पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के बरनाला जिले में निजी बिल्डर द्वारा विकसित की गई आवासीय कॉलोनियों में गरीब वर्ग (EWS) के लिए 5 प्रतिशत जमीन आरक्षित न करने के मामले में सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। एक महिला की ओर से दायर याचिका में कोर्ट को बताया गया कि इसमें सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हुई है। महिला दुकानदार ने एडवोकेट एचसी अरोड़ा के माध्यम से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में आरटीआई से प्राप्त जानकारी और दस्तावेजों को भी शामिल किया गया है। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार, संबंधित विभागों और बिल्डर को नोटिस जारी कर 2 दिसंबर तक जवाब मांगा है। याचिका में बताया गया है कि सरकार ने यह अधिसूचित किया था कि सभी मान्यता प्राप्त आवासीय कॉलोनियों में 5 प्रतिशत प्लॉट या आवास आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षित किए जाएंगे। याचिका के अनुसार, बरनाला बिल्डर एंड प्रोमोटर्स ने बरनाला में तीन आवासीय कॉलोनियों का विकास किया। लेकिन न तो ईडब्ल्यूएस कोटे की जमीन नगर कौंसिल को हस्तांतरित की और न ही उस जमीन की कीमत जमा करवाई। याचिका में बिल्डर पर करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि पहुंचाने का आरोप लगाते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत की भी बात कही गई है। याची महिला, जो किराना की दुकान चलाती हैं, ने इस मामले में पंजाब के मुख्य सचिव, लोकल बॉडी विभाग के मुख्य सचिव, लोकल बॉडी निदेशक, नगर कौंसिल के ईओ, पंजाब विजिलेंस विभाग के प्रमुख, और बरनाला बिल्डर एंड प्रोमोटर्स को पार्टी बनाया है। याचिकाकर्ता ने मामले की गहन जांच की मांग की है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के बरनाला जिले में निजी बिल्डर द्वारा विकसित की गई आवासीय कॉलोनियों में गरीब वर्ग (EWS) के लिए 5 प्रतिशत जमीन आरक्षित न करने के मामले में सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। एक महिला की ओर से दायर याचिका में कोर्ट को बताया गया कि इसमें सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हुई है। महिला दुकानदार ने एडवोकेट एचसी अरोड़ा के माध्यम से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में आरटीआई से प्राप्त जानकारी और दस्तावेजों को भी शामिल किया गया है। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार, संबंधित विभागों और बिल्डर को नोटिस जारी कर 2 दिसंबर तक जवाब मांगा है। याचिका में बताया गया है कि सरकार ने यह अधिसूचित किया था कि सभी मान्यता प्राप्त आवासीय कॉलोनियों में 5 प्रतिशत प्लॉट या आवास आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षित किए जाएंगे। याचिका के अनुसार, बरनाला बिल्डर एंड प्रोमोटर्स ने बरनाला में तीन आवासीय कॉलोनियों का विकास किया। लेकिन न तो ईडब्ल्यूएस कोटे की जमीन नगर कौंसिल को हस्तांतरित की और न ही उस जमीन की कीमत जमा करवाई। याचिका में बिल्डर पर करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि पहुंचाने का आरोप लगाते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत की भी बात कही गई है। याची महिला, जो किराना की दुकान चलाती हैं, ने इस मामले में पंजाब के मुख्य सचिव, लोकल बॉडी विभाग के मुख्य सचिव, लोकल बॉडी निदेशक, नगर कौंसिल के ईओ, पंजाब विजिलेंस विभाग के प्रमुख, और बरनाला बिल्डर एंड प्रोमोटर्स को पार्टी बनाया है। याचिकाकर्ता ने मामले की गहन जांच की मांग की है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब की झांकी 26 जनवरी की परेड में होगी शामिल:बीते साल हुआ था विवाद; 15 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां होगी शामिल
