पंजाब में अब लोगों को प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाने के लिए तहसीलदारों के दफ्तर में जाकर धक्के और न ही सिफारिश व दलालों को अलग से भुगतान करना पड़ेगा। एक ही जिले में स्थित तहसीलों में वह किसी से भी रजिस्ट्री करवा पाएंगे। इसके अलावा घर या अपने ऑफिस में बैठकर ऑनलाइन रजिस्ट्री का विकल्प भी लोगों के पास रहेगा। सारी प्रक्रिया पर वह ऑनलाइन भी नजर रख पाएंगे। पंजाब सरकार इसके लिए आज से ईजी रजिस्ट्र्री मुहिम का आगाज मोहाली से करने जा रही है। इस नए सिस्टम का मोहाली में पायलट प्रोजेक्ट चल रहा था, जो कि सफल रहा है। पंजाब के सीएम भगवंत मान और पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल इस सिस्टम को जनता को समर्पित करेंगे। सरकार का दावा है कि यह भारत में पहली बार हो रहा है। इस सिस्टम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने और लोगों की रजिस्ट्री बिना किसी देरी से करवाने की जिम्मेदारी डीसी की रहेगी। तीन वजह से इस सिस्टम को लाना पड़ा
सरकार को इस विभाग को पारदर्शी बनाने की मुख्य तीन वज है। क्योंकि इस विभाग में सबसे अधिक शिकायतें थी। सीएम भगवंत मान को खुद इस बात का पता है और उनके पास विभाग की लगातार शिकायतें पहुंच रही हैं। इस साल के शुरू से इस विभाग में काम को सुचारू चलाने के लिए काम शुरू हो गया था। पहले सभी तहसीलों में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के दफ्तर में कैमरों को लगातार चलाने के आदेश हुए थे। हालांकि जांच में पाया गया था कि 180 में से केवल तीन जगह ही कैमरे चल रहे थे। इसके पीछे की वजह भी साफ थी। दूसरा जब भी इस विभाग के किसी तहसीलदार, पटरवारी या रेवन्यू अधिकारी को रिश्वत लेते पुलिस या विजिलेंस पकड़ती थी, तो सारे राजस्व विभाग वाले हड़ताल पर चले जाते थे, जिससे काम रुक जाता था। पिछले दिनों भी ऐसी दिक्कत आई थी। इसके बाद सीएम ने खुद तहसीलदों का दौर किया था। तहसीलदारों की ट्रांसफर 200 किमी से अधिक दूर कर दी थी, जबकि ड्यूटी जॉइन न करने वाले सस्पेंड भी किए गए थे। तीसरा प्रत्येक रजिस्ट्री पर लोगों से तय राशि से अधिक पैसे भरने पड़ते थे। ऑनलाइन तो रजिस्ट्री के लिए भुगतान करना पड़ता था। इसके बाद लोगों से बिचौलियों के माध्यम से कमीशन ली जाती थी। ऐसे में लोगों को रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों को लिंक तलाशने पड़ते थे। वहीं, इससे सरकार पर ही सवाल उठते थे। अब यह सारी प्रक्रिया इस तरह चलेगी
ईजी रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू करने के पीछे इस विभाग को पारदर्शी बनाने का उद्देश्य है। क्योंकि इस विभाग में लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। जिला मोहाली में स्थिति ज्यादा खराब थी। ऐसे में अब यह योजना सरकार लेकर आई है। इसके लिए ईजी रजिस्ट्री नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। इसके लिए लोगों को https://easyregistry.punjab.gov.in नाम की वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा। इसके बाद वेबसाइट का होम पेज खुलेगा, जहां से सारी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी। एक जिले में स्थित जमीन की रजिस्ट्री किसी भी सब रजिस्ट्रार ऑफिस से करवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद 48 घंटों में ऑनलाइन ही दस्तावेजों की जांच होगी। इसके बाद तहसीलदार से किसी भी तरह की कोई आपत्ति आदि लगाई जा सकेंगी। इसके बाद या तो ऑनलाइन या 1076 पर कॉल कर रजिस्ट्रार कार्यालय के सेवा केंद्र में जाना होगा। यदि इस दौरान रजिस्ट्री के लिए तय रकम से अधिक पैसे मांगे जाते हैं, तो व्हाट्सएप नंबर पर शिकायत करनी होगी। इसके बाद डीसी तय करेंगे कि रजिस्ट्री बिना किसी अड़चन से पूरी हो। पंजाब में