पंजाब में मंत्री पद से मीत हेयर का इस्तीफा:गवर्नर पुरोहित ने किया मंजूर; बरनाला से थे विधायक, संगरूर से जीतकर पहुंचे संसद

पंजाब में मंत्री पद से मीत हेयर का इस्तीफा:गवर्नर पुरोहित ने किया मंजूर; बरनाला से थे विधायक, संगरूर से जीतकर पहुंचे संसद

पंजाब के बरनाला से विधायक और पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को भेजा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद चुने जाने के बाद मीत हेयर ने अपना पद छोड़ा है। गौरतलब है कि पंजाब से आप के तीन सांसद चुने गए हैं। संगरूर से गुरमीत सिंह मीत हेयर ने चुनाव लड़ा था और पूर्व निर्दलीय सांसद और खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान को हराकर जीत हासिल की थी। सीट खाली होने के बाद चुनाव आयोग द्वारा जल्द ही इस सीट पर उपचुनाव कराया जाएगा। संगरूर ही नहीं, गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से विधायक सुखजिंदर रंधावा, गिद्दड़बाहा से अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और होशियारपुर से डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के संसद में पहुंचने के बाद यहां भी उपचुनाव होने हैं। जबकि जालंधर में शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद अगले महीने चुनाव हो रहे हैं। 2017 में पहली बार चुनाव जीता था गुरमीत सिंह का जन्म 1989 में हुआ था। वह मात्र 35 साल के हैं। वह बरनाला विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए हैं। उन्होंने पहली बार 2017 में चुनाव लड़ा था। उस समय वह कांग्रेस नेता केवल सिंह ढिल्लों को हराकर विधानसभा पहुंचे थे। 2022 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने बरनाला क्षेत्र के 50 फीसदी वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। वहीं, सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। उन्हें शुरू में पांच विभाग दिए गए थे । वहीं, 2024 में गुरमीत सिंह मीत हेयर कांग्रेस के सुखपाल सिंह खैरा को 172560 मतों के अंतर से हराकर संगरूर लोकसभा से लोकसभा जीते है। पंजाब के बरनाला से विधायक और पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को भेजा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद चुने जाने के बाद मीत हेयर ने अपना पद छोड़ा है। गौरतलब है कि पंजाब से आप के तीन सांसद चुने गए हैं। संगरूर से गुरमीत सिंह मीत हेयर ने चुनाव लड़ा था और पूर्व निर्दलीय सांसद और खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान को हराकर जीत हासिल की थी। सीट खाली होने के बाद चुनाव आयोग द्वारा जल्द ही इस सीट पर उपचुनाव कराया जाएगा। संगरूर ही नहीं, गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से विधायक सुखजिंदर रंधावा, गिद्दड़बाहा से अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और होशियारपुर से डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के संसद में पहुंचने के बाद यहां भी उपचुनाव होने हैं। जबकि जालंधर में शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद अगले महीने चुनाव हो रहे हैं। 2017 में पहली बार चुनाव जीता था गुरमीत सिंह का जन्म 1989 में हुआ था। वह मात्र 35 साल के हैं। वह बरनाला विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए हैं। उन्होंने पहली बार 2017 में चुनाव लड़ा था। उस समय वह कांग्रेस नेता केवल सिंह ढिल्लों को हराकर विधानसभा पहुंचे थे। 2022 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने बरनाला क्षेत्र के 50 फीसदी वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। वहीं, सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। उन्हें शुरू में पांच विभाग दिए गए थे । वहीं, 2024 में गुरमीत सिंह मीत हेयर कांग्रेस के सुखपाल सिंह खैरा को 172560 मतों के अंतर से हराकर संगरूर लोकसभा से लोकसभा जीते है।   पंजाब | दैनिक भास्कर