पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) और BJP को गठबंधन तोड़ना महंगा पड़ा। दोनों ने इस बार पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा। हालांकि अगर ये दोनों इकट्ठा होकर चुनाव लड़ते तो फिर 5 सीटें आसानी से जीत सकते थे। इनमें गुरदासपुर, अमृतसर, लुधियाना, फिरोजपुर व पटियाला सीट शामिल हैं। इन सारी सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जीते हैं। इन पांचों सीटों पर भाजपा और अकाली दल के वोट मिलाकर जीतने वाले उम्मीदवार से ज्यादा हैं। इसके अलावा बठिंडा सीट से भी अगर गठबंधन रहता तो अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बड़े अंतर से चुनाव जीत जाती। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए 6 सीटों पर हार-जीत का गणित…. 1. गुरदासपुर में 2,639 वोटों से जीत जाती भाजपा
गुरदासपुर सीट पर पर जीते कांग्रेस उम्मीदवार सुखजिंदर सिंह रंधावा को 3 लाख 64 हजार 43 मत मिले हैं। भाजपा उम्मीदवार दिनेश बब्बू यहां पर 2 लाख 81 हजार 182 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार डॉ. दलजीत सिंह चीमा को 85 हजार 500 वोट मिले हैं। अगर इस सीट पर भाजपा व शिअद मिलकर लड़ रहे होते तो इन दोनों के कुल वोट 3 लाख 66 हजार 682 हो जाते। ऐसे में इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार को 2,639 वोटों से जीत मिल जाती। हालांकि इस परिणाम में भाजपा को 82 हजार 861 वोटों से हारना पड़ा। 2. अमृतसर में बड़े अंतर से नतीजे बदल जाते
अमृतसर सीट पर कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला 2 लाख 55 हजार 181 वोट लेकर जीते है। इस सीट पर भाजपा को 2 लाख 7 हजार 205 वोट मिले। अकाली दल के अनिल जोशी को 1 लाख 62 हजार 896 वोट मिले। अकाली दल व भाजपा के वोटों को जोड़ दिया जाए तो यह 3 लाख 70 हजार 101 हाे जाते हैं। ऐसे में भाजपा यह सीट 1 लाख 14 हजार 920 वोटों से सीट जीत सकती थी। 3. लुधियाना सीट भी भाजपा के खाते में आती
लुधियाना सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर राजा वडिंग को 3 लाख 22 हजार 224 वोट मिले हैं। भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू को यहां 3 लाख 1 हजार 282 वोट मिले हैं। दोनों में जीत-हार का अंतर 20 हजार का है। इस सीट पर अकाली दल 90 हजार 220 मत मिले हैं। यदि शिअद और भाजपा इकट्ठे होते हो तो दोनों के वोट की संख्या 3 लाख 91 हजार 502 हो जाती है। ऐसे में यह सीट 69 हजार 278 मतों से भाजपा जीत सकती थी। फिरोजपुर में करीब ढ़ाई लाख से सीट जीत जाते
फिरोजपुर सीट पर कांग्रेस के शेर सिंह घुबाया 2 लाख 66 हजार 626 वोट लेकर जीते हैं। वहीं BJP के गुरमीत सिंह सोढ़ी को 2 लाख 55 हजार 97 वोट मिले हैं। शिअद को 2 लाख 53 हजार 645 वोट मिले हैं। भाजपा और अकाली दल के वोट मिला दें तो यह 5 लाख 8 हजार 742 हो जाएंगे। जिससे यह सीट वे 2 लाख 42 हजार 116 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत जाते। परनीत कौर भाजपा की सांसद बन जाती
पटियाला सीट कांग्रेस के डॉ. धर्मवीर गांधी ने 3 लाख 5 हजार 616 वोट लेकर जीती है। यहां पर भाजपा उम्मीदवार परनीत कौर को 2 लाख 88 हजार 998 और शिरोमणि अकाली दल के एनके शर्मा को 1 लाख 53 हजार 978 वोट मिले हैं। अगर इन दोनों के वोट जोड़ दिए जाए तो यह 4 लाख 42 हजार 976 हो जाते हैं। ऐसे में अकाली-भाजपा गठबंधन की सूरत में यह सीट 1 लाख 37 हजार 360 वोटों से जीत जाती। बठिंडा में जीत का अंतर बढ़ जाता
