पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ ही बड़ा प्रशासनिक फेरबदल भी हुआ है। 25 IAS अफसरों के साथ ही 267 अफसरों के तबादले किए गए हैं। इन 267 अफसरों में 25 IAS, 7 IPS, 99 PCS और 136 डीएसपी स्तर के अधिकारी शामिल है। 1994 बैच के सीनियर IAS आलोक शेखर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी जेल, डीके तिवारी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ट्रांसपोर्ट, राहुल भंडारी सेक्रेटरी पशुपालन, राहुल तिवारी प्रशासनिक सचिव पुडा लगाया गया। इसके अलावा कुलदीप बाबा आरटीओ लुधियाना, विनीत कुमार ACA गलाडा, संयम अग्रवाल कमिश्नर बठिंडा नगर निगम और विक्रमजीत शेरगिल को पीआरटीसी का एमडी बनाया गया है। पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ ही बड़ा प्रशासनिक फेरबदल भी हुआ है। 25 IAS अफसरों के साथ ही 267 अफसरों के तबादले किए गए हैं। इन 267 अफसरों में 25 IAS, 7 IPS, 99 PCS और 136 डीएसपी स्तर के अधिकारी शामिल है। 1994 बैच के सीनियर IAS आलोक शेखर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी जेल, डीके तिवारी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ट्रांसपोर्ट, राहुल भंडारी सेक्रेटरी पशुपालन, राहुल तिवारी प्रशासनिक सचिव पुडा लगाया गया। इसके अलावा कुलदीप बाबा आरटीओ लुधियाना, विनीत कुमार ACA गलाडा, संयम अग्रवाल कमिश्नर बठिंडा नगर निगम और विक्रमजीत शेरगिल को पीआरटीसी का एमडी बनाया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब उपचुनाव: डेरा बाबा नानक में कांग्रेस-AAP का मुकाबला:BJP काहलों फैमिली के रसूख पर निर्भर; अकाली दल का वोट बैंक डिसाइडिंग फैक्टर
पंजाब उपचुनाव: डेरा बाबा नानक में कांग्रेस-AAP का मुकाबला:BJP काहलों फैमिली के रसूख पर निर्भर; अकाली दल का वोट बैंक डिसाइडिंग फैक्टर पंजाब में 4 सीटों पर उपचुनाव के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी। इस उपचुनाव में गुरदासपुर जिले की डेरा बाबा नानक सीट सुर्खियों में है। इसकी वजह है कि यहां से कांग्रेस के मौजूदा सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी उपचुनाव लड़ रही हैं। वहीं रंधावा और सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के बीच खूब जुबानी जंग चल रही है। डेरा बाबा नानक सीट पर कांग्रेस की टिकट से सांसद रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर के मुकाबले AAP ने पुराने चेहरे गुरदीप सिंह रंधावा को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने राजनीतिक दिग्गज काहलों परिवार से अकाली दल छोड़कर आए रविकरण सिंह काहलों को टिकट दी है। अकाली दल इस बार उपचुनाव नहीं लड़ रहा। अकाली दल भले ही चुनाव मैदान में न हो लेकिन हार-जीत में उनके वोट बैंक की भूमिका अहम होगी। दरअसल, पिछले 3 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और अकाली दल के बीच ही मुकाबला रहा। जिसमें हार-जीत का अंतर भी 400 से लेकर 3 हजार के बीच ही रहा। अकाली दल को 50 हजार से ज्यादा वोट मिलते रहे हैं। ऐसे में अकाली दल के वोट बैंक का झुकाव डिसाइडिंग फैक्टर हो सकता है। इस सीट पर 1 लाख 95 हजार 604 मतदाता हैं। इनमें से 1 लाख 93 हजार 376 सामान्य और 2228 सर्विस वोटर हैं। इनमें से महिलाओं की संख्या 91 हजार 593 और पुरुषों की संख्या 1 लख 4 हजार 4 है। इस सीट पर 7 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। मतदान केंद्रों की संख्या 241 है। 5 पॉइंट में समझें डेरा बाबा नानक विधानसभा का समीकरण जतिंदर कौर परिवार के भरोसे
जतिंदर कौर को यहां रंधावा परिवार के प्रभाव का फायदा मिल रहा है। सुखजिंदर सिंह रंधावा खुद अपनी पत्नी के लिए इन चुनावों में मैदान में हैं। जतिंदर कौर अपने पति सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा किए गए कामों को लेकर वोट मांग रही हैं। वहीं, सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा भी लगातार आम आदमी पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। AAP ढाई साल के कार्यकाल पर मांग रही वोट
