जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI), लुधियाना जोनल यूनिट ने अमृतसर के बीमा सेक्टर में 79.4 करोड़ रुपए के फर्जी बिलिंग घोटाले का भंडाफोड़ किया है। इस धोखाधड़ी से सरकार को 12.1 करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान हुआ। बता दें कि, जीएसटी खुफिया महानिदेशालय की टीम ने तीन प्रमुख आरोपियों- राजिंदर सिंह, मनमोहन सिंह और राजिंदर पाल सिंह को 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, और उन्हें लुधियाना के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का पता चला
लुधियाना और अमृतसर के अधिकारियों की 30 सदस्यीय टीम ने 9 जनवरी को 12 व्यवसायिक और आवासीय परिसरों पर छापेमारी की थी। अधिकारियों ने आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए, जिससे साबित होता है कि GST रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके कई फर्मों को फर्जी व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड कराया गया था। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी तो 20 जनवरी को एक और छापेमारी की गई, जहां 40 अधिकारियों ने अमृतसर में 16 परिसरों की तलाशी ली। कार्रवाई के बाद, अधिकारियों ने 22 धोखाधड़ी करने वाली फर्मों के जीएसटी पंजीकरण रद्द कर दिए और फर्जी बिलिंग के माध्यम से प्राप्त किए गए 97 लाख रुपए के फर्जी क्रेडिट को रोक दिया। इस तरह आरोपियों ने किया घोटाला
अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी इस धोखाधड़ी मॉड्यूल के पीछे के मास्टरमाइंड थे। उन्होंने कई फर्जी व्यवसायिक फर्म बनाईं और उन्हें जीएसटी के तहत पंजीकृत कराया। उन्होंने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान के आपूर्तिकर्ताओं से फर्जी बिल खरीदे। वे गुरुग्राम और दिल्ली के दलालों की ओर से बीमा पॉलिसियां बेचते हुए बीमा पॉइंट-ऑफ-सेल व्यक्ति (POSP) के रूप में काम करते थे। बीमा कमीशन पर जीएसटी से बचने के लिए, उन्होंने फर्जी लेनदेन और फर्जी बिलिंग की। अब तक, फर्जी बिलिंग ऑपरेशनों ने 79.4 करोड़ रुपए जमा किए, जिससे 12.1 करोड़ रुपए की अनुमानित जीएसटी चोरी हुई। जीएसटी धोखाधड़ी पर डीजीजीआई की कार्रवाई
अधिकारियों ने कहा कि जीएसटी धोखाधड़ी और चोरी से निपटने वाली एक प्रमुख सरकारी एजेंसी डीजीजीआई पूरे पंजाब में फर्जी बिलिंग नेटवर्क को सक्रिय रूप से खत्म कर रही है। हाल के महीनों में, डीजीजीआई ने लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़ और अमृतसर में 1500 करोड़ रुपए से अधिक की फर्जी बिलिंग का पता लगाया है और नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि फर्जी बिलिंग न केवल सरकार को धोखा देती है, बल्कि अनुचित बाजार बनाकर ईमानदार व्यवसायों को भी नुकसान पहुंचाती है। एजेंसी जनता से धोखाधड़ी को रोकने में मदद करने के लिए किसी भी संदिग्ध वित्तीय गतिविधि की रिपोर्ट करने का आग्रह कर रही है। जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI), लुधियाना जोनल यूनिट ने अमृतसर के बीमा सेक्टर में 79.4 करोड़ रुपए के फर्जी बिलिंग घोटाले का भंडाफोड़ किया है। इस धोखाधड़ी से सरकार को 12.1 करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान हुआ। बता दें कि, जीएसटी खुफिया महानिदेशालय की टीम ने तीन प्रमुख आरोपियों- राजिंदर सिंह, मनमोहन सिंह और राजिंदर पाल सिंह को 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, और उन्हें लुधियाना के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का पता चला
लुधियाना और अमृतसर के अधिकारियों की 30 सदस्यीय टीम ने 9 जनवरी को 12 व्यवसायिक और आवासीय परिसरों पर छापेमारी की थी। अधिकारियों ने आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए, जिससे साबित होता है कि GST रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके कई फर्मों को फर्जी व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड कराया गया था। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी तो 20 जनवरी को एक और छापेमारी की गई, जहां 40 अधिकारियों ने अमृतसर में 16 परिसरों की तलाशी ली। कार्रवाई के बाद, अधिकारियों ने 22 धोखाधड़ी करने वाली फर्मों के जीएसटी पंजीकरण रद्द कर दिए और फर्जी बिलिंग के माध्यम से प्राप्त किए गए 97 लाख रुपए के फर्जी क्रेडिट को रोक दिया। इस तरह आरोपियों ने किया घोटाला
अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी इस धोखाधड़ी मॉड्यूल के पीछे के मास्टरमाइंड थे। उन्होंने कई फर्जी व्यवसायिक फर्म बनाईं और उन्हें जीएसटी के तहत पंजीकृत कराया। उन्होंने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान के आपूर्तिकर्ताओं से फर्जी बिल खरीदे। वे गुरुग्राम और दिल्ली के दलालों की ओर से बीमा पॉलिसियां बेचते हुए बीमा पॉइंट-ऑफ-सेल व्यक्ति (POSP) के रूप में काम करते थे। बीमा कमीशन पर जीएसटी से बचने के लिए, उन्होंने फर्जी लेनदेन और फर्जी बिलिंग की। अब तक, फर्जी बिलिंग ऑपरेशनों ने 79.4 करोड़ रुपए जमा किए, जिससे 12.1 करोड़ रुपए की अनुमानित जीएसटी चोरी हुई। जीएसटी धोखाधड़ी पर डीजीजीआई की कार्रवाई
अधिकारियों ने कहा कि जीएसटी धोखाधड़ी और चोरी से निपटने वाली एक प्रमुख सरकारी एजेंसी डीजीजीआई पूरे पंजाब में फर्जी बिलिंग नेटवर्क को सक्रिय रूप से खत्म कर रही है। हाल के महीनों में, डीजीजीआई ने लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़ और अमृतसर में 1500 करोड़ रुपए से अधिक की फर्जी बिलिंग का पता लगाया है और नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि फर्जी बिलिंग न केवल सरकार को धोखा देती है, बल्कि अनुचित बाजार बनाकर ईमानदार व्यवसायों को भी नुकसान पहुंचाती है। एजेंसी जनता से धोखाधड़ी को रोकने में मदद करने के लिए किसी भी संदिग्ध वित्तीय गतिविधि की रिपोर्ट करने का आग्रह कर रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर