पंजाबी यूनिवर्सिटी में करीब तीन साल पहले हुए फर्जी बिल घोटाले में डिप्टी रजिस्ट्रार ने परीक्षा शाखा को सस्पेंड कर दिया है। रजिस्ट्रार की ओर से जारी पत्र में यह जानकारी साझा की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पत्र में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं के फर्जी वेतन या फेलोशिप बिलों की जांच के लिए कुलपति की ओर से एक आंतरिक कमेटी गठित की गई थी। जांच के दौरान कमेटी ने 125 बिलों के संबंध में रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के अनुसार रिसर्च फैलो के फर्जी वेतन या फेलोशिप बिल पास करने में डिप्टी रजिस्ट्रार परीक्षा शाखा धर्मपाल गर्ग की संलिप्तता सामने आई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर डिप्टी रजिस्ट्रार को सस्पेंड किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पंजाबी यूनिवर्सिटी में हुए इस घोटाले का खुलासा साल 2021 में हुआ था। करीब तीन साल पहले शुरू हुई जांच में पता चला था कि यूनिवर्सिटी के सीनियर असिस्टेंट ने फर्जी बिल, मुहर और हस्ताक्षर से अपने और अन्य साथियों के बैंक खातों में लाखों रुपये जमा करवाए थे। इस संबंध में यूनिवर्सिटी ने सात लोगों के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाया था। यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किया गया आदेश पत्र….. आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया यूनिवर्सिटी ने भी अपने स्तर पर जांच जारी रखी। इस जांच में यूनिवर्सिटी के ही अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई थी। जांच में पता चला कि वरिष्ठ सहायक ने विश्वविद्यालय के अन्य कर्मचारियों के बैंक खातों में भी 5 से 12 लाख रुपए की राशि जमा की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे 12 कर्मचारियों की सूची तैयार की थी। जिनके बैंक खातों के विवरण की जांच के बाद इन सभी को घोटाले में भागीदार माना गया था। उस समय अर्बन एस्टेट पुलिस ने वरिष्ठ सहायक निशु चौधरी समेत कुल छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। सूत्रों के मुताबिक अगर मामले की जांच आगे बढ़ी तो घोटाले की रकम करोड़ों तक पहुंच सकती है। फिलहाल इस मामले की जांच पंजाबी यूनिवर्सिटी कर रही है और इसकी आंच बड़े अधिकारियों तक पहुंचने लगी है। अगले कुछ दिनों में और भी नाम सामने आएंगे। पंजाबी यूनिवर्सिटी में करीब तीन साल पहले हुए फर्जी बिल घोटाले में डिप्टी रजिस्ट्रार ने परीक्षा शाखा को सस्पेंड कर दिया है। रजिस्ट्रार की ओर से जारी पत्र में यह जानकारी साझा की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पत्र में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं के फर्जी वेतन या फेलोशिप बिलों की जांच के लिए कुलपति की ओर से एक आंतरिक कमेटी गठित की गई थी। जांच के दौरान कमेटी ने 125 बिलों के संबंध में रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के अनुसार रिसर्च फैलो के फर्जी वेतन या फेलोशिप बिल पास करने में डिप्टी रजिस्ट्रार परीक्षा शाखा धर्मपाल गर्ग की संलिप्तता सामने आई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर डिप्टी रजिस्ट्रार को सस्पेंड किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पंजाबी यूनिवर्सिटी में हुए इस घोटाले का खुलासा साल 2021 में हुआ था। करीब तीन साल पहले शुरू हुई जांच में पता चला था कि यूनिवर्सिटी के सीनियर असिस्टेंट ने फर्जी बिल, मुहर और हस्ताक्षर से अपने और अन्य साथियों के बैंक खातों में लाखों रुपये जमा करवाए थे। इस संबंध में यूनिवर्सिटी ने सात लोगों के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाया था। यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किया गया आदेश पत्र….. आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया यूनिवर्सिटी ने भी अपने स्तर पर जांच जारी रखी। इस जांच में यूनिवर्सिटी के ही अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई थी। जांच में पता चला कि वरिष्ठ सहायक ने विश्वविद्यालय के अन्य कर्मचारियों के बैंक खातों में भी 5 से 12 लाख रुपए की राशि जमा की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे 12 कर्मचारियों की सूची तैयार की थी। जिनके बैंक खातों के विवरण की जांच के बाद इन सभी को घोटाले में भागीदार माना गया था। उस समय अर्बन एस्टेट पुलिस ने वरिष्ठ सहायक निशु चौधरी समेत कुल छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। सूत्रों के मुताबिक अगर मामले की जांच आगे बढ़ी तो घोटाले की रकम करोड़ों तक पहुंच सकती है। फिलहाल इस मामले की जांच पंजाबी यूनिवर्सिटी कर रही है और इसकी आंच बड़े अधिकारियों तक पहुंचने लगी है। अगले कुछ दिनों में और भी नाम सामने आएंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में आज सड़कों पर डॉक्टर:IMA का फैसला- बंद रहेगी निजी अस्पतालों की OPD, कोलकाता में डॉक्टर से रेप-हत्या का विरोध लुधियाना में आज सभी निजी अस्पतालों की ओपीडी पूरी तरह से बंद रहेगी। IMA ने यह फैसला कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद लिया है। आज सुबह 6 बजे से देशभर में मॉडर्न मेडिसिन के डॉक्टरों की सेवाएं बंद रखने का ऐलान किया गया है। रविवार 18 अगस्त को सुबह 6 बजे के बाद सेवाएं शुरू की जाएंगी। आज नियमित ओपीडी नहीं चलेगी और वैकल्पिक सर्जरी भी नहीं की जाएंगी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) लुधियाना के पूर्व अध्यक्ष डॉ. गौरव सचदेवा ने बताया कि सभी डॉक्टर आज सुबह 9:30 बजे आईएमए हॉल में एकत्र होंगे। सभी अपने अस्पतालों की ओपीडी बंद रखेंगे। सभी को अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी लेनी चाहिए- सचदेवा कोई भी डॉक्टर वैकल्पिक सर्जरी नहीं करेगा। डॉ. सचदेवा ने कहा कि सभी को अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि सभी ओपीडी बंद हैं। अगर कोई काम कर रहा है तो उसे ओपीडी बंद करने के लिए कहें या फिर आईएमए अध्यक्ष डॉ. प्रीतपाल, सचिव डॉ. आर. रामपाल, वरिष्ठ सदस्य डॉ. मनोज सोबती से संपर्क कर उन्हें सूचित कर सकते हैं। विरोध सफल बनाने के लिए एकजुटता जरूरी IMA द्वारा चैरिटेबल अस्पतालों से ओपीडी बंद करने के लिए संपर्क किया जा रहा है। कुछ डॉक्टरों ने कहा कि अगर वे सहमत होते हैं तो सभी सामूहिक अवकाश ले सकते हैं। डॉ. सचदेवा ने कहा कि जब तक सभी डॉक्टर बड़ी संख्या में एकत्रित नहीं होंगे, उनका विरोध सफल नहीं होगा। डॉ. सचदेवा ने कहा कि कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना बेहद शर्मनाक है। पुलिस ने ढीली कार्रवाई की है। सबूत मिटाने की कोशिश की गई है। आज भारत के सभी डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से जवाब मांग रहे हैं। आज सुबह 9.30 बजे सभी जिलों के डॉक्टर IMA हॉल में एकजुट होकर रैली निकालेंगे। अगर उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो संघर्ष को और तेज किया जाएगा।
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