बठिंडा सीट पर शिरोमणि अकाली दल की जीत हुई है। इस पर शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल को 3 लाख 76 हजार 558 वोट मिले हैं। जबकि दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के मंत्री गुरमीत सिंह खुडि्डयां 3 लाख 26 हजार 902 वोट मिले हैं। दोनों में जीत-हार का अंतर 49 हजार 656 है। यहां से भाजपा की उम्मीदवार पूर्व IAS अफसर परमपाल कौर सिद्धू को 1 लाख 10 हजार 762 वोट मिले हैं। अगर साथ होते तो यहां जीत का अंतर बढ़ जाता। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) और BJP को गठबंधन तोड़ना महंगा पड़ा। दोनों ने इस बार पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा। हालांकि अगर ये दोनों इकट्ठा होकर चुनाव लड़ते तो फिर 5 सीटें आसानी से जीत सकते थे। इनमें गुरदासपुर, अमृतसर, लुधियाना, फिरोजपुर व पटियाला सीट शामिल हैं। इन सारी सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जीते हैं। इन पांचों सीटों पर भाजपा और अकाली दल के वोट मिलाकर जीतने वाले उम्मीदवार से ज्यादा हैं। इसके अलावा बठिंडा सीट से भी अगर गठबंधन रहता तो अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बड़े अंतर से चुनाव जीत जाती। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए 6 सीटों पर हार-जीत का गणित…. 1. गुरदासपुर में 2,639 वोटों से जीत जाती भाजपा
गुरदासपुर सीट पर पर जीते कांग्रेस उम्मीदवार सुखजिंदर सिंह रंधावा को 3 लाख 64 हजार 43 मत मिले हैं। भाजपा उम्मीदवार दिनेश बब्बू यहां पर 2 लाख 81 हजार 182 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार डॉ. दलजीत सिंह चीमा को 85 हजार 500 वोट मिले हैं। अगर इस सीट पर भाजपा व शिअद मिलकर लड़ रहे होते तो इन दोनों के कुल वोट 3 लाख 66 हजार 682 हो जाते। ऐसे में इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार को 2,639 वोटों से जीत मिल जाती। हालांकि इस परिणाम में भाजपा को 82 हजार 861 वोटों से हारना पड़ा। 2. अमृतसर में बड़े अंतर से नतीजे बदल जाते
अमृतसर सीट पर कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला 2 लाख 55 हजार 181 वोट लेकर जीते है। इस सीट पर भाजपा को 2 लाख 7 हजार 205 वोट मिले। अकाली दल के अनिल जोशी को 1 लाख 62 हजार 896 वोट मिले। अकाली दल व भाजपा के वोटों को जोड़ दिया जाए तो यह 3 लाख 70 हजार 101 हाे जाते हैं। ऐसे में भाजपा यह सीट 1 लाख 14 हजार 920 वोटों से सीट जीत सकती थी। 3. लुधियाना सीट भी भाजपा के खाते में आती
लुधियाना सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर राजा वडिंग को 3 लाख 22 हजार 224 वोट मिले हैं। भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू को यहां 3 लाख 1 हजार 282 वोट मिले हैं। दोनों में जीत-हार का अंतर 20 हजार का है। इस सीट पर अकाली दल 90 हजार 220 मत मिले हैं। यदि शिअद और भाजपा इकट्ठे होते हो तो दोनों के वोट की संख्या 3 लाख 91 हजार 502 हो जाती है। ऐसे में यह सीट 69 हजार 278 मतों से भाजपा जीत सकती थी। फिरोजपुर में करीब ढ़ाई लाख से सीट जीत जाते
फिरोजपुर सीट पर कांग्रेस के शेर सिंह घुबाया 2 लाख 66 हजार 626 वोट लेकर जीते हैं। वहीं BJP के गुरमीत सिंह सोढ़ी को 2 लाख 55 हजार 97 वोट मिले हैं। शिअद को 2 लाख 53 हजार 645 वोट मिले हैं। भाजपा और अकाली दल के वोट मिला दें तो यह 5 लाख 8 हजार 742 हो जाएंगे। जिससे यह सीट वे 2 लाख 42 हजार 116 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत जाते। परनीत कौर भाजपा की सांसद बन जाती
पटियाला सीट कांग्रेस के डॉ. धर्मवीर गांधी ने 3 लाख 5 हजार 616 वोट लेकर जीती है। यहां पर भाजपा उम्मीदवार परनीत कौर को 2 लाख 88 हजार 998 और शिरोमणि अकाली दल के एनके शर्मा को 1 लाख 53 हजार 978 वोट मिले हैं। अगर इन दोनों के वोट जोड़ दिए जाए तो यह 4 लाख 42 हजार 976 हो जाते हैं। ऐसे में अकाली-भाजपा गठबंधन की सूरत में यह सीट 1 लाख 37 हजार 360 वोटों से जीत जाती। बठिंडा में जीत का अंतर बढ़ जाता
बठिंडा सीट पर शिरोमणि अकाली दल की जीत हुई है। इस पर शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल को 3 लाख 76 हजार 558 वोट मिले हैं। जबकि दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के मंत्री गुरमीत सिंह खुडि्डयां 3 लाख 26 हजार 902 वोट मिले हैं। दोनों में जीत-हार का अंतर 49 हजार 656 है। यहां से भाजपा की उम्मीदवार पूर्व IAS अफसर परमपाल कौर सिद्धू को 1 लाख 10 हजार 762 वोट मिले हैं। अगर साथ होते तो यहां जीत का अंतर बढ़ जाता। पंजाब | दैनिक भास्कर