पंजाब में 20 नवंबर को चार सीटों पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव का प्रचार थमने में अब चार दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में इन सीटों को फतह करने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) कोई कसर छोड़ने के मूड़ में नहीं है। इससे पहले AAP संगठन सचिव संदीप पाठक ने विधायकों और मंत्रियों से मीटिंग की। इसमें माझा और दोआबा से जुडे़ सारे नेता शामिल हुए। साथ ही चुनाव प्रचार को गति देने के लिए स्ट्रेटजी बनाई है। इन चुनावों को काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि अगले दो महीने में ही पंजाब में 5 नगर निगमों और 43 नगर काउंसिलों के चुनाव हैं। जबकि अगले साल फरवरी तक दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं। अगर पार्टी चुनाव जीतती है तो उससे उन चुनावों में कैश कर पाएगी। जबकि, अगर नतीजे मन मुताबिक नहीं रहते है, तो विरोधी दल वाले हमला बाेलेंगे। चार चीजों पर रहेगा फोकस संदीप पाठक ने विधायकों और मंत्रियों को साफ किया है कि पहले तो हमें इन चुनावों में सरकार द्वारा ढाई साल में किए गए कामों को लोगों बताना है। दूसरे उस इलाके के क्या इश्यू है, उनको उठाना है। तीसरा प्रचार के दौरान हर घर को कवर करना है। हर वोटर से जुड़ने की कोशिश की जाए, ताकि लोग सीधा पार्टी से जुड़े। जिस एरिया में ड्यूटी लगी है, उस एरिया के लिए वह व्यक्ति ही जिम्मेदार होगा। यह उनकी पार्टी के नेताओं से चुनाव को लेकर दूसरी मीटिंग थी। इससे पहले उन्होंने करीब 22 दिन पहले चंडीगढ़ में निकाय भवन में मीटिंग की थी। पाठक ने साफ किया है कि यह यह चुनाव उनके लिए काफी अहम है। जालंधर उप चुनाव की तरह इसमें सबको काम करना होगा। AAP की हवा के बावजूद तीन सीटें जीती थी कांग्रेस अगर इन चारों सीटों की बात करे तो विधानसभा चुनाव 2022 में जब AAP की हवा चल रही थी। पार्टी 117 में से 92 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। लेकिन इन सीटों में से तीन डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और गिद्दड़बाहा पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। इनमें गिद्दड़बाहा से कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, डेरा बाबा नानक से पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा और चब्बेवाल से डॉ. राज कुमार चब्बेवाल चुनाव जीते थे। जबकि बरनाला सीट पर आप की टिकट पर दूसरी बार चुनाव जीतकर गुरमीत सिंह मीत हेयर पंजाब सरकार में मंत्री बने थे। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले चब्बेवाल के विधायक डॉ. राजकुमार चब्बेवाल कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हो गए थे। साथ ही उन्होंने AAP की टिकट होशियारपुर से लोकसभा चुनाव जीता था, जबकि अन्य तीनों विधायक भी सांसद बन गए थे। जिससे यह सीटें खाली हुई थी। इस बार कांग्रेस ने डेरा बाबा नानक से रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर, गिद्दड़बाहा से अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की पत्नी अमृता वड़िंग को उम्मीदार बनाया है। जबकि चब्बेवाल से आम आदमी पार्टी ने डॉ. चब्बेवाल के बेटे को टिकट दी है। पंजाब में 20 नवंबर को चार सीटों पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव का प्रचार थमने में अब चार दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में इन सीटों को फतह करने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) कोई कसर छोड़ने के मूड़ में नहीं है। इससे पहले AAP संगठन सचिव संदीप पाठक ने विधायकों और मंत्रियों से मीटिंग की। इसमें माझा और दोआबा से जुडे़ सारे नेता शामिल हुए। साथ ही चुनाव प्रचार को गति देने के लिए स्ट्रेटजी बनाई है। इन चुनावों को काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि अगले दो महीने में ही पंजाब में 5 नगर निगमों और 43 नगर काउंसिलों के चुनाव हैं। जबकि अगले साल फरवरी तक दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं। अगर पार्टी चुनाव जीतती है तो उससे उन चुनावों में कैश कर पाएगी। जबकि, अगर नतीजे मन मुताबिक नहीं रहते है, तो विरोधी दल वाले हमला बाेलेंगे। चार चीजों पर रहेगा फोकस संदीप पाठक ने विधायकों और मंत्रियों को साफ किया है कि पहले तो हमें इन चुनावों में सरकार द्वारा ढाई साल में किए गए कामों को लोगों बताना है। दूसरे उस इलाके के क्या इश्यू है, उनको उठाना है। तीसरा प्रचार के दौरान हर घर को कवर करना है। हर वोटर से जुड़ने की कोशिश की जाए, ताकि लोग सीधा पार्टी से जुड़े। जिस एरिया में ड्यूटी लगी है, उस एरिया के लिए वह व्यक्ति ही जिम्मेदार होगा। यह उनकी पार्टी के नेताओं से चुनाव को लेकर दूसरी मीटिंग थी। इससे पहले उन्होंने करीब 22 दिन पहले चंडीगढ़ में निकाय भवन में मीटिंग की थी। पाठक ने साफ किया है कि यह यह चुनाव उनके लिए काफी अहम