पंजाब के लुधियाना में सेंट्रल जेल में बीती रात दो गुट आपस में भिड़ गए। मामला इतना बढ़ गया कि करीब 20 लोगों ने एक युवक को घेर लिया। उस युवक पर ताबड़तोड़ सूओं से हमला किया गया। जेल में सरे-आम मारपीट और सूओं से वॉर किए जा रहे है लेकिन जेल प्रशासन इन घटनाओं पर काबू पाने में असमर्थ दिख रहा है। चोटिल हुए युवक के कंधे और सिर पर सूओं से वॉर किए गए है। घायल के सिर और कंधे पर टांकें लगे है। घायल युवक की पहचान प्रभजोत सिंह के रूप में हुई है। एंटी पार्टी के युवकों ने किया हमला प्रभजोत ने कहा कि वह खाना खाकर अपनी बैरक की तरफ जाने लगा था। तभी एंटी पार्टी के कुछ युवकों ने उसे कोई कमेंट्स किय़ा। उसने जब उनका विरोध किया तो करीब 20 से 25 युवकों ने उस पर धावा बोल दिया। उसने खुद को बचाने की कोशिश की लेकिन हमलावरों के हाथ में सूए थे। 5 से 7 मिनट तक किए हमलावरों ने वॉर इस कारण उन लोगों ने उसके सिर और कंधे पर लगातार 5 से 7 मिनट तक वार किए। उसने शोर मचाया लेकिन उसे बचाने के लिए जेल का कोई पुलिस कर्मी या अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। खून से जब वह लथपथ हो गया तब उसे प्राथमिक उपचार के लिए जेल अंदर बने अस्पताल में ले जाया गया लेकिन हालत बिगड़ती देख उसे सिविस अस्पताल भेजा गया है। प्रभजोत ने कहा कि वह जेल में NDPS एक्ट केस में बंद है। इस मामले संबंधी वह पुलिस प्रशासन से मांग करता है कि हमलावरों को सजा दी जाए। पंजाब के लुधियाना में सेंट्रल जेल में बीती रात दो गुट आपस में भिड़ गए। मामला इतना बढ़ गया कि करीब 20 लोगों ने एक युवक को घेर लिया। उस युवक पर ताबड़तोड़ सूओं से हमला किया गया। जेल में सरे-आम मारपीट और सूओं से वॉर किए जा रहे है लेकिन जेल प्रशासन इन घटनाओं पर काबू पाने में असमर्थ दिख रहा है। चोटिल हुए युवक के कंधे और सिर पर सूओं से वॉर किए गए है। घायल के सिर और कंधे पर टांकें लगे है। घायल युवक की पहचान प्रभजोत सिंह के रूप में हुई है। एंटी पार्टी के युवकों ने किया हमला प्रभजोत ने कहा कि वह खाना खाकर अपनी बैरक की तरफ जाने लगा था। तभी एंटी पार्टी के कुछ युवकों ने उसे कोई कमेंट्स किय़ा। उसने जब उनका विरोध किया तो करीब 20 से 25 युवकों ने उस पर धावा बोल दिया। उसने खुद को बचाने की कोशिश की लेकिन हमलावरों के हाथ में सूए थे। 5 से 7 मिनट तक किए हमलावरों ने वॉर इस कारण उन लोगों ने उसके सिर और कंधे पर लगातार 5 से 7 मिनट तक वार किए। उसने शोर मचाया लेकिन उसे बचाने के लिए जेल का कोई पुलिस कर्मी या अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। खून से जब वह लथपथ हो गया तब उसे प्राथमिक उपचार के लिए जेल अंदर बने अस्पताल में ले जाया गया लेकिन हालत बिगड़ती देख उसे सिविस अस्पताल भेजा गया है। प्रभजोत ने कहा कि वह जेल में NDPS एक्ट केस में बंद है। इस मामले संबंधी वह पुलिस प्रशासन से मांग करता है कि हमलावरों को सजा दी जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लोकसभा में गरजे लुधियाना के सांसद वड़िंग:दैनिक भास्कर की खबर दिखा बोले-संसद में 4 दिन की हो बहस,कौन है जिम्मेवार पंजाब के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा लोकसभा के सैशन में नशा तस्करों पर खूब बरसे। वड़िंग ने दैनिक भास्कर डिजीटल में दो दिन पहले प्रकाशित खबर-लुधियाना में नशे का इंजेक्शन लगाते दो युवक, VIDEO:बोले- अब सहन नहीं होता, ड्रग तस्करों के नाम लिए; कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश, के हवाला देते हुए खबर पढ़ी। उन्होंने केन्द्र सरकार को इस मामले में दखल देने के लिए कहा। दो या चार दिन का हो स्पेशल ड्रग पर सैशन वड़िंग ने कहा कि लोकसभा के दो या चार दिन का विशेष सैशन सिर्फ नशा पर होना चाहिए ताकि पंजाब में बढ़ रहे नशे कैसे रोकना है इस पर मंथन हो। वड़िंग ने कहा कि वैसे तो नशा पूरे देश की बड़ी समस्या है लेकिन पंजाब विशेष राज्य है जहां यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ी है। नशे के कारण खाली हो रहे पंजाब के गांव वड़िंग ने कहा कि पंजाब में नशे के कारण गांवों के गांव खाली हो गए है। कुछ युवा तो देश छोड़ कर चले गए। बाकी युवा ड्रग्स में लग गए। वड़िंग ने कहा कि इसका कारण यह है कि पंजाब में 425 किलोमीटर बार्डर एरिया है। देश की सरकार को जिम्मेवार इसलिए ठहराया जा रहा है कि 4 गुणा नशा बढ़ गया है। इस मामले में प्रदेश सरकार कहती है कि ये 425 किलोमीटर का एरिया BSF का है। 13-10-2021 तक BSF 15 किलोमीटर अंदर तक जा सकती थी लेकिन अब वो एरिया 50 किलोमीटर तक बढ़ा दिया है। इसके बावजूद भी ड्रग की समस्या का हल नहीं निकला। इस कारण संसद में 2 से 4 दिन ड्रग पर बहस होना जरूरी है। नशा बढ़ने का कौन जिम्मेवार है यह बताया जाए।
