पंजाब में उपचुनाव के मतदान की तारीख बदलने की मांग:कांग्रेस नेता बाजवा ने निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, प्रकाश पर्व का दिया तर्क

पंजाब में उपचुनाव के मतदान की तारीख बदलने की मांग:कांग्रेस नेता बाजवा ने निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, प्रकाश पर्व का दिया तर्क

पंजाब में 13 नवंबर को चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के लिए मतदान तय है। लेकिन अब इस तारीख को बदलने की मांग उठी है। कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मामले में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। उनकी तरफ से पत्र में दलील दी गई है कि 15 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व है। प्रकाश पर्व 3 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत 13 नवंबर को अखंड पाठ साहिब से होती है। उसी दिन मतदान होना है। ऐसे में इस विषय पर आयोग को विचार करना चाहिए। मतदान पर पड़ सकता है असर बाजवा ने पत्र में कहा है प्रकाश पर्व में सिख समुदाय के साथ-साथ हिंदुओं और अन्य धार्मिक समूह का भी आध्यात्मिक जुड़ाव है। उन्होंने कहा है कि ऐसे में संभावना है कि मतदान पर असर पड़ सकता है। इस समय में अधिकतर गुरुद्वारों और अपने घरों में धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होंगे, जिससे चुनाव के दिन लोकतांत्रिक अभ्यास में पूरी तरह से शामिल होने की उनकी क्षमता कम हो जाएगी। उन्होंने तर्क दिया है हरियाणा चुनाव के समय भी तारीख में बदलाव किया था। क्योंकि उस समय बिश्नोई समाज का कोई त्योहार आ गया था। 4 सीटों का धार्मिक महत्व बाजवा ने पत्र में लिखा है कि जिन चार सीटों उप चुनाव हैं। उनमें डेरा बाबा नानक अत्यधिक धार्मिक महत्व का शहर है। बाजवा ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब के लोगों को बिना किसी संघर्ष या समझौते के अपने धार्मिक उत्सव और लोकतांत्रिक प्रक्रिया दोनों में पूरी तरह से भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। विपक्ष के नेता ने विश्वास व्यक्त किया कि चुनाव आयोग इस अनुरोध पर अनुकूलता से विचार करेगा, जिससे लाखों लोगों की गहरी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक भावना को कायम रखा जा सकेगा। पंजाब में 13 नवंबर को चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के लिए मतदान तय है। लेकिन अब इस तारीख को बदलने की मांग उठी है। कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मामले में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। उनकी तरफ से पत्र में दलील दी गई है कि 15 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व है। प्रकाश पर्व 3 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत 13 नवंबर को अखंड पाठ साहिब से होती है। उसी दिन मतदान होना है। ऐसे में इस विषय पर आयोग को विचार करना चाहिए। मतदान पर पड़ सकता है असर बाजवा ने पत्र में कहा है प्रकाश पर्व में सिख समुदाय के साथ-साथ हिंदुओं और अन्य धार्मिक समूह का भी आध्यात्मिक जुड़ाव है। उन्होंने कहा है कि ऐसे में संभावना है कि मतदान पर असर पड़ सकता है। इस समय में अधिकतर गुरुद्वारों और अपने घरों में धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होंगे, जिससे चुनाव के दिन लोकतांत्रिक अभ्यास में पूरी तरह से शामिल होने की उनकी क्षमता कम हो जाएगी। उन्होंने तर्क दिया है हरियाणा चुनाव के समय भी तारीख में बदलाव किया था। क्योंकि उस समय बिश्नोई समाज का कोई त्योहार आ गया था। 4 सीटों का धार्मिक महत्व बाजवा ने पत्र में लिखा है कि जिन चार सीटों उप चुनाव हैं। उनमें डेरा बाबा नानक अत्यधिक धार्मिक महत्व का शहर है। बाजवा ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब के लोगों को बिना किसी संघर्ष या समझौते के अपने धार्मिक उत्सव और लोकतांत्रिक प्रक्रिया दोनों में पूरी तरह से भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। विपक्ष के नेता ने विश्वास व्यक्त किया कि चुनाव आयोग इस अनुरोध पर अनुकूलता से विचार करेगा, जिससे लाखों लोगों की गहरी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक भावना को कायम रखा जा सकेगा।   पंजाब | दैनिक भास्कर