करीब डेढ़ साल से डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथियों पर दोबारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाने को लेकर पंजाब सरकार ने अदालत में जवाब दाखिल कर दिया है। इसमें सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि आरोपी राज्य की कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है। वहीं, उनसे राज्य के सीएम भगवंत मान की जान को भी खतरा है। इस बात को मजबूती से पेश करने के लिए पुलिस की तरफ से कुछ वीडियो क्लिप का हवाला भी दिया गया है। जिसमें आरोपी कहते हुए दिख रहे हैं कि पंजाब के सीएम का हश्र पूर्व सीएम बेअंत सिंह की तरह करेंगे। जिनकी एक बम धमाके में आतंकियों ने जान ले ली थी। इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्तूबर को तय होगी। इस दौरान अमृतपाल सिंह पर NSA लगाने संबंधी सारा रिकॉर्ड अदालत में केंद्र और पंजाब सरकार पेश करेगी। अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने दिया जवाब अमृतपाल सिंह और उसके साथियों ने दोबारा लगाए गए NSA को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इनमें से अभिनेता दलजीत सिंह कलसी और गुरमीत सिंह भुक्कनवाला को लेकर जवाब दाखिल किया है। अमृतसर ग्रामीण पुलिस की तरफ से यह हलफनामा दायर किया गया है। हलफनामे के अनुसार फरवरी 2023 में अजनाला स्टेशन की घटना के बाद वीडियो टेप किया था। जिसमें अमृतपाल सिंह कह रहा है कि हमने सीएम मान को सीएम बेअंत सिंह की राह न चलने की सलाह दी है। वह अभी भी बेअंत सिंह की राह पर चल रहे है। दिलावर ने मानव बम के रूप में काम किया और सीएम बेअंत सिंह काे उड़ा दिया। सीएम मान ने सुनिश्चित किया है आज इस भीड़ में कई दिलावर पैदा होंगे। कानून व्यवस्था अपने हाथ में ले सकते हैं सरकार का कहना है कि अमृतपाल सिंह और उसके साथी कभी भी कानून व्यवस्था को अपने हाथ में ले सकते हैं। वह उन लोगों को नुकसान पहुंचा सकते है। जो कि उनकी कट्टरपंथी विचारधारा से विपरीत बात करेंगे। वहीं, इससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। वहीं, वह जिस तरह भड़काऊ बातें करते हैं। वह युवाओं को गुमराह कर सकते हैं। ऐसे में उन पर लगाया गया एनएसए उचित है। विधानसभा का उप चुनाव लड़ने की तैयारी अमृतपाल सिंह के जेल से ही चुनाव लड़ने और खडूर साहिब का सांसद बनने के बाद अब उसके साथी भी चुनाव लड़ने की तैयारी में है। दलजीत सिंह कलसी डेरा बाबा नानक सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यह सीट वहां के विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा के सांसद बनने से खाली हुई है। इसी तरह कुलवंत सिंह राउके बरनाला सीट से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि यह भी सीट भी गुरमीत सिह मीत हेयर के संगरूर से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है। भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके गिद्दड़बाहा भी अब राजनीति में आना चाहता है। वह गिद्दड़बाहा से विधायक बनना चाहता है। उसके बेटे आकाशदीप सिंह की तरफ से इस बारे में ऐलान किया गया था। करीब डेढ़ साल से डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथियों पर दोबारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाने को लेकर पंजाब सरकार ने अदालत में जवाब दाखिल कर दिया है। इसमें सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि आरोपी राज्य की कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है। वहीं, उनसे राज्य के सीएम भगवंत मान की जान को भी खतरा है। इस बात को मजबूती से पेश करने के लिए पुलिस की तरफ से कुछ वीडियो क्लिप का हवाला भी दिया गया है। जिसमें आरोपी कहते हुए दिख रहे हैं कि पंजाब के सीएम का हश्र पूर्व सीएम बेअंत सिंह की तरह करेंगे। जिनकी एक बम धमाके में आतंकियों ने जान ले ली थी। इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्तूबर