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ये सभी नशे के आदी हैं और छोटे-मोटे अपराध में संलिप्त थे। इन्होंने पैसों के लिए योजना को अंजाम देने के लिए सहमति जताई। पूछताछ में मनीष ने बताया कि पेट्रोल बम फेंकने के बाद वे वापस नवांशहर भाग गए। दोनों ही मामलों में उनके निशाने पर आए लोगों को कुछ समय बाद हमलों का अंदाजा लग जाता है। पुलिस की भनक लगने से पहले ही वे भागने में सफल हो गए। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक लवप्रीत सिंह उर्फ मोनू उर्फ बाबा को अभी गिरफ्तार किया जाना बाकी है। पुलिस को शक है कि बाबा का वेश धारण करने वाले लवप्रीत ने पुलिस से बचने के लिए किसी धार्मिक डेरे में शरण ले रखी है। उधर इस मामले में अब NIA भी जांच करने की तैयारी में है। सोशल मीडिया पर एक्टिव नेताओ को बनाते थे निशाना पूछताछ में यह भी सामने आया है बब्बर खालसा इंटरनेशनल ग्रुप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले नेताओं को सबक सिखाने के लिए और उन्हें डराने के लिये हरजीत सिंह लाड़ी की तरफ से उन्हें आदेश जारी होता था। जिसके बाद ही वह वारदात को अंजाम देते थे। 70 कैमरों की मदद से बदमाशों आए काबू शिव सेना नेताओं के घर पेट्रोल बम फेंकने वाले बदमाशों तक महानगर की पुलिस व काउंटर इंटेलिजेंस की टीम 70 कैमरों की मदद से पुहंची। पुलिस ने मॉडल टाउन में हुए गुरकीरत खुराना के घर पर हमले के बाद वारदात को अंजाम देने वाले बाइक का नंबर निकाल उसे सेफ सिटी कैमरो की मदद से आरोपियों के ठिकानों तक पहुंची। जहां पुलिस ने सबसे पहले आरोपी रविंदरपाल सिंह उर्फ व अनिल को काबू किया। जिसके बाद पुलिस ने बाकी के दोनो आरोपित मनीष व जसबिन्दर को दबोचा। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से वारदात को अंजाम देने के दौरान इस्तेमाल बाइक व 2 मोबाइल फोन बरामद किये। वही उनका एक साथी लवप्रीत पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। जिसे पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
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कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश
कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से BJP सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट अपकमिंग मूवी इमरजेंसी की रिलीज पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठा दी है। फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल करने वाली कंगना रनोट के खिलाफ FIR भी दर्ज करने को कहा है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होनी है। SGPC के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने आरोप लगाया है कि सिखों के चरित्र को गलत तरीके से चित्रित करने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर तत्काल प्रतिबंध लगना चाहिए। यह फिल्म सिख विरोधी और पंजाब विरोधी शब्दावली के कारण विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनोट द्वारा जानबूझकर सिखों का चरित्र हरण करने के इरादे से बनाई गई है। जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता। एडवोकेट धामी ने कहा कि यह 1984 के महान शहीदों के बारे में सिख विरोधी कहानी बनाकर देश का अपमान करने का घृणित कार्य है। उन्होंने कहा कि देश 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता और जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को श्री अकाल तख्त साहिब ने राष्ट्रीय शहीद घोषित किया है, जबकि कंगना रनोट की फिल्म उनके चरित्र को मारने की कोशिश कर रही है। कंगना पर सिखों