजी बनाने में जुटी, हाईकमान को भेजेगी रिपोर्ट, AAP में भी मंथन दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चंडीगढ़ मेयर का चुनाव बहुमत के बजाय क्रॉस वोटिंग के जरिए जीतकर भाजपा ने सभी दलों को चकमा दे दिया है। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। अब दोनों पार्टियां क्रॉस वोटिंग करने वालों की पहचान करने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस जल्द ही चुनाव को लेकर हाईकमान को रिपोर्ट भेजेगी। इससे पहले एक कमेटी बनाकर तमाम जांच-पड़ताल की जाएगी। वहीं आप में भी मंथन शुरू हो गया है। जानकारों की मानें तो जब तक दोनों पार्टियां मंथन करेंगी, भाजपा चार दिन बाद दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा उठा लेगी। नजर रखने के बाद भी नहीं बचा पाए अपना किला आप और कांग्रेस को शुरू से ही शक था कि भाजपा खेल कर सकती है। ऐसे में कांग्रेस और आप ने चुनाव से चार दिन पहले अपने पार्षदों को चंडीगढ़ से बाहर कर दिया। कांग्रेस ने अपने पार्षदों को लुधियाना में रखा, जबकि आप ने अपने पार्षदों को रोपड़ में रखा। उनके फोन से लेकर हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी। पार्षदों को धार्मिक स्थलों पर जाकर शपथ भी दिलाई गई, लेकिन फिर भी पार्टियां कुछ नहीं कर पाईं। जबकि भाजपा के सभी पार्षद शहर में थे। भाजपा लोकसभा चुनाव में हार के बाद एकजुट नजर आई। साथ ही उन्होंने शुरू से ही इंडिया गठबंधन की कमजोरियों पर काम किया। सबसे पहले कांग्रेस के 27वें वार्ड के पार्षद गुरबख्श रावत को चुनाव से दो दिन पहले भाजपा में शामिल करवाकर सबको चौंका दिया। इसके बाद दावा किया गया कि कुछ और लोग भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि अंदरखाने यह भी चर्चा चल रही थी कि आप के मेयर प्रत्याशी से उनके पार्षद संतुष्ट नहीं हैं। लेकिन पार्टी ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया। AAP और कांग्रेस दोनों के लिए मंथन जरूरी चंडीगढ़ चुनाव में भाजपा के 16 पार्षद थे, जबकि इंडिया गठबंधन के पास 20 पार्षद थे। लेकिन जब मेयर चुनाव हुआ ताे बीजेपी की हरप्रीत कौर 19 वोट मिले और गठबंधन की उम्मीदवार प्रेमलता को 17 वोट मिले। इस दौरान तीन वोट क्रॉस हुए। जिससे यह बात तो साफ है कि यह वोट गठबंधन में शामिल पार्षदों की तरफ से भाजपा उम्मीदवार को डाले गए। जिसकी वजह से कांग्रेस समर्थित आप उम्मीदवार प्रेम लता चुनाव हार गई। इसी तरह सीनियर डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस के जसबीर बंटी जीते । लेकिन गठबंधन के 20 वोट होने के बाद भी उन्हें 19 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा की विमला दुबे को 17 वोट मिले थे। यहां पर भी एक वोट क्रॉस हुआ। इसी तरह डिप्टी मेयर के पद पर कांग्रेस की तरूणा मेहता को 19 वोट मिले। जबकि भाजपा को 17 वोट मिले है। यहां पर एक वोट क्रॉस हुई है। कांग्रेस प्रधान एचएस लक्की ने साफ किया है इस मामले की जांच करवाई जाएगी। साथ ही काली भेड़ों की पहचान की जाएगी।

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