पंजाब में सहकारी सभाओं को सप्लाई की गई डीएपी खाद के सैंपल फेल हुए हैं। यह सप्लाई लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बीच हुई थी। विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि जिला मोहाली के सैंपल फेल हुए हैं। जिस कंपनी के खाद के सैंपल फेल हुए हैं। उसकी खाद मानकों के मुताबिक नहीं थी। उसकी खाद की बिक्री बंद कर दी है। सहकारी सभाओं व कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अन्य जिलों में भी सैंपल भरे जा रहे हैं। लुधियाना व फरीदकोट लैब की रिपोर्ट में खुलासा राज्य में आज से धान की बिजाई शुरू हो रही है। ऐसे में 1.15 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है। जबकि 31 जुलाई तक 16 लाख मीट्रिक टन यूरिया खाद की जरूरत है। मार्कफैड की तरफ डीएपी की सप्लाई सहकारी सभाओं को दी गई है। मोहाली में भारत एग्रो प्रोडक्ट कंपनी की तरफ से सप्लाई हुई थी। मोहाली में खिजराबाद, मछलीकलां व गुनोमाजरा सहकारी सभा व दो स्टोर से खाद के सैंपल भरे गए थे। इनकी जांच लुधियाना व फरीदकोट की लैब में हुई थी। डीएपी खाद में फासफोर्स की मात्रा 46 फीसदी तक होनी चाहिए, जो कि 20 फीसदी ही निकली है। ऐसे में यह खाद मानकों पर सही नहीं उतरी है। उसके बैच नंबर का रिकॉर्ड भी जुटा लिया गया चार जिलों के सैंपल हुए पास खेती विभाग के एक सीनियर अधिकारी बताते हैं कि जैसे ही यह मामला सामने आया था, उसके बाद चार जिलों में सैंपल लिए गए थे। उनकी रिपोर्ट सही पाई गई। इसके बाद अन्य जिलों में बिक्री पर रोक नहीं लगाई गई। जबकि मोहाली के खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारी ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया था कि पहले खाद का एक सैंपल भरा था, जो कि उन्हें संदिग्ध लगा था। उसके बाद सात सैंपल भरे गए, जो कि फेल हुए हैं। पंजाब में सहकारी सभाओं को सप्लाई की गई डीएपी खाद के सैंपल फेल हुए हैं। यह सप्लाई लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बीच हुई थी। विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि जिला मोहाली के सैंपल फेल हुए हैं। जिस कंपनी के खाद के सैंपल फेल हुए हैं। उसकी खाद मानकों के मुताबिक नहीं थी। उसकी खाद की बिक्री बंद कर दी है। सहकारी सभाओं व कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अन्य जिलों में भी सैंपल भरे जा रहे हैं। लुधियाना व फरीदकोट लैब की रिपोर्ट में खुलासा राज्य में आज से धान की बिजाई शुरू हो रही है। ऐसे में 1.15 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है। जबकि 31 जुलाई तक 16 लाख मीट्रिक टन यूरिया खाद की जरूरत है। मार्कफैड की तरफ डीएपी की सप्लाई सहकारी सभाओं को दी गई है। मोहाली में भारत एग्रो प्रोडक्ट कंपनी की तरफ से सप्लाई हुई थी। मोहाली में खिजराबाद, मछलीकलां व गुनोमाजरा सहकारी सभा व दो स्टोर से खाद के सैंपल भरे गए थे। इनकी जांच लुधियाना व फरीदकोट की लैब में हुई थी। डीएपी खाद में फासफोर्स की मात्रा 46 फीसदी तक होनी चाहिए, जो कि 20 फीसदी ही निकली है। ऐसे में यह खाद मानकों पर सही नहीं उतरी है। उसके बैच नंबर का रिकॉर्ड भी जुटा लिया गया चार जिलों के सैंपल हुए पास खेती विभाग के एक सीनियर अधिकारी बताते हैं कि जैसे ही यह मामला सामने आया था, उसके बाद चार जिलों में सैंपल लिए गए थे। उनकी रिपोर्ट सही पाई गई। इसके बाद अन्य जिलों में बिक्री पर रोक नहीं लगाई गई। जबकि मोहाली के खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारी ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया था कि पहले खाद का एक सैंपल भरा था, जो कि उन्हें संदिग्ध लगा था। उसके बाद सात सैंपल भरे गए, जो कि फेल हुए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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