अब लोगों को प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाने के लिए तहसीलदारों के दफ्तर में जाकर धक्के और न ही सिफारिश व दलालों को अलग से भुगतान करना पड़ेगा। एक ही जिले में स्थित तहसीलों में वह किसी से भी रजिस्ट्री करवा पाएंगे। इसके अलावा घर या अपने ऑफिस में बैठकर ऑनलाइन रजिस्ट्री का विकल्प भी लोगों के पास रहेगा। सारी प्रक्रिया पर वह ऑनलाइन भी नजर रख पाएंगे। पंजाब सरकार इसके लिए आज से ईजी रजिस्ट्र्री मुहिम का आगाज मोहाली से करने जा रही है। इस नए सिस्टम का मोहाली में पायलट प्रोजेक्ट चल रहा था, जो कि सफल रहा है। पंजाब के सीएम भगवंत मान और पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल इस सिस्टम को जनता को समर्पित करेंगे। सरकार का दावा है कि यह भारत में पहली बार हो रहा है। इस सिस्टम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने और लोगों की रजिस्ट्री बिना किसी देरी से करवाने की जिम्मेदारी डीसी की रहेगी। तीन वजह से इस सिस्टम को लाना पड़ा
सरकार को इस विभाग को पारदर्शी बनाने की मुख्य तीन वज है। क्योंकि इस विभाग में सबसे अधिक शिकायतें थी। सीएम भगवंत मान को खुद इस बात का पता है और उनके पास विभाग की लगातार शिकायतें पहुंच रही हैं। इस साल के शुरू से इस विभाग में काम को सुचारू चलाने के लिए काम शुरू हो गया था। पहले सभी तहसीलों में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के दफ्तर में कैमरों को लगातार चलाने के आदेश हुए थे। हालांकि जांच में पाया गया था कि 180 में से केवल तीन जगह ही कैमरे चल रहे थे। इसके पीछे की वजह भी साफ थी। दूसरा जब भी इस विभाग के किसी तहसीलदार, पटरवारी या रेवन्यू अधिकारी को रिश्वत लेते पुलिस या विजिलेंस पकड़ती थी, तो सारे राजस्व विभाग वाले हड़ताल पर चले जाते थे, जिससे काम रुक जाता था। पिछले दिनों भी ऐसी दिक्कत आई थी। इसके बाद सीएम ने खुद तहसीलदों का दौर किया था। तहसीलदारों की ट्रांसफर 200 किमी से अधिक दूर कर दी थी, जबकि ड्यूटी जॉइन न करने वाले सस्पेंड भी किए गए थे। तीसरा प्रत्येक रजिस्ट्री पर लोगों से तय राशि से अधिक पैसे भरने पड़ते थे। ऑनलाइन तो रजिस्ट्री के लिए भुगतान करना पड़ता था। इसके बाद लोगों से बिचौलियों के माध्यम से कमीशन ली जाती थी। ऐसे में लोगों को रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों को लिंक तलाशने पड़ते थे। वहीं, इससे सरकार पर ही सवाल उठते थे। अब यह सारी प्रक्रिया इस तरह चलेगी
ईजी रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू करने के पीछे इस विभाग को पारदर्शी बनाने का उद्देश्य है। क्योंकि इस विभाग में लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। जिला मोहाली में स्थिति ज्यादा खराब थी। ऐसे में अब यह योजना सरकार लेकर आई है। इसके लिए ईजी रजिस्ट्री नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। इसके लिए लोगों को https://easyregistry.punjab.gov.in नाम की वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा। इसके बाद वेबसाइट का होम पेज खुलेगा, जहां से सारी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी। एक जिले में स्थित जमीन की रजिस्ट्री किसी भी सब रजिस्ट्रार ऑफिस से करवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद 48 घंटों में ऑनलाइन ही दस्तावेजों की जांच होगी। इसके बाद तहसीलदार से किसी भी तरह की कोई आपत्ति आदि लगाई जा सकेंगी। इसके बाद या तो ऑनलाइन या 1076 पर कॉल कर रजिस्ट्रार कार्यालय के सेवा केंद्र में जाना होगा। यदि इस दौरान रजिस्ट्री के लिए तय रकम से अधिक पैसे मांगे जाते हैं, तो व्हाट्सएप नंबर पर शिकायत करनी होगी। इसके बाद डीसी तय करेंगे कि रजिस्ट्री बिना किसी अड़चन से पूरी हो। पंजाब | दैनिक भास्कर
