पंजाब में पांच नगर निगमों और 43 नगर कोंसिल के लिए होने चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने भी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के नवनियुक्त प्रधान अमन अरोड़ा ने चुनाव को लेकर पार्टी के नेताओं से मीटिंग की है। इसमें सभी बड़े नेता और मंत्री मौजूद रहे। इस मौके बताया गया कि पार्टी की तरफ से जल्दी ही चुनाव लड़ने के इच्छुक उदम्मीदवारों से एप्लीकेशन ली जाएगी। इसके बाद उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे। पार्टी प्रधान ने सारे एरिया में लिया फीडबैक अमन अरोड़ा के पार्टी प्रधान बनने के बाद नेताओं से पहली मीटिंग थी। मीटिंग में निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह, हरभजन सिंह ईओ, महिंदर भगत समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। इस दौरान सारे इलाकों का फीडबैक लिया गया। साथ ही रणनीति बनाई गई कि चुनाव में किस तरह से पार्टी लोगों के बीच में जाएगी। हालांकि सीएम भगवंत मान शहर से बाहर थे। चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की होगी परीक्षा यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए भी परीक्षा से कम नहीं हैं। क्योंकि यह चुनाव शहरी एरिया में होने हैं। इस एरिया को बीजेपी का भी मजबूत गढ़ माना जाता है। वहीं, कांग्रेस का भी मजबूत आधार है। ऐसे में आप की कोशिश रहेगी कि किसी तरह इन चुनावों को फतह किया जाएगा। हालांकि अकाली दल चुनाव में उतरेगा या नहीं, इस बारे में अभी कुछ साफ नहीं है। यह विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। पंजाब में पांच नगर निगमों और 43 नगर कोंसिल के लिए होने चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने भी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के नवनियुक्त प्रधान अमन अरोड़ा ने चुनाव को लेकर पार्टी के नेताओं से मीटिंग की है। इसमें सभी बड़े नेता और मंत्री मौजूद रहे। इस मौके बताया गया कि पार्टी की तरफ से जल्दी ही चुनाव लड़ने के इच्छुक उदम्मीदवारों से एप्लीकेशन ली जाएगी। इसके बाद उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे। पार्टी प्रधान ने सारे एरिया में लिया फीडबैक अमन अरोड़ा के पार्टी प्रधान बनने के बाद नेताओं से पहली मीटिंग थी। मीटिंग में निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह, हरभजन सिंह ईओ, महिंदर भगत समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। इस दौरान सारे इलाकों का फीडबैक लिया गया। साथ ही रणनीति बनाई गई कि चुनाव में किस तरह से पार्टी लोगों के बीच में जाएगी। हालांकि सीएम भगवंत मान शहर से बाहर थे। चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की होगी परीक्षा यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए भी परीक्षा से कम नहीं हैं। क्योंकि यह चुनाव शहरी एरिया में होने हैं। इस एरिया को बीजेपी का भी मजबूत गढ़ माना जाता है। वहीं, कांग्रेस का भी मजबूत आधार है। ऐसे में आप की कोशिश रहेगी कि किसी तरह इन चुनावों को फतह किया जाएगा। हालांकि अकाली दल चुनाव में उतरेगा या नहीं, इस बारे में अभी कुछ साफ नहीं है। यह विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब के AAP विधायक लेंगे हाईकोर्ट की शरण:गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका ली वापस; मनी लॉन्ड्रिंग जुड़ा मामला
पंजाब के AAP विधायक लेंगे हाईकोर्ट की शरण:गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका ली वापस; मनी लॉन्ड्रिंग जुड़ा मामला पंजाब के आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। साथ ही अब उन्हें जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जाने की छूट होगी। उन्हें ईडी ने 6 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में हैं। इससे पहले 29 मई को सुप्रीम कोर्ट ने माजरा को जमानत देने से इनकार कर दिया था। सीबीआई ने भी शुरू की थी जांच सीबीआई ने पिछले साल मई में इस मामले में अपनी जांच शुरू की थी। 40 करोड़ की धोखाधड़ी से जुड़े मामले में छापेमारी की गई थी। इसके बाद सितंबर में ईडी ने उनके खिलाफ लोन धोखाधड़ी से जुड़ा मामला दर्ज किया था। