पंजाब सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। पुलिस के बाद अब नौ आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए हैं। आलोक शेखर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी जेल लगाए गए हैं। जबकि तेजवीर सिंह एडशिनल चीफ सेक्रेटरी स्थानीय सरकार होंगे। वहीं, अजोय शर्मा को प्रिंसिपल सेक्रेटरी टूरिज्म एंड कल्चर अफेयर्स लगाया गया है। कुमार राहुल एडमिनिस्ट्रेटिव हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, अमित ढाका एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी प्लानिंग व डायरेक्टर एमजीएसआईपीए लगाया गया है। पंजाब सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। पुलिस के बाद अब नौ आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए हैं। आलोक शेखर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी जेल लगाए गए हैं। जबकि तेजवीर सिंह एडशिनल चीफ सेक्रेटरी स्थानीय सरकार होंगे। वहीं, अजोय शर्मा को प्रिंसिपल सेक्रेटरी टूरिज्म एंड कल्चर अफेयर्स लगाया गया है। कुमार राहुल एडमिनिस्ट्रेटिव हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, अमित ढाका एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी प्लानिंग व डायरेक्टर एमजीएसआईपीए लगाया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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179.28 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी में ED का एक्शन:चंडीगढ़-पंचकूला और बद्दी समेत 11 जगह की थी रेड; 3 लाख कैश और डॉक्यूमेंट जब्त प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के चंडीगढ़ जोनल कार्यालय की तरफ से 179.28 रुपए की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामले में गुगलानी समूह की कंपनियों के चंडीगढ़, मोहाली, अमृतसर, पंचकूला, बद्दी, गुजरात समेत 11 ठिकानों पर दबिश दी है। इस दौरान ईडी की टीम को विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 3 लाख रुपए की नकदी बरामद हुई है। ईडी की तरफ से यह जानकारी दी गई। करोड़ों के है दो बैंक फ्रॉड ईडी की तरफ से यह दबिश पांच नवंबर को एक समय में सभी राज्यों में की गई थी। ईडी की रेड गुगलानी समूह की कंपनियों मेसर्स सुपर मल्टी कलर प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स डन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए गए दो बैंक धोखाधड़ी मामलों के संबंध में थी। इन मामलों में क्रमश: 125.40 करोड़ रुपए और 53.88 करोड़ रुपए (कुल 179.28 करोड़ रुपए) की धोखाधड़ी हुई थी। काफी समय से ईडी की टीम इस मामले की जांच में जुटी हुई थी। सीबीआई के केस को बनाया आधार ईडी के मुताबिक मेसर्स सुपर मल्टीकलर्स प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स डन फूड प्राइवेट लिमिटेड और उनके निदेशकों प्रमोटरों सुनील गुगलानी और सुमन गुगलानी व अन्य के खिलाफ बैंकों के संघ (पीएनबी, केनरा, एसबीआई और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया) को कुल 179.28 करोड़ रुपए का जानबूझकर नुकसान पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। ईडी ने भी इसी एफआईआर को आधार बनाकर अपनी जांच शुरू की थी।
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