रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए पंजाब सरकार ने सोमवार 19 अगस्त को सेवा केंद्रों के समय में बदलाव किया है। उस दिन सेवा केंद्र सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहेंगे। साथ ही लोगों को सभी सेवाएं भी मुहैया करवाई जाएंगी। पंजाब के प्रशासनिक सुधार मंत्री अमन अरोड़ा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन के चलते यह फैसला लिया है। 19 अगस्त के बाद सभी सेवा केंद्र अपने वर्तमान समय के मुताबिक सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुलेंगे। सेवा केंद्रों पर राज्य सरकार की तरफ से करीब 43 की तरफ सेवाएं दी जाती हैं। पंजाब सरकार ने सेवा केंद्रों की सेवाओं को काफी सुधार किया है। केंद्रों पर लोगों काे किसी तरह की दिक्कत न आए। जनवरी में भी बदला गया था केद्रों का समय इस साल जनवरी में जब सर्दी काफी बढ़ गई थी। धुंध भी काफी पड़ रही थी। उस समय भी सरकार ने सेवा केंद्रों के समय में बदलाव किया था। सेवा केंद्राें का समय सुबह साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े चार बजे तक कर दिया था। हालांकि इसके बाद जब मौसम साफ हो गया था तो फिर से दोबारा पुराना समय लागू कर दिया गया था। सेवा केंद्र हर जिले में स्थापित किए गए हैं। यहां पर लोगों पर एक ही छत के नीचे सारी सेवाएं दी जाती हैं। रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए पंजाब सरकार ने सोमवार 19 अगस्त को सेवा केंद्रों के समय में बदलाव किया है। उस दिन सेवा केंद्र सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहेंगे। साथ ही लोगों को सभी सेवाएं भी मुहैया करवाई जाएंगी। पंजाब के प्रशासनिक सुधार मंत्री अमन अरोड़ा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन के चलते यह फैसला लिया है। 19 अगस्त के बाद सभी सेवा केंद्र अपने वर्तमान समय के मुताबिक सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुलेंगे। सेवा केंद्रों पर राज्य सरकार की तरफ से करीब 43 की तरफ सेवाएं दी जाती हैं। पंजाब सरकार ने सेवा केंद्रों की सेवाओं को काफी सुधार किया है। केंद्रों पर लोगों काे किसी तरह की दिक्कत न आए। जनवरी में भी बदला गया था केद्रों का समय इस साल जनवरी में जब सर्दी काफी बढ़ गई थी। धुंध भी काफी पड़ रही थी। उस समय भी सरकार ने सेवा केंद्रों के समय में बदलाव किया था। सेवा केंद्राें का समय सुबह साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े चार बजे तक कर दिया था। हालांकि इसके बाद जब मौसम साफ हो गया था तो फिर से दोबारा पुराना समय लागू कर दिया गया था। सेवा केंद्र हर जिले में स्थापित किए गए हैं। यहां पर लोगों पर एक ही छत के नीचे सारी सेवाएं दी जाती हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से BJP सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट अपकमिंग मूवी इमरजेंसी की रिलीज पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठा दी है। फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल करने वाली कंगना रनोट के खिलाफ FIR भी दर्ज करने को कहा है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होनी है। SGPC के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने आरोप लगाया है कि सिखों के चरित्र को गलत तरीके से चित्रित करने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर तत्काल प्रतिबंध लगना चाहिए। यह फिल्म सिख विरोधी और पंजाब विरोधी शब्दावली के कारण विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनोट द्वारा जानबूझकर सिखों का चरित्र हरण करने के इरादे से बनाई गई है। जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता। एडवोकेट धामी ने कहा कि यह 1984 के महान शहीदों के बारे में सिख विरोधी कहानी बनाकर देश का अपमान करने का घृणित कार्य है। उन्होंने कहा कि देश 1984 की सिख विरोधी क्रूरता 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मानहानि का केस भी किया गया। इतना ही नहीं, बीते दिनों चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF महिला कर्मी की तरफ से कंगना को किसान आंदोलन के लिए थप्पड़ जड़ दिया गया था। जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया था। 2. करण जौहर को बता चुकी मूवी माफिया कंगना रनोट फिल्मों के साथ-साथ कई सेलिब्रिटीज के साथ पंगे की वजह से चर्चा में रही हैं। वह बॉलीवुड इंडस्ट्री में चलने वाले नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद के खिलाफ खुलकर बोलती रही हैं। नेपो किड्स उनके निशाने पर रहे हैं और वह आउटसाइडर्स के लिए आवाज उठाती रही हैं। कंगना ने एक बार बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर और धर्मा प्रोडक्शन कंपनी के कर्ता-धर्ता करण जौहर के शो कॉफी विद करण में उनको मूवी माफिया और नेपोटिज्म का फ्लैग बियरर तक बता दिया था। कंगना ने कहा था कि करण जौहर केवल स्टार किड्स को प्रमोट करते हैं और छोटे शहरों से आने वाले कलाकारों को बॉलीवुड में टिकने नहीं देते। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद भी कंगना ने बॉलीवुड के बड़े प्रोडक्शन हाउस के खिलाफ बयान दिए। नेपोटिज्म पर उनके बयान के बाद करण जौहर के साथ-साथ सलमान खान, आलिया भट्ट जैसे सितारे भी सवालों के घेरे में आ 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पंजाब के AAP विधायक लेंगे हाईकोर्ट की शरण:गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका ली वापस; मनी लॉन्ड्रिंग जुड़ा मामला
पंजाब के AAP विधायक लेंगे हाईकोर्ट की शरण:गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका ली वापस; मनी लॉन्ड्रिंग जुड़ा मामला पंजाब के आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। साथ ही अब उन्हें जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जाने की छूट होगी। उन्हें ईडी ने 6 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में हैं। इससे पहले 29 मई को सुप्रीम कोर्ट ने माजरा को जमानत देने से इनकार कर दिया था। सीबीआई ने भी शुरू की थी जांच सीबीआई ने पिछले साल मई में इस मामले में अपनी जांच शुरू की थी। 40 करोड़ की धोखाधड़ी से जुड़े मामले में छापेमारी की गई थी। इसके बाद सितंबर में ईडी ने उनके खिलाफ लोन धोखाधड़ी से जुड़ा मामला दर्ज किया था। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। छापेमारी के दौरान उनके ठिकानों से 32 लाख रुपये नकद, कुछ मोबाइल और हार्ड ड्राइव जब्त किए गए थे। हालांकि, उन्होंने पहले एक रुपये सैलरी लेने का ऐलान किया था। नाभा जेल में बंद हैं विधायक माजरा आप विधायक गज्जन माजरा गिरफ्तारी के बाद से ही नाभा जेल में बंद हैं। हालांकि, इस बीच जेल में फिसलकर गिर पड़े। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बाद वे दोबारा बीमार पड़े तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे कि सरकार उन्हें बीमारी के बहाने अस्पताल में भर्ती कराकर वीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है। हालांकि, मामला गरमाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
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