गुरदीप सिंह रंधावा को आम आदमी पार्टी ने टिकट दिया है। सीएम भगवंत मान दो बार और अरविंद केजरीवाल एक बार इलाके में वोट मांगने आ चुके हैं। गुरदीप सिंह रंधावा भी पार्टी के ढाई साल के कार्यकाल के आधार पर वोट मांग रहे हैं। जिसमें किसानों को 8 घंटे बिजली, घरों को 600 यूनिट मुफ्त बिजली, आटा दाल स्कीम और आम आदमी क्लिनिक के आधार पर वोट मांगे जा रहे हैं। इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है कि जीत के बाद डेरा बाबा नानक में एक आईटीआई और बायो गैस प्लांट लगाया जाएगा। खुद सीएम मान कह चुके हैं कि अगर गुरदीप सिंह को जिताया तो डेरा बाबा नानक का कोई काम नहीं रुकेगा। किसानों के विरोध का सामना कर रही है भाजपा
डेरा बाबा नानक के अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए काहलों परिवार के बेटे रवि करण सिंह मैदान में हैं। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती इस समय किसान हैं। काहलों जहां भी प्रचार करने जाते हैं, किसान नेता उनका विरोध करते हैं। रवि करण सिंह काहलों किसानों से वादा कर रहे हैं कि अगर वे जीतते हैं तो किसानों की समस्याओं को केंद्र तक ले जाएंगे। रवि करण सिंह काहलों केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे कामों को लेकर अपने पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं। जानिए क्या कहते हैं वोटर… AAP का ज्यादा प्रभाव
मक्खन सिंह ने कहा कि इन चुनावों में आम आदमी पार्टी का काफी प्रभाव है। यह कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन इस बार AAP का प्रभाव है। सीएम भगवंत मान ने काफी अच्छा काम किया है। किसानों को 8 घंटे बिजली दी गई है। घरों के लिए 600 यूनिट माफ किए गए हैं। लोगों को उम्मीद है कि भगवंत मान किए गए वादों को पूरा करेंगे। जो वादे बाकी रह गए हैं, उन्हें पूरा होने में समय लगेगा, लेकिन उन्हें पूरा किया जाएगा। सीएम मान ने अच्छा काम किया
निर्मल सिंह ने कहा कि लोगों ने चुनावों में सभी सरकारों को देखा है। उन्होंने कांग्रेस के साथ-साथ अकाली दल को भी देखा है। अब आम आदमी पार्टी और सीएम मान अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को सुविधाएं दी हैं। कांग्रेस का दबदबा रहेगा
लियाकत ने कहा कि इस बार कांग्रेस का दबदबा रहेगा। माहौल बदल गया है। आम आदमी पार्टी ने किसी के लिए कुछ नहीं किया। गरीबों के लिए कोई काम नहीं किया। ताकतवर लोगों ने फायदा उठाया। गरीबों को कोई सुविधा नहीं दी गई। गरीबों को मिलने वाला गेहूं अब सिर्फ 5 किलो प्रतिमाह दिया जा रहा है। 5 किलो से एक परिवार का गुजारा नहीं हो सकता। कांग्रेस के पक्ष में माहौल
चरणजीत सिंह ने कहा कि इस समय माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। हमारा नेता ईमानदार है। शहर में बहुत काम हुआ है। 1969 में सुखजिंदर सिंह रंधावा के पिता संतोख सिंह रंधावा चुनाव जीते थे। उन्होंने बहुत काम करवाया। उसके बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा 2002 से चुनाव लड़ रहे हैं और जीत भी रहे हैं। डेरा बाबा नानक सीट फंसी
सीनियर पॉलिटिकल एक्सपर्ट और पत्रकार जसबीर सिंह पट्टी के अनुसार, डेरा बाबा नानक सीट इस बार फंसी हुई है। यहां राज्य की किसी भी सीट में से सबसे ज्यादा ईसाई मतदाता हैं। ऐसे में उनके वोट भाजपा और मौजूदा सरकार के खिलाफ जाएंगे। अकाली दल चुनाव नहीं लड़ रहा है। उनके मतदाता अपने लिए नेता की तलाश कर रहे हैं। पार्टी की कोशिश है कि चुनाव के बाद भी उनके मतदाता उनके साथ रहें। ऐसे में पार्टी के नेता खुद तय नहीं कर पा रहे हैं कि वोटिंग किसके पक्ष में की जाए, आप, कांग्रेस या भाजपा। उन्हें डर है कि उनके मतदाता उनसे हमेशा के लिए दूर न हो जाएं। इस सीट पर काहलों परिवार की भी अच्छी पकड़ है। आम आदमी पार्टी भी इस सीट के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता की ताकत का इस्तेमाल करेगी। ऐसे में अकाली दल के मतदाता जिसकी तरफ ज्यादा झुकेंगे, वही जीतेगा। …………………………………………………. पंजाब में विधानसभा उपचुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- पंजाब में विधानसभा उपचुनाव की डेट बदली:एक हफ्ते आगे बढ़ी वोटिंग, 3 दिन बाद ही रिजल्ट; AAP-कांग्रेस और BJP में मुकाबला पंजाब की 4 विधानासभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की डेट बदल गई है। सोमवार (4 नवंबर) को चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए रीशेड्यूल जारी किया। अब वोटिंग 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होगी। रिजल्ट 23 नवंबर को ही आएगा। पूरी खबर पढ़ें