को तय होगी। इस दौरान अमृतपाल सिंह पर NSA लगाने संबंधी सारा रिकॉर्ड अदालत में केंद्र और पंजाब सरकार पेश करेगी। अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने दिया जवाब अमृतपाल सिंह और उसके साथियों ने दोबारा लगाए गए NSA को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इनमें से अभिनेता दलजीत सिंह कलसी और गुरमीत सिंह भुक्कनवाला को लेकर जवाब दाखिल किया है। अमृतसर ग्रामीण पुलिस की तरफ से यह हलफनामा दायर किया गया है। हलफनामे के अनुसार फरवरी 2023 में अजनाला स्टेशन की घटना के बाद वीडियो टेप किया था। जिसमें अमृतपाल सिंह कह रहा है कि हमने सीएम मान को सीएम बेअंत सिंह की राह न चलने की सलाह दी है। वह अभी भी बेअंत सिंह की राह पर चल रहे है। दिलावर ने मानव बम के रूप में काम किया और सीएम बेअंत सिंह काे उड़ा दिया। सीएम मान ने सुनिश्चित किया है आज इस भीड़ में कई दिलावर पैदा होंगे। कानून व्यवस्था अपने हाथ में ले सकते हैं सरकार का कहना है कि अमृतपाल सिंह और उसके साथी कभी भी कानून व्यवस्था को अपने हाथ में ले सकते हैं। वह उन लोगों को नुकसान पहुंचा सकते है। जो कि उनकी कट्टरपंथी विचारधारा से विपरीत बात करेंगे। वहीं, इससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। वहीं, वह जिस तरह भड़काऊ बातें करते हैं। वह युवाओं को गुमराह कर सकते हैं। ऐसे में उन पर लगाया गया एनएसए उचित है। विधानसभा का उप चुनाव लड़ने की तैयारी अमृतपाल सिंह के जेल से ही चुनाव लड़ने और खडूर साहिब का सांसद बनने के बाद अब उसके साथी भी चुनाव लड़ने की तैयारी में है। दलजीत सिंह कलसी डेरा बाबा नानक सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यह सीट वहां के विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा के सांसद बनने से खाली हुई है। इसी तरह कुलवंत सिंह राउके बरनाला सीट से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि यह भी सीट भी गुरमीत सिह मीत हेयर के संगरूर से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है। भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके गिद्दड़बाहा भी अब राजनीति में आना चाहता है। वह गिद्दड़बाहा से विधायक बनना चाहता है। उसके बेटे आकाशदीप सिंह की तरफ से इस बारे में ऐलान किया गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका:AAP ने I.N.D.I.A. ब्लॉक से नाता तोड़ा; पंजाब CM बोले- 90 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका:AAP ने I.N.D.I.A. ब्लॉक से नाता तोड़ा; पंजाब CM बोले- 90 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे हरियाणा में I.N.D.I.A.गठबंधन टूट गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने हरियाणा में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पंजाब सीएम भगवंत मान ने कहा कि पार्टी पूरी ताकत से हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। दिल्ली और पंजाब में हमारी सरकार है। आधा हरियाणा पंजाब और आधा दिल्ली से टच करता है। उन्होंने कहा कि बड़ी बात यह है कि केजरीवाल साहब हरियाणा से संबंध रखते हैं। आप के महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि हरियाणा में हम हर सीट पर चुनाव लड़ेंगे। हम हरियाणा में अकेले सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि जनता बदलाव चाह रही है। हमारा फर्ज है कि जनता की उम्मीदों को पूरा करें। हमारी पार्टी सर्वे में नहीं आती है, जबकि सीधे सरकार बनाती है। बता दें कि अभी हाल में हरियाणा में AAP और कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत लोकसभा चुनाव लड़ा था। 9 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि एक सीट कुरुक्षेत्र पर AAP का उम्मीदवार मैदान में था। AAP की तरफ से सुशील कुमार गुप्ता कैंडिडेट थे। जिन्हें भाजपा के नवीन जिंदल से हार का सामना करना पड़ा था।