है। जालंधर उप चुनाव की तरह इसमें सबको काम करना होगा। AAP की हवा के बावजूद तीन सीटें जीती थी कांग्रेस अगर इन चारों सीटों की बात करे तो विधानसभा चुनाव 2022 में जब AAP की हवा चल रही थी। पार्टी 117 में से 92 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। लेकिन इन सीटों में से तीन डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और गिद्दड़बाहा पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। इनमें गिद्दड़बाहा से कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, डेरा बाबा नानक से पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा और चब्बेवाल से डॉ. राज कुमार चब्बेवाल चुनाव जीते थे। जबकि बरनाला सीट पर आप की टिकट पर दूसरी बार चुनाव जीतकर गुरमीत सिंह मीत हेयर पंजाब सरकार में मंत्री बने थे। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले चब्बेवाल के विधायक डॉ. राजकुमार चब्बेवाल कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हो गए थे। साथ ही उन्होंने AAP की टिकट होशियारपुर से लोकसभा चुनाव जीता था, जबकि अन्य तीनों विधायक भी सांसद बन गए थे। जिससे यह सीटें खाली हुई थी। इस बार कांग्रेस ने डेरा बाबा नानक से रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर, गिद्दड़बाहा से अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की पत्नी अमृता वड़िंग को उम्मीदार बनाया है। जबकि चब्बेवाल से आम आदमी पार्टी ने डॉ. चब्बेवाल के बेटे को टिकट दी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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शुरूआती जानकारी के मुताबिक यहां 2 पक्षों में जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। जहां एक तरफ से पटियाला के गांव नोगावां के रहने वाले दिलबाग सिंह और उनका बेटा जसविंदर सिंह जस्सी गांव चतर नगर पहुंचे थे। दूसरे पक्ष से चतर नगर के ही रहने वाले सतविंदर सिंह, हरजिंदर सिंह और हरप्रीत सिंह वहां मौजूद थे। दोनों में ठेके की जमीन को लेकर विवाद हो गया। दिलबाग सिंह सुबह भी अपने बेटे के साथ खेत जोतने के लिए आया था। मगर रात में 2 एकड़ की हुई जुताई से पहले ही दूसरा पक्ष तिलमिलाया हुआ था। इसी के चलते दूसरे पक्ष ने खेत में लोगों को इकट्ठा किया हुआ था। दोनों पिता-पुत्र वहां पर पहुंचे ही थे कि दोनों में पहले जमकर बहस हुई और फिर बात मारपीट तक पहुंच गई। इतने में दूसरे पक्ष ने हथियार निकालकर गोलियां चलानी शुरू कर दी। जिसमें पिता-पुत्र की मौत हो गई। बहस के बाद मारपीट, फिर फायरिंग हुई
बहस के बाद दोनों पक्षों में मारपीट की नौबत आ गई। पुलिस के मुताबिक इसी दौरान दूसरे पक्ष ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिसमें दिलबाग सिंह और उनके बेटे जसविंदर की मौत हो गई। दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति सतविंदर सिंह की भी मौत हो गई। इसके अलावा उनके साथी हरप्रीत सिंह और हरजिंदर सिंह को गोलियां लगने के बाद राजिंदरा अस्पताल ले जाया गया। मृतकों के शव खेतों में ही पड़े थे। पुलिस ने उन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। हत्या करने वालों की तलाश में रेड शुरू कर दी गई है। 30 एकड़ जमीन को लेकर चल रहा था विवाद
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किसान यूनियन चढ़ूनी के पटियाला जिले के प्रधान अमरिंदर सिंह हैप्पी ने बताया कि उक्त दोनों पक्षों में पिछले काफी समय से जमीनी विवाद चल रहा था। जमीन एक इंडोनेशियन कंपनी को ठेके पर दी गई थी। इसी को लेकर दोनों पिछले काफी समय से आमने सामने हो रहे थे। बीती रात दिलबाग सिंह उसके साथियों ने करीब 2 एकड़ जमीन को जोत दिया था। इस बारे में जब दूसरे पक्ष को पता चला तो मामला गर्मा गया। इसी विवाद को लेकर तीन लोगों की हत्या की गई। किसान नेता ने आरोप लगाए हैं कि राजनीतिक लोगों द्वारा दोनों पक्षों में समझौता करवाया जा रहा था, उन्हीं की वजह से मामला आज इतना बढ़ गया कि तीन लोगों को जान गंवानी पड़ी। डीएसपी बोले- पंचायती तौर पर हुआ था दोनों पक्षों का फैसला, जांच जारी
डीएसपी बूटा सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि उक्त जगह पर जमीनी विवाद चल रहा है, जिसमें कुछ लोगों द्वारा फायरिंग की गई है। जिसके बाद वह तुरंत अपनी टीम के साथ मौके पर जांच के लिए पहुंच गए थे। घटना में एक पक्ष के पिता पुत्र और दूसरे पक्ष में एक व्यक्ति की मौत हुई है। कुल कितनी गोलियां चली, इस पर जांच के बाद कुछ कहा जा सकता है। सभी का पोस्टमॉर्टम राजपूरा में स्थित सरकारी अस्पताल में इलाज करवाया जाएगा। दोनों परिवारों के खिलाफ बयान दर्ज किए जा रहे हैं। बयानों के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी। दोनों पक्षों को पंचायती तौर पर फैसला हुआ था, उसकी भी जांच की जा रही है।
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