गुरदासपुर में दुकानों से टकराई कार:तेज रफ्तार की वजह से तोड़ा खंभा, सोडा वॉटर मशीन क्षतिग्रस्त, ट्रैक्टर में बांधकर ले गया चालक
गुरदासपुर में दुकानों से टकराई कार:तेज रफ्तार की वजह से तोड़ा खंभा, सोडा वॉटर मशीन क्षतिग्रस्त, ट्रैक्टर में बांधकर ले गया चालक पंजाब के गुरदासपुर में देर रात करीब एक बजे एक तेज रफ्तार कार चालक ने कई दुकानों को टक्कर मार कर क्षतिग्रस्त दिया। एक सोडा वाटर ठेले को कार ने पूरी तरह तोड़ दिया। यह हादसा गुरदासपुर के पुरानी सब्जी मंडी चौक पर सरकारी कॉलेज रोड के शहीदी गेट के पास हुआ। कार की टक्कर से जहां कई दुकानों को नुकसान हुआ है, वहीं एक बिजली का खंभा भी क्षतिग्रस्त हो गया है। पुलिस टीम ने कार के कागजात अपने कब्जे मे ले लिए हैं। जानकारी देते हुए पीड़ित अश्वनी कुमार उर्फ बब्बी ने बताया कि वह अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पिछले कई वर्षों से सब्जी मंडी चौक पर सोडा वाटर बेच रहा है। देर रात 1 बजे एक तेज़ रफ़्तार अनियंत्रित कार पास की अन्य दुकानों दे टक्कराते हुए उसके ठेले से टक्कराई। जिस कारण उसका ठेला और सोडा मशीन पूरी तरह से नष्ट हो गई। उसने बताया कि मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने कार चालक की आरसी कब्जे में ले ली, लेकिन कार चालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। चालक क्षतिग्रस्त कार को ट्रैक्टर के पीछे बांधकर ले गया। उन्होंने मांग की कि उनके नुकसान की भरपाई की जाए। वहीं, मामले के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर बनारसी दास ने कहा कार के कागजात कब्जे में ले लिए हैं और दोनों पक्षों को शाम का समय दिया है। यदि कार चालक मुआवजा देने को तैयार हैं तो ठीक है, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अमृतपाल का समर्थक प्रधानमंत्री बाजेके लड़ेगा चुनाव:बेटा बोला- मेरे पिता गिद्दड़बाहा सीट से होंगे उम्मीदवार, डिब्रूगढ़ जेल में बंद है भगवंत सिंह
अमृतपाल का समर्थक प्रधानमंत्री बाजेके लड़ेगा चुनाव:बेटा बोला- मेरे पिता गिद्दड़बाहा सीट से होंगे उम्मीदवार, डिब्रूगढ़ जेल में बंद है भगवंत सिंह पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रधान अमृतपाल सिंह के समर्थक भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उनके बेटे आकाशदीप सिंह ने इंस्टाग्राम पर इसकी घोषणा की है। भगवंत सिंह ने यह फैसला अमृतपाल सिंह के खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद लिया है। प्रधानमंत्री बाजेके गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत होने जा रही है। बाजेके किसान आंदोलन में भी काफी सक्रिय रहे हैं। वह अक्सर किसान आंदोलन के वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों के साथ शेयर करते रहते थे। बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने गिद्दड़बाहा सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। अब उनके सांसद बनने के बाद इस सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना है। सूत्रों के अनुसार पता चला है कि वडिंग अपनी पत्नी अमृता वडिंग को इस सीट पर चुनाव लड़वा सकते हैं। अमृतपाल सिंह के साथ बाजेके भी है डिब्रूगढ़ जेल में बंद भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके अमृतपाल सिंह के साथ डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अगर बाजेके चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें भी जेल से ही चुनाव लड़ना होगा। पंजाब की खडूर साहिब सीट से लोकसभा सांसद चुने गए अमृतपाल सिंह और भगवंत सिंह बाजेके को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। अमृतपाल सिंह और भगवंत सिंह पर भी इसी तरह के आरोप हैं। दोनों के साथ अन्य साथियों को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था और सभी असम की जेल में बंद हैं। अमृतपाल सिंह ने बिना प्रचार किए ही चुनाव