पंजाब में SGPC चुनाव पर बीबी जागीर कौर का तंज:बोलीं- राजनीतिक लोगों ने संस्था को खतरे में डाला; SGPC कंपनी की तरह, जिसके बॉस सुखबीर बादल
पंजाब में SGPC चुनाव पर बीबी जागीर कौर का तंज:बोलीं- राजनीतिक लोगों ने संस्था को खतरे में डाला; SGPC कंपनी की तरह, जिसके बॉस सुखबीर बादल देश की सबसे बड़ी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल के बागी गुट ने वरिष्ठ नेता बीबी जागीर कौर को एसजीपीसी चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है। आज जालंधर में बीबी जागीर कौर ने एसजीपीसी चुनाव से जुड़ी चुनाव प्रक्रिया और अन्य मुद्दों पर चर्चा की और शिरोमणि अकाली दल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने एसजीपीसी को सही तरीके से चलाने की बात कही। आज एसजीपीसी को बचाने के लिए बदलाव की जरूरत है। एसजीपीसी एक कंपनी बन गई है, जिसके मालिक सुखबीर सिंह बादल हैं। आज एसजीपीसी को एक कंपनी की तरह चलाया जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल की हत्या कर दी गई है। पंथक सरकार के दौरान बेअदबियां हुई बागी गुट की नेत्री बीबी जागीर कौर ने कहा- श्री अकाल तख्त साहिब और एसजीपीसी को किसी सियासी लोगों द्वारा खतरे में डाला गया है। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे एसजीपीसी जैसी संस्थान के प्रधान के उम्मीदवार के तौर पर चुनी गई हूं। सिख लोगों की बहुत दिनों से मंशा थी कि एसजीपीसी में कुछ बदलाव हो। पंजाब में पंथक सरकार हमारी रही है। मगर पंथक सरकार होने के बाद भी बेअदबी जैसी घटनाओं के चलते सिख संगत ने पंथक पार्टी से ही मुंह मोड़ लिया। बीबी बोलीं- श्री अकाल तख्त साहिब को किया जा रहा चैलेंज 2015 में जब डेरा मुखी राम रहीम को माफ किया गया। ये सिर्फ राजनीति की वजह से किया गया। ऐसी कई कार्रवाई हुई हैं, जिससे सिख समाज में काफी रोष है। आज मुझे बहुत दुख है कि श्री अकाल तख्त साहिब में आज चैलेंज किया जा रहा है। सुखबीर बादल तनखैया करार हुए हैं। मगर एसजीपीसी के उम्मीदवार उक्त तनखैया द्वारा ऐलान किया गया है, जोकि श्री अकाल तख्त साहिब दोषी हैं। ऐसा कर संस्था के चुनावों का उल्लंघन किया गया। सेंटर के मंत्रियों को खुश करने के लिए तब पंथक सरकार द्वारा ये फैसले लिए गए। इन सभी बातों को लेकर हमने पार्टी से मुंह मोड़ा। तखैया करार होने के बाद भी शिअद प्रधान की शमूलियत के बिना कोई भी फैसला नहीं लिया जा रहा है।
तमिलनाडु छोड़ पंजाब से लड़ रहे चुनाव:होशियारपुर जीवन कुमार से बने जीवन सिंह, कुछ वर्ष पहले अपनाया सिख धर्म
तमिलनाडु छोड़ पंजाब से लड़ रहे चुनाव:होशियारपुर जीवन कुमार से बने जीवन सिंह, कुछ वर्ष पहले अपनाया सिख धर्म तमिलनाडू छोड़कर पंजाब आए जीवन कुमार अब सिख धर्म अपनाकर जीवन सिंह बन चुके हैं। वह सुप्रीम कोर्ट के वकील और पंजाब की होशियारपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। तमिलनाडू से आए उनके कुछ साथी घर घर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। जीवन सिंह का चुनाव लड़ने का मकसद समाज को नई दिशा देना है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता 51 वर्षीय जीवन कुमार कुछ समय पहले पंजाब आकर बस गए थे और उन्होंने सिख धर्म अपना लिया था। जीवन सिंह बहुजन द्रविड़ पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे हैं। नई दिशा देने के लिए चुनाव मैदान में उतरे जीवन सिंह का कहना है कि, समाज को नई दिशा देने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्हें गन्ना किसान चुनाव चिन्ह मिला है। उनका कहना है कि लोग पारंपरिक पार्टी की अराजकता से तंग आ चुके हैं और नए विकल्प के बारे में सोच रहे हैं। जीवन सिंह के साथ उनके कुछ साथी भी चुनाव प्रचार के लिए तमिलनाडू से पंजाब आए हैं। वह होशियारपुर के शाम चुरासी हलके के गांव रायपुर के गुरुद्वारा साहिब में ठहरे हैं और यहीं से वे हर दिन अपने साथियों के साथ चुनाव प्रचार के लिए निकलते हैं।