पंजाब पुलिस सीमा पार से ड्रोन व अन्य माध्यमों से हो रही नशे व हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है। पंजाब की पाकिस्तान के साथ 553 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। अब सीमा से सटे पांच किलोमीटर एरिया पर फोकस है। यहां 40 करोड़ की लागत से काम हो रहा है। इसमें 20 करोड़ की लागत से रणनीतिक प्वाइंटों पर कैमरे लगाए जा रहे हैं। दस करोड़ से मोबिलिटी बढ़ाने और दस करोड़ से इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। पंजाब पुलिस के स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि नशे की चेन तोड़ने के लिए काम किया जा रहा है। उम्मीद है कि इस बार प्रोजेक्ट में सफलता मिलेगी। चेहरा और नंबर पहचान सकेंगे पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित छह जिलों के विभिन्न गांवों में 585 स्थानों पर पुलिस ये कैमरे लगा रही है। ये कैमरे चेहरा पहचानने में सक्षम हैं। साथ ही, ये वाहनों की नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) करने में भी सक्षम हैं। 2000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। साथ ही, सीमावर्ती इलाकों में ही कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं। वहीं, गांव की कमेटियां गठित कर दी गई हैं। साथ ही, इन कैमरों तक मुख्य अधिकारियों की भी पहुंच होगी। साथ ही, अगर कोई हलचल या हंगामा होता है, तो पुलिस पहल के आधार पर कार्रवाई करेगी। 150 ड्रोन गिराने में मिली कामयाबी पाकिस्तान साइड से ड्रोन के जरिए होने वाली तस्करी बड़ी चुनौती है। हालांकि ड्रोन पर नजर रखने के लिए बीएसएफ भी काम कर रही है। ड्रोन से होने वाली वाली सप्लाई को लोगों तक पहुंचाने वाले तस्कर पुलिस के बड़ी चुनौती है। पुलिस द्वारा उस दिशा में मजबूत किया जा रहा है। अधिकारियों की माने तो गत दो साल में 287 से अधिक बार ड्रोन ने भारत के एरिया में घुसने की कोशिश की है। इसमें पुलिस व एजेंसियां 150 से अधिक ड्रोन पकड़ने में कामयाब रहे हैं। जबकि सरहद पार वापस जाने में कामयाब रहे हैं। हालांकि पंजाब पुलिस की गृह विभाग की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि पुलिस के वाहन काफी पुराने है। ऐसे में अब पुलिस को नए वाहन तक दिए गए है। पंजाब पुलिस सीमा पार से ड्रोन व अन्य माध्यमों से हो रही नशे व हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है। पंजाब की पाकिस्तान के साथ 553 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। अब सीमा से सटे पांच किलोमीटर एरिया पर फोकस है। यहां 40 करोड़ की लागत से काम हो रहा है। इसमें 20 करोड़ की लागत से रणनीतिक प्वाइंटों पर कैमरे लगाए जा रहे हैं। दस करोड़ से मोबिलिटी बढ़ाने और दस करोड़ से इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। पंजाब पुलिस के स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि नशे की चेन तोड़ने के लिए काम किया जा रहा है। उम्मीद है कि इस बार प्रोजेक्ट में सफलता मिलेगी। चेहरा और नंबर पहचान सकेंगे पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित छह जिलों के विभिन्न गांवों में 585 स्थानों पर पुलिस ये कैमरे लगा रही है। ये कैमरे चेहरा पहचानने में सक्षम हैं। साथ ही, ये वाहनों की नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) करने में भी सक्षम हैं। 2000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। साथ ही, सीमावर्ती इलाकों में ही कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं। वहीं, गांव की कमेटियां गठित कर दी गई हैं। साथ ही, इन कैमरों तक मुख्य अधिकारियों की भी पहुंच होगी। साथ ही, अगर कोई हलचल या हंगामा होता है, तो पुलिस पहल के आधार पर कार्रवाई करेगी। 150 ड्रोन गिराने में मिली कामयाबी पाकिस्तान साइड से ड्रोन के जरिए होने वाली तस्करी बड़ी चुनौती है। हालांकि ड्रोन पर नजर रखने के लिए बीएसएफ भी काम कर रही है। ड्रोन से होने वाली वाली सप्लाई को लोगों तक पहुंचाने वाले तस्कर पुलिस के बड़ी चुनौती है। पुलिस द्वारा उस दिशा में मजबूत किया जा रहा है। अधिकारियों की माने तो गत दो साल में 287 से अधिक बार ड्रोन ने भारत के एरिया में घुसने की कोशिश की है। इसमें पुलिस व एजेंसियां 150 से अधिक ड्रोन पकड़ने में कामयाब रहे हैं। जबकि सरहद पार वापस जाने में कामयाब रहे हैं। हालांकि पंजाब पुलिस की गृह विभाग की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि पुलिस के वाहन काफी पुराने है। ऐसे में अब पुलिस को नए वाहन तक दिए गए है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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