पंजाब के होशियारपुर में करवा चौथ के दिन पूर्व सरपंच के पति-ससुर की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। घटना चक्कोवाल ब्राह्मणा गांव की है। दोनों नवजन्में बच्चे का हाल जानने के लिए अस्पताल में आए थे। बाहर निकलते ही अज्ञात लोगों ने उन पर फायरिंग कर दी। मृतकों की पहचान तलवंडी के रहने वाले अमरजीत लाल और उनके पिता कश्मीर सिंह के रूप में हुई है। अमरजीत की पत्नी गांव की सरपंच रही है। इस बार पंचायती चुनाव में वह हार गई थी। अमरजीत और कश्मीर सिंह का सरपंची को लेकर किसी से विवाद चल रहा था। पुलिस ने दोनों के शव कब्जे में लेकर होशियारपुर के सिविल अस्पताल में भिजवा दिए हैं। हम इस खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं… पंजाब के होशियारपुर में करवा चौथ के दिन पूर्व सरपंच के पति-ससुर की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। घटना चक्कोवाल ब्राह्मणा गांव की है। दोनों नवजन्में बच्चे का हाल जानने के लिए अस्पताल में आए थे। बाहर निकलते ही अज्ञात लोगों ने उन पर फायरिंग कर दी। मृतकों की पहचान तलवंडी के रहने वाले अमरजीत लाल और उनके पिता कश्मीर सिंह के रूप में हुई है। अमरजीत की पत्नी गांव की सरपंच रही है। इस बार पंचायती चुनाव में वह हार गई थी। अमरजीत और कश्मीर सिंह का सरपंची को लेकर किसी से विवाद चल रहा था। पुलिस ने दोनों के शव कब्जे में लेकर होशियारपुर के सिविल अस्पताल में भिजवा दिए हैं। हम इस खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं… पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में सहकार भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन:केंद्रीय मंत्री नतिन गडकरी, हरियारणा सीएम सैनी पहुंचेंगे; देशभर से 2500 से अधिक प्रतिनिधि ले रहे भाग केंद्रीय मंत्री नितिनि गडकरी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज अमृतसर आ रहे हैं। बीते दो दिन से अमृतसर के रेलवे स्टेशन के पास बी-ब्लॉक में चल रहे सहकार भारती का 8वें राष्ट्रीय अधिवेशन में वे पहुंचेंगे। अमृतसर में ये अधिवेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर व राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी की अध्यक्षता में हो रहा है। सहकारिता को समर्पित सहकार भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर से 2500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि पहली बार अमृतसर की पवित्र भूमि, जो सेवा की भूमि है, वहां सहकार भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है। सेवा की भावना को लेकर जागृत मन से एवं और अधिक ऊर्जा से अपने क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को सहकारिता से उद्धार के लिए कार्य करना है। तीन सालों की योजनाओं का हो रहा मंथन उन्होंने कहा कि 2021 में जब सहकारिता मंत्रालय की स्थापना हुई तो देश में सहकारिता के प्रति एक नई चेतना का निर्माण हुआ। इसके बाद सहकारिता क्षेत्र को नई प्रतिष्ठा मिली है और इस बात के लिए हम सभी को गौरवान्वित होना चाहिए कि इसके लिए सबसे अधिक योगदान सहकार भारती का रहा है। तीन दिवसीय अधिवेशन में सहकार भारती के आगामी तीन वर्ष की कार्य योजना पर मंथन हो रहा है।
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