पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक गुरप्रीत गोगी की 10 जनवरी की रात अचानक सिर में गोली लगने से मौत हो गई। उस वक्त वे घर पर ही थे। गोगी की मौत की रात आखिर क्या हुआ, इसके बारे में परिवार ने सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा। सरकार चला रही पार्टी AAP का MLA होने की वजह से पुलिस भी इस हाईप्रोफाइल मामले में कुछ नहीं कह रही। हालांकि दैनिक भास्कर के पास विधायक गोगी की पत्नी डॉ. सुखचैन कौर का घटना की रात 11 बजकर 38 मिनट पर पुलिस के रोजनामचा नंबर 17 में दर्ज वह बयान है, जिसमें उन्होंने बताया कि जब गोली चली तो उन्हें लगा कि हीटर में धमाका हुआ, लेकिन वह अंदर गई तो पति को गोली लगी हुई थी। गोगी की मौत की रात क्या हुआ था, पत्नी के बयान को सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. मैं रसोइए को खाना परोसने को कहकर लॉबी में आ गई
गोगी की पत्नी सुखचैन कौर ने पुलिस को बताया- ” रात को 11 बजे से 11.05 के बीच का वक्त था। मैं किचन में थी। मेरे पति गुरप्रीत सिंह गोगी अपने कमरे में थे। वह अपना लाइसेंसी पिस्टल साफ कर रहे थे। मैं रसोइये को खाना परोसने का कहकर लॉबी में आ गई।” 2. आवाज सुन कमरे में दौड़ी तो पति को गोली लगी थी
लॉबी में आते ही मुझे तेज आवाज सुनाई दी। मुझे लगा कि शायद रूम हीटर का पटाखा पड़ गया है। मैं भाग कर कमरे में गई और देखा कि जिस पिस्टल को मेरे पति साफ कर रहे थे तो उससे अचानक गोली चली और वह उनके सिर में लगी। 3. मैं रोने लगी, ऊपर से बेटा नीचे आया
मैं अचानक घबरा गई और जोर-जोर से रोने लगी। मेरी आवाज सुनकर ऊपर के कमरे में मौजूद मेरा बेटा स्वराज नीचे पति के कमरे में आ गया। हमारे घर के बाहर लगी पुलिस सिक्योरिटी गार्द में से एक मुलाजिम अंदर आ गया। 4. अस्पताल ले जाने तक मौत हुई, किसी का कोई कसूर नहीं
बेटा स्वराज, रसोइया मिंटू और गार्द मुलाजिम पति को DMC अस्पताल लुधियाना ले गए। जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह हादसा पति द्वारा लाइसेंसी पिस्टल को साफ करते समय अचानक से कुदरती घटित हुआ है। इस हादसे में किसी का कोई कसूर नहीं है और ना ही मैं किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई करवाना चाहती हूं। मैं यह बयान पूरे होशोहवास में और बिना किसी दबाव के दे रही हूं। इससे साफ है कि परिवार ने इसे सुसाइड नहीं माना है। लुधियाना पुलिस क्या कह रही..
इस मामले में पुलिस भी सुखचैन कौर के बयान से ही सहमत है। इसी वजह से इस मामले में कुदरती मौत की कार्रवाई की गई है। हालांकि घटना वाले दिन DCP जसकिरण तेजा ने कहा था कि विधायक की मौत किन हालातों में हुई है यह कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि अभी डिप्रेशन जैसी कोई बात सामने नहीं आई। हालांकि पुलिस जांच में अब भी जुटी हुई है। 2 बार गोगी के घर से फॉरेंसिक टीम सबूत खंगाल चुकी है। इसके अलावा पिस्टल की जांच भी की जा रही है कि गोगी को लगी गोली उसी से चली है या नहीं। AAP विधायक की मौत ने सबको क्यों चौंकाया
गुरप्रीत गोगी की अचानक मौत ने सबको चौंका दिया था। जिस रात उनकी मौत हुई, उससे पहले दिनभर वे पब्लिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। यहां तक कि अगले दिन यानी 11 जनवरी के कार्यक्रम तक उन्होंने तय कर लिए थे। दिन में शीतला माता मंदिर में लाखों की चोरी को लेकर मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों से मीटिंग की थी। इसके बाद लुधियाना बार एसोसिएशन के लोहड़ी फंक्शन में शामिल हुए। शाम को विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा और राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के साथ बुड्डा दरिया का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अपने घर में लोक दरबार लगाकर जनता की समस्याएं सुनीं। अगले दिन उन्हें लोहड़ी के कई कार्यक्रम में जाना था। कैप्टन अमरिंदर ने प्रधान बनाया, 3 बार पार्षद रहे
गुरप्रीत गोगी ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी। 2014 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गोगी को कांग्रेस का जिला शहरी प्रधान बना दिया। वह 2019 तक इस पद पर रहे। गोगी का घर शहर के पॉश इलाके घुमार मंडी में है। यहां से वे 3 बार नगर निगम के पार्षद चुने गए। मेयर कुर्सी से चूके, आशु को जिम्मेदार माना, उनको विधानसभा चुनाव में हराया