की भावनाओं को भड़काने के आरोप एडवोकेट धामी ने कहा कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। धामी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इमरजेंसी फिल्म के जारी ट्रेलर से साफ है कि इसमें जानबूझकर सिखों के चरित्र को आतंकवादी के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है। सिख कार्यकर्ता पर आधारित फिल्म पर लगा था प्रतिबंध धामी ने कहा कि एक तरफ मानवाधिकारों की बात करने वाले सिख कार्यकर्ता भाई जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर बनी फिल्म ‘पंजाब 95’ की रिलीज को 85 कट लगाने के बाद भी सेंसर बोर्ड की तरफ से मंजूर नहीं किया गया था। जबकि सिख समुदाय के बारे में गलत तथ्य पेश करने वाली इमरजेंसी फिल्म को रिलीज किया जा रहा है। ये दोहरे मापदंड देशहित में नहीं हैं, इसलिए सरकार को इस बारे में सोचने की जरूरत है। सेंसर बोर्ड में सिख सदस्य शामिल करने की मांग एडवोकेट धामी ने केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में सिख सदस्यों को शामिल करने की मांग की है। सिख सदस्य की अनुपस्थिति के कारण ही एकतरफा फैसले लिए जा रहे हैं। SGPC ने कई बार अपनी आम बैठक में प्रस्ताव पारित कर मांग की है कि केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में सिखों का एक प्रतिनिधि जरूर शामिल किया जाए, लेकिन दुख की बात है कि सरकार इस पर अमल नहीं कर रही है। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था। 1975 में आंधी फिल्म पर लगा था बैन इससे पहले, 1975 में आंधी फिल्म को इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी सरकार ने बैन कर दिया था। फिल्म इमरजेंसी से कुछ वक्त पहले रिलीज हुई थी, जिसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ा दी थी। फिल्म पर कांग्रेस पार्टी की इमेज खराब करने का आरोप लगा था। फिल्म पर बैन लगने के बाद, लीड एक्ट्रेस सुचित्रा सेन कभी किसी हिंदी फिल्म में नजर नहीं आईं। अफवाहें थीं कि यह फिल्म इंदिरा गांधी और उनके पूर्व पति के साथ रिश्ते पर बनी है, लेकिन सच्चाई सिर्फ इतनी थी कि सुचित्रा सेन ने आरती देवी का किरदार निभाया था, जिसकी लुक ही इंदिरा गांधी से प्रेरित थी। बाद में जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद 1977 में इसे रिलीज किया। पहले भी विवादों में रह चुकीं कंगना रनोट 1. किसान आंदोलन से जुड़ी टिप्पणी पर हो चुका केस कंगना भाजपा के विरोधी दलों और उनकी ओर से चलाए जाने वाले आंदोलनों पर तल्ख टिप्पणियां करती रही हैं। किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने धरना देने वाली महिलाओं के बारे में कह दिया था कि ये लोग 100-100 रुपए लेकर धरने में आती हैं। इसे लेकर उनके खिलाफ पंजाब के कोर्ट में मानहानि का केस भी किया गया। इतना ही नहीं, बीते दिनों चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF महिला कर्मी की तरफ से कंगना को किसान आंदोलन के लिए थप्पड़ जड़ दिया गया था। जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया था। 2. करण जौहर को बता चुकी मूवी माफिया कंगना रनोट फिल्मों के साथ-साथ कई सेलिब्रिटीज के साथ पंगे की वजह से चर्चा में रही हैं। वह बॉलीवुड इंडस्ट्री में चलने वाले नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद के खिलाफ खुलकर बोलती रही हैं। नेपो किड्स उनके निशाने पर रहे हैं और वह आउटसाइडर्स के लिए आवाज उठाती रही हैं। कंगना ने एक बार बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर और धर्मा प्रोडक्शन कंपनी के कर्ता-धर्ता करण जौहर के शो कॉफी विद करण में उनको मूवी माफिया और नेपोटिज्म का फ्लैग बियरर तक बता दिया था। कंगना ने कहा था कि करण जौहर केवल स्टार किड्स को प्रमोट करते हैं और छोटे शहरों से आने वाले कलाकारों को बॉलीवुड में टिकने नहीं देते। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद भी कंगना ने बॉलीवुड के बड़े प्रोडक्शन हाउस के खिलाफ बयान दिए। नेपोटिज्म पर उनके बयान के बाद करण जौहर के साथ-साथ सलमान खान, आलिया भट्ट जैसे सितारे भी सवालों के घेरे में आ 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