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। छापेमारी के दौरान उनके ठिकानों से 32 लाख रुपये नकद, कुछ मोबाइल और हार्ड ड्राइव जब्त किए गए थे। हालांकि, उन्होंने पहले एक रुपये सैलरी लेने का ऐलान किया था। नाभा जेल में बंद हैं विधायक माजरा आप विधायक गज्जन माजरा गिरफ्तारी के बाद से ही नाभा जेल में बंद हैं। हालांकि, इस बीच जेल में फिसलकर गिर पड़े। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बाद वे दोबारा बीमार पड़े तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे कि सरकार उन्हें बीमारी के बहाने अस्पताल में भर्ती कराकर वीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है। हालांकि, मामला गरमाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
सेवा केंद्रों में होने वाले आवेदनों की पेंडेंसी निपटारे में गुरुनगरी सूबे में टॉप
सेवा केंद्रों में होने वाले आवेदनों की पेंडेंसी निपटारे में गुरुनगरी सूबे में टॉप भास्कर न्यूज | अमृतसर सेवा केंद्र में होने वाले आवेदनों की पेंडेंसी निपटारे में गुरुनगरी सूबे में टॉप पर रहा है। सरकार से जुड़ी अलग-अलग तरह की योजनाओं के लिए साल में विभिन्न विभागों से जुड़े 456552 आवेदन हुए। इनमें 99.3% का निपटारा कराया गया जिससे पेंडेंसी सिर्फ 0.07% रही। यानि कि निर्धारित समय पर कुल 341 फाइलें अफसरों के लेवल पर पेंडिंग हैं। इनमें सबसे ज्यादा पुलिस से जुड़ी 72 तो नगर निगम की 45 फाइलें अटकी हुई हैं। बता दें कि 30 दिन पहले 16 दिसंबर को गुरुनगरी 2100 फाइलों की पेंडेंसी के साथ 20वें नंबर पर तो 60 दिन पहले 16 नवंबर को 1400 फाइलों की पेंडेंसी के साथ 18वें नंबर पर पहुंच गया था। पेंडिंग फाइलों की संख्या बढ़ता देख डीसी साक्षी साहनी ने खुद मॉनिटरिंग शुरू की। गवर्नेंस रिफॉर्म के डिस्ट्रिक हैड प्रिंस सिंह को पेंडेंसी कम करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं खुद डेली शाम को पेंडिंग फाइलों का रिव्यू करती रहीं। साथ ही जिन अफसरों के दफ्तर में लंबे समय से फाइलें लटकी पड़ी थी, उनकी क्लास लगा विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई। इसके बाद भी लापरवाही बरतने वालों को कैंप ऑफिस में बुलाकर अपडेट ली जाती और फाइलों के निपटारे नहीं कराने की वजह बतानी होती थी। बता दें कि इसके पहले दिसंबर-2023 में गुरुनगरी पेंडेंसी निपटारे को लेकर सूबे में टॉपर पर पहुंचा था। तब 397983 आवेदन हुए थे और 124 फाइलों की पेंडेंसी थी। लेकिन तत्कालीन डीसी का तबादला होने पर अफसरों की मनमानी फिर से शुरू हो गई और पेंडेंसी में 20वें नंबर तक पहुंच गया था। फिलहाल डीसी की सख्ती के बाद पेंडेंसी कम होने के बाद इसे मेंटेन रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी विभाग के अफसरों की तरफ से बेवजह निर्धारित समये से अधिक फाइलें लटकाई गई तो संबंधित के एचओडी से जवाब-तलब की जाएगी। बता दें कि तरनतारन 0.52% पेंडेंसी के साथ 23वें नंबर पर है। यहां साल भर में कुल 215113 आवेदन सेवा केंद्रों में हुए और निर्धारित समय में 1127 फाइलों का निपटारा नहीं कराया जा सका। जबकि 0.07% पेंडेंसी के साथ जालंधर दूसरे नंबर पर है। कुल 399573 आवेदन हुए और 274 फाइलें पेंडिंग हैं। जिला आवेदन पेंडेंसी फीसदी अमृतसर 456552 341 0.07 जालंधर 39957 3 274 0.07% पठानकोट 136548 95 0.07% बठिंडा 252868 200 0.08% गुरुदासपुर 280861 218 0.08% होशियारपुर 307356 248 0.08% रूपनगर 118206 124 0.1% बरनाला 95819 104 0.11% पटियाला 322100 397 0.12% एसबीएस 113505 148 0.13% नगर फरीदकोट 107595 153 0.14% संगरूर 206550 311 0.15% एसएएस नगर 1 84819 289 0.16% मानसा 144012 256 0.18% मोगा 146690 266 0.18% मुक्तसर 171419 308 0.18% साहिब कपूरथला 135670 271 0.2% फाजिल्का 201416 441 0.22% फतेहगढ़ 88867 208 0.23% साहिब लुधियाना 560545 1 677 0.3% मलेरोटला 63063 261 0.41% फिरोजपुर 155588 679 0 .44% तरनतारन 215113 1127 0.52% ^रोजाना शाम को पेंडिंग फाइलों का रिव्यू लिया गया। जिन ब्रांचों या विभागों में फाइलों की पेंडेंसी अधिक थी, एचओडी को तलब कर जवाब लिया गया। पेंडेंसी निपटारे में टॉप पर आने की वजह टीम वर्क के तौर पर काम किया जाना है। आगे भी पेंडेंसी मेंटेन रखने का निर्देश अफसरों को दिया गया है। बेवजह फाइलें लटकाने वालों के खिलाफ सख्त विभागीय एक्शन लिया जाएगा। सिटिजन को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कोशिशें की जा रही हैं। बेहतर काम करने वाले अफसरों-मुलाजिमों को सम्मानित भी किया गया है। -साक्षी साहनी, डीसी