7 साल पहले फरवरी 2018 में वह तीसरी बार पार्षद चुनाव जीते। कांग्रेस ने इस चुनाव में 95 में से 62 वार्डों पर चुनाव जीता था। सीनियर पार्षद होने के नाते उनकी मेयर की कुर्सी पर दावेदारी पक्की थी। हालांकि कांग्रेस ने बलकार सिंह के करीबी को मेयर बना दिया। गोगी मानते थे कि इसके लिए उस वक्त के लुधियाना वेस्ट से विधायक भारत भूषण आशु जिम्मेदार हैं। बलकार सिंह को आशू का ही करीबी माना जाता था। साल 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले गोगी ने कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने AAP में शामिल होकर आशु को लुधियाना वेस्ट सीट से हरा दिया। स्कूटर-पोर्श की सवारी से सुर्खियों में रहे, अपने नाम का नींव पत्थर तोड़ा
राजनीतिक तौर पर गोगी बेबाक नेता थे। वह विधानसभा चुनाव में नामांकन के वक्त स्कूटर से पहुंचे थे, जिसमें पीछे उनकी पत्नी भी बैठी थी। हालांकि जब वे चुनाव जीतकर विधायक बन गए तो फिर वे पोर्श कार में ऑफिस पहुंचे। इसकी वीडियो भी सोशल मीडिया में खूब सुर्खियों में रही। इसके अलावा कुछ दिन पहले उन्होंने बुड्ढा नाला को साफ करने का अपना नींव पत्थर खुद ही तोड़ दिया था। उनका कहना था कि जब यहां काम ही नहीं हो रहा तो फिर पत्थर क्यों लगा रहे। ***************** ये खबर भी पढ़ें राजकीय सम्मान से गोगी का अंतिम संस्कार, पंजाब CM भी पहुंचे उनका DMC अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया। जिसमें पता चला कि गोली उनके सिर के दाईं तरफ से लगी और बाईं तरफ से बाहर निकलकर आर-पार हो गई (पूरी खबर पढ़ें) पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक गुरप्रीत गोगी की 10 जनवरी की रात अचानक सिर में गोली लगने से मौत हो गई। उस वक्त वे घर पर ही थे। गोगी की मौत की रात आखिर क्या हुआ, इसके बारे में परिवार ने सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा। सरकार चला रही पार्टी AAP का MLA होने की वजह से पुलिस भी इस हाईप्रोफाइल मामले में कुछ नहीं कह रही। हालांकि दैनिक भास्कर के पास विधायक गोगी की पत्नी डॉ. सुखचैन कौर का घटना की रात 11 बजकर 38 मिनट पर पुलिस के रोजनामचा नंबर 17 में दर्ज वह बयान है, जिसमें उन्होंने बताया कि जब गोली चली तो उन्हें लगा कि हीटर में धमाका हुआ, लेकिन वह अंदर गई तो पति को गोली लगी हुई थी। गोगी की मौत की रात क्या हुआ था, पत्नी के बयान को सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. मैं रसोइए को खाना परोसने को कहकर लॉबी में आ गई
गोगी की पत्नी सुखचैन कौर ने पुलिस को बताया- ” रात को 11 बजे से 11.05 के बीच का वक्त था। मैं किचन में थी। मेरे पति गुरप्रीत सिंह गोगी अपने कमरे में थे। वह अपना लाइसेंसी पिस्टल साफ कर रहे थे। मैं रसोइये को खाना परोसने का कहकर लॉबी में आ गई।” 2. आवाज सुन कमरे में दौड़ी तो पति को गोली लगी थी
लॉबी में आते ही मुझे तेज आवाज सुनाई दी। मुझे लगा कि शायद रूम हीटर का पटाखा पड़ गया है। मैं भाग कर कमरे में गई और देखा कि जिस पिस्टल को मेरे पति साफ कर रहे थे तो उससे अचानक गोली चली और वह उनके सिर में लगी। 3. मैं रोने लगी, ऊपर से बेटा नीचे आया
मैं अचानक घबरा गई और जोर-जोर से रोने लगी। मेरी आवाज सुनकर ऊपर के कमरे में मौजूद मेरा बेटा स्वराज नीचे पति के कमरे में आ गया। हमारे घर के बाहर लगी पुलिस सिक्योरिटी गार्द में से एक मुलाजिम अंदर आ गया। 4. अस्पताल ले जाने तक मौत हुई, किसी का कोई कसूर नहीं
बेटा स्वराज, रसोइया मिंटू और गार्द मुलाजिम पति को DMC अस्पताल लुधियाना ले गए। जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह हादसा पति द्वारा लाइसेंसी पिस्टल को साफ करते समय अचानक से कुदरती घटित हुआ है। इस हादसे में किसी का कोई कसूर नहीं है और ना ही मैं किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई करवाना चाहती हूं। मैं यह बयान पूरे होशोहवास में और बिना किसी दबाव के दे रही हूं। इससे साफ है कि परिवार ने इसे सुसाइड नहीं माना है। लुधियाना पुलिस क्या कह रही..
