पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ मिड डे मील के मेन्यू में बदलाव किया गया है। इसमें अब दाल माह चने की एंट्री हो गई है। वहीं, हफ्ते में एक दिन स्टूडेंट्स को खीर भी परोसी जाएगी। नया मेन्यू छुट्टियों के बाद एक जुलाई से लागू होगा । खाने की शुद्धता पर फोकस रहेगा। वहीं, स्कूल मैनेजमेंट कमेटियाें द्वारा खाना चेक भी किया जाएगा। इसके लिए विभाग की तरफ से ड्यूटियां लगा दी गई है। इस तरह तैयार किया है मेन्यू मेन्यू के मुताबिक सोमवार को दाल (सब्जियां मिलाकर) व रोटी, मंगलवार को राजमा चावल, बुधवार काले चने/ सफेद चने (आलू मिलाकर) और पूरी व रोटी, वीरवार कढ़ी व चावल, शुक्रवार मौसमी सब्जी व रोटी, शनिवार दाल माह चने की दाल दाल दी जाएगी। इस दौरान स्टूडेंट्स को मौसमी फल भी दिया जाएगा। विभाग ने साफ किया है कि बच्चों को खाना गर्मा गर्म परोसा जाएगा। स्टूडेंट्स को खाने से कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। 19 हजार स्कूलों में परोसा जाता है खाना पंजाब में 19 हजार से अधिक सरकारी स्कूल हैं। जहां पर पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक खाना परोसा जाता है। इसके पीछे कोशिश यही है कि बच्चों को स्कूल से जोड़ा जाएग। विभाग की तरफ से मिड डे मील के लिए उचित फंड मुहैया करवाया जाता है। साथ ही मिड डे मील में बच्चों को दिए जाने वाले सारे खाने का रिकॉर्ड रखा जाता है। इसके लिए सारे स्कूलों कुक तैनात किए गए है। पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ मिड डे मील के मेन्यू में बदलाव किया गया है। इसमें अब दाल माह चने की एंट्री हो गई है। वहीं, हफ्ते में एक दिन स्टूडेंट्स को खीर भी परोसी जाएगी। नया मेन्यू छुट्टियों के बाद एक जुलाई से लागू होगा । खाने की शुद्धता पर फोकस रहेगा। वहीं, स्कूल मैनेजमेंट कमेटियाें द्वारा खाना चेक भी किया जाएगा। इसके लिए विभाग की तरफ से ड्यूटियां लगा दी गई है। इस तरह तैयार किया है मेन्यू मेन्यू के मुताबिक सोमवार को दाल (सब्जियां मिलाकर) व रोटी, मंगलवार को राजमा चावल, बुधवार काले चने/ सफेद चने (आलू मिलाकर) और पूरी व रोटी, वीरवार कढ़ी व चावल, शुक्रवार मौसमी सब्जी व रोटी, शनिवार दाल माह चने की दाल दाल दी जाएगी। इस दौरान स्टूडेंट्स को मौसमी फल भी दिया जाएगा। विभाग ने साफ किया है कि बच्चों को खाना गर्मा गर्म परोसा जाएगा। स्टूडेंट्स को खाने से कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। 19 हजार स्कूलों में परोसा जाता है खाना पंजाब में 19 हजार से अधिक सरकारी स्कूल हैं। जहां पर पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक खाना परोसा जाता है। इसके पीछे कोशिश यही है कि बच्चों को स्कूल से जोड़ा जाएग। विभाग की तरफ से मिड डे मील के लिए उचित फंड मुहैया करवाया जाता है। साथ ही मिड डे मील में बच्चों को दिए जाने वाले सारे खाने का रिकॉर्ड रखा जाता है। इसके लिए सारे स्कूलों कुक तैनात किए गए है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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