महाराष्ट्र चुनाव में दमदमी टकसाल करेगी भाजपा का समर्थन:मुखी हरचरण खालसा ने जारी किया बयान, SGPC व सिख नेताओं ने जताई आपत्ति
महाराष्ट्र चुनाव में दमदमी टकसाल करेगी भाजपा का समर्थन:मुखी हरचरण खालसा ने जारी किया बयान, SGPC व सिख नेताओं ने जताई आपत्ति महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान दमदमी टकसाल के मुखी ने बीजेपी गठबंधन सरकार को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। मगर दमदमी टकसाल के मुखी हरमन सिंह खालसा द्वारा किए गए इस बयान में पंजाब की राजनीति में बवाल मच गया है। एसजीपीसी और कई सिख नेताओं द्वारा इस फैसले की काफी निंदा की गई है। बता दें कि महाराष्ट्र सिख समाज के लिए बीजेपी को समर्थन देने वाली बयान का संत हरमन सिंह खालसा द्वारा प्रेस नोट जारी किया गया। जिसमें स्पष्ट तौर पर बीजेपी वाली गठबंधन सरकार को वोट देने का आग्रह किया गया है। एसडीपीसी मेंबर गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा- सिख संगत के लिए खालसा द्वारा दिया गया ऐसा बयान हैरानजनक है। पूर्व अकाली नेता वलटोहा बोले- इस संस्था के मुखी संत जरनैल सिंह भिंडरावाला थे। अब उनकी जहर हर हरचरण सिंह खालसा हैं। मगर ऐसे बयान से मुझे धक्का लगा है। खालसा इस पर अपना स्पष्टीकरण जरूर दें। जिससे उनके मन की बात पता चल पाए। दमदमी टकसाल द्वारा जारी किए बयान में जानकारी साझा की गई….. जैसा दमदमी टकसाल के मुखी खालसा द्वारा जारी बयान में कहा गया दमदमी टकसाल के मुखी खालसा ने कहा- महाराष्ट्र के सिख समुदाय ने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति को अपना पूर्ण समर्थन देने की आधिकारिक घोषणा की है। पिछले 2.5 वर्षों में सरकार ने गुरु नानक नाम लेवा संगत, सिखों, हिंदू पंजाबियों, लुभाना, सिकलीगर, सिंधी और बंजारा के कल्याण और उत्थान के लिए नीतियां लागू की हैं। जिन्होंने उनकी सामाजिक और आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार ने न केवल इन समुदायों के लिए लाभकारी घोषणाएं की हैं। बल्कि उनके उत्थान के लिए ऐतिहासिक कदम भी उठाए हैं। हाल ही में पहली बार गुरु नानक नाम लेवा संगत से नामित सदस्यों के साथ 11 सदस्यीय सिख प्रतिनिधि समिति महाराष्ट्र राज्य को अल्पसंख्यक आयोग, महाराष्ट्र सरकार में प्रतिनिधित्व दिया गया है। जो सिख समुदाय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण विकास का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक आयोग में एक सिख सदस्य की नियुक्ति की गई है, ये पहल सिख समुदाय के कल्याण और प्रगति के प्रति सरकार की मंशा और प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं। सरकार भविष्य में ऐसे ही कल्याण कार्य करेगी आगे खालसा ने कहा- सरकार भविष्य में भी सभी समुदायों के कल्याण के लिए इसी इरादे और दृष्टि के साथ काम करना जारी रखेगी। सिख समुदाय सभी से इस महीने की 20 तारीख को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति को अपना पूरा समर्थन देने का आग्रह करता है। इसके अतिरिक्त वे सभी से अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और परिचितों को महायुति का समर्थन करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील करते हैं। क्या है दमदमी टकसाल दमदमी टकसाल भारत में एक सिख शैक्षणिक संगठन है। इसका मुख्यालय अमृतसर के मेहता चौक पर स्थित है। सिख इसे विश्वविद्यालय के रूप में मानते हैं। वर्ष 1706 में मुक्तसर की लड़ाई के बाद, गुरु गोबिंद सिंह ने तलवंडी में डेरा डाला। इस स्थान को दमदमा अर्थात एक पड़ाव स्थल (सांस लेने की जगह) के रूप में जाना जाने लगा। इस स्थान को अब दमदमा साहिब के रूप में जाना जाता है। गुरु गोबिंद सिंह और बाबा दीप सिंह से इस टकसाल से जुड़े होने के कारण इसका इतिहास 300 साल से अधिक पुराने होने का दावा है।