इस मामले में पुलिस भी सुखचैन कौर के बयान से ही सहमत है। इसी वजह से इस मामले में कुदरती मौत की कार्रवाई की गई है। हालांकि घटना वाले दिन DCP जसकिरण तेजा ने कहा था कि विधायक की मौत किन हालातों में हुई है यह कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि अभी डिप्रेशन जैसी कोई बात सामने नहीं आई। हालांकि पुलिस जांच में अब भी जुटी हुई है। 2 बार गोगी के घर से फॉरेंसिक टीम सबूत खंगाल चुकी है। इसके अलावा पिस्टल की जांच भी की जा रही है कि गोगी को लगी गोली उसी से चली है या नहीं। AAP विधायक की मौत ने सबको क्यों चौंकाया
गुरप्रीत गोगी की अचानक मौत ने सबको चौंका दिया था। जिस रात उनकी मौत हुई, उससे पहले दिनभर वे पब्लिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। यहां तक कि अगले दिन यानी 11 जनवरी के कार्यक्रम तक उन्होंने तय कर लिए थे। दिन में शीतला माता मंदिर में लाखों की चोरी को लेकर मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों से मीटिंग की थी। इसके बाद लुधियाना बार एसोसिएशन के लोहड़ी फंक्शन में शामिल हुए। शाम को विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा और राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के साथ बुड्डा दरिया का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अपने घर में लोक दरबार लगाकर जनता की समस्याएं सुनीं। अगले दिन उन्हें लोहड़ी के कई कार्यक्रम में जाना था। कैप्टन अमरिंदर ने प्रधान बनाया, 3 बार पार्षद रहे
गुरप्रीत गोगी ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी। 2014 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गोगी को कांग्रेस का जिला शहरी प्रधान बना दिया। वह 2019 तक इस पद पर रहे। गोगी का घर शहर के पॉश इलाके घुमार मंडी में है। यहां से वे 3 बार नगर निगम के पार्षद चुने गए। मेयर कुर्सी से चूके, आशु को जिम्मेदार माना, उनको विधानसभा चुनाव में हराया
7 साल पहले फरवरी 2018 में वह तीसरी बार पार्षद चुनाव जीते। कांग्रेस ने इस चुनाव में 95 में से 62 वार्डों पर चुनाव जीता था। सीनियर पार्षद होने के नाते उनकी मेयर की कुर्सी पर दावेदारी पक्की थी। हालांकि कांग्रेस ने बलकार सिंह के करीबी को मेयर बना दिया। गोगी मानते थे कि इसके लिए उस वक्त के लुधियाना वेस्ट से विधायक भारत भूषण आशु जिम्मेदार हैं। बलकार सिंह को आशू का ही करीबी माना जाता था। साल 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले गोगी ने कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने AAP में शामिल होकर आशु को लुधियाना वेस्ट सीट से हरा दिया। स्कूटर-पोर्श की सवारी से सुर्खियों में रहे, अपने नाम का नींव पत्थर तोड़ा
राजनीतिक तौर पर गोगी बेबाक नेता थे। वह विधानसभा चुनाव में नामांकन के वक्त स्कूटर से पहुंचे थे, जिसमें पीछे उनकी पत्नी भी बैठी थी। हालांकि जब वे चुनाव जीतकर विधायक बन गए तो फिर वे पोर्श कार में ऑफिस पहुंचे। इसकी वीडियो भी सोशल मीडिया में खूब सुर्खियों में रही। इसके अलावा कुछ दिन पहले उन्होंने बुड्ढा नाला को साफ करने का अपना नींव पत्थर खुद ही तोड़ दिया था। उनका कहना था कि जब यहां काम ही नहीं हो रहा तो फिर पत्थर क्यों लगा रहे। ***************** ये खबर भी पढ़ें राजकीय सम्मान से गोगी का अंतिम संस्कार, पंजाब CM भी पहुंचे उनका DMC अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया। जिसमें पता चला कि गोली उनके सिर के दाईं तरफ से लगी और बाईं तरफ से बाहर निकलकर आर-पार हो गई (पूरी खबर पढ़ें) पंजाब | दैनिक भास्कर