पंजाब के नाभा में प्रधानमंत्री आवास योजना में 1.84 करोड़ रुपए के घोटाले का पर्दाफ़ाश विजिलेंस ने किया है। जांच के बाद विजिलेंस ने अफसरों और ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। 6 दिन में किया सारा खेल जांच में सामने आया है कि वर्ष 2018 में नगर काउंसिल नाभा को हाउस फॉर ऑल स्कीम ( PMSAY) के तहत फंड प्राप्त हुए थे। तिथि 01.11.2018 से 06.11.2018 तक 6 दिन के अंदर विकास कार्यों के फर्जी बिल तैयार कर 1 करोड़ 84 लाख 45 हजार 551 रुपए का गबन कर लिया कर लिया था। विजिलेंस जांच में सामने आया है कि उक्त राशि से कोई भी विकास कार्य नहीं किया गया, बल्कि अधिकारियों ने ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर इस योजना के तहत जरूरतमंदों के लिए घर बनाने के बजाय कार्यों को विकास कार्य के रूप में दिखाकर फंडों का गबन किया है। पहले चावल घोटाला पकड़ा था इससे पहले विजिलेंस ब्यूरो पंजाब ने चावल घोटाले का पर्दाफ़ाश किया था। इसमें सामने आया था कि केंद्र की स्कीमों के तहत जो चावल आ रहे थे। ठेकेदार व चावल मिल मालिक इससे मोटी आमदनी कमा रहे थे। विजिलेंस ने उस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर केस दर्ज किया था। पंजाब के नाभा में प्रधानमंत्री आवास योजना में 1.84 करोड़ रुपए के घोटाले का पर्दाफ़ाश विजिलेंस ने किया है। जांच के बाद विजिलेंस ने अफसरों और ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। 6 दिन में किया सारा खेल जांच में सामने आया है कि वर्ष 2018 में नगर काउंसिल नाभा को हाउस फॉर ऑल स्कीम ( PMSAY) के तहत फंड प्राप्त हुए थे। तिथि 01.11.2018 से 06.11.2018 तक 6 दिन के अंदर विकास कार्यों के फर्जी बिल तैयार कर 1 करोड़ 84 लाख 45 हजार 551 रुपए का गबन कर लिया कर लिया था। विजिलेंस जांच में सामने आया है कि उक्त राशि से कोई भी विकास कार्य नहीं किया गया, बल्कि अधिकारियों ने ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर इस योजना के तहत जरूरतमंदों के लिए घर बनाने के बजाय कार्यों को विकास कार्य के रूप में दिखाकर फंडों का गबन किया है। पहले चावल घोटाला पकड़ा था इससे पहले विजिलेंस ब्यूरो पंजाब ने चावल घोटाले का पर्दाफ़ाश किया था। इसमें सामने आया था कि केंद्र की स्कीमों के तहत जो चावल आ रहे थे। ठेकेदार व चावल मिल मालिक इससे मोटी आमदनी कमा रहे थे। विजिलेंस ने उस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर केस दर्ज किया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चरणजीत ने कहा कि घटना के बाद वे लगातार 108 पर फोन करते रहे लेकिन एंबुलेंस बहुत लेट आई। उसके भाई की मौत की वजह यह भी रही। जब उसके भाई को फतेहगढ़ साहिब से चंडीगढ़ रेफर किया गया तो वहां पहुंचने से पहले रास्ते में मौत हो गई। चरणजीत ने प्रशासन से मांग की कि एंबुलेंस को हादसे वाली जगह तुरंत पहुंचना यकीनी बनाया जाए।
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पंजाब में डॉक्टर की हड़ताल रोकने का प्रयास:मान सरकार का लेटर जारी; हिंसक घटनाओं की रोकथाम के लिए बनेगी सुरक्षा समिति पंजाब में 9 सितंबर से होने वाली डॉक्टरों की हड़ताल को रोकने के लिए पंजाब सरकार ने प्रयास करते हुए एक लेटर जारी किया है। जिसमें डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर समितियां गठित करने के आदेश दिए गए हैं। पंजाब के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी पत्र के मुताबिक समितियां डीसी के अंतर्गत होगी। जारी पत्र के अनुसार अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर कमेटी और हिंसक घटनाओं की रोकथाम के लिए कमेटी गठित की जाएगी। पंजाब के सेहत मंत्री ने पंजाब के सभी सिविल सर्जनों को डीसी के अंतर्गत कमेटी बनाने के लिए कहा है। जिसका नाम डिस्ट्रिक्ट हेल्थ बोर्ड होगा। सेहत विभाग के सूत्रों के अनुसार बोर्ड की अगुवाई डीसी और कमिश्नर करेंगे। जिसमें पुलिस कमिश्नर या एसएसपी, सिविल सर्जन, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज, मेडिकल सुपरिनटैंडैंट, पंजाब मेडिकल एसोसिएशन और समाज सेवी संस्थाओं के अलावा कानूनी सलाहकार और माहिर शामिल होंगे। पुलिस स्टेशनों को अलर्ट रहने की हिदायत इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में विभिन्न नियमों के तहत निर्देश भी जारी किए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने भीड़भाड़ वाले स्वास्थ्य केंद्रों से सटे पुलिस स्टेशनों को भी सुरक्षा स्तर के प्रति सचेत रहने को कहा है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि यदि कोई अस्पताल में आकर स्वास्थ्य कर्मी से अभद्र व्यवहार करता है तो संबंधित स्वास्थ्य कर्मी के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाए। अस्पताल में मरीज के साथ एक ही अटैंडेंट रहेगा जारी निर्देश के मुताबिक, अब अस्पताल में भर्ती मरीजों से केवल एक ही रिश्तेदार मिल सकेगा और बाकी वेटिंग एरिया में ही रहेंगे। रात में काम करने वाले डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, नए जारी किए गए कानून और हिंसा और संपत्ति क्षति रोकथाम अधिनियम को पूरे अस्पताल में अंग्रेजी और पंजाबी में लिखा जाएगा। इसके अलावा अस्पताल में डिस्प्ले बोर्ड पर नजदीकी पुलिस स्टेशन का नंबर भी लिखा जाएगा। अस्पताल में किसी भी तरह की आपात स्थिति या स्टाफ को कोई परेशानी होने पर 112 हेल्पलाइन नंबर डायल करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अस्पताल के हर स्टाफ को अपने गले में आईडी कार्ड रखना होगा।