करोड़ों रुपये की ड्रग तस्करी से जुड़े मामले में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने कोर्ट में जवाब दिया है कि उन्होंने मजीठिया को पूछताछ के लिए भेजे गए समन वापस ले लिए हैं। हालांकि इससे पहले जब पिछले महीने एसआईटी ने उन्हें नोटिस भेजा था, तब उन्होंने इस मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी ओर से दलील दी गई थी कि उन्हें बार-बार समन भेजकर परेशान किया जा रहा है। इसके बाद हाईकोर्ट ने उन्हें 8 जुलाई तक एसआईटी के समक्ष पेश होने की राहत दी थी। इस साल नई एसआईटी का गठन किया गया था इस साल की शुरुआत में मजीठिया मामले में नई एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी की जिम्मेदारी पटियाला रेंज के डीआईजी एचएस भुल्लर को दी गई है। एडीजीपी मुखविंदर सिंह छीना के रिटायर होने के बाद सरकार ने एसआईटी का पुनर्गठन किया था। एसआईटी में डीआईजी भुल्लर के अलावा पटियाला के एसएसपी वरुण शर्मा और धुरी के एसपी योगेश शर्मा समेत कुछ अन्य अधिकारी शामिल किए गए थे। एसआईटी उनसे तीन से चार बार पूछताछ कर चुकी है। हालांकि, पहले किसान आंदोलन के चलते पूछताछ में दिक्कत आ रही थी।
साल 2021 में दर्ज हुआ था केस पुलिस ने मजीठिया के खिलाफ यह मामला 3 साल पहले कांग्रेस सरकार के समय 20 दिसंबर 2021 को दर्ज किया था। इसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 5 महीने जेल में रहने के बाद मजीठिया को 10 अगस्त 2022 को जमानत मिल गई। मजीठिया ने आरोप लगाया है कि जिस मामले में वह जेल में रहे हैं, उसमें अभी तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। वहीं, मामले में उनसे कोई रिकवरी भी नहीं हुई है। करोड़ों रुपये की ड्रग तस्करी से जुड़े मामले में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने कोर्ट में जवाब दिया है कि उन्होंने मजीठिया को पूछताछ के लिए भेजे गए समन वापस ले लिए हैं। हालांकि इससे पहले जब पिछले महीने एसआईटी ने उन्हें नोटिस भेजा था, तब उन्होंने इस मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी ओर से दलील दी गई थी कि उन्हें बार-बार समन भेजकर परेशान किया जा रहा है। इसके बाद हाईकोर्ट ने उन्हें 8 जुलाई तक एसआईटी के समक्ष पेश होने की राहत दी थी। इस साल नई एसआईटी का गठन किया गया था इस साल की शुरुआत में मजीठिया मामले में नई एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी की जिम्मेदारी पटियाला रेंज के डीआईजी एचएस भुल्लर को दी गई है। एडीजीपी मुखविंदर सिंह छीना के रिटायर होने के बाद सरकार ने एसआईटी का पुनर्गठन किया था। एसआईटी में डीआईजी भुल्लर के अलावा पटियाला के एसएसपी वरुण शर्मा और धुरी के एसपी योगेश शर्मा समेत कुछ अन्य अधिकारी शामिल किए गए थे। एसआईटी उनसे तीन से चार बार पूछताछ कर चुकी है। हालांकि, पहले किसान आंदोलन के चलते पूछताछ में दिक्कत आ रही थी।
साल 2021 में दर्ज हुआ था केस पुलिस ने मजीठिया के खिलाफ यह मामला 3 साल पहले कांग्रेस सरकार के समय 20 दिसंबर 2021 को दर्ज किया था। इसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 5 महीने जेल में रहने के बाद मजीठिया को 10 अगस्त 2022 को जमानत मिल गई। मजीठिया ने आरोप लगाया है कि जिस मामले में वह जेल में रहे हैं, उसमें अभी तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। वहीं, मामले में उनसे कोई रिकवरी भी नहीं हुई है। पंजाब | दैनिक भास्कर