पंजाब की झांकी 26 जनवरी की परेड में होगी शामिल:बीते साल हुआ था विवाद; 15 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां होगी शामिल गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड के लिए पंजाब की झांकी को चयनित किया गया है। यह झांकी पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाएगी। हालांकि शहीदों पर आधारित झांकी के बीते साल चयनित ना होने पर काफी विवाद हुआ था और सीएम भगवंत मान ने केंद्र पर भेदभाव के आरोप लगा दिए थे। इस बार परेड में कुल 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां शामिल होंगी। इनमें बिहार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और हरियाणा शामिल हैं। पंजाब की झांकी हर बार अपनी जीवंत और रंगीन प्रस्तुति के लिए जानी जाती है। इस वर्ष झांकी में राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को उकेरा जाएगा, जिसमें सिख विरासत, भांगड़ा, गिद्दा, कृषि परंपराएं और स्वर्ण मंदिर जैसे अद्भुत प्रतीक शामिल होने की संभावना है। बीते साल रिजेक्ट की थी झांकियां बीते साल 26 जनवरी के लिए केंद्र सरकार की तरफ से झांकियों को रद्द किया गया था, साथ ही रक्षा मंत्रालय की तरफ से दिल्ली में होने वाले भारत पर्व में पंजाब की झांकी को भेजने की बात कहीं थी, उस समय राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कह दिया था कि वह रिजेक्ट कैटेगरी में पंजाब की झांकी नहीं भेजेंगे। वहीं, पंजाब और दिल्ली में पर खुद पंजाब की झांकियां निकालेंगे। ताकि लोगों को पंजाब के अमीर विरासत से रुबरू करवाया जा सके। सीएम मान ने कहा था कि हम अपने शहीद भगत सिंह, सुखदेव सिंह, लाला लाजपतराय, उधम सिंह माई भागो, करतार सिंह सराभा, गदरी बाबे और महाराजा रणजीत सिंह की कुर्बानियों का सम्मान करना जानते हैं। गांव-गांव घुमाई गई थी झांकियां बीते साल झांकियों के रिजेक्ट होने के बाद सीएम भगवंत मान ने आदेश दिया था कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में होने वाली परेड से बाहर हुई पंजाब की झांकियां आगामी लोकसभा चुनाव तक राज्य के हर गली मोहल्ले में जाएगी। पंजाब सरकार की योजना बनाई थी कि झांकियों को उसी स्टाइल में पंजाब में घुमाया जाएगा, जिस तरह गणतंत्र दिवस की परेड में उन्हें दिखाया जाता है। इन्हें बाकायदा ट्रॉलियों पर सजाया गया और प्रत्येक विधानसभा हलके के प्रत्येक गांव में इन्हें ले जाया गया।
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ब्रिटेन के चुनाव में पंजाबियों का दबदबा:9 लोग चुनाव जीतने में रहे सफल, अधिकतर सत्तारूढ़ लेबर पार्टी से चुनाव लड़े ब्रिटेन में हुए आम चुनावों में पंजाबी मूल के करीब 9 लोग भी चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। ज्यादातर नेता सत्ता में आई लेबर पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते हैं। इन सबमें प्रमुख नाम लेबर पार्टी के तनमनजीत सिंह ढेसी का है। वे मूल रूप से जालंधर के रहने वाले हैं। वे तीसरी बार सांसद बने हैं। इस जीत की खुशी पंजाब में भी मनाई जा रही है। साथ ही चुनाव जीतने वाले सभी पंजाबियों को बधाई दी जा रही है। इस बार ब्रिटेन के चुनाव में वहां की राजनीतिक पार्टियों ने 20 से ज्यादा भारतीय मूल और पंजाबियों को मैदान में उतारा था। क्योंकि वहां पंजाबियों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि, इस बार लगातार चुनाव जीतते आ रहे लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा मैदान से हट गए। वे जालंधर के रहने वाले हैं और लंबे समय से ब्रिटेन में ही बसे हुए हैं। हालांकि, पिछले चुनाव में तीन लोग चुनाव जीतने में सफल रहे थे। प्रीत कौर गिल तीसरी बार पहुंची सांसद लेबर पार्टी की प्रीत कौर गिल ने तीसरी बार बर्मिंघम-एडस्बेस्टन से चुनाव जीता है। प्रीत कौर गिल को पहली महिला सिख सांसद होने का गौरव भी प्राप्त है। जस अठवाल भी चुनाव जीतने में कामयाब पता चला है कि जस अठवाल भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने इल्फोर्ड साउथ से चुनाव जीता है। उनका जन्म भी 1963 में पंजाब में हुआ थ। वह, साल 2010 से राजनीति में सक्रिय है। हरप्रीत कौर ने भी जीता चुनाव हरप्रीत कौर उप्पल भी पंजाबी मूल की है। उन्होंने लेबर पार्टी की टिकट हडर्सफील्ड से चुनाव लड़ा था। वरिंदर जस को भी मिली कामयाबी इस तरह वरिंदर जस भी लेबर पार्टी की टिकट पर चुनाव जीता है। उन्होंने वॉल्वरहैम्प्टन वेस्ट से चुनाव जीता है। इस दौरान जब उन्हें विजेता घोषित किया तो उनके समर्थकों का जोश देखते ही बन रहा था। इसी तरह गुरिंदर सिंह जोसन स्मेथविक संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए हैं
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