जीत लिया है। अमृतपाल ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 1.9 लाख से ज्यादा वोटों से हराया है। प्रधानमंत्री बाजेके के नाम की घोषणा के बाद माहौल गरमा गया पंजाब की गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से अब तक कांग्रेस के तेजतर्रार नेता अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग विधायक थे। भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके के बेटे के नाम की घोषणा ने पंजाब की सियासत गरमा दी है। इस सीट पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा है। अब देखना यह है कि क्या भगवंत सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह की तरह जीतते हैं या नहीं? कुछ दिन पहले जेल में बंद बाजेके की तबीयत खराब होने की जानकारी भी सामने आई थी। कौन हैं भगवंत सिंह? एनएसए के तहत अमृतपाल के साथ डिब्रूगढ़ जेल में बंद बाजेके मोगा के धर्मकोट गांव के ही रहने वाले हैं। पिछले सप्ताह जब भगवंत सिंह की तबीयत खराब हुई थी, तब परिवार ने मांग की थी कि उन्हें पंजाब की जेल में रखा जाए। बाजेके के बेटे आकाशदीप ने डिब्रूगढ़ जेल प्रशासन पर उनके पिता को गलत खाना देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जेल में खाने में तंबाकू मिलाया जा रहा है, जिससे उनके पिता और अन्य लोग बीमार हो रहे हैं। परिवार ने तर्क दिया था कि असम जाने के लिए एक व्यक्ति का 35 से 40 हजार रुपये खर्च आता है। बाजेके की मां दिल की मरीज हैं। अब बेटे ने घोषणा की है कि उनके पिता चुनाव लड़ेंगे। 18 मार्च 2024 को भगवंत को किया गया था गिरफ्तार अमृतपाल सिंह के करीबी भगवंत सिंह बाजेके को पुलिस ने 18 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था। जब पुलिस बाजेके का पीछा कर रही थी, तब वह फेसबुक पर लाइव हो गया था। मोगा पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उसे पकड़ लिया। इसके बाद उसे अमृतसर पुलिस को सौंप दिया गया, जहां से बाजेके पर एनएसए लगाया गया। इंस्टाग्राम और फेसबुक का शौकीन है बाजेके भगवंत सिंह बाजेके इंस्टाग्राम और फेसबुक पर अक्सर रील बनाता था। पुलिस के मुताबिक वह एक इन्फ्लुएंसर भी है। वह फेसबुक पर प्रधानमंत्री बाजेके नाम से पेज भी चलाता है। जहां वह लोगों से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे साझा करता है। कैसे बना भगवंत सिंह प्रधानमंत्री बाजेके साल 2020 में एक स्थानीय वेब चैनल को दिए इंटरव्यू में भगवंत सिंह ने बताया था कि वह सोशल मीडिया पर पॉपुलर होना चाहता था, इसलिए उसने अपना नाम प्रधानमंत्री रख लिया। भगवंत सिंह ने बताया कि उसने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के नाम से एक पेज देखा था। इसीलिए उसने अपने पेज का नाम प्रधानमंत्री रखा है। उसने यह भी कहा कि अगर मैं सोशल मीडिया के जरिए अपनी आजीविका चला रहा हूं तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। भगवंत के खिलाफ 8 मामले दर्ज आपको बता दें कि भगवंत सिंह के फेसबुक पर करीब 6.11 फॉलोअर्स हैं। भगवंत सिंह के खिलाफ अब तक कुल 8 मामले दर्ज हो चुके हैं। जिसमें हत्या का प्रयास, एनडीपीएस एक्ट जैसे मामले शामिल हैं। साल 2015 में जमीन से जुड़े एक मामले में उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। साल 2017 में कथित तौर पर 400 ग्राम अफीम बरामद हुई थी। भगवंत सिंह 8वीं पास है, उसके पास 4 एकड़ जमीन पुलिस के दस्तावेजों के मुताबिक भगवंत सिंह 8वीं पास है। उसके पास 4 एकड़ जमीन है। साथ ही एक घर भी है। वह अक्सर सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देता नजर आता है। गांव के लोगों से उसका मेलजोल ठीक नहीं है। अमृतपाल सिंह के संपर्क में आने के बाद भगवंत सिंह के खिलाफ सरेआम हथियार लहराने का मामला दर्ज हुआ था। उसके पास किसी भी हथियार का लाइसेंस नहीं था। जब भगवंत सिंह ने अमृतपाल सिंह का समर्थन करना शुरू किया था, तब वह केवल टी-शर्ट, शर्ट और ट्राउजर में ही नजर आता था और पगड़ी भी नहीं पहनता था। लेकिन अमृतपाल के संपर्क में आने के बाद उसने खालसा रूप धारण कर लिया। वह अपने साथ राइफल और तलवार लेकर चलता था और अमृतपाल सिंह के हर कार्यक्रम में नजर आता था।